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महिलाओं में आयरन की कमी के लक्षण (Iron ki kami ke Lakshan)


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महिलाओं में आयरन की कमी के लक्षण कई होते हैं जिसमें थकान, कमजोरी, त्वचा का पीलापन, सिरदर्द और चक्कर आना, सांस लेने में तकलीफ, नाखून कमजोर होना, हाथ पांव ठंडे पड़ना, सोचने समझने की क्षमता में कमी और बाल झड़ना शामिल है। कुछ लोगों में अखाद्य पदार्थों को खाने की इच्छा जगना, जीभ का अत्यधिक कोमल होना और पैरों में कंपकपी भी हो सकती है।

अब आइए ध्यान देते हैं कुछ आंकड़ों पर। 2019-2021 के राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS) के अनुसार, भारत में 15-49 वर्ष की आयु की 57% महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं। भारत सरकार का यह आंकड़ा वाकई चौंकाने वाला है और इस तरफ इशारा करता है कि भारत में बड़ी संख्या में महिलाएं एनीमिया रोग से पीड़ित हैं। एनीमिया वह समस्या है जब रक्त में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी हो जाती है जोकि खासतौर पर शरीर में आयरन की मौजूदगी न होने की वजह से होता है।

एनीमिया की कमी पर खासतौर पर आपके बाल तेजी से झड़ना शुरू हो सकते हैं। कई बार ऐसा होता है कि आप एनीमिया की समस्या से परेशान हैं लेकिन अनजाने में कई शैंपू और तेल का इस्तेमाल करने पर भी कोई परिणाम नहीं मिल रहा है। इसी प्रकार बाल झड़ने के 20 से भी अधिक कारण होते हैं और हर कारण का इलाज अलग अलग है। इसलिए हम Free Hair Test देने की सलाह देते हैं जो झड़ते बालों के सटीक कारण का पता लगाकर सही ट्रीटमेंट का सुझाव देता है। 


महिलाओं में आयरन की कमी के लक्षण (Iron ki kami ke lakshan)

जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया महिलाओं में आयरन की कमी के कई लक्षण दिखाई देते हैं। इनमें हाथ पांव ठंडे पड़ना, त्वचा का पीलापन, चक्कर और सिर दर्द, अत्यधिक बालों का झड़ना शामिल है। आइए विस्तार से समझते हैं कि ये लक्षण क्या हैं और ये क्यों दिखाई देते हैं।


1. तेजी से बालों का झड़ना (Rapid hair loss)

एनीमिया की समस्या से पीड़ित महिलाओं में तेजी से बाल झड़ना की समस्या भी शुरू हो जाती है। लेकिन ज्यादातर महिलाएं बालों के झड़ने की समस्या को सिर्फ एक शैंपू या तेल लगाकर समाधान करना चाहती हैं जोकि बिलकुल काम नहीं करता। रक्त में मौजूद लाल रक्त कोशिकाएं और हीमोग्लोबिन शरीर के सभी अंगों तक ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की डिलीवरी करते हैं जिसमें खोपड़ी भी शामिल है। ऐसे में एनीमिया होने पर खोपड़ी तक रक्त संचार बेहतर नहीं हो पाता जिससे ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की डिलीवरी भी बाधित होती है।

IRON SANTULAN

 

इससे खोपड़ी की नमी गायब होने लगती है, बालों के रोम कमजोर होने लगते हैं जिससे बालों के झड़ने की समस्या शुरू हो जाती है। इस समस्या के समाधान के लिए ही हमने Iron Santulan टैबलेट्स को तैयार किया है जोकि पूरी तरह से प्राकृतिक है और बिना कोई साइड इफेक्ट डाले एनीमिया की वजह से बाल झड़ने की समस्या को रोकने में कारगर है। इसमें त्रिकटु, नवायसा लौह और मंडूर वाटक की शक्तियां हैं जो आयरन की कमी को पूरा करके झड़ते बालों की समस्या का समाधान करती हैं।


2. त्वचा का पीलापन (Pale skin)

