Statista की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2021 तक अकेले भारत में 60 वर्ष से अधिक उम्र के 13% लोगों को और 19 वर्ष और उससे कम उम्र के 5% लोगों को थायराइड की समस्या है। अगर समय पर इसका इलाज नहीं किया गया तो व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। इसलिए समय रहते यह जानना जरुरी है कि थायराइड में कहां कहां दर्द होता है और इसके लक्ष्ण क्या हैं.
थायराइड एक हार्मोन है जो हमारे थायराइड ग्लैंड से निकलती है। गले में तितली के आकार के उभार को ही थायराइड ग्लैंड कहा जाता है। इस हार्मोन का संतुलन होना अतिआवश्यक है, अर्थात यह न तो बढ़ना चाहिए और ना ही घटना, बिलकुल सामान्य होना चाहिए। थाइरोइड की समस्या में गले, पैरों, जोड़ों, मांशपेशियों, जबड़े और कान में दर्द होता है।
अगर आप थायराइड की समस्या से जूझ रहे हैं तो हम आपको Thyroid Santulan टैबलेट के सेवन की सलाह देते हैं। यह टैबलेट पूरी तरह से आयुर्वेदिक औषधियों से तैयार किया गया है जो थायराइड की समस्या को जड़ से ठीक कर सकता है। साथ ही अगर थायराइड की समस्या में आप तेजी से बाल झड़ने की समस्या से परेशान हैं तो Free Hair Test दें। यह टेस्ट फ्री है, घर बैठे स्मार्टफोन की मदद से 2 से 3 मिनट में दिया जा सकता है। टेस्ट देकर बालों के झड़ने का सही कारण पता लगाकर सही समय कर उपचार की शुरुआत की जा सकती है।
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थायराइड में कहां कहां दर्द होता है | Thyroid Me Kahan Kahan Dard Hota Hai
थायराइड की समस्या में शरीर के कई हिस्सों में दर्द होता है। इस रोग में गले, पैरों, जोड़ों, मांशपेशियों, जबड़े और कान में दर्द होता है। खासतौर पर आपको यह दर्द गले में महसूस होगा क्योंकि थायराइड ग्लैंड गले में ही मौजूद होता है। इससे गले में सूजन और भोजन निगलने में दिक्कतों का सामना करना भी पड़ सकता है।
1. गले में दर्द
थायराइड की समस्या होने पर सबसे पहले आपको गले में दर्द महसूस होगा। सबसे पहले यह दर्द गले में महसूस इसलिए महसूस होता है क्योंकि थायराइड ग्लैंड ही गले में मौजूद है। इस समस्या को चिकित्सा विज्ञान की भाषा में Subacute thyroiditis कहा जाता है। थायराइड ग्रंथि में सूजन की वजह से यह दर्द उभरता है जोकि थायराइड रोग के अलावा अन्य कई कारणों से भी हो सकता है जैसे संक्रमण, रेडिएशन, या आघात।
ऐसे में समाधान क्या है? थायराइड की समस्या में अगर गले में दर्द होता है तो थायराइड की दवाओं के साथ साथ ही डॉक्टर कुछ अन्य दवाएं भी दे सकते हैं जिससे सूजन में कमी आयेगी। आमतौर पर इस समस्या में एस्पिरिन या इबुप्रोफेन जैसी नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं (एनएसएआईडी) दी जाती हैं। साथ ही, अगर दर्द तेज है तो डॉक्टर कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स, जैसे कि प्रेडनिसन के सेवन की सलाह देते हैं।
2. कान और जबड़े में दर्द
थायराइड की समस्या में आपको गले के अलावा कान और जबड़े में भी दर्द की अनुभूति हो सकती है। यह खासतौर पर subacute thyroiditis (SAT) की वजह से होता है जिसमें थायराइड ग्रंथि सुजने लगती है जिसकी वजह से दर्द गले से होते हुए कानों और जबड़े तक फैल जाता है। इस दर्द के साथ ही आपको अन्य कई लक्षण भी महसूस हो सकते हैं जिसमें तेज बुखार, कमजोरी, गला बैठना और निगलने में कठिनाई की समस्या शामिल है।
