2019-2021 के राष्ट्रीय सर्वेक्षण के अनुसार, भारत में 1.7 मिलियन उत्तरदाताओं में से 28.1% को उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) था, लेकिन केवल 12% वयस्कों का रक्तचाप नियंत्रण में था. ट्रेंड कुछ ऐसा चल रहा है कि भारत के आप किसी भी घर में चले जाएं, आपको कोई न कोई बीपी का मरीज अवश्य मिल जाता है. बीपी की समस्या में शरीर के कई अंग डैमेज हो जाते हैं जैसे रक्त वाहिकाएँ, दिमाग, आँखें, किडनी, ह्रदय. इस परिस्तिथि में समस्या से जूझ रहे लोगों के मन में एक ही प्रश्न आता है, तुरंत बीपी कम करने के उपाय क्या हैं?
इन्टरनेट से लेकर अस्पतालों तक लोगों का सिर्फ एक ही प्रश्न गूंजता रहता है कि बीपी तुरंत कम कैसे करें. अब आपको परेशान होने की जरुरत नहीं है क्योंकि इस ब्लॉग में हम आपको बतायेंगे कि क्या सच में बीपी को तुरंत कम किया जा सकता है या नहीं. साथ ही, बीपी की समस्या में स्थायी और अस्थायी समाधान क्या हैं, इसकी जानकारी भी दी जाएगी.
आगे बढ़ने से पहले हम आपको बता दें कि उच्च रक्तचाप की समस्या से जूझ रहे लोगों को तेजी से बाल झड़ने की समस्या का सामना भी करना पड़ता है. उच्च रक्तचाप की वजह से स्कैल्प में रक्त प्रवाह बाधित होता है जिससे बाल तेजी से झड़ने लगते हैं. ऐसे में अगर समय रहते समाधान न किया जाए तो आप गंजापन के शिकार हो सकते हैं. इसलिए हम आपको जल्द से जल्द Free Hair Test देने को कहते हैं. यह फ्री टेस्ट घर बैठे स्मार्टफ़ोन की मदद से देकर आप समस्या का सटीक कारण पता लगा सकते हैं जिससे स्तिथि अधिक बिगड़ने से पहले ही उपचार आसान हो जाता है.
क्या उच्च या निम्न रक्तचाप बालों के झड़ने से जुड़ा हुआ है?
क्या आप जानते हैं कि हाई बीपी की समस्या में तेजी से बालों का झड़ना भी शुरू हो जाता है? जी हाँ, यह हम नहीं बल्कि इस विषय पर किए गए कई शोध कहते हैं. उदाहरण के लिए जापान में किए गए एक शोध पर नजर डालें. करीब 38,000 लोगों पर किए गए एक अध्ययन में बालों के झड़ने और उच्च रक्तचाप (जिसे हाइपरटेंशन भी कहते हैं) के बीच संबंध पाया गया। अध्ययन में पाया गया कि पैटर्न बाल्डनेस या सिर के ऊपर बाल झड़ने वाले लोगों में हाइपरटेंशन के लक्षण होने की संभावना 32% अधिक होती है।
आमतौर पर प्रत्यक्ष रूप से इसके दो कारण समझ आते हैं, पहला कि उच्च रक्तचाप बालों के रोमों में रक्त की आपूर्ति को प्रतिबंधित करता है. बालों के रोमों तक रक्त की आपूर्ति बाधित होने की वजह से ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की डिलीवरी बाधित होती है. इससे बालों के रोम कमजोर हो जाते हैं और बालों का झड़ना शुरू हो जाता है. दूसरा कारण है हाई बीपी में सेवन की जाने वाली दवाइयां जैसे Metoprolol, Propranolol आदि बीटा ब्लोकर्स बालों के टूटने की समस्या के लिए जिम्मेदार हैं.