महिलाओं में एनीमिया का एक प्रमुख लक्षण त्वचा का पीलापन भी है। एनीमिया से पीड़ित महिलाओं की ऊपरी त्वचा पीली पड़ने लगती है और शरीर की प्राकृतिक रंगत खराब हो जाती है। दोबारा से यहां लाल रक्त कोशिकाएं और हीमोग्लोबिन ही जिम्मेदार होते हैं। जैसा कि आपने पहले ही जाना, लाल रक्त कोशिकाओं में हीमोग्लोबिन नामक प्रोटीन होता है, जिसमें आयरन होता है। हीमोग्लोबिन फेफड़ों में ऑक्सीजन को बांधता है और इसे पूरे शरीर में ऊतकों तक पहुंचाता है।

एनीमिया में लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या या उनमें कार्यात्मक हीमोग्लोबिन की मात्रा में कमी होती है। इससे त्वचा को मिलने वाली ऑक्सीजन की मात्रा में कमी आती है। हमारी त्वचा हल्की गुलाबी या लाल इसलिए ही दिखाई देती है क्योंकि oxygenated blood हमारी त्वचा की सतह पर मौजूद छोटी रक्त वाहिकाओं में  बहती है। ऐसे में अगर एनीमिया की वजह से oxygenated blood की कमी हो जाए तो त्वचा की रंगत खराब हो सकती है।


3. अत्यधिक थकान और कमजोरी (Extreme fatigue and weakness)

महिलाओं में एनीमिया का सबसे प्रमुख लक्षण होता है अत्यधिक थकान और कमजोरी का। जो महिलाएं एनीमिया यानि रक्त में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी से जूझ रही हैं उन्हें अत्यधिक कमजोरी की समस्या होती है और वे अक्सर थकान महसूस करती हैं। यहां तक कि रात भर अच्छी नींद लेने के बावजूद एनीमिया की वजह से थकान महसूस हो सकती है। परंतु ऐसा होता क्यों है? एनीमिया में अत्यधिक थकान और कमजोरी क्यों होती है?

दरअसल हमारे रक्त में मौजूद लाल रक्त कोशिकाएं जिसमें हीमोग्लोबिन भी मौजूद होता है, शरीर के सभी भागों तक ऑक्सीजन के साथ ही जरूरी पोषक तत्वों की डिलीवरी सुनिश्चित करता है। एनीमिया में लाल रक्त कोशिकाएँ कम हो जाती हैं या उनमें हीमोग्लोबिन ख़राब हो जाता है। इससे आपकी मांसपेशियों और अंगों तक ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है। ऑक्सीजन ही शरीर में एनर्जी के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और इसलिए इसकी कमी होने पर अत्यधिक थकान और कमजोरी का अनुभव होता है।


4. सिर दर्द होना (Headache)

सिर दर्द होना महिलाओं में आयरन की कमी का एक प्रमुख लक्षण है। जब आपके रक्त में लाल रक्त कोशिकाओं और हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है तो आपके दिमाग के ऊतकों तक ऑक्सीजन डिलीवरी बाधित हो जाती है। ऐसे में आपके दिमाग में मौजूद रक्त वाहिकाएं (blood vessels) खुद को चौड़ा करने की कोशिश करेंगी ताकि ज्यादा से ज्यादा रक्त संचार हो और ऑक्सीजन की मात्रा बढ़े। नसों के चौड़ा होने की कोशिश की वजह से दिमाग में मौजूद अन्य ऊतकों पर दबाव पड़ सकता है जिससे सिर दर्द होना शुरू हो सकता है।

इसके अलावा आयरन की कमी होने पर सिर दर्द होने का एक अन्य कारण भी है। दरअसल आयरन शरीर में serotonin के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जोकि एक न्यूरोट्रांसमीटर है जो दर्द और मूड को रेग्यूलेट करने का कार्य करता है। आयरन के स्तर में कमी से सेरोटोनिन के स्तर में परिवर्तन हो सकता है, जिससे कुछ व्यक्तियों में सिरदर्द, विशेषकर माइग्रेन, के प्रति संवेदनशीलता बढ़ सकती है।


5. सांस लेने में तकलीफ (Feeling short of breath)

महिलाओं में आयरन की भारी कमी होने पर सांस लेने में दिक्कत होने के लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं जिसे dyspnea भी कहा जाता है। आयरन की कमी होने पर एनीमिया की समस्या हो जाती है जिसमें रक्त में लाल रक्त कोशिकाओं और हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है। इसकी वजह से शरीर के साथ साथ मांशपेशियों में ऑक्सीजन डिलीवरी बाधित हो जाती है। ऑक्सीजन सेलुलर श्वसन के लिए महत्वपूर्ण है, यह वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा आपकी कोशिकाएँ ग्लूकोज (चीनी) को ऊर्जा में परिवर्तित करती हैं। जब आपकी मांसपेशियों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती है, तो उन्हें पर्याप्त ऊर्जा बनाने में कठिनाई होती है।