आमतौर पर यह दर्द 1 से 3 महीने तक आपको परेशान कर सकता है। डॉक्टर आपको इस दर्द से मुक्ति दिलाने के लिए कई दवाएं दे सकते हैं जो सूजन को कम करके दर्द से मुक्ति दिलाती हैं। अगर दर्द कम है आईब्यूप्रोफेन और एस्पिरिन दिया जाता है तो वहीं दर्द बढ़ने पर prednisone जैसी दवाएं सेवन करने की सलाह दी जा सकती है। कुछ मामलों में डॉक्टर नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं (एनएसएआईडी) के सेवन की भी सलाह दे सकते हैं।
3. मांशपेशियों में दर्द
थायराइड की समस्या से जूझ रहे लोगों को मांशपेशियों में भी दर्द होने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। यह दर्द थायराइड हार्मोन का उत्पादन अधिक और कम होने दोनों ही स्थितियों में हो सकता है। खासतौर पर अगर hypothyroidism की समस्या है तो शरीर के मांशपेशियों में तेज दर्द की अनुभूति हो सकती है, जोकि आमतौर पर कंधों और जांघों में महसूस हो सकती है। साथ ही अन्य कई लक्षण जैसे मांशपेशियों में कमजोरी, मरोड़े उठना, कठोरता महसूस हो सकते हैं।
थायराइड की समस्या होने पर अगर आपकी मांशपेशियों खासकर कि कंधे और जांघों में दर्द है तो डॉक्टर thyroid hormone replacement medicine के सेवन की सलाह देंगे जोकि सबसे उत्तम तरीका है। साथ ही आप अन्य तरीके जैसे अधिकाधिक पानी पीना, एक्सरसाइज करना, मसाज देना, मैग्नीशियम सप्लीमेंट का सेवन करने की सलाह भी दी सकते हैं।
4. जोड़ों में दर्द
Hypothyroidism यानि ऐसी स्तिथि जिसमें थायराइड हार्मोन का उत्पादन कम होता है, जोड़ों के दर्द की अनुभूति हो सकती है। यह दर्द इसलिए होता है क्योंकि यह सेलुलर स्तर पर हड्डी और उपास्थि (cartilage) के प्रसार और विभेदन को प्रभावित कर सकता है। थायराइड रोग की समस्या में शरीर में thyroxine यानि T4 की मात्रा घट जाती है जिसकी वजह से मांशपेशियां क्षतिग्रस्त हो सकती हैं। अगर समय पर इलाज न किया जाए तो जोड़ों में सूजन की समस्या भी खड़ी हो सकती है जिससे जोड़ों जैसे घुटनों में दर्द हो सकता है।
थायराइड की समस्या में अगर जोड़ों में दर्द की समस्या उभरती है तो डॉक्टर thyroxine के साथ ही NSAIDs और steroids के सेवन की सलाह दे सकते हैं। इसके अलावा, कैल्शियम और विटामिन डी सप्लीमेंट के सेवन की सलाह भी दी जाती है। इसके अलावा एक अच्छी लाइफस्टाइल, संतुलित खानपान और हल्की एक्सरसाइज भी इस दर्द से मुक्ति दिला सकती है।
5. पैरों में दर्द
थायराइड की समस्या होने पर पैरों में भी दर्द हो सकता है। थायराइड की समस्या होने पर nerve damage हो जाता है जिससे पैरों में दर्द होना शुरू हो जाता है। जब थायराइड ग्रंथि पर्याप्त मात्रा में थायराइड हार्मोन का उत्पादन नहीं कर पाती है तो नर्वस क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, जिसमें पैरों की भी नर्वस शामिल हैं। इससे मांसपेशियों में झुनझुनी, सुन्नता या पैर की ऐंठन हो सकती है। गंभीर, अनुपचारित हाइपोथायरायडिज्म भी तरल पदार्थ के निर्माण का कारण बन सकता है जो बाहों और पैरों की नसों पर दबाव डालता है।
थायराइड की वजह से nerve damage को पेरिफेरल न्यूरोपैथी का नाम भी दिया जाता है। ऐसे में अगर पैर दर्द की समस्या का सामना आप करते हैं तो थायराइड हार्मोन रिप्लेसमेंट दवाओं जैसे Levothyroxine के सेवन की सलाह दे सकते हैं। साथ ही मसाज, एक्यूपंक्चर, चायरोप्रैक्टिक एडजस्टमेंट जैसे थेरेपी भी मदद कर सकती हैं। साथ ही आपको संतुलित आहार का सेवन करना और हल्की एक्सरसाइज करने की सलाह भी दी जाती है।
तो इस तरह थाइरोइड की समस्या में मुख्य रूप से गले, कान, जबड़े, जोड़ों, पैर और मांशपेशियों में दर्द होता है. खासतौर पर यह दर्द गले से शुरू होता है और धीरे धीरे कान और जबड़े तक फ़ैल जाता है. समस्या बढ़ने पर जोड़ों और मांशपेशियों में भी यह दर्द उभर सकता है.
