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CBC Test in Hindi | सीबीसी टेस्ट क्या है


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अगर आप अपने स्वास्थ्य को लेकर सचेत हैं तो समय समय पर आपको CBC Test अवश्य कराना चाहिए। सीबीसी टेस्ट यानि Complete Blood Count टेस्ट एक कॉमन ब्लड टेस्ट है जो आपके खून की जांच करता है ताकि पता चल सके कि आप कितने स्वस्थ हैं। इस टेस्ट के माध्यम से आपके रक्त में White Blood Cells, Red Blood Cells और Platelets की संख्या पता लगाई जाती है। इस टेस्ट को कराने के पीछे कई कारण होते हैं।

उदाहरण के तौर पर कुछ लोग इसे routine health checkup के तौर पर करवाते हैं ताकि पता चल सके कि उनका समग्र स्वास्थ्य बेहतर है या नहीं! तो वहीं कोई बीमारी होने पर डॉक्टर भी इस टेस्ट को देने की सलाह देते हैं। खासतौर पर anemia, infection, inflammation, और कुछ cancers के मामलों में डॉक्टर इस टेस्ट को करवाने की सलाह देते हैं। यह ब्लॉग इसी टेस्ट से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी आपको देगा और हम संबंधित सभी प्रश्नों जैसे सीबीसी टेस्ट रिपोर्ट कैसे पढ़ें, कितना खर्च आता है जैसे प्रश्नों का भी उत्तर देंगे।


सीबीसी टेस्ट क्या होता है (What is CBC test)

सीबीसी टेस्ट जिसे Complete Blood Count टेस्ट भी कहा जाता है आपके रक्त के विभिन्न घटकों का विश्लेषण करता है। इस टेस्ट से आपके शरीर में सफेद रक्त कोशिकाओं, लाल रक्त कोशिकाओं और प्लेटलेट्स की संख्या और स्तर का पता लगाया जाता है। साथ ही यह टेस्ट आपके खून में हीमोग्लोबिन की मात्रा की भी जांच करता है। 

इस टेस्ट को करवाने का मुख्य उद्देश्य समग्र स्वास्थ्य को ट्रैक करना है। आपको कोई बीमारी तो नहीं, अगर बीमारी है तो उसका खतरा कितना है, बीमारी का इलाज कितना सफल हुआ जैसे कई कारणों की वजह से यह टेस्ट कराया जाता है। एनीमिया, कैंसर, इन्फेक्शन जैसी समस्याओं में खासतौर पर इस टेस्ट की सलाह दी जाती है।


सीबीसी टेस्ट में क्या होता है (What is tested in CBC test)

CBC Test करने के पीछे उद्देश्य यह होता है कि आपके रक्त में सफेद और लाल रक्त कोशिकाएं कितनी हैं, प्लेटलेट्स की संख्या कितनी है, हिमोग्लोबिन की मात्रा कितनी है, हेमटोक्रिट क्या है। तो आइए इन सभी के बारे में विस्तार से समझते हैं।


1. लाल रक्त कोशिकाएं (Red Blood Cells)

सीबीसी टेस्ट की मदद से सबसे पहले तो यह पता लगाया जाता है कि आपके शरीर में लाल रक्त कोशिकाएं कितनी हैं और उनका आकार क्या है। लाल रक्त कोशिकाएं ही शरीर में खून का निर्माण करती हैं और साथ ही शरीर के हर भाग में ऑक्सीजन और अन्य जरूरी पोषक तत्वों को पहुंचाती हैं। ऐसे में इनका शरीर में पर्याप्त मात्रा में रहना काफी आवश्यक होता है। इसकी कमी होने पर शरीर के सभी कार्य क्षमताएं खराब हो सकती हैं।

लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या और आकार हर व्यक्ति में अलग अलग होता है। महिलाओं, पुरुषों और बच्चों में इसकी मात्रा और आकार अलग अलग होती है। पुरुषों में जहां इसकी मात्रा 4.7 से 6.1 मिलियन सेल प्रति माइक्रोलीटर (एमसीएल) होनी चाहिए तो वहीं महिलाओं में यह 4.2 से 5.4 मिलियन सेल/एमसीएल होना चाहिए। इसके अलावा, एक स्वस्थ व्यक्ति में red blood cells का आकार 80 से 95 फेमटोलीटर (एफएल) होना चाहिए।


2. सफेद रक्त कोशिकाएं (White Blood Cells)

सीबीसी टेस्ट की मदद से रक्त में सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या भी पता लगाई जाती है। यह टेस्ट पता करता है कि सामान्य से आपके रक्त में लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या कितनी ज्यादा या कम हैं। सफेद रक्त कोशिकाओं का सामान्य स्तर होना हमारे समग्र स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी होता है। सफेद रक्त कोशिकाएं हमारे शरीर के इम्यून सिस्टम का भाग होती हैं और इन्फेक्शन व बीमारियों से लड़ने में मदद करती हैं।

सफेद रक्त कोशिकाओं का कार्य है हमारे शरीर में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म करना, बैक्टीरिया और वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी तैयार करना, बीमारियों से लड़ना और बैक्टीरियल, वायरल, फंगल और परजीवी संक्रमण से बचाव करना। खून में सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या 4,500 से 11,000 सेल प्रति माइक्रोलीटर (एमसीएल) होना चाहिए।


3. प्लेटलेट्स (Platelets)

आपने अक्सर सुना होगा कि प्लेटलेट्स काउंट कम होने से लोगों की मौत हो जाती है या उन्हें कई बड़ी बीमारियां घेर लेती हैं। लेकिन आखिर ये प्लेटलेट्स होते क्या हैं और इनका सामान्य स्तर होना आवश्यक क्यों है? प्लेटलेट्स, जिन्हें थ्रोम्बोसाइट्स भी कहा जाता है, छोटे, रंगहीन कोशिका टुकड़े होते हैं जो रक्त में घूमते हैं और रक्तस्राव को रोकने में मदद करते हैं।

प्लेटलेट्स ही शरीर से अधिक खून निकलने से रोकते हैं। एक्सीडेंट्स होने पर शरीर में प्लेटलेट्स की मात्रा कम हो जाती है जिससे bleeding बढ़ जाती है। लेकिन छोटे मोटे चोटों में घाव जल्दी भरता है और खून भी जल्दी रुक जाता है। यह सब कुछ प्लेटलेट्स की मौजूदगी की ही वजह से संभव हो पाता है। शरीर में प्लेटलेट्स की मात्रा 150,000 से 450,000 प्रति माइक्रोलीटर रक्त के बीच होनी चाहिए। 


4. हिमोग्लोबिन (Hemoglobin)

आपके शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा कितनी है, यह भी CBC test की ही मदद से पता चलता है। हिमोग्लोबिन हमारे शरीर के लिए एक बेहद ही महत्वपूर्ण तत्व है क्योंकि इनकी ही मदद से खून में लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण होता है जिससे पूरे शरीर को ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की पूर्ति हो पाती है। इसके अलावा यही हमारे खून को लाल बनाने में भी जिम्मेदार होता है।

हीमोग्लोबिन चार ऑक्सीजन अणुओं को बांध सकता है और परिवहन कर सकता है, जो अकेले रक्त प्लाज्मा में घुली ऑक्सीजन की तुलना में कुल रक्त ऑक्सीजन क्षमता को सत्तर गुना बढ़ा देता है। इसकी कमी होने पर शरीर की त्वचा पीली पड़ सकती है, त्वचा रोग हो सकते हैं, हृदय रोगों का जोखिम बढ़ सकता है आदि। एक स्वास्थ्य व्यक्ति में हीमोग्लोबिन की मात्रा प्रति 100 मिलीलीटर रक्त में 12-20 ग्राम होनी चाहिए।


5. हेमाटोक्रिट (Hematocrit)