कारण चाहे जो भी हो, उपचार संभव है. उपचार की शुरुआत होती है एक आसान से Hair Test से. Traya का यह हेयर टेस्ट बिलकुल मुफ्त है, घर बैठे स्मार्टफ़ोन की मदद से मात्र २ से 3 मिनट में पूरा किया जा सकता है. यह फ्री टेस्ट देकर आप पता लगा सकते हैं कि झड़ते बालों की समस्या का असली कारण क्या है. हमारी आधुनिक टेक्नोलॉजी और एक्सपर्ट डर्मेटोलॉजी आपके रिपोर्ट का अध्ययन करके उपचार शुरू करते हैं जिसमें आपको फ्री कंसल्टेशन, फ्री रिपोर्ट और फ्री डाइट चार्ट भी दिया जाता है.
तुरंत बीपी कम करने के उपाय (BP Kam Karne Ke Upay)
अगर आप स्थायी रूप से तुरंत बीपी की समस्या को कम करना चाहते हैं तो यह संभव नहीं है. हांलांकि कुछ आवश्यक कदम उठाकर आप समस्या का समाधान अस्थायी रूप से कर सकते हैं. नीचे हम आपको उन आवश्यक कदमों की जानकारी देंगे जिन्हें उठाकर आप अस्थाई रूप से समस्या को कम कर सकते हैं:
१. रोजाना योगाभ्यास शुरू करें
अगर आप बीपी की समस्या से तुरंत आराम चाहते हैं तो योगाभ्यास करना काफी फायदेमंद हो सकता है. बल्कि अगर आप रोजाना सुबह-शाम योगाभ्यास करें तो स्थाई-अस्थाई दोनों रूप से आपको बीपी की समस्या से राहत मिल सकती है. रोजाना योगाभ्यास करने से कई फायदे मिलते हैं जैसे:
१. योग करने से पुरे शरीर में रक्त प्रवाह ज्यादा बेहतर ढंग से होता है, खासतौर पर ह्रदय में.
२. योगाभ्यास से शरीर अधिक लचीलापन बनता है जिससे muscle tension कम होती है और समग्र स्वास्थ्य में सुधार होता है.
३. जब आप रोजाना योग करते हैं तो शरीर का वजन कम होता है जोकि बीपी की समस्या में बहुत आवश्यक है.
४. रोजाना योग करने से ह्रदय की मांसपेशियां भी मजबूत बनती हैं, जोकि उच्च रक्तचाप के लिए अच्छा है.
हम आपको सलाह देंगे कि रोजाना आपको योगाभ्यास जैसे प्राणायाम, ध्यान लगाना, गहरी साँसे लेना, बालासन, वीरासन, शवासन, दण्डासन करना चाहिए. आप रोजाना सुबह-शाम कम से कम आधा घंटा शांत वातावरण में अवश्य ही इनका अभ्यास करें. इससे आप पाएँगे कि धीरे धीरे बीपी के लक्षण कम हो रहे हैं और आप पहले से अधिक शांत और बेहतर महसूस कर रहे हैं.
२. हल्की शारीरिक गतिविधियाँ करें
तुरंत बीपी कम करने के लिए आपको हल्की शारीरिक गतिविधियाँ करते रहना चाहिए. खासतौर पर टहलना, बागवानी करना, आसान नृत्य करना, तैरना, साइकिल चलाना जैसी गतिविधियाँ तुरंत बीपी को कम करने में मददगार साबित हो सकती हैं. यहाँ आपको सिर्फ एक बात का ध्यान रखना है, इन गतिविधियों को करते समय हमेशा खुश/प्रसन्नचित्त रहने का प्रयास करें. आप जितना अधिक प्रसन्न होकर इन गतिविधियों को अंजाम देंगे, बीपी की समस्या में उतना ही लाभ होगा.
उदाहरण के तौर पर टहलते समय कोई हलकी धीमी खुश करने वाले संगीत सुनना, पौधों को जल देना, हमेशा दो से तीन पसंदीदा लोगों के साथ नृत्य करना, हल्की सामान्य तैराकी करना और साइकिलिंग करना आपको अधिक प्रसन्नचित्त रहने में मदद कर सकता है. दरअसल प्रसन्नचित्त रहने से शरीर शांत होता है, अच्छे हॉर्मोन रिलीज होते हैं और साथ ही शरीर से तनाव दूर होता है. ये सभी फायदे तुरंत बीपी कम करने में मदद करते हैं.
