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Lipid Profile Test in Hindi | लिपिड प्रोफाइल क्या है, खर्च, नॉर्मल रेंज, कैसे होता है, क्यों और कब


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Lipid Profile Test खून में वसा की मात्रा की जांच करता है। लिपिड प्रोफाइल टेस्ट की मदद से डॉक्टर हृदय रोगों और अन्य कई रोगों के जोखिम का पता लगाते हैं। हमारे रक्त में फैट यानि वसा मौजूद होता है जिसे कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स कहा जाता है। यह टेस्ट इन दोनों की मात्रा का पता लगाता है। भारत में अगर आप यह टेस्ट करवाते हैं तो आपको ₹350 से लेकर ₹2000 तक भी खर्च करना पड़ सकता है। 

इस टेस्ट को करवाने का खर्च कितना आएगा, यह हॉस्पिटल पर निर्भर करता है। अगर इस टेस्ट से पता चलता है कि कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स की मात्रा आपके खून में अधिक है तो हृदय रोगों सहित अन्य कई रोगों के होने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। इस ब्लॉग पोस्ट में हम आपको विस्तार से लिपिड प्रोफाइल टेस्ट की सम्पूर्ण जानकारी देंगे। Lipid profile test क्या है, कैसे किया जाता है, कितने टेस्ट होते हैं, खर्च कितना आता है आदि कई विषयों पर सविस्तार जानकारी नीचे दी गई है।


लिपिड प्रोफाइल टेस्ट क्या है (What is lipid profile test)

लिपिड प्रोफाइल टेस्ट एक साधारण ब्लड टेस्ट है जिसकी मदद से रक्त में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स की मात्रा का पता लगाया जाता है। इस टेस्ट की मदद से हृदय रोगों के जोखिम का पता लगाया जाता है। इस टेस्ट के अंतर्गत आमतौर पर पांच टेस्ट शामिल होते हैं जोकि हैं Total cholesterol, Low-density lipoprotein (LDL) cholesterol, Very low-density lipoprotein (VLDL) cholesterol, High-density lipoprotein (HDL) cholesterol और Triglycerides.

इन सभी टेस्ट के बारे में नीचे हमने विस्तारपूर्वक जानकारी दी है।  आगे बढ़ने से पहले हम आपको बता दें कि अगर आपके रक्त में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर बढ़ गया तो आपके blood vessels और arteries में इनकी मात्रा जमा हो सकती है जिससे हृदय रोगों के होने का जोखिम बढ़ जाता है। इसके बढ़ने से हार्ट अटैक आने का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही, असामान्य लिपिड टेस्ट रिपोर्ट Androgenetic Alopecia से भी जुड़ी हुई है।

Androgenetic Alopecia एक ऐसी स्तिथि है जिसमें तेजी से बाल झड़ने की समस्या होती है। इस समस्या में बालों के रोम कमजोर हो जाते हैं जिससे उनका तेजी से झड़ना शुरू हो जाता है। अगर आपके बाल झड़ रहे हैं तो यह असामान्य कोलेस्ट्रॉल का स्तर हो सकता है लेकिन इसके अलावा 20 से भी अधिक कारण हो सकते हैं। अगर आप वाकई बालों के झड़ने की समस्या का हमेशा के लिए सोल्यूशन चाहते हैं तो Free Hair Test दें। यह टेस्ट फ्री है, घर बैठे स्मार्टफोन की मदद से दिया जा सकता है। इस टेस्ट से आपके बालों के झड़ने के सही कारणों का पता लगाते हैं ताकि सही उपचार किया जा सके।


5 प्रकार के लिपिड प्रोफाइल टेस्ट (What are the types of lipid profile test)

लिपिड प्रोफाइल टेस्ट में आमतौर पर 5 प्रकार के टेस्ट शामिल होते हैं जिसके बारे में हमने आपको ऊपर बताया भी। अब आइए इन पांचों टेस्ट्स के बारे में विस्तार से समझते हैं और जानते हैं कि हर एक टेस्ट का महत्व क्या है और क्यों किया जाता है।


