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तुरंत पहचानें: शरीर में दिख रहे हैं खून की कमी के ये लक्षण!


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खून की कमी यानि एनीमिया के कई लक्षण दिखाई दे सकते हैं। शरीर में खून की कमी होने पर तेजी से बालों का झड़ना, हाथ पैर ठंडे पड़ना, त्वचा का रंग सफेद या पीला पड़ना, त्वचा में रूखापन आना, सिर दर्द और चक्कर आना, मुंह में छाले पड़ना, अत्यधिक पीपल्स होना, दिल की धड़कन अनियमित होना और सांस लेने में कठिनाई जैसी दिक्कतें सामने आ सकती हैं। खून की कमी के लक्षण को कभी भी नजरंदाज नहीं करना चाहिए।

अगर लंबे समय तक इसका इलाज न किया जाए तो हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है जिसमें हार्ट अटैक भी शामिल है। साथ ही इसकी वजह से अत्यधिक थकान, सांस लेने में अत्यधिक कठिनाई, सीने में तेज दर्द, सिरदर्द, इन्फेक्शन, प्रेगनेंसी से जुड़ी दिक्कतें, गंजापन और सोचने समझने की क्षमता में गिरावट होना हो सकता है। कुछ परिस्थितियों में व्यक्ति की मृत्यु भी हो जाती है और चोट आदि लगने पर रक्तस्राव अधिक होने का खतरा भी बढ़ जाता है।

इसके अलावा एनीमिया की वजह से तेजी से बाल झड़ने और गंजेपन का जोखिम भी बढ़ जाता है। अगर आपके बाल एनीमिया या शरीर में खून की कमी की वजह से झड़ रहे हैं तो हम आपको Iron Santulan दवा के सेवन की सलाह देते हैं। यह 100% प्राकृतिक दवा शरीर पर कोई साइड इफेक्ट्स नहीं डालती है और आयरन को संतुलित करने में मदद करती है जिससे हेयर फॉल की समस्या से मुक्ति मिलती है।


खून की कमी के लक्षण (Khoon Ki Kami Ke Lakshan)

व्यक्ति के शरीर में खून की कमी होने पर कई लक्षण दिखाई दे सकते हैं। नीचे हम विस्तार से खून की कमी के लक्षण पर बात करेंगे और साथ ही बताएंगे कि खून की कमी से जूझ रहे व्यक्तियों को क्या करना चाहिए, सही उपचार क्या है और घरेलू उपायों से कैसे खून की कमी को दूर किया जा सकता है।


1. हृदय रोगों का जोखिम बढ़ना (Increased risk of heart disease)

खून की कमी के लक्षण में हृदय रोगों का जोखिम बढ़ जाना प्रमुख है। अगर आपके शरीर में खून की कमी हो गई है यानि कि आप एनीमिया से जूझ रहे हैं तो heart failure की संभावना बढ़ जाती है। साथ ही आप हृदय की गति में अनियमित बदलाव, हृदय में दर्द होने जैसी अनुभूतियां भी कर सकते हैं। स्वस्थ रक्त में लाल रक्त कोशिकाओं और हीमोग्लोबिन की पर्याप्त मौजूदगी होती है।

ये दोनों ही शरीर के सभी अंगों तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की डिलीवरी को सुनिश्चित करते हैं जिसमें हृदय भी शामिल है। एनीमिया की परिस्थिति में आपके शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी हो जायेगी जिसकी कमी पूरी करने की कोशिश में आपका हृदय तेजी से पंप करने लगेगा। अगर लंबे समय तक ऐसा चलता रहा तो आपके हृदय पर अत्यधिक दबाव पड़ सकता है जिससे आगे चलकर हृदय रोगों का खतरा बढ़ सकता है।


2. त्वचा पीली पड़ना (Pale skin)

एनीमिया की समस्या से जूझ रहे व्यक्तियों में त्वचा का पीलापन भी एक बड़ी समस्या है। बल्कि कहा जा सकता है कि अगर आपके शरीर में खून की कमी हो जाए या आप एनीमिया से पीड़ित हो जाएं तो एक बड़ा परिवर्तन आपको आपकी त्वचा की रंगत में देखने को मिलेगा। इसकी वजह से आपकी त्वचा की रंगत खराब हो सकती है और त्वचा में पीलापन आ सकता है। 

