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विटामिन A, B, C, D और E की कमी से होने वाले रोग और उनके लक्षण


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विटामिन की कमी से होने वाले रोग दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। भारत सहित पूरी दुनिया की एक बड़ी आबादी विटामिन की कमी के कारण विभिन्न रोगों से जूझ रही है। खासतौर पर विटामिन डी, विटामिन बी12 और विटामिन सी की कमी से काफी लोग जूझ रहे हैं जोकि शरीर के लिए काफी महत्वपूर्ण होते हैं। अगर हम संतुलित आहार लेते हैं तो हमारे शरीर में कभी भी विटामिन की कमी नहीं हो सकती। 

लेकिन आज के समय में लोगों के खानपान में बड़ा बदलाव आया है। लोग संतुलित और पोषण युक्त आहार के बजाय जंक फूड और ऐसे खाद्य पदार्थों को खाने के लिए ज्यादा लालायित हैं जो जीभ के स्वाद को तो संतुष्ट करती हैं, लेकिन शरीर की जरूरतें पूरी नहीं करती। इसलिए हमने आपके लिए आज का यह ब्लॉग तैयार किया है। 

इसमें न सिर्फ आप Vitamin Ki Kami Se Hone Wale Rog के बारे में जानेंगे बल्कि साथ ही समझेंगे कि इनकी पूर्ति करने के लिए आपको किन खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। न सिर्फ आपको विटामिन की कमी से होने वाले रोगों की जानकारी दी जाएगी बल्कि यह भी बताया जाएगा कि उनसे बचने के लिए आप क्या कर सकते हैं। 

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विटामिन क्या होता है? (What is Vitamin Deficiency in Hindi)

विटामिन संतुलित आहार से मिलने वाले पोषक तत्व होते हैं जो हमारे शरीर को सुचारू रूप से कार्य करने के लिए क्षमतावान बनाते हैं। ये पोषक तत्व शरीर को ढेरों रोगों से दूर रखते हैं और स्वस्थ शरीर की रचना करते हैं। विटामिन ए, बी, सी, डी, ई और के कुछ प्रमुख विटामिन हैं। 

हर एक विटामिन का शरीर में अपना महत्व है। उदाहरण के तौर पर जहां विटामिन ए हमारी आंखों और त्वचा के लिए जरूरी है तो वहीं विटामिन बी पाचन तंत्र के लिए जरूरी है। इसी तरह विटामिन सी इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है तो वहीं विटामिन डी हड्डियों को मजबूत बनाने का कार्य करता है। इस तरह अलग अलग विटामिन के शरीर में अलग अलग कार्य होते हैं। विटामिन को आमतौर पर दो वर्गों में विभाजित किया जाता है, जिसे आप नीचे दिए टेबल में देख सकते हैं:

 

वर्गीकरण

विटामिन

कार्य

जल में घुलनशील विटामिन

विटामिन C, विटामिन B1, विटामिन B2, विटामिन B3, विटामिन B5, विटामिन B6, विटामिन B7, विटामिन B9, विटामिन B12

ऊर्जा उत्पादन, चयापचय, तंत्रिका तंत्र के कार्य, प्रतिरक्षा प्रणाली के कार्य आदि

वसा में घुलनशील विटामिन

विटामिन A, विटामिन D, विटामिन E, विटामिन K

दृष्टि, हड्डियों और दांतों के स्वास्थ्य, कोशिकाओं की रक्षा, रक्त के थक्के आदि



विटामिन की कमी से होने वाले रोग (Vitamin Ki Kami Se Hone Wale Rog)

विटामिन की कमी से लगभग वे सभी रोग आपको हो सकते हैं, जिसकी आप कल्पना कर सकते हैं। यानि कैंसर से लेकर ओस्टियोपोरोसिस, डायबिटीज और भी बहुत सारे रोग। अगर आप इन रोगों से बचना चाहते हैं तो आपको हॉस्पिटल का चक्कर लगाने या महंगी दवाइयां खाने की जरूरत नहीं है। 

बस आपको संतुलित आहार का सेवन करना है और आप कभी भी इन विटामिंस की कमी से होने वाले रोगों से नहीं जूझेंगे। एक संतुलित आहार क्या होता है और उसमें कैसे सारे विटामिन मौजूद होते हैं, इसकी जानकारी भी नीचे दी गई है। 

 

1. विटामिन ए की कमी से होने वाले रोग (Vitamin A ki Kami Se Hone Wale Rog)

Vitamin A शरीर के लिए एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है, जिसकी कमी से Night Blindness (रात में न दिखाई देना) और Xerophthalmia (आंखों का सूखापन) हो जाता है। साथ ही अगर इसकी कमी हो जाए तो त्वचा सम्बन्धित रोगों से हमारे शरीर को जूझना पड़ता है। आप नीचे दिए टेबल में देख सकते हैं कि विटामिन ए की कमी से कौन कौन से रोग होने की संभावना रहती है।

 

रोग

लक्षण

उपचार

रतौंधी

रात में दिखाई देना मुश्किल होना, धुंधली दृष्टि, आंखों में जलन

विटामिन ए से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना, जैसे कि गाजर, टमाटर, शकरकंद, हरी पत्तेदार सब्जियां, अंडे, दूध और पनीर

जीरोफ्थेल्मिया

रतौंधी का एक गंभीर रूप, जिसमें आंखों की सतह पर घाव हो जाते हैं

विटामिन ए से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना, विटामिन ए सप्लीमेंट लेना, और आंखों की जांच करवाना

