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महिलाओं में हार्मोन की कमी से क्या होता है | Hormonal Imbalance Symptoms in Females in Hindi


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भारत में बड़ी संख्या में महिलाएं Hormones Problem से जूझ रही हैं। एक तरफ जहां जर्नल ऑफ ऑब्स्टेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी ऑफ इंडिया ने पाया कि भारत में लगभग 30% महिलाओं में मासिक धर्म संबंधी अनियमितताएं हैं तो वहीं भारत में पीसीओएस की व्यापकता लगभग 20-25% होने का अनुमान है। ये आंकड़े पूरे विश्व के औसत आंकड़ों से अधिक हैं और इसलिए यह एक चिंता का विषय है। हार्मोन्स के असंतुलन की वजह से आई ये समस्याएं महिलाओं के समग्र स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डाल रही हैं।

महिलाओं में हार्मोन्स का असंतुलन उस स्तिथि को दर्शाता है जब female hormones जैसे एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रॉन के स्राव में उतार चढ़ाव देखने को मिलता है। महिलाओं और पुरुषों दोनों के शरीर में हार्मोन्स का सामान्य स्तर होना बहुत आवश्यक होता है। इन्हें आप chemical messengers कह सकते हैं जो रक्त के जरिए शरीर के सभी भागों को प्रभावित करते हैं। यौन स्वास्थ्य से लेकर, पाचन स्वास्थ्य तक सबकुछ हार्मोन्स रेगुलेट करने की क्षमता रखते हैं। आगे हम विस्तार से जानेंगे कि महिलाओं में हार्मोन्स से जुड़ी दिक्कतें क्या हैं और Hormonal Imbalance Symptoms In Females In Hindi कौन सी हैं। 


महिलाओं में हार्मोन्स का असंतुलित होना क्या है (Hormones Problem In Female In Hindi)

महिलाओं में हार्मोन्स का असंतुलन उस परिस्थिति को कहते हैं जब एक महिला के शरीर में सेक्स हार्मोन्स जैसे एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रॉन का स्तर सामान्य से कम या ज्यादा होने लगता है। महिला के शरीर में बनने वाले हार्मोन्स के स्तर में उतार चढ़ाव आने की वजह से कई स्वास्थ्य दिक्कतें शुरू हो जाती हैं। इसमें अनियमित पीरियड का आना, बार बार मूड बदलना, यौन इच्छा अचानक से बढ़ना/घटना, बालों का तेजी से झड़ना जैसी समस्याएं शुरू हो जाती हैं।

Traya में हम बखूबी समझते हैं कि महिलाओं के शरीर में हार्मोन्स का संतुलन कितना आवश्यक है। इसलिए तो हमने हार्मोन्स के असंतुलन से जूझ रही महिलाओं के लिए Her Santulan टैबलेट को तैयार किया है। 100% प्राकृतिक आयुर्वेदिक औषधियों से निर्मित यह दवा महिलाओं के शरीर में हार्मोंस को संतुलित करती है, मूड स्विंग्स की समस्या दूर करती है, माहवारी चक्र को नियमित करती है और साथ ही बालों के स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देती है। तो अगर आप हार्मोंस के असंतुलन की वजह से आई शारीरिक परेशानियों से मुक्ति पाना चाहती हैं तो अभी ऑर्डर करें Her Santulan. 


Hormonal Imbalance Symptoms In Females In Hindi (महिलाओं में हार्मोन असंतुलन के लक्षण)

महिलाओं में अगर हार्मोन्स का असंतुलन हो जाए तो कई लक्षण दिखाई देने शुरू हो जाते हैं। इनमें पीरियड चक्र का अनियमित होना, सिर दर्द करना, अचानक से वजन घटना/बढ़ना, कील मुंहासों का जन्म लेना, अत्यधिक बालों का झड़ना, सेक्स ड्राइव में बदलाव होना, अत्यधिक थकान, नींद आने में परेशानी और सिर दर्द शामिल है। आइए विस्तार से Hormonal Imbalance Symptoms In Females In Hindi समझते हैं।


1. तेजी से बालों का झड़ना (Rapid hair loss)

हार्मोन्स के असंतुलन से जूझ रही महिलाओं में तेजी से बालों के झड़ने की समस्या शुरू हो जाती है। दरअसल बालों के रोम तीन चरणों से गुजरते हैं: विकास, आराम और झड़ने का चक्र। इस चक्र को सेक्स हार्मोन एस्ट्रोजन रेगूलेट करता है। ऐसे में जब हार्मोंस असंतुलित हो जाते हैं तो उस परिस्थिति में बालों के विकास का चरण छोटा हो जाता है जिससे बालों के रोम (hair follicles) सीधा आराम चरण (resting phase) में चले जाते हैं। इससे बालों के झड़ने की समस्या शुरू हो जाती है। 

