शंखपुष्पी आयुर्वेद में इस्तेमाल किया जाना वाला एक जड़ी बूटी है जिसके इस्तेमाल से कई बीमारियों को दूर किया जा सकता है। प्राचीन आयुर्वेद में बार बार शंखपुष्पी का जिक्र आता है। बड़े बड़े आयुर्वेद ग्रंथों जैसे चरकसंहिता के ब्रह्मरसायन, अगस्तयहरीतकी योग में और द्विपंचमूलादिघृत में इसका उल्लेख मिलता है। सदियों से इसका इस्तेमाल इसलिए किया जाता रहा है क्योंकि Shankhpushpi Ke Fayde अनेकों हैं।
शंखपुष्पी के कई फायदे हैं। यह याददाश्त बढ़ाता है, तनाव कम करने में मदद करता है, पाचन तंत्र में सुधार करता है, अच्छी नींद लेने में मददगार है, रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनाता है, एसिडिटी की समस्या से राहत दिलाता है, दिमाग को शांत करता है, मिर्गी के इलाज में सहायक है, बालों में चमक लाता है और समय से पहले बाल सफेद होने की समस्या भी दूर करता है।
लेकिन सिर्फ शंखपुष्पी का इस्तेमाल करना बालों की समस्या दूर नहीं करेगा। इसके लिए चाहिए आपको अन्य कई आयुर्वेद जड़ी बूटियों और आधुनिक चिकित्सा विज्ञान की शक्ति, इसलिए हमने Free Hair Test को तैयार किया है। आप घर बैठे इस टेस्ट को अपने स्मार्टफोन की मदद से सिर्फ 2 मिनट में दे सकते हैं। टेस्ट के आधार पर हम आपके बालों की समस्या का समाधान करने के लिए बिना साइड इफेक्ट्स वाला ट्रीटमेंट शुरू करते हैं। इस ट्रीटमेंट में आयुर्वेद, डर्मेटोलॉजी और सही पोषण की शक्तियां शामिल होती हैं ताकि आपके बालों की समस्या जड़ से खत्म हो सके। तक देर न करें, अभी टेस्ट दें और झड़ते बालों की समस्या से छुटकारा पाएं।
शंखपुष्पी क्या है (What is Shankhpushpi in Hindi)
शंखपुष्पी एक आयुर्वेदिक औषधि है जिसका इस्तेमाल सदियों से स्वास्थ्य फायदों के लिए किया जाता रहा है। यह एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ होता है शंख के आकार के फूल। यह एक बारहमासी जड़ी बूटी है जिसका इस्तेमाल खासतौर पर मस्तिष्क स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिए किया जाता है। आमतौर पर यह औषधि भारत और म्यांमार में पाई जाती है।
शंखपुष्पी का हालांकि इस्तेमाल खासतौर पर मानसिक स्वास्थ्य बेहतर करने के लिए किया जाता है लेकिन इसके सेवन से तनाव कम होता है, अच्छी नींद लेने में मदद मिलती है, पाचन तंत्र में सुधार आता है, इम्यून सिस्टम मजबूत बनता है आदि। वर्तमान समय में आपको आसानी से इसका चूर्ण और सिरप बाजार में मिल जायेगा। आगे हम विस्तार से इसके फायदे, नुकसान और अन्य कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर बात करेंगे।
शंखपुष्पी के फायदे क्या हैं (Shankhpushpi Ke Fayde)
शंखपुष्पी के कई फायदे होते हैं और इसलिए सदियों से लोग इसका सेवन कर रहे हैं। खासतौर पर अगर आप दिमाग से संबंधित डिसऑर्डर से जूझ रहे हैं तो उसके इलाज में यह खास जड़ी बूटी काफी फायदेमंद साबित हो सकती है। आइए विस्तार से जानते हैं कि Shankhpushpi Ke Fayde क्या हैं।
1. मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है (Improves mental health)
ब्राह्मी की ही तरह शंखपुष्पी के फायदे आपके मानसिक स्वास्थ्य को सबसे अधिक मिलते हैं। अगर आपकी याददाश्त कमजोर है, आप अक्सर तनाव लेते हैं, एकाग्रता की समस्या है, दिमाग शांत नहीं रहता है तो इन समस्याओं को दूर करने में यह आयुर्वेदिक औषधि काफी फायदेमंद है। अध्ययनों से पता चलता है कि शंखपुष्पी का इस्तेमाल दिमाग पर anxiolytic effects डालता है। इसका अर्थ यह हुआ कि इसका सेवन चिंता और तनाव की समस्या को दूर करने में आपकी मदद करता है।