त्वचा रोग

त्वचा का सूखापन, खुजली, छाले

विटामिन ए से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना, मॉइस्चराइजर का उपयोग करना, और त्वचा की देखभाल करना

संक्रमणों के प्रति संवेदनशीलता

संक्रमणों से लड़ने की क्षमता में कमी

विटामिन ए से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना, स्वस्थ जीवनशैली अपनाना, और नियमित रूप से टीकाकरण करवाना

वृद्धि में रुकावट

शरीर के विकास में कमी

विटामिन ए से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना, स्वस्थ आहार लेना, और नियमित रूप से व्यायाम करना



इस टेबल में न सिर्फ आपने यह जाना कि विटामिन ए की कमी से कौन कौन से रोग होते हैं बल्कि यह भी समझा कि आप अपने आहार में किन खाद्य पदार्थों को शामिल करके इसकी कमी को दूर कर सकते हैं। जैसे कि अगर आपको रतौंधी है तो आपको गाजर और पालक खाना चाहिए। साथ ही, शुष्क त्वचा से परेशान लोगों को दूध और शकरकंद का सेवन करना चाहिए। 

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2. विटामिन बी की कमी से होने वाले रोग (Vitamin B Ki Kami Se Hone Wale Rog)

विटामिन बी जिसे कॉम्प्लेक्स बी के नाम से भी जाना जाता है, शरीर के लिए एक बेहद ही महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। इस समूह में कई अलग अलग विटामिंस शामिल होते हैं जैसे बी1 ((Thiamine), B2 (Riboflavin), B3 (Niacin), B5 (Pantothenic Acid), B6 (Pyridoxine), B7 (Biotin), B9 (Folate) और B12 (Cobalamin)। इसकी कमी से आमतौर पर Bery Bery और Pelagra जैसे गंभीर रोग हो जाते हैं। नीचे दिए टेबल की मदद से समझिए कि इसकी कमी से कौन कौन से रोग हो सकते हैं। 

 

विटामिन बी

रोग

लक्षण

उपचार

खाद्य स्रोत

बी1 (थायमिन)

बेरीबेरी

थकान, मांसपेशियों में कमजोरी, बेहोशी, हृदय की समस्याएं

विटामिन बी1 से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना, विटामिन बी1 सप्लीमेंट लेना

साबुत अनाज, मांस, अंडे, फलियां, दूध

बी2 (राइबोफ्लेविन)

एरिबोफ्लेविनोसिस

आंखों में जलन, मुंह के छाले, त्वचा का लाल होना

विटामिन बी2 से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना, विटामिन बी2 सप्लीमेंट लेना

दूध और डेयरी उत्पाद, मांस, अंडे, हरी पत्तेदार सब्जियां, साबुत अनाज

बी3 (नियासिन)

पेलाग्रा

थकान, त्वचा का लाल होना और पपड़ी बनना, पाचन संबंधी समस्याएं

विटामिन बी3 से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना, विटामिन बी3 सप्लीमेंट लेना

मछली, मांस, मूंगफली, बीज, साबुत अनाज

बी5 (पैंटोथेनिक एसिड)

थकान, मांसपेशियों में ऐंठन, सुन्नता

विटामिन बी5 से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना

मांस, अंडे, फलियां, साबुत अनाज, डेयरी उत्पाद

बी6 (पाइरिडॉक्सिन)

एनीमिया, तंत्रिका संबंधी समस्याएं, त्वचा रोग

थकान, चक्कर आना, मूड में बदलाव, मुंह के छाले, तंत्रिका संबंधी समस्याएं

विटामिन बी6 से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना, विटामिन बी6 सप्लीमेंट लेना

मछली, मांस, अंडे, फलियां, साबुत अनाज, बीज

बी7 (बायोटिन)

बालों का झड़ना, त्वचा का रूखापन, भंगुर नाखून

विटामिन बी7 से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना

अंडे, यीस्ट, साबुत अनाज, लीवर, मांस

बी9 (फोलेट/फोलिक एसिड)

एनीमिया, जन्म दोष

थकान, सांस लेने में तकलीफ, जल्दी से थक जाना

फोलेट/फोलिक एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना, फोलेट/फोलिक एसिड सप्लीमेंट लेना

हरी पत्तेदार सब्जियां, ब्रोकली, फलियां, मांस, अंडे, साबुत अनाज

बी12 (कोबालामिन)

एनीमिया, तंत्रिका संबंधी समस्याएं

विटामिन बी 12 की कमी से होने वाले रोग थकान, कमजोरी, संतुलन में समस्या, मनोदशा में बदलाव

विटामिन बी12 से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना, विटामिन बी12 इंजेक्शन लेना

मांस, मछली, अंडे, डेयरी उत्पाद

 

परंतु अगर आप चाहें तो इन रोगों से बच सकते हैं। इनसे बचने के लिए आपको उन खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए जोकि हमने टेबल में भी सूचीबद्ध किया है जैसे डाल, मांस, मछली, हरी सब्जियां आदि। विटामिन बी कई विटामिनों का एक समूह है और इसमें से किसी एक की भी कमी काफी खतरनाक साबित हो सकती है। 

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3. विटामिन सी की कमी से होने वाले रोग (Vitamin C Ki Kami Se Hone Wale Rog)