३. अपने मन को शांत करें
तुरंत बीपी कम करने के लिए आपको जितना संभव हो सके, मन को शांत रखने की कोशिशें करती रहनी चाहिए. मन को शांत रखने से शरीर को भी शांति मिलती है, तनाव होर्मोंस कम होते हैं और बीपी की समस्या को कम करने में मदद मिलती है. जब मन शांत नहीं होता है तो स्वतः ही नकारात्मक विचार आते हैं और तनाव होता है. इसकी वजह से ऐसे होर्मोंस release होते हैं जो ब्लड प्रेशर को बढ़ा देते हैं.
ऐसे में मन को शांत रखने के लिए आप कई कदम उठा सकते हैं जैसे शांत स्थान पर बैठकर गहरी साँसे लें, ध्यान लगायें या किसी मंत्र का जाप करें, प्रकृति में समय बिताएं, कोई पसंदीदा किताब पढ़ें खासकर कविताओं की, सोशल मीडिया और न्यूज़ चैनलों से जितना हो सकें दुरी बनाएं, पर्याप्त नींद लें और साथ ही आप जो भी पसंद करते हैं उसे करें. अपने पैशन और हॉबीज को प्रैक्टिस करना मन को शांत करने का एक बढ़िया तरीका है.
४. रोजाना सुबह शाम ठंडे पानी से नहाएं
तुरंत बीपी कम करने के लिए आपको रोजाना सुबह शाम ठंडे पानी से नहाना चाहिए. ठंडे पानी से नहाना न सिर्फ आपके शरीर को अच्छा और ताजा महसूस कराता है बल्कि मानसिक तनाव भी दूर होता है. ठंडे पानी से नहाने पर शरीर में, खासतौर पर ह्रदय में रक्त परिसंचरण को बेहतर बनाता है. इससे समग्र ह्रदय स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है जोकि बीपी की समस्या में अतिआवश्यक है.
कुछ शोधों के मुताबिक, ठंडे पानी से स्नान करने पर शरीर से inflammation दूर होता है. Inflammation को ह्रदय रोगों का सबसे बड़ा दुश्मन माना गया है और इसलिए ठंडे पानी से नहाना किसी भी प्रकार के ह्रदय रोगों के जोखिम को भी कम करता है. ठंडे पानी से नहाने पर तनाव भी दूर होता है, यह अनुभूति आपने भी कभी न कभी अवश्य ही किया होगा. इसलिए अगर आप बीपी की समस्या से तुरंत राहत पाना चाहते हैं तो आपको रोजाना सुबह-शाम ठंडे पानी से अवश्य ही नहाना चाहिए.
५. पर्याप्त मात्रा में पानी पिएँ
बीपी की समस्या से तुरंत राहत पाने के लिए सुनिश्चित करें कि आप पर्याप्त मात्रा में पानी पी रहे हैं. हल्का ठंडा पानी पिने से शारीरिक तनाव कम होता है और शरीर बेहतर महसूस करता है. ऐसे में आपको सलाह दी जाती है कि कम से कम ८ गिलास पानी का सेवन दिनभर में अवश्य करें. दरअसल, जब आप निर्जलित यानि डिहाइड्रेशन के शिकार होते हैं तो आपके शरीर में मौजूद रक्त गाढ़ा हो जाता है. रक्त गाढ़ा होने की वजह से ह्रदय को इसे पंप करने में दिक्कतें होने लगती हैं.
इससे शारीरिक और मानसिक तनाव में वृद्धि होती है. ऐसे में जब आप पर्याप्त मात्रा में जल सेवन करते हैं तो रक्त का स्तर और उसकी अवस्था सामान्य बनी रहती है जिससे ह्रदय पर कम बोझ पड़ता है. इसके अलावा, शरीर में जल की कमी होने पर तनाव बढाने वाले होर्मोंस रिलीज होने लगते हैं जोकि बीपी की समस्या को अधिक गंभीर करते हैं. इसलिए आपको रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए.