इसके साथ ही, आयुर्वेद में, शंखपुष्पी को "मेध्य" जड़ी बूटी माना जाता है, जो बुद्धि, स्मृति और सीखने को बढ़ावा देती है। सबसे अच्छी बात यह है कि वर्तमान में हुए वैज्ञानिक अध्ययन भी मानते हैं कि शंखपुष्पी वाकई बुद्धि, स्मृति और सीखने की क्षमता को बढ़ाती है। साथ ही आयुर्वेद के मुताबिक, यह जड़ी बूटी शरीर में वात दोष को भी नियंत्रित करती है, जोकि बेहतर मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है।
2. पाचन तंत्र को सुधारने में सहायक है (Helpful in improving digestive system)
शंखपुष्पी को पाचन तंत्र मजबूत करने और पाचन क्रिया सुधारने में भी सहायक पाया गया है। आयुर्वेद के मुताबिक, कहा जाता है कि शंखपुष्पी में "दीपना" और "पचना" गुण होते हैं। दीपना का अनुवाद "पाचन अग्नि को प्रज्वलित करना" है, जबकि पचना का अर्थ है "पाचन में सहायता करना।" इससे यह पता चलता है कि इसके सेवन से भोजन को सुचारू रूप से पचाने में मदद मिलती है।
साथ ही, आयुर्वेद स्वस्थ पाचन को संतुलित पित्त दोष से जोड़ता है। माना जाता है कि शंखपुष्पी पित्त को शांत करती है, संभावित रूप से पित्त असंतुलन से जुड़ी पाचन संबंधी समस्याओं, जैसे सीने में जलन या एसिडिटी को दूर करती है। अगर आप भी पाचन तंत्र से जुड़ी दिक्कतों से परेशान हैं तो डॉक्टर की सलाह के पश्चात शंखपुष्पी चूर्ण या शंखपुष्पी सिरप का सेवन अवश्य करें।
3. बालों को चमकदार और मजबूत बनाती है (Hair becomes shiny and strong)
शंखपुष्पी का नियमित सेवन करना आपके बालों के लिए भी फायदेमंद हैं। आयुर्वेद में सदियों से इसका इस्तेमाल बालों को चमकदार, स्वस्थ और मजबूत बनाने के लिए किया जाता रहा है। शंखपुष्पी के सेवन से सिर की त्वचा को आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं जिससे hair follicles मजबूत बनते हैं। बालों की जड़ें मजबूत बनने से बालों का झड़ना कम हो जाता है। साथ ही, शंखपुष्पी वात दोष को भी शांत करती है जोकि बालों के झड़ने का एक कारण है।
लेकिन बालों का झड़ना 20 से अभी अधिक कारणों से होता है और हर कारण का इलाज शंखपुष्पी तो नहीं हो सकता। इसलिए हम आपको Free Hair Test देना रिकमेंड करते हैं क्योंकि यह टेस्ट बीस से भी अधिक बालों के झड़ने के कारणों का विश्लेषण करता है और आपके बालों के झड़ने का सटीक कारण पता लगाकर सही उपचार सुझाव देता है। यह टेस्ट बिलकुल फ्री है, घर बैठे स्मार्टफोन की मदद से मात्र 2 मिनट में दिया जा सकता है। तो देर न करें, बालों से जुड़ी समस्या का समाधान करने के लिए पहला कदम उठाएं, मुफ्त हेयर टेस्ट दें।
4. इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है (Strengthens the immune system)
इम्यून सिस्टम हमारे शरीर का रक्षा कवच माना जाता है। यह संक्रमण से लड़ता है, बीमारियों से हमारी रक्षा करता है, बीमारियों को जल्दी ठीक करने में मददगार है। लेकिन अगर यही कमजोर हो जाए तो सोचिए क्या होगा! इम्यून सिस्टम मजबूत होने पर कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी तक होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में शंखपुष्पी आपकी इम्यून सिस्टम को मजबूत करने और आपको सैंकड़ों रोगों से दूर रखने में मदद करती है।
आयुर्वेद में प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए ओजस सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसे में माना जाता है कि शंखपुष्पी एक ओजस-निर्माण जड़ी बूटी है, जो संभावित रूप से स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली का समर्थन करती है। आधुनिक चिकित्सा विज्ञान भी इस दावे का समर्थन करता है और कहता है कि शंखपुष्पी शरीर पर Immunomodulatory Effects डालता है। इसका मतलब यह है कि यह संभावित रूप से प्रतिरक्षा प्रणाली की प्रतिक्रिया को नियंत्रित कर सकता है, संभवतः संक्रमण से लड़ने की इसकी क्षमता को बढ़ा सकता है।