जैसे-जैसे आपका शरीर ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी की भरपाई करने की कोशिश करता है, आपके रक्तप्रवाह में अधिक ऑक्सीजन पहुँचाने के प्रयास में आपकी सांस लेने की दर और हृदय गति बढ़ सकती है। खासतौर पर आप सांस लेने में दिक्कतों का सामना एनीमिया की समस्या में तब करेंगी जब आप कोई एक्टिविटी जैसे दौड़ना, चलना, सीढियां चढ़ना, एक्सरसाइज आदि करेंगी।


6. हाथ पैर ठंडे पड़ना (Cold hands and feet)

महिलाओं में आयरन की कमी होने पर हाथ पांव ठंडे होने की समस्या भी अवतरित हो सकती है। आयरन की कमी होने पर लाल रक्त कोशिकाएं और हीमोग्लोबिन में कमी आ जाती है जिसकी वजह से आपके शरीर में ऑक्सीजन डिलीवरी की मात्रा काफी तेजी से घट जाती है। ऑक्सीजन कोशिकीय श्वसन के लिए महत्वपूर्ण है, यह वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा कोशिकाएं ग्लूकोज (चीनी) को ऊर्जा में परिवर्तित करती हैं। जब ऊतकों, विशेष रूप से मांसपेशियों को आयरन की कमी के कारण पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती है, तो उनकी एनर्जी उत्पादन की क्षमता घट जाती है।

ऐसे में ऊर्जा की कमी की भरपाई के लिए शरीर में मुख्य शारीरिक तापमान बनाए रखने की कोशिश करता है ताकि शरीर के सभी कार्य सुचारू रूप से हो सकें। लेकिन इसके लिए शरीर को दो अहम प्रक्रिया से गुजरना होता है। सबसे पहले हाथ पांव की रक्त वाहिकाएं सिकुड़ने लगती हैं जिससे रक्त संचार काफी घट जाता है। इससे गर्म खून की पहुंच हाथ पांव तक कम हो जाता है जिससे अंग ठंडे महसूस होने लगते हैं। 


7. चक्कर आना (Dizziness)

महिलाओं में आयरन की कमी के लक्षण में चक्कर आना भी शामिल है। जो महिलाएं शरीर में आयरन की कमी से जूझ रही हैं उन्हें अक्सर चक्कर आने की शिकायत रहती है। आयरन की कमी होने पर स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाओं की शरीर में कमी हो जाती है और साथ ही हीमोग्लोबिन की मात्रा भी घट जाती है। लाल रक्त कोशिकाओं और हीमोग्लोबिन की कमी होने पर दिमाग में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन डिलीवरी नहीं हो पाती है। 

दिमाग तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन न पहुंच पाने की वजह से दिमाग की कार्यक्षमता में कमजोरी आ सकती है जिससे चक्कर आना स्वाभाविक है। इसके अलावा आयरन की कमी से blood pressure में उतार चढ़ाव भी हो सकता है। जब आप देर तक लेटे या बैठे रहते हैं और अचानक खड़े होते हैं तो शरीर को तुरंत दिमाग तक पर्याप्त मात्रा में रक्त प्रवाह बढ़ाना होता है। लेकिन आयरन की कमी में दिमाग तक रक्त प्रवाह सुचारू रूप से कार्य नहीं कर पाता जिससे चक्कर आ सकता है।


8. सोचने समझने की क्षमता प्रभावित होना (Affected ability to think and understand)

आयरन की कमी से जूझ रही महिलाओं में मानसिक स्वास्थ्य भी खराब होने की संभावना अत्यधिक होती है। खासतौर पर जिन महिलाओं के रक्त में आयरन की कमी हो जाती है, उन्हें सोचने समझने, एकाग्रता आदि में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इससे भूलने की बीमारी, चक्कर आना और बेहोशी भी हो सकती है। अन्य लक्षणों में भ्रम, याददाश्त संबंधी समस्याएं और मानसिक स्पष्टता की कमी शामिल है। 

जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया, जब आपके शरीर में आयरन की कमी हो जाती है तो इसका सीधा सा अर्थ यही होता है कि आपके रक्त में लाल रक्त कोशिकाओं और हीमोग्लोबिन की कमी हो गई है। लाल रक्त कोशिकाएं और हीमोग्लोबिन ही मस्तिष्क तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की डिलीवरी सुनिश्चित करती हैं। हमारा मस्तिष्क ऑक्सीजन की ही मदद से ऑक्सीजन प्रोडक्शन की प्रक्रिया को बेहतर करता है। ऐसे में जब आयरन की कमी के कारण मस्तिष्क को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती है, तो इसका समग्र कार्य बाधित हो सकता है। इससे उन कार्यों में कठिनाई हो सकती है जिनमें ध्यान, स्मृति और स्पष्ट सोच की आवश्यकता होती है। 


9. नाखूनों का कमजोर होना (Weakness in nails)

एनीमिया की कमी होने पर आपके नाखून कमजोर और अत्यधिक कोमल हो सकते हैं। आपको पता होना चाहिए कि Keratin के सही उत्पादन के लिए आयरन की पर्याप्त मात्रा आवश्यक होती है। केराटिन वही प्रोटीन है जो बालों, नाखून और त्वचा के प्रमुख संरचनात्मक कंपोनेंट्स को तैयार करता है। जब आपके शरीर में आयरन की कमी होती है, तो केराटिन उत्पादन के लिए कम आयरन उपलब्ध होता है। इससे नाखून कमज़ोर और अधिक भंगुर हो सकते हैं, जो टूटने, फटने या चम्मच के आकार के होने की संभावना रखते हैं।

इसके अलावा महिलाओं के शरीर में आयरन की कमी होने पर नाखूनों का विकास भी रुक सकता है। नाखून महिलाओं के लिए एक सौंदर्य के विषय भी होते हैं, ऐसे में इनका स्वस्थ और मजबूत रहना बेहद आवश्यक है। 


10. अखाद्य पदार्थों को खाने की इच्छा जगना (Strong desire to eat inedible things)

महिलाओं में आयरन की कमी का लक्षण अखाद्य पदार्थों को खाने की इच्छा में वृद्धि भी हो सकता है। जिन महिलाओं के शरीर में आयरन की कमी हो जाती है, उन्हें ऐसे खाद्य पदार्थ खाने का मन करता है जो आमतौर पर खाने योग्य नहीं होते हैं। खासतौर पर बर्फ, धूल, मिट्टी और चॉक खाने की इच्छा का जन्म एनीमिया से पीड़ित महिलाओं में हो सकता है। लेकिन आपने कभी सोचा है कि ऐसा भला क्यों होता है? आइए समझते हैं।

दरअसल जब हमारे शरीर में आयरन की कमी हो जाती है तो पोषण असंतुलन की समस्या जागृत हो जाती है। इसकी वजह से हमारे दिमाग को ऐसे भोज्य पदार्थों को खाने के सिग्नल जा सकते हैं जो वाकई में आयरन की कमी पूरी नहीं कर सकते हैं। इसके अलावा आयरन की कमी होने पर sensory organs का कार्य बिगड़ जाता है और इसलिए उन्हें नए अनुभव पाने की ओर धकेलता है। हालांकि आयरन की कमी पर बर्फ, चॉक, मिट्टी, धूल आदि खाने की इच्छा क्यों जागृत होती है, इसपर अधिक अनुसंधान किए जाने की आवश्कता है।


आयरन की कमी से रोग (Iron ki kami se kya hota hai)

शरीर में आयरन की कमी से एनीमिया रोग हो सकता है। जब आपके शरीर में आयरन की भारी कमी हो जाती है तो एनीमिया रोग का जोखिम काफी हद तक बढ़ जाता है। एनीमिया एक ऐसी स्तिथि है जिसमें रक्त में लाल रक्त कोशिकाओं और हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है जिससे शरीर के सभी अंगों तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की डिलीवरी बाधित हो जाती है। 

इसके अलावा, आयरन की कमी होने पर बच्चों में विकास रुक सकता है। खासतौर पर जो बच्चे विकास अवधि में होते हैं, उनमें आयरन की कमी होने पर शारीरिक और मानसिक विकास में बाधा पड़ सकती है। इसके अलावा, आयरन की कमी होने पर हृदय रोगों का खतरा भी बढ़ जाता है। इसकी कमी हमारे इम्यून सिस्टम को भी कमजोर कर सकती है जिससे इन्फेक्शन होने की संभावना कई गुना तक बढ़ जाती है। साथ ही इन्फेक्शन को ठीक होने में भी काफी समय लग सकता है।