६. डार्क चॉकलेट्स खाएं
तुरंत बीपी कम करने के लिए आप डार्क चॉकलेट्स का सेवन कर सकते हैं. लेकिन ध्यान रहे कि इसका सेवन हमेशा एक सीमा तक ही किया जाना चाहिए, शर्करायुक्त होने की वजह से इसका अधिक सेवन नुकसान पहुंचा सकता है. डार्क चॉकलेट्स कोकोआ से बने होते हैं और इसलिए शरीर पर एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव डालते हैं. इसका अर्थ यह हुआ कि यह शरीर की कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त होने से बचाता है जोकि बीपी की समस्या में जरुरी भी है.
इसके साथ ही, डार्क चॉकलेट्स में डार्क चॉकलेट में फ्लेवोनॉयड्स होते हैं जो रक्त वाहिकाओं को आराम पहुंचाते हैं, जिससे रक्तचाप कम हो सकता है। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर में सुधार करके हृदय रोग के जोखिम को कम कर सकता है। इसके साथ ही, डार्क चॉकलेट में मौजूद यौगिक मूड को बेहतर बनाने और तनाव को कम करने में मदद कर सकते हैं जोकि बीपी की समस्या को कम करने हेतु आवश्यक है.
७. कम से कम 30 मिनट धुप में बिताएं
बीपी की समस्या को कम करने के लिए आपको कम से कम 30 मिनट सुबह की हलकी धुप अवश्य लेनी चाहिए. इससे न सिर्फ आपके शरीर में विटामिन डी की आपूर्ति सही ढंग से होगी बल्कि बीपी की समस्या को कम करने में भी मदद मिलेगी. धुप लेने से शरीर को पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी की आपुर्तिहोती है जोकि सीधे तौर पर ब्लड प्रेशर को रेगुलेट करने का कार्य करता है. इसके अलावा, जब आप धुप लेते हैं तो शरीर से नाइट्रिक ऑक्साइड रिलीज़ होता है.
यह नाइट्रिक ऑक्साइड रक्त वाहिकाओं को शांत करने और चौड़ा करने में मदद करता है जिससे रक्त प्रवाह बेहतर होता है. रक्त प्रवाह बेहतर होने से उच्च रक्तचाप कम हो जाता है. अंत में, सूरज की रोशनी मूड बेहतर करने और तनाव को कम करने में भी मदद करती है. मूड को बेहतर करने वाले होर्मोंस रिलीज़ होने की वजह से बीपी की समस्या से तुरंत राहत मिलती है.
८. चुकंदर और सेब का रस पिएँ
अगर आप बीपी तुरंत कम करने के उपाय की तलाश में हैं तो चुकन्दर और सेब के रस को पीना फायदेमंद हो सकता है. उच्च रक्तचाप को कम करने हेतु आपको इन दोनों ही फलों के जूस को एक साथ मिलाकर पीना चाहिए. चुकंदर के जूस में पर्याप्त मात्रा में नाइट्रेट्स पाया जाता है जिसे शरीर नाइट्रिक ऑक्साइड में बदल देता है. नाइट्रिक ऑक्साइड रक्त धमनियों को शांत करने और रक्त प्रवाह बेहतर करने के लिए महत्वपूर्ण होता है.
साथ ही, बात करें सेब के जूस की तो इसमें पोटैशियम की प्रचुर मात्रा पाई जाती है. पोटेशियम उच्च रक्तचाप वाले वयस्कों में रक्तचाप को कम करने में मदद कर सकता है। यह रक्त वाहिकाओं की दीवारों को आराम देता है, जो उच्च रक्तचाप को रोकने या नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। यह स्ट्रोक और हृदय रोग के जोखिम को भी कम कर सकता है। तो ऐसे में अगर आप तुरंत बीपी कम करना चाहते हैं तो इन दोनों फलों के रस का सेवन अवश्य करें.