आपकी इसी समस्या के समाधान के लिए हमने डॉक्टरों और कई विशेषज्ञों के साथ मिलाकर Free Hair Test और Her Santulan टैबलेट को तैयार किया है। Her Santulan टैबलेट जहां महिलाओं में हार्मोन्स के असंतुलन की समस्या को दूर करती है तो वहीं फ्री हेयर टेस्ट बालों के झड़ने के सटीक कारण का पता लगाकर सही उपचार करता है। यह टेस्ट आप घर बैठे अपने स्मार्टफोन की मदद से सिर्फ 2 से 3 मिनट के अंदर दे सकते हैं। 


2. अचानक से वजन बढ़ना (Dramatic increase in weight)

हार्मोन्स के असंतुलन की समस्या से जूझ रही महिलाओं में तेजी से वजन बढ़ने की समस्या भी जन्म ले सकती है। महिलाओं और पुरुषों दोनों में हार्मोंस चयापचय और पाचन तंत्र पर सीधा प्रभाव डालते हैं। भोजन को एनर्जी में बदलने की प्रक्रिया को भी ये हार्मोंस सीधे तौर पर प्रभावित करते हैं। ऐसे में अगर आपके शरीर में हार्मोन्स असंतुलित हो जाएं तो मेटाबॉलिज्म धीमा हो सकता है जिससे आप कम कैलरी ही जला पाएंगे। इससे आपके शरीर में कैलरी जमा होगी और मोटापे की समस्या शुरू हो जाएगी।

साथ ही, शरीर में हार्मोन्स का असंतुलन बार बार भूख लगने की समस्या से भी जोड़कर देखा गया है। बार बार कम अवधि के अंतराल पर भोजन करने का अर्थ है कि आपके शरीर में कैलरी की मात्रा बढ़ेगी जिससे अत्यधिक वजन बढ़ेगा। हार्मोन्स के असंतुलन से पीसीओएस की समस्या भी जन्म लेती है जो वजन बढ़ाने का एक प्रमुख कारण है।


3. माहवारी चक्र का अनियमित होना (Irregular menstrual cycle)

जिन महिलाओं में हार्मोन्स असंतुलित होते हैं उनका पीरियड चक्र अनियमित होता है। माहवारी यानि पीरियड आने में ovulation सबसे महत्वपूर्ण है, जोकि अंडाशय से अंडा निकलने की एक प्रक्रिया है। अब आपको पता होना चाहिए कि ओवुलेशन की प्रक्रिया सुचारू रूप से पूरा हो इसके लिए महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रॉन का संतुलन होना आवश्यक होता है। अगर ये असंतुलित हो जाएं तो ओवुलेशन की प्रक्रिया में भी बाधा पड़ सकती है जिससे पीरियड चक्र अनियमित हो सकता है।

इसके अलावा, हार्मोन्स का असंतुलन थायराइड की समस्या को भी जन्म दे सकता है। दोनों प्रकार के थायराइड रोग यानि hypothyroidism और hyperthyroidism की समस्या में पीरियड का चक्र असंतुलित हो जाता है और साथ ही पीरियड की मात्रा कम/अधिक हो जाती है। 


4. मूड स्विंग होना (Having mood swings)

हार्मोन के असंतुलित हो जाने पर महिलाओं में बार बार मूड स्विंग्स होने की समस्या भी जन्म ले लेती है। मूड स्विंग होना यानि मूड का बार बार बदलना, चिड़चिड़ापन, गुस्सा जैसे भाव महसूस होते हैं। हार्मोंस रक्त के जरिए हमारे पूरे शरीर में यात्रा करते हैं और कई कार्यों को रेग्यूलेट करने में मदद करते हैं, जिसमें हमारा मूड भी शामिल है। महिलाओं में एस्ट्रोजन, प्रोजेस्ट्रॉन और यहां तक कि टेस्टोस्टेरोन के असंतुलन में मूड स्विंग तेजी से हो सकता है। 

खासतौर पर PMS, Perimenopause, Menopause और PCOS की समस्या में हार्मोन्स हमारे शरीर में असंतुलित हो जाते हैं जिससे बार बार हमारी भावनाएं बदलती हैं और कई बार प्रतिक्रिया तेज भी हो सकती है। अगर मूड स्विंग की वजह से आपकी निजी जिंदगी नकारात्मक रूप से प्रभावित हो रही है तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। 


5. अत्यधिक थकान महसूस करना (Feeling extremely tired)

अत्यधिक थकान महसूस करना भी Hormonal Imbalance Symptom है। जिन महिलाओं में हार्मोन्स असंतुलित हो जाते हैं उन्हें अक्सर थकान और कमजोरी की शिकायत रहती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हार्मोन्स के असंतुलित होने से हमारे metabolism (चयापचय) की प्रक्रिया सुस्त पड़ जाती है। मेटाबॉलिज्म ही वह प्रक्रिया है जिसकी मदद से भोजन को एनर्जी में बदला जाता है। ऐसे में अगर मेटाबॉलिज्म सही ढंग से कार्य न करे तो भोजन के पाचन और अवशोषण में दिक्कतें हो सकती हैं और आप अत्यधिक थकान महसूस कर सकते हैं।