शरीर में आयरन की कमी कैसे पूरी करें (How to overcome iron deficiency)

शरीर में आयरन की कमी पूरी करने के कई रास्ते हैं। खासतौर पर आयरन युक्त आहार का सेवन करना, विटामिन सी से भरपुर आहार खाना, कुछ आहारों के सेवन से परहेज करना, आयरन सप्लीमेंट्स लेना, लोहे के बर्तन में खाना पकाना शरीर में आयरन की कमी को पूरा कर सकता है। आइए विस्तार से जानते हैं कि शरीर में आयरन की कमी कैसे पूरी करें और महिलाओं में आयरन की कमी का लक्षण कैसे दूर किया जा सकता है।


1. आयरन युक्त आहार का सेवन करना (Consuming iron-rich foods)

आयरन की कमी को पूरा करने के लिए आपको ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन अधिकाधिक करना चाहिए जिनमें प्रचुर मात्रा में आयरन मौजूद हो। आयरन भी दो प्रकार के होते हैं: Heme Iron और Non Heme Iron। हेम आयरन आसानी से शरीर में  अवशोषित हो जाते हैं जबकि नॉन हेम आयरन नहीं। हेम आयरन में आप लाल मांस, अंग मांस (यकृत, गुर्दा), मुर्गी, और मछली का सेवन कर सकते हैं।

तो वहीं बात करें नॉन हेम आयरन की तो इसके लिए हम आपको बीन्स, दाल, मटर, फोर्टिफाइड अनाज, गहरे पत्ते वाली सब्जियाँ (पालक, केल) और टोफू के सेवन की सलाह देते हैं। इन खाद्य पदार्थों के नियमित सेवन से शरीर में आयरन की कमी को आसानी से पूरा किया जा सकता है।


2. विटामिन सी युक्त आहार का सेवन करें (Eat more vitamin C-rich foods)

आयरन की कमी से जूझ रही महिलाओं को विटामिन सी युक्त आहार का सेवन भी करना चाहिए। लेकिन ऐसा क्यों? भला विटामिन सी के सेवन से आयरन का क्या लेना देना? दरअसल आयरन की कमी पर विटामिन सी से युक्त आहार के सेवन की सलाह इसलिए दी जाती है क्योंकि विटामिन सी आयरन के अवशोषण में मदद करता है।

यानि आप कितना भी आयरन युक्त आहार का सेवन कर लें, जबतक शरीर में वह सही ढंग से अवशोषित नहीं होगा तबतक कोई भी फायदा नहीं मिलने वाला है। इसलिए आपको विटामिन सी से युक्त आहार जैसे फल (संतरे, अंगूर), टमाटर, शिमला मिर्च और ब्रोकोली का सीन अधिकाधिक करना चाहिए। 


3. आयरन सप्लीमेंट्स लें (Take iron supplements as advised by your doctor)

अगर आपके शरीर में आयरन की अत्यधिक कमी हो गई है तो आपको डॉक्टर की सलाह के पश्चात आयरन सप्लीमेंट्स का सेवन करना शुरू कर देना चाहिए। आयरन सप्लीमेंट्स आयरन से भरपूर होते हैं और शरीर में इसकी कमी को पूरी करते हैं। डॉक्टर की सलाह पर ही इसका सेवन करना चाहिए ताकि किसी भी साइड इफेक्ट्स से बचा जा सके। 

साथ ही, मार्केट में कई प्रकार के आयरन सप्लीमेंट्स मौजूद होते हैं इसलिए सही आयरन सप्लीमेंट के सेवन की सलाह भी किसी योग्य चिकित्सक से ही लें। आमतौर पर अवशोषण को अधिकतम करने के लिए आयरन की खुराक को खाली पेट एक गिलास पानी के साथ लेने की सलाह दी जाती है।


4. लोहे के बर्तनों में भोजन पकाएं (Cook food in iron pot)

आज से कुछ वर्षों पहले खासतौर पर भारतीय घरों में सिर्फ और सिर्फ लोहे के बर्तनों में ही भोजन को पकाया जाता था। इससे लोगों को प्रचुर मात्रा में आयरन की प्राप्ति हो जाती थी। लेकिन वर्तमान में कई कारणों से अब लोग लोहे के बर्तनों में भोजन पकाना बंद कर चुके हैं। लेकिन हम सलाह देते हैं कि जो व्यक्ति शरीर में आयरन की कमी से जूझ रहा है, उसे लोहे के बर्तन में ही पका हुआ भोजन का सेवन करना चाहिए।