विटामिन सी शरीर के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है, हृदय स्वास्थ्य बेहतर रखता है और साथ ही कैंसर जैसे गंभीर रोगों से भी रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसकी कमी से इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है, हमेशा थकान और कमजोरी महसूस होती है, जोड़ों में दर्द और एनीमिया हो जाता है। नीचे दिए टेबल में आप पूरी लिस्ट देख सकते हैं। 

 

रोग

लक्षण

उपचार

खाद्य स्रोत

स्कर्वी

थकान, मांसपेशियों में कमजोरी, जोड़ों में दर्द, रक्तस्राव, सूखी और रूखी त्वचा, मसूड़ों में सूजन और रक्तस्राव

विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना, विटामिन सी सप्लीमेंट लेना

संतरा, नींबू, अमरूद, स्ट्रॉबेरी, ब्रोकली, टमाटर, शकरकंद, लाल मिर्च, हरी पत्तेदार सब्जियां

संक्रमणों के प्रति संवेदनशीलता

बार-बार संक्रमण होना, जैसे कि सर्दी, ज़ुकाम, और फ्लू

विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना, स्वस्थ जीवनशैली अपनाना

संतरा, अमरूद, स्ट्रॉबेरी, ब्रोकली, लाल और पीली शिमला मिर्च, पालक, केल, हरी पत्तेदार सब्जियां

थकान और कमजोरी

थकान, कमजोरी, व्यायाम करने की क्षमता में कमी

विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना, स्वस्थ आहार लेना, नियमित रूप से व्यायाम करना

कीवी, ब्रोकली, पपीता, लाल मिर्च, हरी पत्तेदार सब्जियां, अनानास, तरबूज, मटर

घाव भरने में देरी

घावों का धीरे-धीरे भरना या संक्रमित होना

विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना, घावों की उचित देखभाल करना

गोजी बेरी, ब्लैककरंट, स्ट्रॉबेरी, अमरूद, संतरा, पालक, ब्रोकली, शकरकंद

हड्डियों का कमजोर होना

ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ना

विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना, हड्डियों को मजबूत बनाने वाले अन्य पोषक तत्वों का सेवन करना, नियमित रूप से व्यायाम करना

ब्रोकली, लाल मिर्च, हरी पत्तेदार सब्जियां, कीवी, पपीता, संतरा, अमरूद


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ऐसे में अगर आप नहीं चाहते हैं कि आपको इन गंभीर रोगों से जूझना पड़े तो आपको टेबल में सूचीबद्ध सभी खाद्य पदार्थों को अपने आहार में अवश्य शामिल करना चाहिए। इनके सेवन से आप न सिर्फ इन बीमारियों से बचेंगे बल्कि आपकी त्वचा भी चमकदार बनेगी और आप ज्यादा ऊर्जावान महसूस करेंगे। अगर आपके शरीर में इसकी कमी हो गई है तो संतुलित आहार लेते रहें और साथ ही अपने डॉक्टर से भी संपर्क करें। 

 

4. विटामिन डी की कमी से होने वाले रोग (Vitamin D Ki Kami Se Hone Wale Rog)

विटामिन डी, जिसकी प्राप्ति हमें मुख्य रूप से सूर्य से होती है, हमारे शरीर के लिए अत्यंत आवश्यक है। कई अध्ययनों और रिपोर्ट्स में यह बात निकलकर सामने आई है कि भारत की लगभग 75% आबादी विटामिन डी की कमी से जूझ रही है। अस्पतालों में ओस्टियोपोरोसिस और अन्य हड्डी के रोगियों की संख्या बढ़ने का मुख्य कारण विटामिन डी की कमी ही है। 

विटामिन डी 3 की कमी से होने वाले रोग से Rickets (बच्चों में हड्डियों का पतला होना), Osteoporosis (हड्डियों का कमजोर होना और आसानी से टूटना), इम्यून सिस्टम का कमजोर होना, बालों का झड़ना, डिप्रेशन होना और प्रजनन क्षमता पर बुरा प्रभाव पड़ना आदि होता है। ऐसे में आप पर्याप्त धूप और संतुलित आहार की मदद से शरीर में इसकी कमी को पूरा कर सकते हैं। उन खाद्य पदार्थों को सूची नीचे टेबल में आप देख सकते हैं। 

 

रोग

लक्षण

उपचार

खाद्य स्रोत

रतौंधी (बच्चों में)

रात में दिखाई देने में कठिनाई, धुंधली दृष्टि

विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना, विटामिन डी सप्लीमेंट लेना

फैटी मछली, अंडे की जर्दी, मशरूम (सूर्य के प्रकाश में उगाए गए), दूध और दूध से बने उत्पाद (फोर्टिफाइड), सोयाबीन

हड्डी का कमजोर होना (बच्चों में)

हड्डियों का मुड़ना, हड्डी टूटने का खतरा बढ़ना

विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना, विटामिन डी सप्लीमेंट लेना, सूर्य के प्रकाश में पर्याप्त समय बिताना

फैटी मछली, अंडे की जर्दी, मशरूम (सूर्य के प्रकाश में उगाए गए), दूध और दूध से बने उत्पाद (फोर्टिफाइड), सोयाबीन, साथ ही सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आना

ऑस्टियोमालासिया (वयस्कों में)