इसके अलावा, आपको यह भी पता होना चाहिए कि अगर आपके शरीर में सभी हार्मोन्स का स्तर सामान्य नहीं है तो एनीमिया का खतरा बढ़ जाता है। एनीमिया एक ऐसी समस्या है जिसमें रक्त में हिमोग्लोबिन की कमी हो जाती है। हिमोग्लोबिन की कमी की वजह से ऑक्सीजन और अन्य जरूरी पोषक तत्व सही ढंग से पूरे शरीर को ऑक्सीजन और अन्य पोषक तत्वों की डिलीवरी सुचारू रूप से करने में असमर्थ होंगे जिससे थकान महसूस हो सकता है।


6. यौन इच्छा में कमी (Decreased sexual desire)

Low libido यानि यौन इच्छा में कमी भी शरीर में हार्मोन्स के असंतुलन का एक प्रमुख कारण है। जिन महिलाओं में हार्मोन्स के असंतुलन की वजह से यौन इच्छा में कमी आ जाती है उस स्तिथि को Hypoactive Sexual Desire Disorder (HSDD) कहा जाता है। यह स्वाभाविक इसलिए भी है क्योंकि महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन खासतौर पर सेक्सुअल फंक्शन को रेग्यूलेट करता है। यह योनि (vagina) में लुब्रिकेशन, जननांगों में रक्त के प्रवाह और समग्र यौन उत्तेजना में योगदान देता है।

ऐसे में अगर यह शरीर में असंतुलित हो जाए तो न सिर्फ यौन इच्छा में कमी आयेगी बल्कि योनि का सूखापन, संवेदनशीलता में कमी, यौन क्रिया में दर्द की भी अनुभूति होगी। साथ ही हार्मोन्स के असंतुलन की वजह से न्यूरोट्रांसमीटर पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है जोकि हमारे दिमाग से जुड़े होते हैं। इसकी वजह से डोपामिन में कमी आ सकती है जोकि यौन क्रिया के दौरान आनंद  को भी घटा सकता है।


7. सोने में दिक्कतें होना (Having trouble sleeping)

जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया, शरीर में हार्मोन्स के असंतुलन की वजह से न्यूरोट्रांसमीटर डिस्टर्ब हो जाते हैं जिसमें सोने में मदद करने वाले न्यूरोट्रांसमीटर भी शामिल हैं। साथ ही असंतुलन मेलाटोनिन के उत्पादन को भी कम कर देता है जोकि बेहतर नींद लाने में मदद करता है। इससे नींद आने में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही रात को सोते समय गर्म चमक और अत्यधिक पसीना आने की समस्या भी हार्मोंस इंबैलेंस से जुड़ा हुआ है।

ये दोनों ही आपकी रातों की नींद को खराब कर सकते हैं। साथ ही असंतुलन आपके sleep cycle को भी नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है जिससे समय पर नींद न आने की समस्या का सामना आपको करना पड़ सकता है। अगर आप अक्सर नींद न आने या बार बार नींद से जागने की समस्या से परेशान हैं तो आपको डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए।


8. सिर दर्द होना (Headache problem)

शरीर में हार्मोन्स के असंतुलन की वजह से सिर में दर्द की शिकायत भी आपको हो सकती है। इसके मुख्य रूप से दो कारण होते हैं, पहला यह कि हमारे रक्त कोशिकाओं और सिर में एस्ट्रोजन रिसेप्टर्स मौजूद होते हैं। ऐसे में अगर यह असंतुलित हो जाए तो रक्त कोशिकाओं के सिकुड़ने की समस्या जन्म ले लेती है जिससे सिर दर्द हो सकता है। इसके अलावा, हार्मोंस हमारे शरीर में न्यूरोट्रांसमीटर को रेग्यूलेट करने का भी कार्य करते हैं।

ये एक प्रकार के रसायन होते हैं जो दर्द की अनुभूति को प्रभावित करते हैं। ऐसे में हार्मोन्स का असंतुलन सिर में तेज दर्द को जन्म दे सकता है। अगर आपको सिर में तेज दर्द की समस्या है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें क्योंकि हो सकता है कि हार्मोनल इंबैलेंस के अलावा कोई अन्य कारण हो।


9. त्वचा से जुड़ी दिक्कतें सामने आना (Having skin problems)

हार्मोन्स के असंतुलन का अगला लक्षण आपको आपकी त्वचा पर दिखना शुरू हो सकता है। इसकी वजह से चेहरे पर ढेरों मुंहासे, रूखी सूखी त्वचा, हाइपरपिग्मेंटेशन और मेलास्मा, अत्यधिक संवेदनशील त्वचा जैसी दिक्कतें सामने आ सकती हैं। आपने अभी तक सिर्फ एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रॉन के बारे में ही जाना है, लेकिन एक हार्मोन एंड्रोजन भी होता है जिसके असंतुलन से मुंहासे और त्वचा पर दाग धब्बे निकलने शुरू हो सकते हैं। 