1. Total Cholesterol Test

लिपिड प्रोफाइल टेस्ट में सबसे पहले आता है टोटल कोलेस्ट्रॉल टेस्ट। यह टेस्ट यह पता लगाता है कि आपके रक्त में कुल कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कितनी है। कुल कोलेस्ट्रॉल की मात्रा यानि अच्छे और खराब दोनों तरह के कोलेस्ट्रॉल की मात्रा रक्त में कितनी है, यह इस टेस्ट की मदद से पता लगाया जाता है। यह परीक्षण यह पता लगाता है कि हृदय रोगों का जोखिम होने की संभावना कितनी है।

आम तौर पर, वयस्कों (20 वर्ष और उससे अधिक) के लिए कुल कोलेस्ट्रॉल स्तर 200 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर (मिलीग्राम/डीएल) से नीचे माना जाता है। तो अगर टेस्ट में कुल कोलेस्ट्रॉल का स्तर इससे कम आता है तो आपको हृदय रोग होने का जोखिम कम है। लेकिन एक बात का ध्यान रखें कि लिपिड प्रोफाइल टेस्ट में सिर्फ और सिर्फ कुल कोलेस्ट्रॉल पता लगाने से पूरी पिक्चर क्लियर नहीं होती है। इसके लिए अन्य टेस्ट भी करवाने होते हैं जिसकी जानकारी नीचे दी गई है।


2. Low-density lipoprotein (LDL) cholesterol

कुल कोलेस्ट्रॉल टेस्ट के पश्चात अब आता है LDL Cholesterol Test जिसे Low-density lipoprotein कोलेस्ट्रॉल भी कहा जाता है। यह कोलेस्ट्रॉल खराब कोलस्ट्रॉल के नाम से भी पॉपुलर है क्योंकि अगर इसकी मात्रा रक्त में बढ़ जाए तो हृदय रोगों का जोखिम काफी हद तक बढ़ जाता है। इसलिए यह कोलेस्ट्रॉल रक्त में जितना कम हो उतना बेहतर होता है। 

यह कोलेस्ट्रॉल फोस्फोलिपी के मोनोलेयर, अप्रमाणित कोलेस्ट्रॉल और फैटी एसिड से बना होता है। हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार आपको हर 2 से 3 साल में LDL Cholesterol की मात्रा की जांच करवाना चाहिए। भले ही एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को खराब कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है, लेकिन यह शरीर के कई कार्यों के लिए आवश्यक होता है। इसकी आवश्यकता नसों की रक्षा करने के साथ ही नए सेल्स और हार्मोंस के उत्पादन के लिए पड़ती है। आदर्श रूप से, एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का स्तर 100 मिलीग्राम/डीएल से कम होना चाहिए।


3. Very low-density lipoprotein (VLDL) cholesterol

Lipid Profile Test में तीसरा टेस्ट होता है Very low-density lipoprotein (VLDL) cholesterol का। वीएलडीएल का मतलब बहुत कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन है। यह एक प्रकार का लिपोप्रोटीन है, जो आपके लीवर द्वारा बनाए गए कण हैं जो आपके रक्तप्रवाह में कोलेस्ट्रॉल और अन्य वसा लाते हैं। इस कोलेस्ट्रॉल का कार्य ट्राइग्लिसराइड्स को ट्रांसपोर्ट करने का होता है।

लो डेंसिटी लिपोप्रोटिन की तुलना में VLDL ज्यादा ट्राइग्लिसराइड्स ट्रांसपोर्ट करता है जबकि कोलेस्ट्रॉल का ट्रांसपोर्टेशन कम करता है। इसका शरीर में मात्रा अधिक नहीं होना चाहिए अन्यथा हृदय रोगों का जोखिम बढ़ जाता है। हालांकि VLDL test अलग से नहीं किया जाता क्योंकि इसके लेवल का पता ट्राइग्लिसराइड्स के लेवल से ही डॉक्टर पता लगा लेते हैं। अगर ट्राइग्लिसराइड्स की मात्रा अधिक है तो वीएलडीएल की मात्रा भी अधिक होगी।