दरअसल लाल रक्त कोशिकाएं ही रक्त को लाल रंग देती हैं या यूं कहें कि हीमोग्लोबिन जोकि लाल रक्त कोशिकाओं के मौजूद होता है, खून के लाल रंग होने का कारक है। ऐसे में जब लाल रक्त कोशिकाएं और हीमोग्लोबिन की कमी हो जायेगी तो सीधे तौर पर रक्त की रंगत पर असर पड़ेगा। इससे आपकी त्वचा पीली दिखाई देने लगेगी। साथ ही पर्याप्त मात्रा में लाल रक्त कोशिकाएं oxygenated blood में भी योगदान देती हैं जोकि त्वचा की रंगत को बरकरार रखने में मदद करता है।


3. सीने में तेज दर्द (Severe chest pain)

खून की कमी यानि एनीमिया से जूझ रहे व्यक्तियों में सीने में अक्सर तेज दर्द की शिकायत भी रहती है। दोबारा से यह हृदय पर अत्यधिक भार पड़ने की वजह से हो सकता है। स्वस्थ व्यक्तियों में, लाल रक्त कोशिकाएं पूरे शरीर में ऑक्सीजन को ऊतकों तक ले जाती हैं। जब आपको एनीमिया होता है, तो आपके शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या कम हो जाती है, जिससे आपके अंगों तक ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो जाती है। 

ऑक्सीजन की कमी की भरपाई करने के लिए, आपके हृदय को ज़्यादा मेहनत करनी पड़ती है और पूरे शरीर में पर्याप्त ऑक्सीजन पहुँचाने के लिए ज़्यादा रक्त पंप करना पड़ता है। इस बढ़े हुए कार्यभार के कारण सीने में दर्द हो सकता है। इसके साथ ही तेजी से दिल धड़कने की वजह से भी सीने में दर्द की अनुभूति हो सकती है।


4. अत्यधिक कमजोरी और थकान (Fatigue and weakness may occur)

एनीमिया की समस्या से परेशान लोगों में अत्यधिक थकान और कमजोरी की शिकायत भी रहती है। खून की कमी से परेशान लोग अक्सर यह शिकायत करते हैं कि उन्हें अक्सर थकान और कमजोरी का अनुभव होता है। बल्कि खून की भारी कमी से पीड़ित लोग रातभर अच्छी नींद लेने के बावजूद सुबह उठकर थका हुआ ही महसूस करते हैं। इसका कारण है लाल रक्त कोशिकाओं और हीमोग्लोबिन के स्तर में कमी।

जब हमारे शरीर में पर्याप्त मात्रा में लाल रक्त कोशिकाएं और हीमोग्लोबिन मौजूद नहीं होती हैं तो शरीर के सभी अंगों तक ऑक्सीजन और जरूरी पोषक तत्वों की डिलीवरी बाधित हो जाती है। इससे मांशपेशियों तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता जोकि सही एनर्जी उत्पादन के लिए बेहद जरुरी है। ऑक्सीजन की कमी से एनर्जी का उत्पादन कम होगा, इससे आपको अवश्य ही थकान और कमजोरी महसूस होगी।


5. बालों का तेजी से झड़ना (Rapid hair loss)

खून की कमी के लक्षण में तेजी से बाल झड़ना भी शामिल है। जिन लोगों को एनीमिया की समस्या है, उनमें बाल झड़ने की समस्या अवश्य होती है। बल्कि यह कहा जा सकता है कि वर्तमान में एक बड़ी संख्या में लोगों के बाल झड़ने का कारण एनीमिया है। ऐसा इसलिए क्योंकि एनीमिया की परिस्थिति में स्कैल्प तक सुचारू रूप से ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की डिलीवरी नहीं हो पाती है जिससे बालों के रोम (hair follicles) कमजोर हो जाते हैं। इससे बालों का झड़ना शुरू हो जाता है।

अगर आपके बाल भी तेजी से झड़ रहे हैं तो यह एनीमिया की वजह से हो सकता है। सही कारण का पता लगाने के लिए ही हमने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और विशेषज्ञों के साथ मिलकर Free Hair Test को डिजाइन किया है। इस टेस्ट को मुफ्त में घर बैठे स्मार्टफोन की मदद से मात्र 2 मिनट में पूरा करके आप झड़ते बालों की समस्या का मुख्य कारण पता लगा सकते हैं।


6. सांस लेने में तकलीफ होना (Difficulty breathing)