आज से पहले आपने शायद कभी भी हेमाटोक्रिट के बारे में नहीं सुना होगा। दरअसल हेमाटोक्रिट मुख्य रूप से आपको बताता है कि आपका कितना रक्त लाल रक्त कोशिकाओं से बना है, जो आपके पूरे शरीर में ऑक्सीजन ले जाने के लिए महत्वपूर्ण हैं। आमतौर पर CBC Blood Test में इसे भी शामिल किया जाता है ताकि पता चल सके कि आपके रक्त में red blood cells कितना है। 

इससे यह फायदा होता है कि अगर रक्त में लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या अधिक है तो टिशूज तक ज्यादा मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचेगा। इसे सिर्फ प्रतिशत में ही कैलकुलेट किया जाता है। पुरुषों में इसका रेंज 41% से 50% होना चाहिए तो वहीं महिलाओं में इसका रेंज 36% से 48% होना चाहिए। 


सीबीसी टेस्ट और बालों का विकास (Relationship between CBC test and hair growth)

सीबीसी टेस्ट और बालों का झड़ना या बालों के विकास में सीधा संबंध है। सीबीसी टेस्ट यह भी पता लगा सकता है कि आपके बालों के झड़ने का मुख्य कारण क्या है। हालांकि हम Hair Test को सबसे बेहतर मानते हैं क्योंकि यह एक दो नहीं बल्कि 20 से भी अधिक बाल झड़ने के कारणों का विश्लेषण करता है और आपके बाल झड़ने की समस्या का सही कारण पता लगाकर  सही उपचार भी देता है। 


1. रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा 

एनीमिया बाल झड़ने का एक बड़ा कारण है। एनीमिया यानि रक्त में हीमोग्लोबिन की कमी से बाल झड़ने के हजारों मामले देखने को मिलते हैं। दरअसल हीमोग्लोबिन ही लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करता है जिससे हमारे शरीर के सभी अंगों तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की पहुंच संभव हो पाती है। ऐसे में यह टेस्ट देकर आप पता लगा सकते हैं कि आपके शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा कितनी है और क्या यही आपके बाल झड़ने का कारण तो नहीं।


2. आयरन की कमी और बाल झड़ना 

अगर आपके शरीर में आयरन की कमी हो जाए तो भी तेजी से बाल झड़ना शुरू हो सकता है। आयरन ही लाल रक्त कोशिकाओं और हेकोग्लोबिन के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यदि आपको आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया है, तो आपके शरीर में पर्याप्त हीमोग्लोबिन का उत्पादन करने के लिए पर्याप्त आयरन नहीं है। इससे आपके बालों के रोमों में ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो सकती है, जो संभावित रूप से बाल झड़ने का कारण बन सकती है।

अगर CBC Test कराने के पश्चात रिपोर्ट में आप देखते हैं कि आपके शरीर में हीमोग्लोबिन या लाल रक्त कोशिकाओं की कमी है तो बाल झड़ने का यह एक प्रमुख कारण हो सकता है। इस परिस्थिति में आप हमारे हेयर कोच से बात कर सकते हैं और एनीमिया की समस्या की वजह से बाल झड़ने की समस्या का समाधान पा सकते हैं। इसके लिए हम आपको पहले Hair Test देने की सलाह देंगे, इस टेस्ट के माध्यम से आपके बालों के झड़ने के सभी कारणों का पता लगाया जा सकता है जिससे उपचार आसान हो जाता है। यह एक फ्री टेस्ट है, घर बैठे स्मार्टफोन की मदद से आसानी से दिया जा सकता है।


सीबीसी टेस्ट के फायदे क्या हैं (Benefits of CBC test in Hindi)

अगर आप Cbc Blood Test In Hindi करवाना चाहते हैं तो उससे पहले इसके ढेरों फायदे समझ लीजिए। जब आप सीबीसी टेस्ट करवाते हैं तो इसका सबसे बड़ा फायदा तो यह होता है कि भविष्य में होने वाली बीमारियों को डॉक्टर पहले ही पकड़ लेते हैं जिससे आप सुरक्षित हो जाते हैं। आइए इसके सभी फायदों को देखते हैं।