एंड्रोजन के बढ़ने से त्वचा पर अत्यधिक तेल का उत्पादन शुरू हो जाता है जिससे कील मुंहासे की समस्या जन्म ले लेती है। साथ ही, अगर एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रॉन के स्तर में कमी आती है तो त्वचा रूखी और बेजान हो सकती है। इसकी वजह से मेलानिन का प्रोडक्शन भी तेजी से बढ़ सकता है जिससे हाइपर पिगमेंटेशन, मेलास्मा जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। 


10. स्तनों में अत्यधिक कोमलता (Breast tenderness)

एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रॉन में उतार चढ़ाव की वजह से स्तनों में अत्यधिक कोमलता महसूस करना एक आम लक्षण है। इसमें एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रॉन दोनों ही समान भूमिका निभाते हैं। जैसा कि आप जानते ही होंगे कि मासिक धर्म चक्र के दौरान, एस्ट्रोजन का बढ़ता स्तर स्तनों में दूध नलिकाओं और लोबूल के विकास को उत्तेजित करता है। यह गर्भावस्था की स्थिति में संभावित दूध उत्पादन के लिए स्तनों को तैयार करता है। 

मासिक धर्म चक्र में हार्मोन्स में उतार चढ़ाव देखने को मिलता है, जोकि अन्य कारणों से होने वाले हार्मोनल इंबैलेंस के समान ही है। इसकी वजह से आपके स्तनों में भारीपन महसूस हो सकता है और साथ ही वे अत्यधिक कोमल भी महसूस हो सकते हैं। साथ ही प्रोजेस्ट्रॉन भी एस्ट्रोजन के साथ मिलकर दूध उत्पादन में मदद करता है। ऐसे में इसका बढ़ा हुआ स्तर स्तनों को भारी और अत्यधिक कोमल बना सकता है। तो इस तरह आपने जाना कि महिलाओं में हार्मोन बढ़ने से क्या होता है।


महिलाओं में हार्मोंस का असंतुलन क्यों होता है (Hormone Imbalance Kyu Hota Hai)

महिलाओं में हार्मोंस का असंतुलन कई कारणों से हो सकता है। इसमें पीरियड चक्र, गर्भावस्था, रजोनिवृत्ति, पीसीओएस, थायराइड से जुड़ी दिक्कतें, अत्यधिक तनाव, असंतुलित भोजन का सेवन करना, नींद कम लेना और कुछ दवाएं शामिल हैं। कई बार वातावरणीय कारक भी हार्मोंस के असंतुलन में योगदान दे सकते हैं। आइए हार्मोन्स इंबैलेंस क्यों होता है के प्रमुख कारणों को समझते हैं।


1. माहवारी चक्र (Menstrual Cycle)

माहवारी यानि पीरियड में hormonal imbalance होना आम बात है। इस दौरान महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रॉन का स्तर घटता बढ़ता रहता है जिससे ओवुलेशन रेग्यूलेट हो सके और पीरियड आने की प्रक्रिया सुचारू रूप से चल सके। एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रॉन के उतार चढ़ाव की वजह से हार्मोन्स असंतुलित हो सकते हैं जिससे पेट दर्द, मूड स्विंग और स्तनों में कोमलता और भारीपन महसूस हो सकता है।


2. गर्भावस्था (Pregnancy)

महिलाओं के शरीर में हार्मोन्स का असंतुलन गर्भावस्था की वजह से भी होता है। इस दौरान शिशु के सही विकास और भरण पोषण के लिए एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रॉन के स्तर में तेजी से उतार चढ़ाव होता है। इसकी वजह से थकान, कमजोरी, त्वचा की रंगत में बदलाव आना जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। इस दौरान हार्मोन्स का असंतुलन होना सामान्य बात है हालांकि सही भोजन और अच्छी लाइफस्टाइल से लक्षणों को मैनेज किया जा सकता है।


3. रजोनिवृत्ति (Menopause)

रजोनिवृत्ति यानि मेनोपॉज भी महिलाओं के शरीर में हार्मोन्स के असंतुलन का कारण बन सकता है। जब एक महिला पीरियड बंद होने के चरण की तरफ अग्रसर होती है या उस चरण में होती है तो एस्ट्रोजन का लेवल तेजी से घट जाता है। एस्ट्रोजन का लेवल तेजी से घटने पर शरीर के अन्य हार्मोंस इंबैलेंस हो जाते हैं। ऐसा होने पर गर्म चमक, रात को पसीना, योनि का सूखापन, अनियमित मासिक धर्म और मूड में बदलाव जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं।


4. पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS)

PCOS यानि पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम एक ऐसी स्तिथि है जिसमें ओवरी यानि अंडाशय फैल जाता है और इसके अगल बगल छोटे छोटे cysts (अल्सर) का निर्माण हो जाता है। इस समस्या में महिलाओं का अंडाशय आवश्यकता से अधिक हार्मोन्स का उत्पादन करने लग जाता है जिससे हार्मोन्स असंतुलित हो जाते हैं। इसकी वजह से अनियमित मासिक धर्म, वजन बढ़ना, अनचाहे बालों का अत्यधिक बढ़ना और मुँहासे की समस्या हो सकती है। अगर आप PCOS की समस्या से जूझ रही हैं तो हम आपको PCOS Santulan टेबलेट के सेवन की सलाह देते हैं। 


5. थायराइड रोग (Thyroid disease)

थायराइड रोग होने की स्तिथि में भी महिलाओं में हार्मोन्स असंतुलित हो सकते हैं। हमारे गले में एक तितली के जैसी दिखने वाली ग्रंथि थायराइड मौजूद होती है जोकि थायराइड हार्मोन्स के उत्पादन के लिए जिम्मेदार होती है। जब थायराइड ग्लैंड अत्यधिक मात्रा में या कम मात्रा में हार्मोन्स का उत्पादन करती है तो एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रॉन के साथ ही अन्य female hormones भी प्रभावित होते हैं जिससे हार्मोनल इंबैलेंस हो सकता है। थाइराइड रोग से जूझ रही महिलाओं के लिए हम Thyro Santulan टेबलेट के सेवन की सलाह देते हैं।


6. अत्यधिक तनाव (Extreme stress)

अत्यधिक तनाव की स्तिथि में भी महिलाओं के शरीर में हार्मोन्स असंतुलित हो सकते हैं। जब एक महिला तनाव की स्तिथि में होती है तो स्ट्रेस हार्मोन जैसे कॉर्टिसोल का उत्पादन तेजी से होने लगता है। कोर्टिसोल महिला के शरीर में मौजूद अन्य हार्मोंस के उत्पादन और रेगुलेशन को मुश्किल बना सकता है जिससे हार्मोन्स के असंतुलन की समस्या खड़ी हो जाती है।


7. असंतुलित भोजन का सेवन (Unbalanced Diet Intake)

अगर आप एक महिला हैं और शरीर में हार्मोन्स के असंतुलन की समस्या से परेशान हैं तो इसका एक प्रमुख कारण सही भोजन का सेवन न करना भी हो सकता है। खासतौर पर अगर आप junk और processed food का सेवन करते हैं तो शरीर में इन्फ्लेमेशन बढ़ सकती है और साथ ही एड्रिनल ग्लैंड पर तनाव बढ़ सकता है। इसकी वजह से आपका वजन अचानक से बढ़ सकता है और आप हार्मोनल असंतुलन का शिकार हो सकते हैं।


8. अच्छी नींद न लेना (Not sleeping well)

अगर आप रात में पर्याप्त नींद नहीं ले पा रही हैं तो यह भी हार्मोन के असंतुलन का एक कारण बन सकता है। दरअसल जब आपकी नींद अच्छे से पूरी नहीं होती, आप समय पर नहीं सोते हैं तो शरीर के internal clocks जिसे circadian rhythms डिस्टर्ब हो जाता है। इसकी वजह से आपके शरीर में कॉर्टिसोल हार्मोन का उत्पादन बढ़ जाता है जो अन्य हार्मोन्स के कार्य को भी बाधित कर देता है।


9. कुछ दवाएं (Some medicines)

कुछ दवाओं का सेवन करना भी महिलाओं के शरीर में हार्मोनल इंबैलेंस का कारण बन सकता है। खासतौर पर birth control pills, steroids, Antiepileptic drugs, Antacids, Thyroid medications आपके शरीर में हार्मोन्स के असंतुलन का कारण बन सकती हैं। अगर आप इन दवाओं का सेवन कर रही हैं जिसकी वजह से आपको Hormonal Imbalance Symptoms in Females in Hindi दिखाई दे रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।


हार्मोन इंबैलेंस का इलाज कैसे होता है (How is hormonal imbalance treated)


हार्मोन इंबैलेंस यानि असंतुलन का इलाज या इसे संतुलित करने के लिए आप कई तरीके अपना सकते हैं। आइए संक्षेप में जानते हैं कि शरीर में हार्मोन्स को कैसे बैलेंस करें।


1. संतुलित आहार का सेवन करें (Eat a balanced diet)

अगर आप नहीं चाहती हैं कि आपके शरीर में हार्मोन्स का असंतुलन हो तो आप संतुलित आहार का सेवन कर सकती हैं। नियमित रूप से आपको संतुलित आहार जिसमें दूध, मांस, हरी पत्तेदार सब्जियां, दालें, साबुत अनाज, फल का सेवन करना चाहिए जिससे हार्मोन्स संतुलित रहते हैं। साथ ही junk और processed food का सेवन कम करना भी जरुरी है।