4. High-density lipoprotein (HDL) cholesterol

चौथा टेस्ट है HDL यानि High-density lipoprotein जिसे अच्छा कोलेस्ट्रॉल भी कहा जाता है। यह हृदय रोगों के जोखिम को कम करता है और रक्त को भी स्वस्थ रखता है। यह रक्त से अत्यधिक कोलेस्ट्रॉल खासकर कि खराब कोलेस्ट्रॉल को लीवर तक पहुंचाता है। इसके बाद लीवर इस अत्यधिक खराब कोलस्ट्रॉल को शरीर के बाहर निकाल देता है। इस तरह एचडीएल कोलेस्ट्रॉल हृदय रोगों के जोखिम को कम कर देता है।

आमतौर पर अगर आपके शरीर में एचडीएल कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक होना अच्छा माना जाता है। अगर लिपिड प्रोफाइल टेस्ट में एचडीएल की मात्रा 60 मिलीग्राम/डीएल से ऊपर (मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर) आता है तो यह एक सामान्य स्तर है तो वहीं अगर इसकी मात्रा 40 मिलीग्राम/डीएल से नीचे है तो हृदय रोगों का जोखिम बढ़ जाता है।


5. Triglycerides

लिपिड प्रोफाइल टेस्ट में पांचवा टेस्ट है ट्राइग्लिसराइड का। यह एक प्रकार का फैट है जो भोजन करने से मिलता है। इसकी मात्रा भी अगर रक्त में अधिक हो जाए तो हृदय रोगों का जोखिम बढ़ जाता है। यह रक्त में कोलेस्ट्रॉल के साथ ही सर्कुलेट होता है। अगर आपके शरीर में कैलरी की मात्रा अधिक हो जाए तो ट्राइग्लिसराइड ही वह तरीका है जिससे शरीर में एनर्जी स्टोर की जाती है। जब आप अत्यधिक कैलरी का सेवन कर लेते हैं तो आपका शरीर इन्हें ट्राइग्लिसराइड में बदल देता है और वसा सेल्स में स्टोर करता है।

ताकि बाद में एनर्जी के रूप में इस्तेमाल किया जा सके। आदर्श रूप से, आपका ट्राइग्लिसराइड स्तर सामान्य सीमा के भीतर होना चाहिए। आम तौर पर, 150 मिलीग्राम/डीएल (मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर) से कम को बेहतर माना जाता है। अगर ट्राइग्लिसराइड और खराब कोलस्ट्रॉल दोनों की मात्रा एक साथ अधिक हो जाए तो हृदय रोगों का जोखिम कई गुना तक बढ़ जाता है।


लिपिड प्रोफाइल टेस्ट का महत्व (Importance of Lipid Profile Test)

लिपिड प्रोफाइल टेस्ट एक ऐसा टेस्ट है जिसकी मदद से पता लगाया जाता है कि आपके रक्त में वसा की मात्रा कितनी है। यह टेस्ट काफी महत्वपूर्ण होता है और इससे हृदय रोगों के साथ ही अन्य कई रोगों के जोखिम का पता लगाया जाता है। दुनिया भर में मृत्य के मुख्य कारणों पर अगर हम ध्यान दें तो पता चलता है कि cardiovascular disease (CVD) एक अहम कारण है। इसमें हार्ट अटैक, स्ट्रोक, पेरिफेरल अर्टिरियल डिजीज शामिल है।

साथ ही इस टेस्ट से आपके बालों के झड़ने की समस्या का मूल कारण भी पता लगाया जा सकता है। अगर आपके रक्त में खराब कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक है तो आपको Androgenetic Alopecia की समस्या हो सकती है जोकि पुरुषों और महिलाओं में बाल झड़ने के प्रमुख कारणों में शामिल है। साथ ही, नए अध्ययन यह भी बताते हैं कि उदाहरण के लिए, कोलेस्ट्रॉल स्वस्थ बाल विकास प्रक्रियाओं के लिए महत्वपूर्ण प्रतीत होता है। अगर लिपिड मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया में कोई व्यवधान आता है तो hair follicles कमजोर हो सकते हैं और बालों का झड़ना तेज हो सकता है।