1. बीमारियां पहले ही पकड़ में आ जाती हैं

सीबीसी टेस्ट करवाने का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि ज्यादातर बड़ी बीमारियां पहले ही पकड़ में आ जाती हैं। खासतौर पर एनीमिया, संक्रमण, सूजन, या यहां तक कि कुछ कैंसर भी इस टेस्ट के माध्यम से पकड़ में आ जाते हैं। इससे समय रहते ही आप इलाज करवा पाते हैं और अपने साथ साथ अपने परिवार का भी भविष्य सुरक्षित करते हैं। इसलिए हम आपको सलाह देते हैं कि एक साल में कम से कम आपको दो बार complete blood count test जरूर करवाना चाहिए।


2. अपने स्वास्थ्य की निगरानी करना आसान हो जाता है

CBC Test समय समय पर करवाने का एक दूसरा बड़ा फायदा यह होता है कि स्वास्थ्य की निगरानी आसान हो जाती है। खासतौर पर अगर आप किसी बीमारी से जूझ रहे हैं जैसे एनीमिया या ल्यूकेमिया तो इस टेस्ट से आप पता लगा सकते हैं कि बीमारी का उपचार कितना सफल हो रहा है। इससे डॉक्टर भी दवाओं का प्लान एडजस्ट कर सकते हैं।


3. अन्य टेस्ट्स कराने में मदद मिलती है

कई बार ऐसा होता है कि सीबीसी टेस्ट करवाने पर परिणाम डरावने होते हैं और कुछ बड़ी बीमारियों की ओर संकेत देते हैं। उदाहरण के तौर पर मान लीजिए कि आपने CBC Test कराया और इस टेस्ट से आपको पता चलता है कि आपके रक्त में सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या बढ़ गई है। इससे इन्फेक्शन, सूजन और कुछ कैंसर होने का जोखिम बढ़ जाता है। ऐसे में डॉक्टर तुरंग आपको Urinalysis जैसे टेस्ट्स कराने की सलाह दे सकते हैं ताकि कहीं आप urinary tract infection से पीड़ित न हों या होने वाले हों। 

 

सीबीसी टेस्ट कैसे किया जाता है (How is CBC test done)

CBC Test को लेकर आपको बिलकुल भी घबराने की जरूरत नहीं होती है, यह काफी आसान होता है और आमतौर पर किसी प्रकार की तैयारी करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। अगर आप रूटीन ब्लड टेस्ट करवाने जा रहे हैं तो डॉक्टर के पर्ची की आवश्यकता पड़ेगी। डॉक्टर कुछ परिस्थितियों में आपको कुछेक घंटों के लिए शराब और कॉफी पीने से मना कर सकते हैं। इसके पश्चात आपकी हथेलियों से खून की कुछ बूंदें ली जाएंगी। इसका भी प्रोसेस आसान है।

  1. एक नर्स या डॉक्टर आपकी हथेलियों को एंटीसेप्टिक वाइप से साफ करेंगे, खासतौर पर उस क्षेत्र को जहां से खून के सैंपल लेने हैं।
  1. इसके बाद आपकी नसें रक्त से भर जाएं और फुल जाएं, इसके लिए डॉक्टर ऊपरी हथेली को एक बैंड से बांध देंगे। इससे रक्त निकालना आसान हो जाता है।
  1. इसके पश्चात डॉक्टर आपकी नसों में पहले से इस्तेमाल न की गई स्वच्छ सुई डालेंगे और खून की एक छोटी सी बूंद निकाल लेंगे। इस खून की बूंद को आमतौर पर किसी वायल या ट्यूब में रखा जाएगा।
  1. रक्त निकलने के पश्चात सुई निकाल ली जाएगी और जहां से रक्त निकाला गया है वहां थोड़ा दबाव और घर्षण दिया जाएगा ताकि खून बाहर न निकलने लगे। इस जगह पर फिर बैंडेज बांध दिया जायेगा।
  1. इसके बाद आपके खून की बूंद को लेबोरेटरी भेज दिया जायेगा जहां खून की अच्छे से जांच होगी और जरूरी सभी बातें पता लगाई जाएंगी। अंत में आपको एक से दो दिन में रिजल्ट भी मिल जायेगा। 