2. रोजाना करें एक्सरसाइज (Exercise daily)

शरीर में हार्मोन्स के संतुलन को बनाए रखने के लिए आपको रोजाना योग और एक्सरसाइज करना चाहिए। रोजाना योग और व्यायाम करने से वजन प्रबंधन में मदद मिलती है, तनाव कम होता है, इन्सुलिन के प्रति संवेदनशीलता बढ़ती है। ये सभी शरीर में संतुलित हार्मोन्स में योगदान देते हैं अंततः रोजाना योग और व्यायाम करना आवश्यक है।


3. स्ट्रेस मैनेजमेंट सीखें (Stress management is important)

जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया, शरीर में hormonal imbalance का एक प्रमुख कारण स्ट्रेस यानि तनाव भी होता है। ऐसे में अगर आप तनाव को कम करें तो कॉर्टिसोल हार्मोन का उत्पादन कम होगा जोकि अन्य हार्मोंस के कार्य में बाधा डालता है। इसके लिए योग, एक्सरसाइज, गहरी सांसें लेना, खूब सारा पानी पीना आवश्यक है।


4. आयुर्वेद की मदद लें (Ayurvedic medicine can help)

शरीर में हार्मोन्स अगर असंतुलित हो जाएं तो इस परिस्थिति ने आयुर्वेद आपकी मदद कर सकता है। कुछ प्राकृतिक उपचार जैसे ईवनिंग प्रिमरोज़ तेल, अलसी, या चेस्टबेरी का उपयोग कभी-कभी हार्मोनल समस्याओं के समाधान के लिए किया जाता है। साथ ही शतावरी और अश्वगंधा के सेवन की भी सलाह दी जाती है क्योंकि ये तनाव मुक्ति में मदद करते हैं और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं। खासतौर पर महिलाओं को शतावरी का सेवन अवश्य नियमित रूप से करना चाहिए।


5. हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी कराएं (Undergo hormone replacement therapy)

अगर आपके शरीर में hormonal imbalance बड़े पैमाने पर हो रहा है तो ऐसे में डॉक्टर आपको HRT यानि हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी करवाने की सलाह दे सकते हैं। इसमें डॉक्टर यह पता लगाते हैं कि आपके शरीर में किस हार्मोन की कमी से असंतुलन की स्तिथि पैदा हुई है, उसके हिसाब से यह थेरेपी करते हैं। इसके लिए आपको दवाएं, क्रीम, जेल आदि सेवन/इस्तेमाल के लिए दी जा सकती हैं।


निष्कर्ष (Conclusion)

Hormones Problem In Female In Hindi कई कारणों से हो सकता है। इसमें खराब खानपान और लाइफस्टाइल, माहवारी चक्र, गर्भावस्था, रजोनिवृत्ति, पीसीओएस, थायराइड रोग, अत्यधिक तनाव, अच्छी नींद न लेना शामिल हैं। तो वहीं बात करें Hormonal Imbalance Symptoms In Females In Hindi की तो इसमें तेजी से वजन बढ़ना, यौन इच्छा में कमी होना, बालों का झड़ना, त्वचा दिक्कतें होना, सिर दर्द, सोने में दिक्कत आदि शामिल हैं।

अगर आप शरीर में हार्मोन्स के असंतुलन की वजह से परेशान हैं तो कई लाइफस्टाइल और खानपान में बदलाव करके स्तिथि में सुधार ला सकते हैं। पर्याप्त नींद लेना, संतुलित आहार का सेवन करना, योग और व्यायाम करना जैसी अच्छी आदतें शरीर में हार्मोन्स के संतुलन में योगदान दे सकती हैं। साथ ही स्तिथि ज्यादा बिगड़ने पर डॉक्टर आपको हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी करवाने की सलाह दे सकते हैं।


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (Frequently Asked Questions)

1. महिलाओं में हार्मोन की कमी से क्या होता है?

महिलाओं में हार्मोन की कमी से तेजी से बाल झड़ने, त्वचा से जुड़ी दिक्कतें होने, वजन बढ़ने, यौन इच्छा में कमी, स्तनों में कोमलता और भारीपन, योनि का सूखापन, सिर दर्द, सोने में दिक्कतें, अत्यधिक थकान, मूड स्विंग, पीरियड का अनियमित होना होता है। 


2. महिलाओं में हार्मोन की कमी के कारण क्या हैं?

महिलाओं में हार्मोन की कमी के कई कारण हो सकते हैं। इसमें माहवारी चक्र, गर्भावस्था, रजनोवृत्ति, पीसीओएस, थायराइड डिसऑर्डर, अत्यधिक तनाव, सही भोजन का सेवन न करना, कम नींद लेना, अत्यधिक एक्सरसाइज करना शामिल हैं।


3. महिलाओं में हार्मोन बढ़ने से क्या होता है?