थायराइड दर्द से कैसे बचें
आपने ऊपर विस्तार से जाना कि थायराइड में कहां कहां दर्द होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बिना डॉक्टर की सहायता के भी आप कुछ ऐसे कदम उठा सकते हैं जिससे दर्द की समस्या से मुक्ति मिल सकती है? जी हां, आप कुछ लाइफस्टाइल बदलावों की मदद से थायराइड में होने वाले दर्द को कम या खत्म कर सकते हैं।
1. तनाव कम लें
अगर आप थायराइड में होने वाले दर्द से मुक्ति पाना चाहते हैं तो तनाव को कम करना जरूरी है। अत्यधिक तनाव लेने की वजह से थायराइड की समस्या अत्यधिक गंभीर हो जाती है जिससे दर्द भी बढ़ सकता है। अत्यधिक तनाव लेने से शहरी का मेटाबॉलिज्म धीमा हो सकता है जिससे triiodothyronine (T3) और thyroxine (T4) का स्तर घट सकता है। ऐसे में स्ट्रेस मैनेजमेंट करें और योग की मदद से तनाव कम करें।
2. रोजाना योग और व्यायाम करें
थायराइड की समस्या के उपचार में नियमित रूप से योग और व्यायाम करना भी जरूरी है। जैसा कि हमने आपको ऊपर ही बताया, योग करने से स्ट्रेस हार्मोन कम होते हैं जोकि सीधे तौर पर थायराइड हार्मोन को प्रभावित करते हैं। बढ़े हुए तनाव की वजह से थायराइड रोग की समस्या और भी विकट हो जाती है। इसके लिए आप मत्स्यासन, हलासन, कोबरा पोज जैसे योग कर सकते हैं।
3. वजन प्रबंधन पर ध्यान दें
थायराइड में होने वाले दर्द को अगर आप कम करना चाहते हैं तो वजन कम करना लाभकारी हो सकता है। थायराइड की समस्या में पहले से ही पैरों और जोड़ों में दर्द रहता है, ऐसे में अत्यधिक वजन दर्द को और भी बढ़ा सकता है। साथ ही, वसा कोशिकाएं वास्तव में थायराइड हार्मोन के उत्पादन और कार्य में हस्तक्षेप कर सकती हैं। स्वस्थ वजन बनाए रखने से आपके शरीर को इन हार्मोनों को अधिक प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।
4. गर्म मसाज करें
गर्म तेल या गर्म सेक की मदद से भी थायराइड की समस्या में होने वाले दर्द से मुक्ति पाई जा सकती है। थायरॉयड ग्रंथि के क्षेत्र पर गर्म सेक लगाने से सूजन और दर्द को कम करने में मदद मिल सकती है। साथ ही हम आपको ठंडा सेक भी लगाने की सलाह देते हैं। 2 मिनट के अंतराल पर गर्म और ठंड सेक लगाने से थायराइड में होने वाले दर्द और सूजन की समस्या से राहत मिल सकती है।
5. संतुलित आहार का सेवन करें
थायराइड में दर्द की समस्या से राहत दिलाने में संतुलित आहार का सेवन करना भी फायदेमंद हो सकता है। खासतौर पर अगर आप अपने आहार में समुद्री शैवाल, ब्राज़ील नट्स, मछली और अंडे को शामिल करते हैं तो थायराइड का कार्य सुचारू रूप से होता है। जामुन और क्रूसिफेरस सब्जियाँ भी आपके थायराइड के कार्य को बेहतर करती हैं जबकि जंक और प्रोसेस्ड भोजन हानिकारक होता है।
थायराइड के लक्षण क्या हैं
थायराइड की समस्या में गले, पैरों, जोड़ों, मांशपेशियों, जबड़े और कान में दर्द होता है। खासतौर पर यह दर्द सबसे पहले गले से शुरू होता है क्योंकि गले में ही थायरोइड ग्रंथि मौजूद होती है. फिर धीरे धीरे जोड़ों और मांशपेशियों में भी दर्द होने लगता है. तो इस तरह थाइरोइड का एक प्रमुख लक्षण इन अंगों में दर्द है.