९. हिबिस्कस या ग्रीन टी का सेवन करें
तुरंत बीपी कम करने के लिए आपको हिबिस्कस या ग्रीन टी का सेवन करना चाहिए. दोनों ही प्रकार की चाय अस्थाई रूप से उच्च रक्तचाप की समस्या को कम करने में योगदान देते हैं. हिबिस्कस चाय में ऐसे यौगिक होते हैं जो रक्त वाहिकाओं को आराम देने और चौड़ा करने में मदद करते हैं, जिससे रक्तचाप कम होता है. साथ ही, अध्ययनों से पता चला है कि गुड़हल की चाय के नियमित सेवन से रक्तचाप के स्तर में मामूली लेकिन महत्वपूर्ण कमी आ सकती है।
इसके पश्चात बात करें अगर ग्रीन टी की तो, इसमें Catechins नामक एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं. इन एंटीऑक्सीडेंट्स को रक्त वाहिनियों की बेहतर कार्यप्रणाली और रक्तचाप में कमी से जोड़ा गया है। इसके अलावा, हरी चाय शरीर को स्थिर और शांत रहने में मदद करती है, जिससे तनाव के स्तर को कम करने में मदद मिलती है, जो उच्च रक्तचाप का एक कारक है।
१०. अधिकाधिक पोटैशियम से युक्त आहार का सेवन करें
अगर आप अधिकाधिक पोटैशियम युक्त आहारों का सेवन करें तो बीपी की समस्या को कम किया जा सकता है. दरअसल, पोटेशियम आपके शरीर में सोडियम के प्रभाव को संतुलित करने में मदद करता है। अत्यधिक सोडियम उच्च रक्तचाप में योगदान कर सकता है और इसलिए इसका प्रभाव कम करने में पोटैशियम बद्द करता है. साथ ही, पोटेशियम आपकी रक्त वाहिकाओं की दीवारों को आराम देने में मदद करता है, जिससे उन पर दबाव कम हो जाता है.
तो ऐसे में पोटैशियम के फायदों को देखते हुए आपको अधिकाधिक इस पोषक तत्व से युक्त आहारों का सेवन करना चाहिए. केला, संतरा, अवोकेडो, सूखे अखरोट, कीवी, किशमिश, पालक, शकरकंद, मशरुम, आलू, टमाटर, दही, ओमेगा 3 फैटी एसिड युक्त मछलियाँ जैसे सालमन, टूना आदि का सेवन उच्च रक्तचाप की समस्या में फायदेमंद होता है.
बीपी कितना होना चाहिए (BP Kitna Hona Chahiye)
अधिकांश वयस्कों के लिए, सामान्य रक्तचाप 120 से कम का सिस्टोलिक दबाव और 80 से कम का डायस्टोलिक दबाव होता है। रक्तचाप इस बात का माप है कि रक्त धमनियों में कितने बल से बहता है. ध्यान दें कि यह एक सामान्य स्वस्थ व्यक्ति का बीपी रेंज है, जोकि व्यक्ति दर व्यक्ति भिन्न हो सकता है.
सिस्टोलिक दबाव का अर्थ होता है आपके ह्रदय के धड़कने का दबाव तो वहीँ डायस्टोलिक दबाव वह दबाव है जब आपका ह्रदय धड़कनों के बीच आराम करता है। तो इस तरह सिस्टोलिक बीपी १२० तो वहीँ डायस्टोलिक बीपी सामान्य रूप से ८० होना चाहिए.
क्या बीपी को तुरंत कम किया जा सकता है?
बीपी को अस्थाई रूप से तुरंत अवश्य ही कम किया जा सकता है. ऊपर बताए तरीकों का अनुसरण करके आप उच्च रक्तचाप की समस्या को टेम्पररी कम कर सकते हैं लेकिन साथ ही, आपको स्थाई सलूशन की तरफ भी ध्यान देना चाहिए. जहाँ ऊपर बताए गए तरीके कुछ समय के लिए समस्या का समाधान कर सकते हैं, लेकिन उच्च रक्तचाप एक गंभीर समस्या है जिसका परमानेंट इलाज करने हेतु आवश्यक कदम बढ़ाने चाहिए.