सीबीसी टेस्ट रिपोर्ट कैसे पढ़ें (How to read CBC test report)

सीबीसी टेस्ट रिपोर्ट पढ़ना थोड़ा जटिल होता है और आमतौर पर मेडिकल प्रोफेशनल ही इसे पढ़कर आपको बताते हैं कि आगे क्या करना है। हालांकि चलिए हम आपको सीबीसी रिपोर्ट पढ़ने समझने से जुड़ी कुछ जरूरी बातें बता देते हैं।

  1. आपको मिले रिपोर्ट में आमतौर पर दो कॉलम हो सकती हैं। पहला कॉलम होगा Reference Range का और दूसरा होगा Result का। कई रिपोर्ट में Test, Result, Normal Range और Units का भी कॉलम होता है।
  1. Reference Range/Test के नीचे उन टेस्ट के नाम लिखे होंगे, जो आपके ब्लड सैंपल पर किए गए जैसे RBCs, WBCs आदि तो वहीं Result के नीचे लिखा होगा कि इन टेस्ट के परिणाम कितने आए, ये संख्या में लिखे होंगे जैसे 20, 12, 18 आदि। तो वहीं Normal Range बताता है कि टेस्ट का रिजल्ट सामान्य रूप से कितना होना चाहिए और Units उस रिजल्ट को नापने का यूनिट होगा जैसे g/dl ठीक लीटर, मीटर की ही तरह।
  1. अब आपके हर एक टेस्ट रिपोर्ट के आगे नंबर लिखा होगा। मान लीजिए कि आरबीसी के आगे लिखा है 4 और नॉर्मल रेंज में लिखा है 3.5 से 5.5 तो समझ लीजिए कि आपके रक्त में मौजूद लाल रक्त कोशिकाओं का स्तर सामान्य रेंज में ही आता है। अगर Normal Range न लिखा हो तो आपको सर्च करके या याद रखना होगा कि नॉर्मल रेंज कितना होता है ताकि आप जान सकें कि सबकुछ नॉर्मल है या कोई दिक्कत वाली बात है।
  1. कई लैब रिपोर्ट इन टेस्ट के कॉलम को लाल रंग से हाईलाइट भी कर देते हैं जो सामान्य नहीं होता। यानि अगर आपके WBCs का टेस्ट रिजल्ट आया 4 और नॉर्मल रेंज है 4.5 से 11 तो इसका अर्थ हुआ कि आपके रक्त में सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या कम है, इसे कुछ लैब लाल रंग से हाईलाइट कर देते हैं। इससे आप समझ सकते हैं कि इस टेस्ट रिपोर्ट में कुछ तो गड़बड़ी है।
  1. कई बार रिपोर्ट टेबल के अंत में Key Findings का भी एक सेक्शन होता है। इस सेक्शन में भी टेस्ट से जुड़े रिपोर्ट का सारांश लिखा जाता है जैसे Further Confirm for Anaemia यानि आपकी रिपोर्ट बतलाती है कि आपको एनीमिया है। 

हम आपको सुझाव देते हैं कि खुद से ही इस टेस्ट रिपोर्ट को पढ़ने और समझने की कोशिश करने के बजाय किसी अच्छे डॉक्टर को यह रिपोर्ट दिखाएं। ऐसा इसलिए क्योंकि परिस्थिति के अनुसार कुछ अच्छे रिपोट भी खराब हो सकते हैं और कुछ खराब रिपोर्ट भी कुछ मायनों में अच्छे। आपको खुद interpretation से बचना चाहिए और एक योग्य डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।


सीबीसी टेस्ट से किन बीमारियों का पता लगाया जा सकता है?