जिन व्यक्तियों के शरीर में खून की कमी हो जाती है अर्थात एनीमिया की समस्या का सामना करते हैं, उन्हें सांस लेने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। खून की कमी होने पर सांस लेने में मुश्किलों का सामना करने की स्तिथि को टेक्निकल भाषा में dyspnea कहा जाता है। एनीमिया में रक्त में लाल रक्त कोशिकाओं और हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है। इसकी वजह से शरीर के साथ साथ मांशपेशियों में ऑक्सीजन डिलीवरी बाधित हो जाती है। ऑक्सीजन मांशपेशियों को पर्याप्त मात्रा में ऊर्जा बनाने के लिए आवश्यक होती हैं।

जैसे-जैसे आपका शरीर ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी की भरपाई करने की कोशिश करता है, आपके रक्तप्रवाह में अधिक ऑक्सीजन पहुँचाने के प्रयास में आपकी सांस लेने की दर और हृदय गति बढ़ सकती है। ऐसे में सांस लेने में कठिनाई का अनुभव होने लगता है। खासकर कि यह आपको तब महसूस होता है जब आप एक्सरसाइज करते हैं, चलते या दौड़ते हैं या सीढ़ियां चढ़ते हैं।


7. चक्कर आने की समस्या (Dizziness)

शरीर में खून की कमी के लक्षण में अत्यधिक चक्कर आना भी शामिल है। अगर आपके शरीर में खून की कमी हो गई है तो आप बार बार चक्कर आने का अनुभव कर सकते हैं। दरअसल यह इसलिए होता है क्योंकि जब एनीमिया की समस्या होती है तो रक्त में लाल रक्त कोशिकाओं और हीमोग्लोबिन की मात्रा में कमी आ जाती है। इन दोनों की कमी होने पर दिमाग में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित हो जाती है। 

दिमाग तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन न पहुंच पाने की वजह से दिमाग की कार्यक्षमता नकारात्मक रूप से प्रभावित होती है। इससे चक्कर आना या गिरने की अनुभूति होना स्वाभाविक है। साथ ही एनीमिया के मामले में ब्लड प्रेशर में भी तेजी से उतार चढ़ाव होता है। खासतौर पर जब लेटकर बैठने या उठने की कोशिश करते हैं तो दिमाग तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन और रक्त पहुंचाना आवश्यक होता है। लेकिन एनीमिया की समस्या में यह संभव नहीं हो पाता जिससे चक्कर आने की समस्या खड़ी हो जाती है।


8. मस्तिष्क का कार्य प्रभावित होना (Brain function being negatively affected)

शरीर में खून की कमी होने पर मस्तिष्क बुरी तरह प्रभावित होता है जिससे संज्ञानात्मक कार्यों को अंजाम देने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है। खासतौर कर सोचने समझने, ध्यान लगाने, याद रखने जैसी बेहद आवश्यक कार्यों को करने में कठिनाई का अनुभव होने लगता है। इससे भूलने की बीमारी, चक्कर आना, बेहोशी की समस्या भी अवतरित हो सकती है। कुछ व्यक्तियों में भ्रम होना और याददाश्त कमजोर होना भी हो सकता है।

जब आपके शरीर में रक्त की कमी हो जाती है तो इसका अर्थ है कि लाल रक्त कोशिकाओं और हीमोग्लोबिन की कमी हो गई जिसे एनीमिया कहा जाता है। ये दोनों ही मस्तिष्क सहित शरीर के अन्य भागों तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए जिम्मेदार होती हैं। लेकिन इन दोनों की अनुपस्थिति या कमी होने पर मस्तिष्क तक ऑक्सीजन सुचारू रूप से नहीं पहुंच पाता जिससे मस्तिष्क के कार्यों में बाधा आती है।


9. सिर दर्द होना (Headache)

शरीर में खून की कमी यानि एनीमिया की वजह से आपको तेज सर दर्द भी हो सकता है। अक्सर लोग सिर दर्द की शिकायत करते रहते हैं जिसका कई बार कारण एनीमिया ही होता है। एनीमिया की समस्या में जैसा कि हमने आपको पहले भी बताया, लाल रक्त कोशिकाओं और हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है जिसकी वजह से शरीर के सभी भागों तक सुचारू रूप से ऑक्सीजन की पहुँच बाधित हो जाती है।

इस परिस्तिथि में आपके दिमाग में मौजूद रक्त वाहिकाएं खुद को चौड़ा करने की कोशिश करती हैं जिससे रक्त प्रवाह और ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ सके। रक्त वाहिकाओं के चौड़ा होने की वजह से दिमाग मैं मौजूद उतकों और अन्य भागों पर दबाव पड़ता है जिसकी वजह से सिर दर्द होने लगता है। हालाँकि सिर दर्द के अन्य कारण भी हो सकते हैं इसलिए खुद से सही कारण तय करने के बजाय आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।