1. मोटे होने वाले थायराइड के लक्षण
Hypothyroidism को आमतौर पर मोटापा के साथ जोड़कर देखा जाता है। यह वह स्तिथि है जब थायराइड ग्रंथि सामान्य से कम मात्रा में थायराइड हार्मोन को रिलीज करती है। ऐसे में मोटे होने वाले थायराइड के लक्षण में अत्यधिक थकान, ठंड के प्रति संवेदनशीलता, जोड़ों और मांशपेशियों में दर्द, सुखी त्वचा और तेजी से झड़ते बाल, कब्ज, अनियमित मासिक धर्म, डिप्रेशन, धीमी हृदय गति शामिल हैं।
अगर आप थायराइड की समस्या से जूझ रहे हैं जिसकी वजह से पीरियड अनियमित आना और बाल झड़ने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है तो हम आपको Thyroid Santulan टैबलेट के सेवन की सलाह देते हैं। आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से तैयार यह आयुर्वेदिक टैबलेट थायराइड की समस्या को जड़ से खत्म करने और इसके लक्षणों को दूर करने में प्रभावी हैं। साथ ही, अगर आप तेजी से बाल झड़ने की समस्या से परेशान हैं तो हम आपको Hair Test देने की सलाह देते हैं।
2. पतले होने वाले थायराइड के लक्षण
पतले होने वाले थायराइड को Hyperthyroidism से जोड़कर देखा जाता है। यह एक ऐसी स्तिथि है जिसमें थायराइड ग्लैंड आवश्यकता से अधिक थायराइड हार्मोन का उत्पादन करता है। जब आपके शरीर में थायराइड हार्मोन का उत्पादन बढ़ जाता है तो शरीर के कई कार्यों में तेजी आ जाती है जिसमें मेटाबॉल्सिम भी शामिल है। मेटाबॉल्सिन आवश्यकता से अधिक तेज होने की वजह से भोजन का पाचन और अवशोषण सही ढंग से नहीं हो पाता है जिसकी वजह से पतलापन और कुपोषण की समस्या अवतरित हो सकती है।
पतला होने वाले थायराइड के लक्षण में हृदय की गति तेज होना, अचानक से वजन घटना, अत्यधिक पसीना आना, हाथ पांव में कंपन होना, चिंता और झुंझलाहट महसूस करना, नींद लेने में दिक्कत महसूस करना, मांशपेशियों में कमजोरी, बालों का झंडा और त्वचा खराब होने की समस्या शुरू हो सकती है। थायराइड की समस्या में हम आपको Thyroid Santulan के सेवन की सलाह देते हैं जो थायराइड के लक्षणों को दूर करता है और इस समस्या से राहत दिलाता है। इसके अलावा अगर आप बालों के झड़ने की समस्या से परेशान हैं तो हम आपको Free Hair Test देने की सलाह देते हैं जिसे घर बैठे स्मार्टफोन की मदद से दिया जा सकता है।
पुरुषों में थायराइड के लक्षण
पुरुषों में hypothyroidism के लक्षणों में अत्यधिक थकान, वजन का अचानक से बढ़ जाना, मांशपेशियों में कमजोरी, इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (स्तंभन दोष), सेक्स में अरुचि, शरीर के अंग ठंडे पड़ना, मांशपेशियों और जोड़ों में दर्द होना, डिप्रेशन, हृदय गति धीमी पड़ना, कब्ज और सोचने समझने की क्षमता प्रभावित होना जैसी समस्याएं शुरू हो सकती हैं।
तो वहीं जो पुरुष hyperthyroidism की समस्या से जूझ रहे हैं उनमें हृदय की गति तेज होना, अचानक से वजन घटना, अत्यधिक पसीना आना, हाथ पांव में कंपन होना, सेक्सुअल हेल्थ नकारात्मक तरीके से प्रभावित होना, अत्यधिक भूख लगना, डायरिया और देखने में दिक्कत महसूस करना शामिल है।