अगर आप तेजी से बाल झड़ने की समस्या से परेशान हैं तो हम आपको Free Hair Test देने का सुझाव देते हैं। यह टेस्ट बिलकुल फ्री है, घर बैठे स्मार्टफोन की मदद से दिया जा सकता है और बालों के झड़ने का सटीक कारण पता लगाया जा सकता है। इस टेस्ट को देकर हजारों लोगों ने बालों के झड़ने की सटीक समस्या का पता लगाया है और इस समस्या से हमेशा के लिए मुक्ति पाई है। आप भी इस टेस्ट को अभी देकर बाल झड़ना रोक सकते हैं, तो देर न करें अभी यह फ्री टेस्ट दें।


लिपिड प्रोफाइल टेस्ट कैसे किया जाता है (How is lipid profile test done)

लिपिड प्रोफाइल टेस्ट या कोलेस्ट्रॉल टेस्ट करवाना बड़ा ही आसान होता है। इसके लिए आपको बेहद ही आसान स्टेप्स से गुजरना होता है हालांकि कुछ लोगों के लिए यह मुश्किलों भरा भी ही सकता है। तो आइए जानते हैं कि Lipid Profile Test की प्रक्रिया क्या है।


1. लिपिड प्रोफाइल टेस्ट की तैयारी करना (Preparing for Lipid Profile Test)

लिपिड प्रोफाइल टेस्ट करवाने से पहले डॉक्टर आपको कुछ तैयारियां करने की सलाह देंगे। उदाहरण के तौर पर डॉक्टर आपको इस टेस्ट से 10 से 12 घंटे पहले से ही कुछ न खाने की सलाह दे सकते हैं। लगभग 10 से 12 घंटे तक आपको बिना भोजन या खाद्य पदार्थ के सेवन के रहना चाहिए ताकि कोलेस्ट्रॉल का सटीक स्तर मापा जा सके।

साथ ही, इस दौरान डॉक्टर आपको खूब पानी पीने की भी सलाह देंगे। बल्कि आप टेस्ट के तुरंत पहले भी भरपूर पानी पी सकते हैं। सबसे बेहतर है कि अगर आप कल सुबह टेस्ट करवाने जा रहे हैं तो शाम का भोजन न करें और रात भर बिना भोजन के ही रहें, पानी पी सकते हैं। सुबह उठकर सिर्फ सादा पानी पिएं और टेस्ट के लिए जाएं। अगर आप किसी भी रोग की दवाएं ले रहे हैं तो इसकी जानकारी भी आपको डॉक्टर को जरूर देनी चाहिए।


2. लिपिड प्रोफाइल टेस्ट की प्रक्रिया शुरू होना (Starting the Lipid Profile Test Process)

अब आता है दूसरा पड़ाव, जिसमें अब आपका लिपिड प्रोफाइल टेस्ट होगा। इस टेस्ट को देने से पहले लैब/हॉस्पिटल में आपको रजिस्ट्रेशन करना होगा और कुछ जरूरी जानकारियां देनी होंगी। इसके पश्चात नर्स या कोई डॉक्टर आपके हथेलियों, खासकर कि कोहनी के सामने वाले हिस्से में मौजूद नसों से खून की एक दो बूंदे निकालेंगे। चिंता न करें, आपको न के बराबर दर्द होगा। आपके ब्लड सैंपल को वायल में रखकर टेस्ट के लिए आगे भेजा जाएगा।

जिस जगह से ब्लड सैंपल्स लिए गए हैं वहां डॉक्टर एक बैंडेज बांध सकते हैं ताकि खून बाहर न निकल सके। इसके बाद 4 से 5 दिनों में डॉक्टर को टेस्ट रिजल्ट मिल जायेगा जिसे वे आपके साथ डिस्कस करेंगे और बताएंगे कि घबराने वाली कोई बात है या नहीं।