जब आप कच्चे लोहे के बर्तन में अम्लीय खाद्य पदार्थ पकाते हैं, तो बर्तन से थोड़ी मात्रा में आयरन भोजन में चला जाता है। यह आपके आहार में आयरन की मात्रा बढ़ाने का एक लाभदायक तरीका हो सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो आयरन की कमी से परेशान हैं। खासतौर पर टमाटर, सिरका और खट्टे फल को लोहे के बर्तन में पकाने से अधिक मात्रा में आयरन भोजन में शामिल हो जाता है। साथ ही देर तक पकाना भी आयरन के भोजन में शामिल होने को बढ़ावा देने का एक बढ़िया तरीका है।


महिलाओं के शरीर में आयरन कितना होना चाहिए (Ideal amount of iron in a healthy body)

महिलाओं के शरीर में अलग अलग वक्त में आयरन की आदर्श मात्रा अलग अलग होनी चाहिए। एक व्यस्क महिला के शरीर में जिसकी उम्र 19 से 50 के बीच में है, आयरन की मात्रा 18 मिलीग्राम होनी चाहिए। तो वहीं गर्भवती महिलाओं में आयरन की आवश्यकता अधिक होती है इसलिए उनके शरीर में इसकी मात्रा 27 मिलीग्राम होनी चाहिए।

नीचे दिए टेबल में हमने महिला/लड़की/शिशु के अलग अलग उम्र और पड़ाव के आधार में आयरन की मात्रा कितनी होनी चाहिए की जानकारी जोड़ी है। 


अवस्था

अनुशंसित दैनिक मात्रा (मिलीग्राम)

जन्म से 6 महीने तक

0.27

शिशु 7–12 महीने

11

बच्चे 1–3 साल

7

बच्चे 4–8 साल

10

बच्चे 9–13 साल

8

वयस्क महिलाएं 19–50 वर्ष

18

वयस्क महिलाएं 51 वर्ष और उससे अधिक

8



आयरन की कमी का पता कैसे चलता है (How to diagnose iron deficiency)

हमने ऊपर आपको विस्तार से बताया कि महिलाओं में आयरन की कमी के लक्षण कौन कौन से हैं। उन लक्षणों के आधार बेशक आप जान सकते हैं कि आपको एनीमिया है या नहीं लेकिन फिर भी शंका बनी ही रहती है। उदाहरण के तौर तेजी से बालों का झड़ना कई कारणों से हो सकता है, चक्कर या सिर दर्द के अन्य कारण भी हो सकते हैं। 

इसलिए सिर्फ आयरन की कमी के लक्षण के आधार पर सीधे एनीमिया मान लेना एक आदर्श तरीका नहीं है। इसलिए अगर लक्षण दिखाई देने लगें तो जांच करवाने की सलाह दी जाती है। डॉक्टर एक से अधिक जांच के माध्यम से पता लगा सकते हैं कि आपके शरीर में वाकई आयरन की कमी है या नहीं। आइए संक्षेप में उन टेस्ट के बारे में जानते हैं।


1. सीबीसी टेस्ट (Complete blood count test)

सीबीसी टेस्ट यानि कंप्लीट ब्लड काउंट टेस्ट की मदद से पता लगाया जा सकता है कि आयरन की कमी कितनी है। इस टेस्ट में खून की जांच की जाती है। खून की जांच में हीमोग्लोबिन के स्तर की सबसे पहले जांच की जाती है। अगर हीमोग्लोबिन कम है तो इसका अर्थ है कि आयरन की मात्रा कम है। 

साथ ही इसी टेस्ट में लाल रक्त कोशिकाओं के आकार को भी मापा जाता है। अगर लाल रक्त कोशिकाओं का आकर सामान्य से कम है तो हो सकता है कि शरीर में आयरन की कमी हो। हालांकि यह सीधे तौर पर इसकी कमी तो नहीं इंडिकेट करता लेकिन अनुमान लगाया जा सकता है।


2. सीरम फेरिटिन (Serum Ferritin)