10. हाथ पाँव ठंडे पड़ना (Cold hand and feets)

एनीमिया का अगला प्रमुख लक्षण है हाथ और पाँव ठंडे पड़ना। एनीमिया की समस्या से जूझ रहे व्यक्तियों में हाथ पाँव और शरीर के अन्य अंग नाटकीय रूप से ठंडे पड़ सकते हैं। यह हीमोग्लोबिन की कमी की वजह से होता है। हीमोग्लोबिन शरीर के सभी अंगों तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की पहुँच आसान बनाता है। लेकिन खून कम होने यानि एनीमिया की स्तिथि में उतकों तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुँच पाता जिससे ठण्ड लगने का नौभाव हो सकता है।

साथ ही मांशपेशियों तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन न पहुँच पाने की वजह से एनर्जी उत्पादन की क्षमता घट जाती है। उर्जा की कमी की वजह से शरीर का तापमान घट जाता है। तामपान को सामान्य बनाये रखने के लिए शरीर कोशिश तो अवश्य करता है जिसमें हाथ और पांव की रक्त वाहिकाएँ सिकुड़ने लगती हैं। इससे रक्त संचार भी घट जाता है जिससे हाथ पाँव में ठंड लगने की अनुभूति हो सकती है।


महिलाओं में खून की कमी के लक्षण (Symptoms of anaemia in female)

महिलाओं में खून की कमी के लक्षण कई होते हैं जिसमें थकान, कमजोरी, त्वचा का पीलापन, सिरदर्द और चक्कर आना, सांस लेने में तकलीफ, नाखून कमजोर होना, हाथ पांव ठंडे पड़ना, सोचने समझने की क्षमता में कमी और बाल झड़ना शामिल है। कुछ लोगों में अखाद्य पदार्थों को खाने की इच्छा जगना, जीभ का अत्यधिक कोमल होना और पैरों में कंपकपी भी हो सकती है। 

महिलाओं में एनीमिया होने या खून की कमी होने पर गर्भावस्था में नकारात्मक असर पड़ता है। इसकी वजह से माँ और बच्चे दोनों के स्वास्थय पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाएं आपके बच्चे सहित आपके पूरे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाती हैं। एनीमिया आपके बच्चे को मिलने वाली ऑक्सीजन की मात्रा को कम कर देता है, जिससे उनके विकास में बाधा आ सकती है। 


दिमाग में खून की कमी के लक्षण (Symptoms of anemia in the brain)

दिमाग में एनीमिया यानि खून की कमी होने पर मानसिक स्वास्थ्य ख़राब हो सकता है और साथ ही आपको बार बार सिर दर्द और चक्कर आने की समस्या का सामना भी करना पड़ सकता है। दिमाग में खून की कमी होने पर ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की डिलीवरी बाधित हो जाती है जिससे दिमाग की कार्यक्षमता बिगड़ जाती है। इसकी वजह से कई लक्षण दिखाई दे सकते हैं: 

  • चक्कर आना
  • चक्कर
  • थकान
  • पीली त्वचा
  • सांस लेने में कठिनाई
  • मुश्किल से ध्यान दे
  • चिड़चिड़ापन
  • अवसाद
  • पिका (असामान्य पदार्थों की लालसा)
  • पैर हिलाने की बीमारी
  • टिनिटस

खून की कमी क्यों होती है (Why anaemia occurs)

खून की कमी यानी एनीमिया के विभिन्न कारण हो सकते हैं जिसकी वजह से आपके शरीर में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की डिलीवरी बाधित हो सकती है। सबसे प्रमुख कारण है आयरन की कमी, यानि अगर आपके शरीर में पर्याप्त मात्रा में आयरन की कमी हो जाये तो आप एनीमिया के शिकार हो सकते हैं। आयरन ही लाल रक्त कोशिकाओं और हीमोग्लोबिन के निर्माण में अहम् भूमिका निभाता है। आयरन के अतिरिक्त अगर शरीर में फोलेट और विटामिन बी12 की कमी हो जाये तो भी खून की कमी हो सकती है।