बीपी को स्थाई रूप से कम करने के लिए आप कई कदम उठा सकते हैं जैसे:
- किसी योग्य डॉक्टर की सलाह पर आवश्यक दवाओं का सेवन करें
- तनावमुक्त जीवन जिएँ, सिर्फ सकारात्मक सोचें
- रोजाना कम से कम आधे घंटे योगाभ्यास और एक घंटे एक्सरसाइज करें
- वजन कम करें और वजन बढाने वाले कारकों से दूर रहे
- शराब, धुम्रपान और तम्बाकू को हाथ भी न लगाएं
- ह्रदय के लिए बेहतर आहारों का सेवन करें
- नमक का सेवन न के बराबर करें
बीपी बढ़ने का कारण और इलाज
जैसा कि हमने आपको शुरू में ही बताया, भारत की एक बड़ी आबादी बीपी बढ़ने की समस्या से परेशान है. भारत में बीपी बढ़ने के कई कारण होते हैं जैसे:
- ख़राब लाइफस्टाइल जैसे मोटापा, एक्सरसाइज-योगाभ्यास न करना, अत्यधिक नमक का सेवन और शराब का सेवन
- बढती उम्र बीपी के जोखिम को बढ़ा देती है
- आनुवांशिकता बीपी बढ़ने का एक कारण हो सकता है
- गुर्दे की बीमारी, स्लीप एप्निया और थायरॉइड विकार जैसी स्थितियां उच्च रक्तचाप का कारण बन सकती हैं
- अत्यधिक तनाव भी हाई बीपी की समस्या को जन्म देती है
बीपी बढ़ने की परिस्तिथि में कभी भी खुद से इलाज की न सोचें. हालाँकि हमने तुरंत बीपी कम करने के उपाय की जानकारी दी है, वे सुरक्षित हैं लेकिन सबसे पहले आपको एक योग्य डॉक्टर से मिलना चाहिए. बीपी बढ़ने का इलाज डॉक्टर निम्नलिखित दवाएं देकर करते हैं:
- Diuretics
- Angiotensin-converting enzyme (ACE) inhibitors
- Angiotensin II receptor blockers (ARBs)
- Calcium channel blockers
- Beta-blockers
- Alpha-blockers
इन दवाओं के अलावा डॉक्टर मरीज को अन्य कई लाइफस्टाइल बदलाओं का सुजह्व भी देते हैं. खासतौर पर भोजन में नमक का बिलकुल कम सेवन, पोटैशियम युक्त आहार का अधिकाधिक सेवन, रोजाना एक घंटे एक्सरसाइज और आधे घंटे योगाभ्यास, वजन घटाना, तनाव कम करना, शराब और तम्बाखू से दुरी बनाना जैसे स्वास्थ्य सलाह आपको बीपी की समस्या में दिए जाते हैं.
BP high symptoms in Hindi (हाई बीपी के लक्षण)
बीपी या उच्च रक्तचाप को अक्सर silent killer के नाम से जाना जाता है क्योंकि कई बार आपको इसके एक भी लक्षण दिखाई नहीं देंगे. जब रक्तचाप बढ़ता है तो उससे होने वाले नुकसान बिना व्यक्ति को सूचित किए क्षति पहुंचाते रहते हैं. लेकिन, जब रक्तचाप का दबाव काफी खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है जिसे हाइपरटेंशन कहा जाता है, तो आपको निम्नलिखित लक्षण दिखाई दे सकते हैं:
- गंभीर सिरदर्द
- सांस फूलना
- सीने में दर्द
- नाक से खून आना
- भ्रम
- अनियमित दिल की धड़कन
- मूत्र में खून आना
- मतली और उल्टी
- तेजी से बालों का झड़ना
अगर आपको इनमें से कोई लक्षण दिखाई दें तो आपको तुरंत ही किसी योग्य डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. इसके साथ ही, अगर आप हाई बीपी के खतरे से खुद को पहले ही बचाना चाहते हैं तो नियमित रूप से ब्लड टेस्ट्स करवाते रहे. इससे न सिर्फ आपको हाई बीपी समस्या का पता पहले ही चलेगा बल्कि अन्य रोगों की रोकथाम भी हो सकेगी.
बीपी कम करने के लिए क्या खाना चाहिए?