हड्डियों में दर्द, कमजोरी, हड्डी टूटने का खतरा बढ़ना

विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना, विटामिन डी सप्लीमेंट लेना, सूर्य के प्रकाश में पर्याप्त समय बिताना

फैटी मछली, अंडे की जर्दी, मशरूम (सूर्य के प्रकाश में उगाए गए), दूध और दूध से बने उत्पाद (फोर्टिफाइड), सोयाबीन, साथ ही सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आना

मांसपेशियों में दर्द और कमजोरी

मांसपेशियों में दर्द, कमजोरी, थकान

विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना, विटामिन डी सप्लीमेंट लेना

फैटी मछली, अंडे की जर्दी, मशरूम (सूर्य के प्रकाश में उगाए गए), दूध और दूध से बने उत्पाद (फोर्टिफाइड), सोयाबीन

संक्रमणों के प्रति संवेदनशीलता

बार-बार संक्रमण होना, जैसे कि सर्दी, ज़ुकाम, और फ्लू

विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना, स्वस्थ जीवनशैली अपनाना

फैटी मछली, अंडे की जर्दी, मशरूम (सूर्य के प्रकाश में उगाए गए), दूध और दूध से बने उत्पाद (फोर्टिफाइड), सोयाबीन



5. विटामिन ई की कमी से होने वाले रोग (Vitamin E Ki Kami Se Hone Wale Rog)

Vitamin E की कमी से शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसकी कमी से मांशपेशियों का कमजोर होना, दिखाई देने में समस्या होना, इम्यून सिस्टम का कमजोर होना, बालों का कमजोर होना, दिमाग से संबंधित दिक्कतें होना, त्वचा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ना आदि शामिल है। इसकी कमी से पीड़ित व्यक्ति जल्द ही बूढ़ा होने लगता है और उसकी त्वचा खराब होने लगती है। नीचे आप इसकी कमी से होने वाले रोगों और उन्हें दूर करने के लिए जरूरी खाद्य पदार्थों की सूची देख सकते हैं। 

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रोग

लक्षण

उपचार

खाद्य स्रोत

मांसपेशियों की कमजोरी और थकान

मांसपेशियों में कमजोरी, थकान, संतुलन में समस्या

विटामिन ई से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना, विटामिन ई सप्लीमेंट लेना (डॉक्टर की सलाह पर)

सूरजमुखी के बीज, बादाम, मूंगफली, एवोकाडो, पालक, टमाटर, मछली

न्यूरोपैथी (तंत्रिका क्षति)

सुन्नता, झनझनाहट, मांसपेशियों में ऐंठन, संतुलन और समन्वय में समस्या

विटामिन ई से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना, न्यूरोपैथी के कारण का इलाज करना

सूरजमुखी के बीज, बादाम, मूंगफली, एवोकाडो, पालक, टमाटर, मछली

रक्त में लाल कोशिकाओं का टूटना (हेमोलाइटिक एनीमिया)

थकान, कमजोरी, पीली त्वचा, आंखों का सफेद होना

विटामिन ई से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना, एनीमिया के कारण का इलाज करना

सूरजमुखी के बीज, बादाम, मूंगफली, एवोकाडो, पालक, टमाटर, मछली

दृष्टि संबंधी समस्याएं

धुंधली दृष्टि, रतौंधी

विटामिन ई से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना, आंखों की जांच करवाना

सूरजमुखी के बीज, बादाम, मूंगफली, एवोकाडो, पालक, टमाटर, मछली

प्रतिरक्षा प्रणाली का कमजोर होना

संक्रमणों से लड़ने की क्षमता में कमी

विटामिन ई से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना, स्वस्थ जीवनशैली अपनाना

सूरजमुखी के बीज, बादाम, मूंगफली, एवोकाडो, पालक, टमाटर, मछली



अगर आप विटामिन ई की कमी से होने वाले रोग से बचना चाहते हैं तो आपको पालक, बादाम, मूंगफली, ब्रोकोली, कीवी, हेजेलनट्स आदि का सेवन करना चाहिए। अगर आपके शरीर में इसकी कमी हो गई है तो संतुलित आहार खाने के साथ ही डॉक्टर से संपर्क जरूर करें। 

यह भी पढ़ें: विटामिन ई कैप्सूल खाने के फायदे

 

5. विटामिन के की कमी से होने वाले रोग (Vitamin K Ki Kami Se Hone Wale Rog)

Vitamin K एक वसा घुलनशील विटामिन है जो हमारे शरीर में ब्लड क्लोटिंग की प्रक्रिया में मदद करता है। इसका मुख्य कार्य रक्त वाहिकाओं में कैल्शियम को नियंत्रित करना होता है। इसकी कमी से ओस्टियोपोरोसिस यानि हड्डियों का कमजोर होना, हृदय रोग, ज्यादा मासिक रक्तस्राव, चोट लगने पर खून का जल्दी न रुकना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। 

 

रोग

लक्षण

उपचार

खाद्य स्रोत

रक्तस्राव (हेमोरेज)

आसानी से चोट लगना, नाक से खून बहना, मसूड़ों से खून बहना, मूत्र या मल में रक्त का दिखना

विटामिन के से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना, विटामिन के सप्लीमेंट लेना (डॉक्टर की सलाह पर)

हरी पत्तेदार सब्जियां (पालक, केल, शलजम, गोभी), ब्रोकोली, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, सोयाबीन, अंडे का सफेद भाग, मांस (लीवर, किडनी)