इसके अलावा अस्थि मज्जा विकार भी शरीर में खून की कमी को जन्म दे सकता है। दरअसल अस्थि मज्जा ही खून के निर्माण में सबसे अहम् होता है, यही वह फैक्ट्री है जहाँ खून का निर्माण होता है और ऐसे में अगर इससे जुदा कोई विकार उत्पन्न हो जाये तो आपके शरीर में खून की कमी हो सकती है। गर्भावस्था में भी रक्त की अत्यधिक हानि हो जाती है जिसे एनीमिया या शरीर में खून की कमी हो सकती है। 


खून की कमी होने पर क्या खाएं (What to eat in case of anaemia)

खून की कमी होने पर ऐसे कई खाद्य पदार्थ हैं जिनका सेवन किया जा सकता है। खासतौर पर आपको ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन अधिकाधिक करना चाहिए जिसमें फोलेट, आयरन और विटामिन बी12 की मात्रा अधिक हो । ये तीनों ही पोषक तत्व लाल रक्त कोशिकाओं और हीमोग्लोबिन के निर्माण को बढ़ावा देती हैं ताकि शरीर में रक्त बढ़े और आप एनीमिया के शिकार न हों। साथ ही विटामिन सी के सेवन की सलाह भी दी जाती है ताकि आयरन का अवशोषण सही ढंग से हो सके।

खून की कमी होने पर आपको पालक, मेथी, सरसों का साग, धनिया पत्ती, मसूर, दाल, छोले, राजमा, किशमिश, अंजीर, खजूर, काजू, तिल, चिया बीज, अलसी के बीज, लाल मांस, चिकन, मछली, और अंडे, गुड़, चुकंदर, अनार का अधिकाधिक सेवन करना चाहिए। इसके साथ ही अगर शरीर में खून की भारी कमी हो जाये तो डॉक्टर blood transfusion की सलाह भी दे सकते हैं।


हीमोग्लोबिन कम होने के क्या लक्षण है (Symptoms of low hemoglobin)

शरीर में खून की कमी का सीधा अर्थ होता है कि रक्त में हीमोग्लोबिन की कमी हो गई है। हीमोग्लोबिन कम होने के कई लक्षण दिखाई दे सकते हैं जिसमें थकान, कमजोरी, त्वचा का पीलापन, सिरदर्द और चक्कर आना, सांस लेने में तकलीफ, नाखून कमजोर होना, हाथ पांव ठंडे पड़ना, सोचने समझने की क्षमता में कमी और बाल झड़ना शामिल है। कुछ लोगों में अखाद्य पदार्थों को खाने की इच्छा जगना, जीभ का अत्यधिक कोमल होना और पैरों में कंपकपी भी हो सकती है। 

ध्यान दें कि कई लोगों में हीमोग्लोबिन की कमी होने पर भी ये लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। कुछ लोगों में एनीमिया के बिलकुल भी लक्षण नहीं दिखाई देंगे तो कई लोगों में इसके लक्षण गंभी भी हो सकते हैं। यदि आपको लक्षणों के आधार पर लगता है कि आपको एनीमिया है तो हम आपको CBC blood test करवाने की सलाह देंगे। इस टेस्ट की मदद से शरीर में हीमोग्लोबिन और लाल रक्त कोशिकाओं के साथ ही अन्य कई तत्वों की जांच की जाती है। एनीमिया के इलाज के लिए घरेलु उपाय अपनाने के बजाय आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए।


हीमोग्लोबिन कितना होना चाहिए (What should be the hemoglobin level)

हीमोग्लोबिन की आदर्श मात्रा व्यक्ति की आयु, लिंग और परिस्तिथियों के हिसाब से अलग अलग हो सकता है। 19 वर्ष और उससे अधिक आयु के पुरुषों में हीमोग्लोबिन की मात्रा जहाँ 13.5 - 17.5 g/dL होना चाहिए तो वहीँ इसी उम्र की महिलाओं में इसकी मात्रा 12.0 - 15.5 g/dL होनी चाहिए। निचे दिए टेबल में आप देख सकते हैं कि उम्र और लिंग के अनुरूप हीमोग्लोबिन की मात्रा कितनी होनी चाहिए। 

 

लिंग

आयु

सामान्य Hb स्तर (g/dL)

पुरुष

19 वर्ष और उससे अधिक

13.5 - 17.5

महिलाएं (गैर-गर्भवती)

19 वर्ष और उससे अधिक

12.0 - 15.5

गर्भवती महिलाएं

सभी आयु वर्ग

11.0 - 15.0

बच्चे (0-6 महीने)

11.0 - 15.0

बच्चे (6-24 महीने)

10.0 - 13.0

बच्चे (2-5 वर्ष)