महिलाओं में थायराइड के लक्षण
महिलाओं में पुरुषों के मुकाबले थायराइड के लक्षण अलग हो सकते हैं। जो महिलाएं hypothyroidism की समस्या से जूझ रही हैं उनमें पीरियड समय पर न आना, फर्टिलिटी से जुड़ी दिक्कतें महसूस करना, बालों का तेजी से झड़ना, त्वचा बेरुखी और बेजान दिखना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा, हाइपोथायरॉइडिज्म की समस्या से जूझ रही महिलाओं को मोटापे की समस्या से भी जूझना पड़ता है।
तत्पश्चात जो महिलाएं Hyperthyroidism की समस्या से जूझ रही हैं उनमें इसके लक्षण अलग होते हैं। इस समस्या में पीरियड का समय पर न आना या हल्का आना, स्तनों में बदलाव महसूस करना, हड्डियां कमजोर होना, हड्डियों में तेज दर्द की शिकायत होना, अचानक से वजन घटने की समस्या हो सकती है। साथ ही सेक्स के प्रति अरुचि और फर्टिलिटी से जुड़ी दिक्कतें महसूस करना भी कुछ लक्षण हैं।
थायराइड में क्या परेशानी होती है
थायराइड की समस्या में कई परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं। चाहे आप एक पुरुष हों या महिला, थायराइड की समस्या होने पर आपका पूरा शारीरिक स्वास्थ्य नकारात्मक रूप से प्रभावित होता है। उदाहरण के तौर पर थायराइड हार्मोन ही मेटाबॉल्सिम को सुचारू रूप से कार्य करने देने में क्षमतावान बनाता है। ऐसे में अगर यही सुचारू रूप से कार्य न करे तो वजन तेजी से घटना, बार बार मूड स्विंग होना, डायरिया, कुपोषण का शिकार होना, कब्ज जैसी दिक्कतें जन्म ले सकती हैं।
इसके अलावा थायराइड में सेक्सुअल हेल्थ भी प्रभावित होता है। खासतौर पर पुरुषों में सेक्स के प्रति अरुचि होना और इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की परेशानी हो जाती है। थायराइड हार्मोन ही पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन और महिलाओं में स्ट्रोजन के स्तर को नियमित करता है, अगर यही असंतुलित हो जाए तो सेक्स हार्मोन भी असंतुलित हो सकते हैं जिससे कई यौन समस्याएं जन्म ले सकती हैं। इसके अलावा थायराइड की समस्या में रक्त का संचार अनियमित/खराब हो सकता है जिससे लिंग (penis) तक रक्त प्रवाह बाधित हो सकता है जोकि इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या का सबसे बड़ा कारण है।
थायराइड की समस्या में बालों का तेजी से झड़ने की परेशानी भी हो सकती है। आपको पता होना चाहिए कि Hair Growth cycle को थायराइड हार्मोन रेग्यूलेट करने का कार्य करते हैं। ये बालों के रोम (follicles) को सिग्नल भेजते हैं ताकि वे anagen phase में देरी तक रहें जोकि बालों के विकास का चरण है। ऐसे में जब थायराइड हार्मोन असंतुलित हो जाता है तो hair follicles को मिलने वाले सिग्नल में भी गड़बड़ी हो जाती है जिससे बालों के झड़ने की समस्या शुरू हो सकती है। अगर आपके बाल तेजी से झड़ रहे हैं या आप नए बालों को उगाना चाहते हैं तो सबसे पहले हम आपको Free Hair Test देने की सलाह देते हैं। साथ ही थायराइड की समस्या को दूर करने के लिए Thyroid Santulan टैबलेट के सेवन की भी सलाह दी जाती है।
थाइरोइड बीमारी क्यों होती है?