एक सीबीसी टेस्ट कराने पर आप कई बीमारियों का पता लगा सकते हैं। जब यह टेस्ट किया जाता है तो एनीमिया, खून की कमी, रक्त का थक्का विकार, रक्तस्राव का खतरा बढ़ जाना, ल्यूकेमिया, सूजन, इन्फेक्शन, थैलेसीमिया, सिकल सेल बीमारी, रक्त हानि जैसी कई दिक्कतों का पता लगाया जा सकता है।

अगर आपके शरीर में लाल रक्त कोशिकाएं कम हैं तो एनीमिया, अत्यधिक रक्तस्राव का पता लगाया जा सकता है। इसके अलावा आरबीसी की असामान्य रिपोर्ट अगर आती है तो डॉक्टर इन्वेस्टिगेशन से Thalassemia और Sickle Cell Disease का भी पता लगा सकते हैं। इसके अलावा, सफेद रक्त कोशिकाओं के ज्यादा या कम होने से इन्फेक्शन, सूजन और ल्यूकेमिया का पता लगाया जा सकता है। अंत में अगर प्लेटलेट्स की मात्रा असामान्य है तो अत्यधिक खून बहने के खतरे और रक्त का थक्का जमने से संबंधित डिसऑर्डर का पता लगाया जा सकता है।


सीबीसी कितना होना चाहिए (What should be the CBC)

सीबीसी टेस्ट कराना एक जरुरी कदम है लेकिन उससे पहले यह समझना भी जरुरी है कि आखिर सीबीसी टेस्ट कितना होना चाहिए या सीबीसी टेस्ट नॉर्मल कब माना जायेगा। तो आइए जानते हैं कि सीबीसी टेस्ट में मौजूद RBCs, WBCs, Hemoglobin, Platelets और Hematocrit कितना होना चाहिए।

1. लाल रक्त कोशिकाएं (RBCs)

पुरुष: 4.7 से 6.1 मिलियन कोशिकाएँ प्रति माइक्रोलीटर (एमसीएल)

महिलाएँ: 4.2 से 5.4 मिलियन कोशिकाएँ/एमसीएल

आरबीसी आकार (औसत कणिका आयतन या एमसीवी): 80 से 95 फेमटोलीटर (एफएल)


2. सफेद रक्त कोशिकाएं (WBCs)

पुरुष: 14 से 17.5 ग्राम प्रति डेसीलीटर (जी/डीएल)

महिलाएं: 12.3 से 15.3 ग्राम/डीएल


3. हिमोग्लोबिन (Hemoglobin)

पुरुष: 14 से 17.5 ग्राम प्रति डेसीलीटर (जी/डीएल)

महिलाएं: 12.3 से 15.3 ग्राम/डीएल


4. हेमाटोक्रिट (Hematocrit)

पुरुष: 41.5% से 50.4%

महिलाएँ: 35.9% से 44.6%


5. प्लेटलेट्स (Platelets)

150,000 से 450,000 प्लेटलेट्स/एमसीएल


सीबीसी टेस्ट का खर्च कितना आता है (How much does CBC test cost)

CBC Test price राज्यों, जिलों और अस्पतालों के हिसाब से अलग अलग हो सकता है। पर अच्छी बात यह है कि साधारण वर्ग का व्यक्ति भी इसे आसानी से करवा सकता है क्योंकि इसमें काफी कम खर्च लगता है। एक सीबीसी टेस्ट करवाने में आपको अधिकतम 250 रुपए से लेकर 500 रुपए देने पड़ सकते हैं। आमतौर पर आपको इस टेस्ट के लिए 300 रुपए खर्च करने पड़ेंगे अगर आप स्थानीय लैब से यह टेस्ट कराते हैं।

उत्तर प्रदेश में जहां इस टेस्ट की कीमत 299 रुपए से शुरू होती है तो वहीं महाराष्ट्र में आपको यह टेस्ट देने के लिए तकरीबन 310 रुपए से लेकर 330 रुपए खर्च करने पड़ सकते हैं। पुणे में तो इस टेस्ट के लिए आपको मात्र 249 रुपए ही खर्च करने पड़ सकते हैं। आपके लिए अब खुशखबरी यह है कि आप घर बैठे भी यह टेस्ट करवा सकते हैं। Redcliffe Labs, Pathkind Labs, Apollo Diagnostics घर बैठे ब्लड टेस्ट की सुविधा दे रही हैं वो भी उचित दाम में।