लिपिड प्रोफाइल टेस्ट रिपोर्ट कैसे पढ़ें (How to read lipid profile test report)

आमतौर पर डॉक्टर ही लिपिड प्रोफाइल टेस्ट के रिपोर्ट्स को पढ़कर आपको आसान भाषा में समझाते हैं। हम भी आपको सुझाव देते हैं कि खुद से रिपोर्ट पढ़कर interpretation से बचना चाहिए। हालांकि हम आपको इस टेस्ट रिपोर्ट को पढ़ने समझने से जुड़ी कुछ जरूरी बातों की जानकारी दे रहे हैं।

  1. टेस्ट रिपोर्ट में आमतौर पर आपको 4 कॉलम दिखाई देंगे। ये कॉलम होंगे Investigation/Test, Result, Reference Value और Unit का। 
  1. इन्वेस्टिगेशन में आपके रक्त पर किए गए परीक्षण का नाम होगा जैसे Total Cholesterol, Triglycerides आदि। रिजल्ट में टेस्ट के उपरांत आया रिजल्ट लिखा होगा जोकि अंकों में होगा जैसे 200, 150 तो वहीं रेफरेंस वैल्यू में एक आदर्श रेंज लिखी होगी यानि की टेस्ट का रिजल्ट सामान्य किस रेंज में माना जाता है। अंत में होगा Unit जोकि उस रिज़ल्ट को मापने का यूनिट होता है जैसे mg/dL।
  1. अगर कोई भी टेस्ट असामान्य होगा यानी बात चिंता की होगी तो उस टेस्ट को लाल रंग से हाईलाइट कर दिया जाएगा। कुछ रिपोर्ट में आपको रिजल्ट के तुरंत बाद High, Normal और Low भी लिखा दिखाई दे सकता है। 
  1. अंत में कुछ रिपोर्ट्स में Key Findings का भी एक सेक्शन होता है जो रिज़ल्ट को इंटरप्रेट करता है और कुछ पूरे टेस्ट का सारांश बताता है। इसे पढ़कर भी आप समझ सकते हैं कि आपके टेस्ट में चिंता करने वाली कोई बात तो नहीं है।

यह टेस्ट रिपोर्ट हालांकि आप भी पढ़ और समझ सकते हैं लेकिन आपको कभी भी खुद से व्याख्या करने और इलाज के बारे में नहीं सोचना चाहिए। बल्कि किसी योग्य चिकित्सक से संपर्क करें और उन्हें यह टेस्ट रिपोर्ट दिखाकर सही उपचार की शुरुआत करें अगर आवश्यक हो।


लिपिड प्रोफाइल को कैसे ठीक करें (How to Correct Lipid Profile)

अगर आपका लिपिड प्रोफाइल टेस्ट असामान्य आया है यानि अगर खराब कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड की मात्रा अधिक है तो वहीं अच्छे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम तो आपको कुछ जरूरी कदम उठाने चाहिए। तो आइए जानते हैं कि लिपिड प्रोफाइल को कैसे ठीक करें।


1. स्वस्थ वसायुक्त भोजन करें (Eat healthy fatty foods)

लिपिड प्रोफाइल को ठीक करने के लिए सबसे पहले आपको ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना शुरू करना चाहिए जिनमें स्वस्थ वसा मौजूद हो। इसके लिए हम आपको सलाह देंगे कि unsaturated fats का सेवन बढ़ाएँ, विशेष रूप से monounsaturated fats जोकि जैतून का तेल, एवोकाडो, नट्स में पाया जाता है और polyunsaturated fats जोकि वसायुक्त मछली, अलसी, अखरोट में पाया जाता है। इनका अधिकाधिक सेवन रक्त में वसा के स्वस्थ स्तर को बढ़ावा देगा और आप हृदय रोगों से बचे रहेंगे।


2. रोजाना एक्सरसाइज और योग करें (Do yoga and exercise daily)