हड्डियों का कमजोर होना (ऑस्टियोपोरोसिस)

हड्डियों का कमजोर होना, हड्डी टूटने का खतरा बढ़ना

विटामिन के से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना, हड्डियों को मजबूत बनाने वाले अन्य पोषक तत्वों का सेवन करना, नियमित रूप से व्यायाम करना

हरी पत्तेदार सब्जियां (पालक, केल, शलजम, गोभी), ब्रोकोली, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, सोयाबीन, अंडे का सफेद भाग, मांस (लीवर, किडनी), साथ ही कैल्शियम और विटामिन डी का पर्याप्त सेवन

हृदय रोग का खतरा बढ़ना

धमनियों का सख्त होना, रक्त के थक्के बनने का खतरा बढ़ना

विटामिन के से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना, स्वस्थ जीवनशैली अपनाना

हरी पत्तेदार सब्जियां (पालक, केल, शलजम, गोभी), ब्रोकोली, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, सोयाबीन, अंडे का सफेद भाग, मांस (लीवर, किडनी), साथ ही कैल्शियम और विटामिन डी का पर्याप्त सेवन

 

विटामिन के शरीर में उचित मात्रा में मौजूद हो, इसके लिए आपको हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, ब्रोकोली, तुलसी, हरा प्याज, हरी फलियां, आलूबुखारा, मांस आदि का सेवन करना चाहिए। यह अगर शरीर में पर्याप्त मात्रा में मौजूद रहे तो आप ओस्टियोपोरोसिस, हृदय रोग, थकान, रक्त जमाव आदि परेशानियों से बच सकते हैं। 

 

विटामिन की कमी से होने वाले रोगों का उपचार (Treatment of diseases caused by vitamin deficiency)

आपने ऊपर विस्तार से जाना कि किस विटामिन से कौन से रोग होते हैं। साथ ही हमने आपको यह भी बताया कि इन रोगों से बचने के लिए आप किन खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते हैं। लेकिन अगर आप इन रोगों से पीड़ित हैं तो आपको क्या करना चाहिए, यह जानना भी जरूरी है। हालांकि हम हमेशा अपने पाठकों को सुझाव देते हैं कि किसी भी शारीरिक समस्या के लिए सबसे पहले डॉक्टर से संपर्क करें। 

नीचे दिए टेबल में आप देख सकते हैं कि किस विटामिन से कौन सा रोग होता है और उसका उपचार कैसे किया जाता है, या किया जाना चाहिए। हमने इन रोगों के उपचार के लिए खाद्य पदार्थों, आयुर्वेद और मॉडर्न मेडिसिंस तीनों की ही जानकारी आपको दी है। आप डॉक्टर की परामर्श के बाद ही इनका इस्तेमाल शुरू करें। डॉक्टर आपको Multivitamin Tablet इस्तेमाल करने की सलाह दे सकते हैं। 

 

विटामिन

रोग

लक्षण

उपचार

खाद्य स्रोत

विटामिन ए

रतौंधी

रात में दिखाई देना मुश्किल होना, धुंधली दृष्टि, आंखों में जलन

विटामिन ए से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना, विटामिन ए सप्लीमेंट लेना

गाजर, टमाटर, शकरकंद, हरी पत्तेदार सब्जियां, अंडे, दूध और पनीर

विटामिन सी

स्कर्वी

थकान, मांसपेशियों में कमजोरी, जोड़ों में दर्द, रक्तस्राव, सूखी और रूखी त्वचा, मसूड़ों में सूजन और रक्तस्राव

विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना, विटामिन सी सप्लीमेंट लेना

संतरा, नींबू, अमरूद, स्ट्रॉबेरी, ब्रोकली, टमाटर, शकरकंद, लाल मिर्च, हरी पत्तेदार सब्जियां

विटामिन डी

रतौंधी (बच्चों में)

रात में दिखाई देने में कठिनाई, धुंधली दृष्टि

विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना, विटामिन डी सप्लीमेंट लेना

फैटी मछली, अंडे की जर्दी, मशरूम (सूर्य के प्रकाश में उगाए गए), दूध और दूध से बने उत्पाद (फोर्टिफाइड), सोयाबीन

विटामिन ई

मांसपेशियों की कमजोरी और थकान

मांसपेशियों में कमजोरी, थकान, संतुलन में समस्या

विटामिन ई से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना, विटामिन ई सप्लीमेंट लेना (डॉक्टर की सलाह पर)

सूरजमुखी के बीज, बादाम, मूंगफली, एवोकाडो, पालक, टमाटर, मछली

विटामिन के

रक्तस्राव (हेमोरेज)

आसानी से चोट लगना, नाक से खून बहना, मसूड़ों से खून बहना, मूत्र या मल में रक्त का दिखना

विटामिन के से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना, विटामिन के सप्लीमेंट लेना (डॉक्टर की सलाह पर)

हरी पत्तेदार सब्जियां (पालक, केल, शलजम, गोभी), ब्रोकोली, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, सोयाबीन, अंडे का सफेद भाग, मांस (लीवर, किडनी)



विटामिन की कमी से होने वाले रोगों से बचने के लिए टिप्स (Tips to avoid diseases caused by vitamin deficiency)

विटामिन की कमी से ढेरों रोग जैसे मधुमेह, कैंसर, हृदय रोग, त्वचा रोग, हड्डी रोग आदि हो सकते हैं। लेकिन समस्या है तो समाधान भी है। अगर आप इन रोगों से बचना चाहते हैं तो आपको नीचे दिए टिप्स फॉलो करने चाहिए। 