निष्कर्ष (Conclusion)

सीबीसी टेस्ट खून में अलग अलग सेल के लेवल को नापता है। इसमें रेड ब्लड सेल्स, व्हाइट ब्लड सेल्स, प्लेटलेट्स, हीमोग्लोबिन, हेमोक्रिट की रक्त में मौजूदगी को नापता है और पता लगाता है कि आपके शरीर में इनका स्तर सामान्य है या नहीं। इस टेस्ट की मदद से एनीमिया, इन्फेक्शन, कैंसर, ल्यूकेमिया जैसी अन्य कई बीमारियों का पता लगाया जाता है।

हम आपको सलाह देते हैं कि आपको एक वर्ष में कम से कम 2 बार इस टेस्ट को करवाना चाहिए। यह टेस्ट बिलकुल भी महंगा नहीं है और आप 250 रुपए से लेकर 350 रुपए खर्च करके इस टेस्ट को करवा सकते हैं। आप घर बैठे भी अब इस टेस्ट को करवा सकते हैं।


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (Frequently Asked Questions)

 

1. सीबीसी टेस्ट के माध्यम से कौन सी जानकारियाँ प्राप्त होती हैं?

सीबीसी टेस्ट के माध्यम से पता चलता है कि आपके रक्त में रेड ब्लड सेल्स, व्हाइट ब्लड सेल्स, प्लेटलेट्स, हीमोग्लोबिन, हेमोक्रिट का स्तर कितना है। साथ ही, इस टेस्ट को करवाने से एनीमिया, इन्फेक्शन, कैंसर, ल्यूकेमिया जैसी अन्य कई बीमारियों का भी पता लगाया जाता है।

2. सामान्य सीबीसी मान क्या होते हैं?

सामान्य सीबीसी मान व्यक्ति की आयु और लिंग के हिसाब से अलग अलग होता है। रक्त में लाल रक्त कोशिकाओं की मात्रा पुरुषों में 4.7 से 6.1 मिलियन कोशिकाएँ प्रति माइक्रोलीटर (एमसीएल) होना चाहिए तो वहीं महिलाओं में 4.2 से 5.4 मिलियन कोशिकाएँ/एमसीएल होनी चाहिए।

3. सीबीसी टेस्ट में कितने प्रकार की जाँचें होती हैं?

सीबीसी टेस्ट में मुख्य रूप से 5 प्रकार की जांच होती है। इसमें लाल रक्त कोशिकाओं, सफेद रक्त कोशिकाओं, प्लेटलेट्स, हिमोग्लोबिन और हेमोक्रिट की जांचें होती हैं।

4. क्या सीबीसी टेस्ट बालों के स्वास्थ्य की जानकारी देता है?

बिल्कुल, सीबीसी टेस्ट से पता चलता है कि रक्त में हीमोग्लोबिन और लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या कितनी है। ये दोनों ही तत्व शरीर के सभी भागों जिसमें सिर की त्वचा भी शामिल है, को ऑक्सीजन और अन्य पोषक तत्व पहुंचाने के लिए जिम्मेदार होते हैं। ऐसे में अगर इनकी मात्रा रक्त में सामान्य रही तो ये मतलब बालों का स्वास्थ्य बेहतर है। हालांकि बालों का झड़ना 20 से अधिक कारणों से होता है जिसमें हीमोग्लोबिन की कमी भी है, इसलिए Hair Test दें ताकि सही कारण पता करके सही उपचार किया जा सके।


References

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Dr. Shailendra Chaubey, BAMS

Ayurveda Practioner

A modern-day Vaidya with 11 years of experience. He is the founder of Dr. Shailendra Healing School that helps patients recover from chronic conditions through the Ayurvedic way of life.

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