बीपी कम करने के लिए आपको अधिकाधिक पोटैशियम, प्रोटीन और ओमेगा 3 फैटी एसिड से युक्त भोज्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए. खासतौर पर पोटैशियम से युक्त आहार जैसे केला, टमाटर, सेब, संतरा, अवोकेडो, सूखे अखरोट, कीवी, किशमिश, पालक, शकरकंद, मशरुम, आलू, दही का सेवन करना चाहिए. साथ ही ओमेगा 3 फैटी एसिड युक्त मछलियों जैसे सालमन, टूना का सेवन भी मददगार होता है.
बीपी कम करने के लिए आपको कभी भी ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए जिसमें सोडियम यानि नमक की मात्रा अधिक हो. इसके अलावा, अत्यधिक शर्करा युक्त भोज्य पदार्थों और प्रोसेस्ड फूड्स से भी दुरी बनाकर रखनी चाहिए. बीपी कम करने के लिए आपको शराब और धुम्रपान जैसे सिगरेट से भी दुरी बना लेनी चाहिए.
निष्कर्ष (Conclusion)
तुरंत बीपी कम करने के कई उपाय अपनाए जा सकते हैं जैसे रोजाना योगाभ्यास करना, हल्की शारीरिक गतिविधियाँ अपनाना, मन को शांत करना, रोजाना ठंडे पानी से स्नान करना, पर्याप्त मात्रा में पानी पीना, डार्क चॉकलेट्स खाना, धुप में पर्याप्त समय बिताना, चुकंदर और सेब का रस पीना, हिबिस्कुस चाय पीना और साथ ही ऐसे खाद्य पदार्थों का अधिकाधिक सेवन करना जिसमें पोटैशियम की मात्रा अधिक हो.
ध्यान दें कि उच्च बीपी की समस्या शुरुआती दौर में समझ नहीं आती क्योंकि इसके लक्षण दिखाई नहीं देते हैं. इसलिए आपको समय समय पर योग्य डॉक्टर द्वारा रक्त परिक्षण और अन्य आवश्यक टेस्ट करवाने चाहिए. बात करें कि कितना बीपी होना चाहिए तो अधिकांश वयस्कों के लिए, सामान्य रक्तचाप 120 से कम का सिस्टोलिक दबाव और 80 से कम का डायस्टोलिक दबाव होता है.
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (Frequently Asked Questions)
१. मैं ५ मिनट में अपना बीपी कैसे कम कर सकता हूँ?
५ मिनट में स्थाई रूप से बीपी नहीं कम किया जा सकता है. हालाँकि अगर स्थाई रूप से बीपी कम करना चाहते हैं तो ठंडा पानी पिएँ, योगाभ्यास करें, चुकंदर और सेब का रस पिएँ, हिबिस्कुस या ग्रीन टी का सेवन करें, मन को शांत करें और हलकी शारीरिक गतिविधि करें.
२. बिना दवा के बीपी कैसे कम करें?
बिना दवा के खुद से बीपी का इलाज खतरनाक साबित हो सकता है और इसलिए हम आपको इसकी सलाह नहीं देते हैं. बेहतर है कि आप किसी योग्य डॉक्टर से संपर्क करें और उनके द्वारा बताए गए दिशानिर्देशों का पालन करने के साथ-साथ आवश्यक दवाओं का सेवन करें.
३. निम्बू पानी से बीपी कम होता है क्या?
निम्बू पानी से अस्थाई रूप से बीपी की समस्या को कम किया जा सकता है लेकिन यह कोई स्थाई इलाज नहीं है. निम्बू में पोटैशियम की मात्रा पाई जाती है जो शरीर में सोडियम के खिलाफ एक बैलेंस का कार्य करता है. यह व्यक्ति को हाइड्रेट रखने में भी मदद करता है जोकि बीपी की समस्या में अत्यंत आवश्यक है.
४. ब्लड प्रेशर जल्दी कम करने के लिए क्या पीना चाहिए?
ब्लड प्रेशर कम करने के लिए आपको निम्बू पानी, चुकंदर और सेब का जूस, हिबिस्कुस और ग्रीन टी का सेवन अधिकाधिक करना चाहिए. ये सभी पेय पदार्थ हाई बीपी की समस्या में काफी मददगार माने गए हैं.
References
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https://www.medicinenet.com
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https://www.healthline.com
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