 

1. हमेशा संतुलित आहार लें (Always eat a balanced diet)

अगर आप संतुलित आहार का सेवन करते हैं तो आपको कोई भी विटामिन की कमी से होने वाले रोगों का सामना नहीं करना पड़ेगा। एक संतुलित आहार में शरीर के लिए आवश्यक सभी विटामिन मौजूद होते हैं, जिनसे आप स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकते हैं। 

हमने इस ब्लॉग में बार बार संतुलित आहार का जिक्र किया है, तो चलिए समझ लेते हैं कि आखिर संतुलित आहार में शामिल क्या क्या होता है:

  • ‌फल और सब्जियां
  • ‌नमक और चीनी
  • ‌मांस, मछली और अंडे
  • ‌दूध और इससे बने उत्पाद
  • ‌अनाज, दालें और फलियां
  • ‌तेल
  • ‌फाइबर युक्त आहार

 

2. विभिन्न रंगों के खाद्य पदार्थों का सेवन करें (Eat foods of different colors)

विभिन्न रंगों के खाद्य पदार्थों का सेवन करना जरूरी है क्योंकि विभिन्न रंग विभिन्न पोषक तत्वों को दर्शाते हैं। अलग अलग रंगों के खाद्य पदार्थों का सेवन अगर आप करते हैं तो आपको उचित मात्रा में विटामिंस और मिनरल्स प्राप्त हो जाते हैं। उदाहरण के तौर पर, पालक, सेब, संतरे, लाल मांस, डालें आदि। इन सभी खाद्य पदार्थ में अलग अलग मिनरल्स और विटामिंस पाए जाते हैं। 

 

3. प्रतिदिन कम से कम 15 मिनट धूप लें (Get at least 15 minutes of exposure to sunlight every day)

शहरों में रह रहे लोग गांवों में रह रहे लोगों के मुकाबले ज्यादा विटामिन डी और हड्डियों के रोगों से परेशान रहते हैं। इसका मुख्य कारण है धूप का पर्याप्त मात्रा में न मिलना। शहरी जीवन भागदौड़ का होता है और लोग ज्यादातर समय घरों में ही बिताना पसंद करते हैं। ऐसे में उन्हें धूप की सही मात्रा नहीं मिल पाती जिससे कि उनके शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है। 

विटामिन डी की कमी होने से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं, यौन स्वास्थ्य खराब होने लगता है, बाल झड़ने लगते हैं आदि। ऐसे में इन सभी समस्याओं का आसान सा हल यही है कि आप कम से कम 15 मिनट रोजाना धूप सेकें। 

 

4. जंक फूड और प्रोसेस्ड फूड बिल्कुल न खाएं (Do not eat junk food and processed food at all)

अगर आप जंक फूड और प्रोसेस्ड फूड का सेवन करते हैं तो आपको इनका सेवन बंद कर देना चाहिए या बिलकुल कम कर देना चाहिए। इन खाद्य पदार्थों में विटामिंस की मात्रा कम या न के बराबर होती है और साथ ही इनकी वजह से आपका स्वास्थ्य भी खराब होता है। इनमें जरूरत से ज्यादा कोलेस्ट्रॉल, फैट आदि मौजूद होता है जोकि स्वास्थ्य के लिए बिल्कुल भी सही नहीं है। 

 

विटामिन बी की कमी में क्या खाना चाहिए

क्या आपने कभी महसूस किया है कि आपकी ऊर्जा अचानक कम हो गई है, या आपका मूड अक्सर बदलता रहता है? ये विटामिन बी की कमी के संकेत हो सकते हैं।

विटामिन बी की कमी को दूर करने के लिए, मांस, अंडे, और डेयरी उत्पादों का सेवन महत्वपूर्ण है। ये आहार विटामिन बी12 से भरपूर होते हैं। अगर आप शाकाहारी हैं, तो चिंता न करें। फलियाँ, नट्स, और हरी सब्जियाँ विटामिन बी के अच्छे स्रोत हैं।

कभी-कभी आहार से पर्याप्त विटामिन बी प्राप्त करना मुश्किल होता है। ऐसे में, विटामिन बी के सप्लीमेंट्स का उपयोग करना विचारणीय हो सकता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

विटामिन की कमी से होने वाले रोग की संख्या बहुत ज्यादा है। खासतौर पर अगर आपके शरीर में विटामिन डी, विटामिन सी और विटामिन बी12 की कमी हो गई है तो आपको ढेरों स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां हो सकती हैं। ऐसे में हमारा सुझाव यही है कि आपको संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए और जितना हो सके प्रोसेस्ड और जंक फूड से बचना चाहिए। साथ ही रोज धूप सेंकना भी जरूरी है। 

अगर आपके शरीर में पहले से ही विटामिन की कमी हो गई है तो आपको सबसे पहले डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। बिना डॉक्टर की सलाह के आपको स्वयं से कोई भी उपचार करने से बचना चाहिए। 

 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (Frequently Asked questions)

 

1. विटामिन की कमी के कारण कौन कौन से रोग होते हैं?