Lipid Profile Test को बेहतर करने का अगला कदम है रोजाना एक्सरसाइज और योग करने का। अगर आप सिर्फ आधे घंटे एक्सरसाइज और आधे घंटे भी योग करते हैं तो आपके पुरे शरीर का स्वास्थ्य बेहतर होगा और साथ ही लिपिड प्रोफाइल में भी सुधार होगा। एक्सरसाइज और योग करने से जहां खराब कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम होता है तो वहीं अच्छे कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ता है।


3. धूम्रपान और मदिरापानन  करें (Say no to smoking and drinking)

जो लोग धूम्रपान और मदिरापान करते हैं उनका लिपिड प्रोफाइल खराब होने की संभावना अधिक होती है। जब आप अत्यधिक अल्कोहल का सेवन करते हैं तो triglycerides का स्तर काफी तेजी से बढ़ जाता है जोकि आपके हृदय के स्वास्थ्य के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं है। साथ ही, धूम्रपान रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है और हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। समग्र हृदय स्वास्थ्य के लिए धूम्रपान छोड़ना महत्वपूर्ण है। 


4. तनाव से बना लें दूरी (Stay away from stress)

लिपिड प्रोफाइल सुधारने का एक सबसे आसान और फ्री तरीका है तनाव से दूर रहने का। तनाव हमारे पूरे शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डालती है और जो लोग अत्यधिक तनाव लेते हैं उनमें cardiovascular diseases होने का खतरा कई गुना ज्यादा होता है। स्ट्रेस दूर करके के लिए रोजजा योग, प्राणायाम, गहरी सांसें लेना, ढेर सारा पानी पीना और वर्तमान में जीने की प्रैक्टिस कर सकते हैं।


5. वजन घटाएं (Lose weight to improve lipid profile)

लिपिड प्रोफाइल टेस्ट को बेहतर करने का एक प्रभावी तरीका है वजन कम करने का। भारत सहित पूरी दुनियाभर में जिन लोगों का वजन आवश्यकता से अधिक होता है, उनका लिपिड प्रोफाइल खराब रहता है। ऐसे में थोड़ा सा भी वजन अब घटाते हैं तो यह आपके लिपिड प्रोफाइल को अवश्य ही सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।


लिपिड प्रोफाइल टेस्ट नार्मल रेंज क्या है (Lipid profile test normal range)

लिपिड प्रोफाइल टेस्ट नॉर्मल रेंज व्यक्ति के हिसाब से अलग अलग हो सकता है। हालांकि नॉर्मल रेंज से जुड़ी कुछ जरूरी दिशानिर्देश दिए गए हैं जैसे:

  • ‌कुल कोलेस्ट्रॉल: 200 मिलीग्राम/डीएल से कम
  • ‌एलडीएल कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल-सी): 100 मिलीग्राम/डीएल से कम, मधुमेह रोगियों जैसे उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों के लिए 70 मिलीग्राम/डीएल से कम
  • ‌एचडीएल कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल-सी): 60 मिलीग्राम/डीएल या इससे अधिक सुरक्षित होता है
  • ट्राइग्लिसराइड्स: 150 मिलीग्राम/डीएल से कम (सामान्य)

यह लिपिड प्रोफाइल टेस्ट नॉर्मल रेंज है। अगर आपका टेस्ट रिजल्ट इस नॉर्मल रेंज से मेल नहीं खाता है तो समझ लीजिए कि आप हृदय रोगों से परेशान हो सकते हैं। हालांकि अगर इस रेंज से आपका रिजल्ट थोड़ा बहुत ऊपर नीचे होता है तो घबराने की बात नहीं है, एक सही दिनचर्या अपनाकर आप सबकुछ सुधार सकते हैं।


लिपिड प्रोफाइल बढ़ने से क्या होता है (What happens when lipid profile increases)