महिलाओं में हार्मोन बढ़ने से कई रोगों का जोखिम बढ़ जाता है जिसमें uterine cancer, Fibroids, blood clotting शामिल है। इसके साथ ही वजन बढ़ना, बार बार मूड बदलना, चिड़चिड़ापन और क्रोध, स्तनों में भारीपन, कील मुहांसे, बालों का तेजी से झड़ना, Hirsutism हो सकती हैं।


4. हार्मोन बैलेंस कैसे ठीक करें?

शरीर में हार्मोन को बैलेंस करने के लिए स्वस्थ और संतुलित आहार का सेवन करें, रोजाना योग और व्यायाम करें, तनाव कम लें, 8 घंटे की नींद लें, जंक और प्रोसेस्ड फूड का सेवन न करें। साथ ही हार्मोन असंतुलन अगर बड़े पैमाने पर हुआ है तो हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी कराएं।


5. महिलाओं में हार्मोन असंतुलन को ठीक करे ये आहार कौन से हैं?

महिलाओं में हार्मोन असंतुलन को ठीक करने के लिए आपको गहरे हरे रंग की पत्तेदार सब्ज़ियां, ओमेगा-3 से भरपूर खाद्य पदार्थ, हल्दी, एवोकाडो, अलसी का बीज, पालक, चुकंदर, पत्ता गोभी, ब्रोकली, टमाटर का सेवन अधिकाधिक करना चाहिए।


References

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Dr. Kalyani Deshmukh, M.D.

Dermatologist

Dr. Deshmukh is an MD (Dermatology, Venerology, and Leprosy) with more than 4 years of experience. She successfully runs her own practice and believes that a personalized service maximizes customer satisfaction.

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4.5

Reviewed on 21st Feb 2022

I didn't want to resort to surgery or any other invasive treatment for my hair loss and I found Traya. They have helped me grow back a full head of hair in just eight months. I'm so happy with the results, thank you so much! On complete Traya recommended plan. read more

Month 1

Month 4

Month 5

Saumya Verified review
4.5

Reviewed on 6th Nov 2021

I was losing hair due to stress and other things but Traya analyzed everything perfectly and sent me a treatment plan. After such great results, my relatives have also started using Traya. Thank you, Raveena my Hair coach (you are wonderful) for such amazing help. On complete Traya recommended plan. read more

Month 1

Month 4

Month 6

Swati Verified review
4.5

Reviewed on 17th August 2021

It takes time guys, but you won't regret it. My hair grew back stronger and my overall hair quality improved. Thank you Raveena, my hair coach, she really held me accountable and kept me on track. Super happy customer. On complete Traya recommended plan. read more

Google Review

★★★★★

I feel much better after taking up the treatment. The treatment does not just include tablets and minoxidil.

Treatment includes ensuring proper sleep cycle and proper diet. Surely there is notable changes after 9 months of treatment.

TheCmayil

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★★★★★

As a mother,I was extremely worried about my teenage daughter's hair condition. I chanced upon Traya and approached you.A very helpful team always making sure that a regular follow up is done.The hair health has improved a lot since I started and I am very pleased with the results. Thank you Traya..Thank you Mallika for being just a call away.

SANJUKTA SANYAL

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★★★★★

I am 25 years old. I have androgenic alopecia. couple of months back I found traya and started its medication. now I am happy with its result. most important thing is patience and consistency. diet is also a key factor. I recommend traya 100%. good customer service.the sooner the better

jithu thomas

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★★★★★

Before trying traya i had used a lot of other meditation too... Traya was the only one which gave me the best positive results for my hair... Grateful to them

LOKJEET RANAA..

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★★★★★

I have been following Traya regime since last 9 months now and the results are all to speak for. I had issues regarding hair density and patches. Now I am very much happy and satisfied with the results. In short, Quality & Quantity both have improved for me. Infact, it has been helpful for my body balance as well. Thanks to Sneha for all the help and Cheers to the Traya team👍 👍 👍

Devarshi Desai

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★★★★★

It's all about patience and consistency. Traya helped me to grow my hair back, as well as to live a healthy lifestyle with the customized diet. Before Traya I lost all my hopes. If a person like me can grow my hairs back., I'm 100℅ sure with the help of Traya everyone who is facing hair fall issues can grow back their hair. Trust me it's worth it.

Shubham Nikam

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★★★★★

TRAYA'S hairfall treatment has been of great help in reducing my hairfall issue and also regrowing new hair. Also the support staff Poornima who was assigned to me has been very helpful as she checked on my progress, provided diet plans and answering any questions regarding the medication. A great experience overall.

rohit daz

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★★★★★

TRAYA'S hairfall treatment has been of great help in reducing my hairfall issue and also regrowing new hair. Also the support staff Poornima who was assigned to me has been very helpful as she checked on my progress, provided diet plans and answering any questions regarding the medication. A great experience overall.

rohit daz

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★★★★★

Since i have started using Traya hair care regime, my hair have really improved a lot. This regime is also helping me in stress management and to get better sleep. I would highly recommend Traya.