11.0 - 14.0

बच्चे (5-11 वर्ष)

11.5 - 15.5

बच्चे (12-19 वर्ष)

12.0 - 16.0



निष्कर्ष (Conclusion)

शरीर में खून की कमी के कई लक्षण दिखाई दे सकते हैं जिसमें तेजी से बालों का झड़ना, हाथ पैर ठंडे पड़ना, त्वचा का रंग सफेद या पीला पड़ना, त्वचा में रूखापन आना, सिर दर्द और चक्कर आना, मुंह में छाले पड़ना, अत्यधिक पीपल्स होना, दिल की धड़कन अनियमित होना और सांस लेने में कठिनाई जैसी दिक्कतें शामिल हैं। कुछ व्यक्तियों में ह्रदय रोगों का खतरा बढ़ जाने के साथ ही अखाद्य पदार्थों को खाने की लालसा जागना भी दिखाई देता है। 

अगर अआप खून की कमी के लक्षणों से दूर रहना चाहते हैं तो आपको संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए। खासतौर पर आपको ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए जो आयरन, फोलेट, विटामिन बी१२ और विटामिन सी से भरपूर हों। इसके साथ ही एक सही दिनचर्या का पालन करना, एक्टिव रहना, धुम्रपान और मदिरापान न करना जैसी अछि आदतें भी खून के स्तर को बढाने में सहयोग दे सकती हैं।


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (Frequently Asked Questions)

1. शरीर में खून की कमी हो तो कैसे पता चलेगा?

अगर आपके शरीर में खून की कमी हो तो आपको तेजी से बालों का झड़ना, हाथ पैर ठंडे पड़ना, त्वचा का रंग सफेद या पीला पड़ना, त्वचा में रूखापन आना, सिर दर्द और चक्कर आना, मुंह में छाले पड़ना, अत्यधिक पीपल्स होना, दिल की धड़कन अनियमित होना और सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। साथ ही आप सीबीसी टेस्ट के माध्यम से भी पता लगा सकते हैं कि आपके शरीर में रक्त की कमी या एनीमिया है या नहीं।


2. खून की कमी होने से क्या दिक्कत होती है?

खून की कमी होने पर कई दिक्कतें शुरू हो सकती हैं जिसमें सांस लेने में दिक्कतें होना, सांस फूलना, अत्यधिक थकान और कमजोरी, पिम्पल्स होना, सर दर्द और चक्कर आना शामिल है। खून की कमी होने से अगर आपको दिक्कतें महसूस हो रही हैं तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। 


3. शरीर में खून न बनने का कारण क्या है?

शरीर में खून न बनने के कई कारण हो सकते हैं जिसमें पर्याप्त मात्रा में संतुलित आहार विशेषकर आयरन और फोलेट से युक्त आहार का सेवन न करना है। इसके अलावा एक्टिव न रहना, ख़राब लाइफस्टाइल का चुनाव करना भी शरीर में खून न बनने का कारण हो सकता है। 


4. सबसे ज्यादा खून बढ़ाने वाला फल कौन सा होता है?

सबसे ज्यादा खून बढाने वाला फल चुकंदर है। चुकंदर के नियमित सेवन से लाल रक्त कोशिकाओं और हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ता है जिसकी वजह से शरीर में खून की मात्रा भी बढ़ जाती है। चुकंदर में आयरन के साथ साथ एनी पोषक तत्त्व जैसे फोलेट, पोटैशियम और फाइबर भी मौजूद होता है जो स्वस्थ रक्त निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 


5. कौन सा टेबलेट खाने से खून बढ़ता है?

Traya Iron Santulan टेबलेट खाने से शरीर में खून बढ़ता है। यह एक आयुर्वेदिक आयरन सप्लीमेंट है जिसमें कई आयुर्वेदिक औषधियों की शक्ति मौजूद है। खासतौर पर इसमें त्रिकटु शामिल है जो आयरन अवशोषण को बढ़ावा देता है तो वहीँ नव्यसा लौह एनीमिया के जोखिम को कम करता है। इस टेबलेट में मंदुर वाटक भी शामिल होता है जो एनर्जी लेवल को बढाता है। यह टेबलेट एनीमिया की वजह से बाल झड़ने की समस्या के उपचार में सबसे कारगर है।


References

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Dr. Shailendra Chaubey, BAMS

Ayurveda Practioner

A modern-day Vaidya with 11 years of experience. He is the founder of Dr. Shailendra Healing School that helps patients recover from chronic conditions through the Ayurvedic way of life.

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