अगर सामान्य से अधिक लिपिड प्रोफाइल हो जाती है तो आपको कई स्वास्थ्य सम्बन्धित दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इसकी वजह से प्लाक बिल्डअप और एथेरोस्क्लेरोसिस, हृदय रोग का खतरा बढ़ जाना, ब्लड प्रेशर तेज हो जाना, सोचने समझने की क्षमता में गिरावट आना, किडनी रोग हो सकता है। ध्यान दें कि ये सभी समस्याएं आमतौर पर तब दिखनी शुरू होती हैं जब आपको सीधे इलाज करवाने की आवश्यकता पड़ जाती है।

इसलिए हम आपको सलाह देते हैं कि समय समय पर Lipid profile test करवाते रहें। जीवनशैली में बदलाव जैसे आहार, व्यायाम और वजन प्रबंधन आपके लिपिड प्रोफाइल में काफी सुधार कर सकते हैं और आपके सीवीडी जोखिम को कम कर सकते हैं।


निष्कर्ष (Conclusion)

लिपिड प्रोफाइल टेस्ट एक सामान्य ब्लड टेस्ट है जिसकी मदद से पता लगाया जाता है कि आपके रक्त में वसा यानी कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड का स्तर कितना है। इस टेस्ट की मदद से डॉक्टर पता लगाते हैं कि आपको हृदय रोगों के साथ ही अन्य कई स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम कितना है। साथ ही यह टेस्ट हृदय रोगों के उपचार में भी मदद करता है।

यह टेस्ट करवाना आमतौर पर काफी आसान होता है और आप कम खर्च में ही इसे करवा भी सकते हैं। अगर आप स्थानीय लैब में यह टेस्ट करवाते हैं तो आपको अधिकतम 300 रुपए से लेकर 500 रुपए खर्च करने पड़ सकते हैं। अगर आपका Lipid profile test in Hindi असामान्य है तो स्वस्थ वसायुक्त आहार का सेवन करें, रोजाना एक्सरसाइज और योग करें, तनाव दूर करें, वजन घटाएं।


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (Frequently Asked Questions)

 

1. लिपिड प्रोफाइल टेस्ट में कौन कौन से मुख्य घटकों की माप की जाती है?

लिपिड प्रोफाइल टेस्ट में Total cholesterol, Low-density lipoprotein (LDL) cholesterol, Very low-density lipoprotein (VLDL) cholesterol, High-density lipoprotein (HDL) cholesterol और Triglycerides की माप की जाती है।


2. शरीर में उच्च ट्राइग्लिसराइड स्तर होने के क्या जोखिम हैं?

शरीर में उच्च ट्राइग्लिसराइड स्तर होने से हृदय रोगों का जोखिम बढ़ जाता है। ट्राइग्लिसराइड्स आपकी धमनियों की परत को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे उनमें प्लाक बनने (एथेरोस्क्लेरोसिस) के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है। साथ ही, अत्यधिक उच्च ट्राइग्लिसराइड स्तर (500 मिलीग्राम/डीएल से ऊपर) पैंक्रियाज की अचानक सूजन को ट्रिगर कर सकता है।


3. कुल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के लिए स्वस्थ सीमा क्या मानी जाती है?

कुल कोलेस्ट्रॉल की स्वस्थ सीमा 200 मिलीग्राम/डीएल से कम मानी जाती है तो वहीं ट्राइग्लिसराइड्स के लिए स्वस्थ सीमा 150 मिलीग्राम/डीएल से कम मानी जाती है।


4. उच्च कोलेस्ट्रॉल होने से आमतौर पर कौन सी समस्याएँ और लक्षण उत्पन्न होते हैं?

उच्च कोलेस्ट्रॉल होने से कई समस्याएं हो जाती हैं। इसकी वजह से हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है, ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, कोरोनरी आर्टरी रोग और पेरिफेरल अर्टिरियल रोग का जोखिम बढ़ जाता है। इसके साथ ही किडनी रोग होना और सोचने समझने की क्षमता में गिरावट होना भी संभावित है।


References

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Dr. Kalyani Deshmukh, M.D.

Dermatologist

Dr. Deshmukh is an MD (Dermatology, Venerology, and Leprosy) with more than 4 years of experience. She successfully runs her own practice and believes that a personalized service maximizes customer satisfaction.

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