Bhawana Singh

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★★★★★

The product is very good
The results were visible after 15 itself
Must try essential hair food

Sonia Hair Studio

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★★★★★

IT WORKS! I'm not someone who falls for a trap easily so I researched well before taking this treatment! My research, their treatments and efforts have truly shown results. I like their concept of 3 sciences, it was new to me but they proved it by giving me my desired results! Thanks Tatva

Kiran Rajput

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Disclaimers

The claims and results mentioned are based on multiple internal studies and customer research surveys that Traya has conducted with a statistically significant sample size of users who were under expert observation and guidance

93% saw results*

Traya conducted an internal study over both men and females facing hair fall and 93% saw results* after using the complete Traya treatment consistently for a period of 5 months. This study was conducted in December 2022. 

5-month money-back guarantee

Traya’s 100% money-back policy is valid only if you have been regular with the complete treatment plan for a period of 5 whole consecutive months. Each customised hair kit is valid for only 30 days. If any individual has not seen any regrowth or control in hair fall, you can ask for a refund. However, once you apply for the 5-month - money-back policy, the team would then do a thorough check on consumer regularity based on every order date. An exception to this policy is for those customers undergoing serious health conditions like autoimmune diseases and cancer. 

Traya’s Holistic 3 Science Formula 

Traya’s 3 Science Formula is a synergistic mix of Ayurveda, Allopathy & Food Science designed specifically to cater to hair loss conditions stemming from multiple root causes. With clinically tested ingredients and adaptogenic herbs, Traya’s Science-Backed formula clears internal blockages and boosts hair regeneration naturally. When blended with a healing dietary plan, it delivers great results in attaining long-term hair growth. 

Traya Free hair test (™) 

Traya’s Hair Dx test is powered by a proprietary algorithm to examine a user's hair & health profile. With the help of a distinctive image-capturing technique & physician- formulated examination, it is able to precisely diagnose the type, stage & root causes of a certain hair loss condition. 

2 lakh+ Indians 

Traya Free hair test (™) has been taken by more than 2 lakh+ Indians - Data acquired from Traya customers. 

Ayush Certified  - Digest Boost, Cholest Vati and Consti Clear are Ayush Certified Products.

Traya’s Ayurvedic Products are based on natural and Ayurvedic formulations. These are completely safe for human use, but it is possible that certain ingredients may cause allergic reactions to some individuals. 

Accurate hair diagnosis 

The Traya free hair test (™) is a proprietary algorithm developed with the help of our in-house doctors that provides Accurate hair and health diagnosis, provided you mention all the correct details about yourself. It gives a precise diagnosis about the type, stage and root cause of a specific hair fall condition.

Long Lasting Visible Hair Results 

Traya’s complete treatment gives visible and long-lasting results provided you’re on Traya’s hair maintenance kit. Since Traya works on the internal root causes of hair fall and hence our customers have seen long lasting results

Trusted by 70+ Doctors

Traya has been tried and loved by over 70 doctors all over India to maintain healthy hair growth. 

Award Winning Trusted Brand

India’s Healthcare Excellence initiated by Brands Impact has awarded Traya as the Most Effective Haircare Product of the Year 2022 

FDA approved ingredients 

Traya contains hair growth actives like minoxidil and DHT blocker which are FDA approved to treat hair fall. These are completely safe for human use, but it is possible that certain ingredients may cause allergic reactions to some individuals.

 

Traya Women Santulan (™)

Traya’s Women Santulan is a unique technology that uses a combination of herbs treated in a specific manner (kalpa) to meet the bio-specific needs of women going through different stages of life. Santulan is a supplementary range to Traya’s 3 Science Formula which balances and nourishes the body inside-out delivering long-lasting hair growth results and overall health.

Hair Growth Plan starts at Rs 1699 pm* - The price mentioned is for a male of age 23 with stage 1 type hair fall based on the results of the hair test taken on the website. Prices may vary for individual customers depending on the results of the hair test and internal root causes

Hair Growth Plan starts at Rs 2000 pm* - The price mentioned is for a male of age 25 with stage 1 type hair fall based on the results of the hair test taken on the website. Prices may vary for individual customers depending on the results of the hair test and internal root causes

आपके बाल झड़ने का कारण क्या है?

डॉक्टरों द्वारा डिज़ाइन किया गया Traya का मुफ़्त 2 मिनट का हेयर टेस्ट लें, जो आपके बालों के झड़ने के मूल कारणों की पहचान करने के लिए आनुवांशिक, स्वास्थ्य, जीवनशैली और हार्मोन जैसे 20+ कारकों का विश्लेषण करता है।

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