हमने विस्तार से जाना कि थाइरोइड में कहाँ दर्द होता है और इसके विभिन्न लक्षण क्या हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर यह दर्द शुरू ही क्यों होता है? थाइरोइड की समस्या जन्म क्यों लेती है? आइए विस्तार से समझते हैं.
क्या थायराइड जानलेवा है?
थायरोइड एक जानलेवा बीमारी है. हालाँकि थाइरोइड से लोगों की मृत्यु के आंकड़े कम हैं लेकिन अगर सही समय पर सही इलाज न मिले तो रोगी की जान भी जा सकती है जिसे मेडिकल भाषा में थाइरोइड स्टॉर्म भी कहा जाता है. थायरॉइड स्टॉर्म के दौरान, व्यक्ति की हृदय गति, शरीर का तापमान और रक्तचाप तेज़ी से बढ़ सकता है.
इस परिस्तिथि में अगर रोगी को समय पर इलाज न मिले तो उसकी मृत्यु भी हो सकती है. कई बार ऐसा भी होता है कि अगर समय पर इलाज मिल जाए तो व्यक्ति थाइरोइड स्टॉर्म से 24 घंटे में ठीक हो सकता है हालाँकि थाइरोइड बीमारी को ठीक होने में महीने या सालों लग सकते हैं. कई बार व्यक्ति पूरा जीवन इस समस्या को झेलते हुए बिताता है.
थाइरोइड का इलाज कहाँ होता है?
थाइरोइड का इलाज करने के लिए आपको अपने शहर के किसी योग्य डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए अन्यथा किसी प्रतिष्ठित अस्पताल से इलाज कराना चाहिए. इसका इलाज कराने हेतु एंडोक्रिनोलॉजिस्ट, गले, नाक और कान डॉक्टर या सर्जन से भी संपर्क किया जा सकता है, जोकि पूरी तरह से समस्या पर निर्भर करता है.
थाइरोइड का इलाज करने के लिए आमतौर पर डॉक्टर आपसे पहले एक सामान्य सा प्रश्न पूछ सकते हैं, “थाइरोइड में कहाँ कहाँ दर्द होता है?” आपके उत्तर के आधार पर फिर दो टेस्ट खासतौर पर किए जाते हैं, लेबोरेटरी टेस्ट और गले का अल्ट्रासाउंड. टेस्ट के पश्चात आए रिजल्ट के आधार पर इलाज किया जाता है.
अगर समस्या अभी सामान्य है या थाइरोइड की समस्या अगर विकट नहीं है तो डॉक्टर सिर्फ दवाओं से इसका इलाज करते हैं. लेकिन अगर आपको थाइरोइड कैंसर है या आपकी थाइरोइड ग्रंथि बढ़ गई है तो आपको सर्जरी करवाना पड़ सकता है. अच्छी खबर यह है कि अधिकतर लोगों में यह समस्या दवाओं या सर्जरी से ख़त्म की जा सकती है.
निष्कर्ष
थायराइड की समस्या में शरीर के कई अंगों में दर्द की समस्या होती है। थायराइड में गले, जबड़े, कान, मांशपेशियों, पैरों और जोड़ों में दर्द की समस्या हो सकती है। खासतौर पर गले और जोड़ों में दर्द होना थायराइड की समस्या के प्रमुख लक्षण हैं।
थायराइड में होने वाले दर्द से बचने के लिए आपको हल्के योग और व्यायाम करना चाहिए, अधिकाधिक पानी पीना चाहिए, तनाव से मुक्त रहना चाहिए, संतुलित भोजन का सेवन करना चाहिए और साथ ही डॉक्टर द्वारा सुझाए गई दवाओं का सेवन करना चाहिए।
ध्यान दें कि थायराइड के लक्षण पुरुषों और महिलाओं में अलग अलग हो सकते हैं। जहां पुरुषों में सेक्सुअल हेल्थ खराब होना, शरीर के अंग ठंडे पड़ना, मांशपेशियों और जोड़ों में दर्द होना, डिप्रेशन, हृदय गति धीमी पड़ना, कब्ज और सोचने समझने की क्षमता प्रभावित होना जैसी समस्याएं शुरू हो सकती हैं तो वहीं महिलाओं में पीरियड का समय पर न आना या हल्का आना, स्तनों में बदलाव महसूस करना, हड्डियां कमजोर होना, हड्डियों में तेज दर्द की शिकायत होना, अचानक से वजन घटने की समस्या हो सकती है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. थायराइड की बीमारी में क्या क्या दर्द होता है?