विटामिन की कमी से हृदय रोग, मधुमेह, ओस्टियोपोरोसिस, त्वचा रोग, रतौंधी, बेरी बेरी, रिकेट्स, मांसपेशियों में कमजोरी, इम्यून सिस्टम का कमजोर होना, एनीमिया, रक्तस्राव जैसे रोग हो सकते हैं। इसमें कुछ गंभीर बीमारियां जैसे कैंसर होने का भी खतरा बढ़ जाता है। 

 

2. विटामिन ई की कमी से होने वाले रोग कौन से हैं?

विटामिन ई की कमी से कई रोग जन्म ले सकते हैं जैसे मांशपेशियां कमजोर होना, मस्तिष्क संबंधी विकार, दृष्टि संबंधी दिक्कतें, रोग प्रतिरोधक क्षमता का कमजोर होना, त्वचा का रूखा और बेरंग होना, एनीमिया, सोचने समझने की क्षमता में गिरावट आदि। 

 

3. Vitamin K के अभाव से होने वाली बीमारियां कौन सी हैं?

Vitamin K के अभाव से ब्लीडिंग रोग जैसे रक्तस्राव का न रुकना, रिकेट्स जिससे बच्चों की हड्डियां कमजोर और पतली हो जाती हैं, ओस्टियोपोरोसिस, मासिक धर्म में रक्तस्राव का न रुकना, लीवर समस्याएं आदि हो सकती हैं। इन रोगों से बचने के लिए संतुलित आहार का सेवन अतिआवश्यक है। 

 

4. विटामिन की कमी से होने वाले रोगों से कैसे बचें?

अगर आप विटामिन की कमी से होने वाले रोगों से बचना चाहते हैं तो आपको रोजाना संतुलित आहार लेना चाहिए। साथ ही जिंक फूड और प्रोसेस्ड फूड से बचने की कोशिश करनी चाहिए। इसके अलावा, रोजाना धूप लेना और विभिन्न रंगों के खाद्य पदार्थों का सेवन आपको विटामिन की कमी से होने वाले रोगों से रक्षा करता है। 

 

5. विटामिन डी3 की कमी से होने वाले रोग कौन से हैं?

विटामिन डी3 की कमी से होने वाले रोग निम्नलिखित हैं:

 

  • रतौंधी: यह एक दृष्टि संबंधी विकार है जो रात में दिखाई देना मुश्किल बना देता है।
  • ऑस्टियोमलेशिया: यह एक हड्डी विकार है जो हड्डियों को नरम और कमजोर बना देता है।
  • हड्डी का टूटना: विटामिन डी3 की कमी वाले लोगों में हड्डी टूटने का खतरा अधिक होता है।
  • मांसपेशियों में दर्द और कमजोरी: विटामिन डी3 की कमी से मांसपेशियों में दर्द और कमजोरी हो सकती है।

Reference



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Dr. Shailendra Chaubey, BAMS

Ayurveda Practioner

A modern-day Vaidya with 11 years of experience. He is the founder of Dr. Shailendra Healing School that helps patients recover from chronic conditions through the Ayurvedic way of life.

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Uddeshya Verified review
4.5

Reviewed on 15th Nov 2021

My hair loss started in 2016 after I was diagnosed with tuberculosis. I had consulted a dermatologist and tried many treatments before nearly giving up hope. I liked Traya’s approach of combining three sciences. After I used the recommended product kits, I have seen a lot of benefits like thicker hair and negligible Hair fall. On complete Traya recommended plan. read more

Month 1

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Arundhati Munje Verified review
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Reviewed on 31st Dec 2021

I had been losing my hair for about two years. I tried to convince myself that it wasn't noticeable but I knew it was and so did everyone else who saw me. I started my treatment with Traya and not only is the problem solved, but people are noticing how much it's grown back. On complete Traya recommended plan. read more

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4.5

Reviewed on 21st Feb 2022

I didn't want to resort to surgery or any other invasive treatment for my hair loss and I found Traya. They have helped me grow back a full head of hair in just eight months. I'm so happy with the results, thank you so much! On complete Traya recommended plan. read more

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Saumya Verified review
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Reviewed on 6th Nov 2021

I was losing hair due to stress and other things but Traya analyzed everything perfectly and sent me a treatment plan. After such great results, my relatives have also started using Traya. Thank you, Raveena my Hair coach (you are wonderful) for such amazing help. On complete Traya recommended plan. read more

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Swati Verified review
4.5

Reviewed on 17th August 2021

It takes time guys, but you won't regret it. My hair grew back stronger and my overall hair quality improved. Thank you Raveena, my hair coach, she really held me accountable and kept me on track. Super happy customer. On complete Traya recommended plan. read more

Google Review

★★★★★

I feel much better after taking up the treatment. The treatment does not just include tablets and minoxidil.

Treatment includes ensuring proper sleep cycle and proper diet. Surely there is notable changes after 9 months of treatment.

TheCmayil

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★★★★★

As a mother,I was extremely worried about my teenage daughter's hair condition. I chanced upon Traya and approached you.A very helpful team always making sure that a regular follow up is done.The hair health has improved a lot since I started and I am very pleased with the results. Thank you Traya..Thank you Mallika for being just a call away.

SANJUKTA SANYAL

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★★★★★

I am 25 years old. I have androgenic alopecia. couple of months back I found traya and started its medication. now I am happy with its result. most important thing is patience and consistency. diet is also a key factor. I recommend traya 100%. good customer service.the sooner the better

jithu thomas

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★★★★★

Before trying traya i had used a lot of other meditation too... Traya was the only one which gave me the best positive results for my hair... Grateful to them

LOKJEET RANAA..