सीबीसी टेस्ट के पश्चात सीरम फेरिटीन एक दूसरा टेस्ट है जिसकी मदद से पता लगाया जा सकता है कि शरीर में आयरन की कमी है या नहीं। यह परीक्षण आपके रक्त में संग्रहीत फेरिटिन की मात्रा को मापता है। फेरिटिन एक प्रोटीन है जो लोहे से बंधता है और शरीर के मुख्य लोहे के भंडारण के रूप में कार्य करता है। अगर इसकी कमी आपके शरीर में है तो अवश्य ही आयरन भी कम ही होगा।

इस तरह इन दोनों ही टेस्ट के माध्यम से डॉक्टर आपके शरीर में आयरन की कमी की सत्यता की जांच कर सकते हैं। साथ ही महिलाओं में आयरन की कमी के लक्षण के आधार पर भी डॉक्टर यह पता लगा सकते हैं कि इस पोषक तत्व की कमी है या नहीं। कुछ परिस्थितियों में डॉक्टर आयरन की कमी की जांच करने के लिए Iron Blood Test, Transferrin Saturation और Bone Marrow Aspiration करवाने की सलाह भी दे सकते हैं।


निष्कर्ष (Conclusion)

महिलाओं में आयरन की कमी के लक्षण कई होते हैं। इसमें त्वचा का पीला पड़ना, हाथ पैर ठंडे पड़ना, सिर दर्द और चक्कर आना, सोचने समझने की क्षमता नकारात्मक रूप से प्रभावित होना, सांस लेने में तकलीफ होना, नाखूनों का भंगूर होना, तेजी से बालों का झड़ना आदि शामिल हैं। हालांकि लक्षणों के आधार पर एनीमिया या आयरन की कमी के निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले आपको आवश्यक टेस्ट योग्य डॉक्टर से करवाना चाहिए।

अगर आपके शरीर में वाकई आयरन की कमी हुई तो डॉक्टर आपको आयरन युक्त आहार का सेवन करने, विटामिन से से भरपुर फल खाने, लोहे के बर्तन में खाना पकाने की सलाह दे सकते हैं। साथ ही डॉक्टर की सलाह के पश्चात ही आयरन सप्लीमेंट्स भी लिए जा सकते हैं। 


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (Frequently Asked Questions)


1. आयरन की कमी से महिलाओं में क्या होता है?

आयरन की कमी से महिलाओं में सिर दर्द और चक्कर आना, हाथ पांव ठंडे पड़ना, त्वचा पीली पड़ना, सोचने समझने में दिक्कतों का सामना करना, अत्यधिक थकान और कमजोरी, सांस लेने में तकलीफ, नाखूनों का कमजोर होना, तेजी से बालों का झड़ना जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं।


2. कैसे पता चलेगा कि आयरन की कमी है?

डॉक्टर कई टेस्ट के आधार पर पता लगा सकते हैं कि आपके शरीर में आयरन की कमी है या नहीं। खासतौर पर इसकी कमी की जांच करने के लिए डॉक्टर सीबीसी टेस्ट, सीरम फेरिटिन, आयरन ब्लड टेस्ट, ट्रांसफरिन सैचुरेशन और बोन मैरो एस्पिरेशन जैसे टेस्ट करवाने की सलाह दे सकते हैं।


3. महिलाओं में आयरन कैसे बढ़ाएं?

महिलाओं में आयरन बढ़ाने के कई तरीके हैं। इसके लिए महिलाओं को अधिकाधिक मात्रा में आयरन युक्त आहार जैसे लीन मीट, पोल्ट्री, मछली, बीन्स, दाल, टोफू, पालक और फोर्टिफाइड अनाज का सेवन करना चाहिए। साथ ही आयरन के सही अवशोषण के लिए अधिकाधिक मात्रा में विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन की सलाह भी दी जाती है।


4. पीरियड होने पर क्या आपका आयरन कम होता है?

पीरियड होने पर भी आयरन में कमी आ सकती है, खासकर कि अगर पीरियड में ब्लड लॉस अत्यधिक मात्रा में हुआ हो। ऐसे में आपको अधिकाधिक आयरन से युक्त आहार का सेवन करना चाहिए।


References

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Dr. Shailendra Chaubey, BAMS

Ayurveda Practioner

A modern-day Vaidya with 11 years of experience. He is the founder of Dr. Shailendra Healing School that helps patients recover from chronic conditions through the Ayurvedic way of life.

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