थायराइड की बीमारी में पैर, गला, जोड़ों जैसे घुटने और कोहनी, कान, जबड़े और मांसपेशियों में दर्द होता है। खासतौर पर आपको यह दर्द घुटनों और गले में हो सकता है जिससे भोजन निगलने और चलने फिरने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
2. कैसे पता चलेगा कि हमें थायराइड है?
अगर थायराइड के कई लक्षण एक साथ दिखलाई पड़ने लगें तो समझ जाइए कि आपको थायराइड है जैसे अचानक से वजन घटना/बढ़ना, शरीर के विभिन्न अंगों में दर्द होना, शारीरिक अंग ठंडे पड़ना, पीरियड समय पर न आना, हृदय गति धीमी पड़ना, त्वचा और बाल बेजान पड़ना, रक्त कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना आदि।
3. थायराइड से गले में क्या होता है?
थायराइड से गले में दर्द और सूजन की समस्या हो जाती है। छूने पर गला आपको अत्यधिक नरम और मुलायम महसूस हो सकता है लेकिन भोजन को निगलते समय दर्द और परेशानी का सामना आपको करना पड़ सकता है। आमतौर पर थायराइड की समस्या में सबसे पहले गले में ही दर्द की समस्या शुरू होती है।
4. क्या थायराइड से गर्दन और कंधे में दर्द हो सकता है?
थायराइड की समस्या होने पर गर्दन और कंधे में दर्द की समस्या हो सकती है। थायराइड ग्रंथि गले में ही मौजूद होती है जिसकी वजह से गले में दर्द की अनुभूति सबसे पहले होती है। इसके पश्चात शरीर की अन्य मांशपेशियों जैसे कंधे और जांघ में दर्द की समस्या हो सकती है।
5. थायराइड से कौन सा अंग प्रभावित होता है?
थायराइड से गला सबसे ज्यादा प्रभावित होता है। यह इसलिए क्योंकि थायराइड ग्रंथि हमारे गले में ही मौजूद होती है और ऐसे में अगर थायराइड ग्रंथि से जुड़ी कोई भी समस्या होती है तो गले में दर्द और सूजन की समस्या झेलनी पड़ सकती है।
6. थायराइड कितने दिन में ठीक हो जाता है?
थायराइड के प्रकार के हिसाब से इसे ठीक होने में अलग अलग समय लग सकता है। उदाहरण के तौर पर अगर आप hyperthyroidism की समस्या से जूझ रहे हैं तो इसे ठीक होने में 6 से 12 सप्ताह का समय लग सकता है तो वहीं hypothyroidism की समस्या में पूरी तरह से ठीक होने में कई महीनों का समय लग सकता है।
7. थायरोइड में सबसे पहले कहाँ दर्द होता है?
थायरोइड रोग में सबसे पहले आपको गले में दर्द महसूस होता है क्योंकि थायरोइड ग्रंथि गले में ही मौजूद होती है. गले से होते हुए यह दर्द कान, जबड़े और कंधे तक पहुँच सकता है. इसकी वजह से जोड़ों और मांशपेशियों में भी दर्द की समस्या देखी जा सकती है.
References
-
Subacute Thyroiditis
https://www.pennmedicine.org -
Understanding Thyroid Problems
https://www.webmd.com -
Treatment of Acute Painful Thyroiditis
https://www.ncbi.nlm.nih.gov