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★★★★★

I have been following Traya regime since last 9 months now and the results are all to speak for. I had issues regarding hair density and patches. Now I am very much happy and satisfied with the results. In short, Quality & Quantity both have improved for me. Infact, it has been helpful for my body balance as well. Thanks to Sneha for all the help and Cheers to the Traya team👍 👍 👍

Devarshi Desai

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★★★★★

It's all about patience and consistency. Traya helped me to grow my hair back, as well as to live a healthy lifestyle with the customized diet. Before Traya I lost all my hopes. If a person like me can grow my hairs back., I'm 100℅ sure with the help of Traya everyone who is facing hair fall issues can grow back their hair. Trust me it's worth it.

Shubham Nikam

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★★★★★

TRAYA'S hairfall treatment has been of great help in reducing my hairfall issue and also regrowing new hair. Also the support staff Poornima who was assigned to me has been very helpful as she checked on my progress, provided diet plans and answering any questions regarding the medication. A great experience overall.

rohit daz

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★★★★★

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rohit daz

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★★★★★

Since i have started using Traya hair care regime, my hair have really improved a lot. This regime is also helping me in stress management and to get better sleep. I would highly recommend Traya.

Bhawana Singh

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★★★★★

The product is very good
The results were visible after 15 itself
Must try essential hair food

Sonia Hair Studio

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★★★★★

IT WORKS! I'm not someone who falls for a trap easily so I researched well before taking this treatment! My research, their treatments and efforts have truly shown results. I like their concept of 3 sciences, it was new to me but they proved it by giving me my desired results! Thanks Tatva

Kiran Rajput

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Disclaimers

The claims and results mentioned are based on multiple internal studies and customer research surveys that Traya has conducted with a statistically significant sample size of users who were under expert observation and guidance

93% saw results*

Traya conducted an internal study over both men and females facing hair fall and 93% saw results* after using the complete Traya treatment consistently for a period of 5 months. This study was conducted in December 2022. 

5-month money-back guarantee

Traya’s 100% money-back policy is valid only if you have been regular with the complete treatment plan for a period of 5 whole consecutive months. Each customised hair kit is valid for only 30 days. If any individual has not seen any regrowth or control in hair fall, you can ask for a refund. However, once you apply for the 5-month - money-back policy, the team would then do a thorough check on consumer regularity based on every order date. An exception to this policy is for those customers undergoing serious health conditions like autoimmune diseases and cancer. 

Traya’s Holistic 3 Science Formula 

Traya’s 3 Science Formula is a synergistic mix of Ayurveda, Allopathy & Food Science designed specifically to cater to hair loss conditions stemming from multiple root causes. With clinically tested ingredients and adaptogenic herbs, Traya’s Science-Backed formula clears internal blockages and boosts hair regeneration naturally. When blended with a healing dietary plan, it delivers great results in attaining long-term hair growth. 

Traya Free hair test (™) 

Traya’s Hair Dx test is powered by a proprietary algorithm to examine a user's hair & health profile. With the help of a distinctive image-capturing technique & physician- formulated examination, it is able to precisely diagnose the type, stage & root causes of a certain hair loss condition. 

2 lakh+ Indians 

Traya Free hair test (™) has been taken by more than 2 lakh+ Indians - Data acquired from Traya customers. 

Ayush Certified  - Digest Boost, Cholest Vati and Consti Clear are Ayush Certified Products.

Traya’s Ayurvedic Products are based on natural and Ayurvedic formulations. These are completely safe for human use, but it is possible that certain ingredients may cause allergic reactions to some individuals. 

Accurate hair diagnosis 

The Traya free hair test (™) is a proprietary algorithm developed with the help of our in-house doctors that provides Accurate hair and health diagnosis, provided you mention all the correct details about yourself. It gives a precise diagnosis about the type, stage and root cause of a specific hair fall condition.

Long Lasting Visible Hair Results 

Traya’s complete treatment gives visible and long-lasting results provided you’re on Traya’s hair maintenance kit. Since Traya works on the internal root causes of hair fall and hence our customers have seen long lasting results

Trusted by 70+ Doctors

Traya has been tried and loved by over 70 doctors all over India to maintain healthy hair growth. 

Award Winning Trusted Brand

India’s Healthcare Excellence initiated by Brands Impact has awarded Traya as the Most Effective Haircare Product of the Year 2022 

FDA approved ingredients 

Traya contains hair growth actives like minoxidil and DHT blocker which are FDA approved to treat hair fall. These are completely safe for human use, but it is possible that certain ingredients may cause allergic reactions to some individuals.

 

Traya Women Santulan (™)

Traya’s Women Santulan is a unique technology that uses a combination of herbs treated in a specific manner (kalpa) to meet the bio-specific needs of women going through different stages of life. Santulan is a supplementary range to Traya’s 3 Science Formula which balances and nourishes the body inside-out delivering long-lasting hair growth results and overall health.

Hair Growth Plan starts at Rs 1699 pm* - The price mentioned is for a male of age 23 with stage 1 type hair fall based on the results of the hair test taken on the website. Prices may vary for individual customers depending on the results of the hair test and internal root causes

Hair Growth Plan starts at Rs 2000 pm* - The price mentioned is for a male of age 25 with stage 1 type hair fall based on the results of the hair test taken on the website. Prices may vary for individual customers depending on the results of the hair test and internal root causes

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