5. बालों को जल्दी सफेद होने से बचाता है (Prevents premature graying of hair)
दुनियाभर में एक बड़ी आबादी समय से पहले बालों के सफेद होने की समस्या से परेशान है। नए सर्वे बतलाते हैं कि 25 की उम्र से कम लोग भी अब बालों के पकने यानि बालों के सफेद होने की समस्या से परेशान हैं। इस समस्या को दूर करने में शंखपुष्पी काफी फायदेमंद है क्योंकि इसके नियमित सेवन से बालों के सफेद होने की समस्या दूर होती है। आयुर्वेद बालों के समय से पहले सफेद होने की समस्या को पित्त दोष से जोड़कर देखता है।
इसके मुताबिक खराब पाचन तंत्र और शरीर की गर्मी समय से पहले बालों के सफेद होने में योगदान देती है। ऐसे में हमने आपको पहले ही बताया कि शंखपुष्पी को पित्त दोष शांत करने वाला बताया गया है जिससे बालों के समय से पहले सफेद होने की समस्या दूर होती है। अगर आप समय से पहले बेजान और सफेद बालों की समस्या से परेशान हैं तो हम आपको Hair Ras के सेवन की सलाह देते हैं। इस नेचुरल सप्लीमेंट में ढेरों आयुर्वेद औषधियों की शक्तियां मौजूद हैं जो बालों को समय से पहले सफेद होने से बचाता है।
6. हृदय रोगों के जोखिम को कम करता है (Reduces the risk of heart diseases)
भारत सहित दुनियाभर में लाखों लोग हृदय रोगों से पीड़ित हैं। हालंकि यह समस्या बड़ी है और सही इलाज जरूरी है लेकिन कई ऐसे सुरक्षित कदम उठाए जा सकते हैं जिससे हृदय रोगों का जोखिम कम किया जा सकता है, जैसे शंखपुष्पी का सेवन करना। हाल के वर्षों में किए गए अध्ययन बतलाते हैं कि शंखपुष्पी के अर्क का हल्का हाइपोटेंशन प्रभाव हो सकता है, जिससे रक्तचाप कम हो सकता है।
इसके अलावा, इसका नियमित सेवन करने से खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर में भी कमी आती है। जानवरों पर किए गए शोधों से पता चलता है कि शंखपुष्पी का अर्क रक्त से खराब कोलस्ट्रॉल दूर करता है जिससे हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है। आयुर्वेद इस औषधि को वात दोष दूर करने में सक्षम मानता है, जिससे स्वस्थ हृदय प्रणाली को बनाए रखने में सहायता मिलती है।
7. मिर्गी के इलाज में फायदेमंद है (Helps in treating epilepsy)
मिर्गी के इलाज में भी शंखपुष्पी को काफी फायदेमंद माना गया है। बल्कि सदियों से मिर्गी जैसे मानसिक रोगों के इलाज में शंखपुष्पी का इस्तेमाल किया जाता रहा है। आयुर्वेद में, शंखपुष्पी को "मेध्य" जड़ी बूटी माना जाता है, जो मस्तिष्क के स्वास्थ्य और संतुलन को बढ़ावा देती है। यह मिर्गी की गतिविधि को प्रबंधित करने की क्षमता के अनुरूप है। साथ ही, आयुर्वेद मिर्गी को वात दोष से जोड़कर देखता है। शंखपुष्पी वात दोष को शांत करती है जिससे मिर्गी के इलाज में मदद मिल सकती है।
आयुर्वेद के साथ साथ आधुनिक चिकित्सा विज्ञान ने भी मिर्गी के इलाज में इस आयुर्वेदिक औषधि के फायदों को माना है। जानवरों पर किए गए कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि शंखपुष्पी के अर्क में एंटीकॉन्वेलसेंट गुण हो सकते हैं, जिसका अर्थ है कि वे संभावित रूप से दौरे की गतिविधि को कम कर सकते हैं। इसमें neuroprotective qualities भी मौजूद होती हैं जिसका अर्थ है कि मिर्गी के दौरे पड़ने पर दिमाग की कोशिकाओं को होने वाली क्षति से भी शंखपुष्पी बचाती है।
8. मूत्र विकारों को दूर करता है (Helpful in relieving urinary disorders)
मूत्र विकार जैसे पेशाब में जलन, दर्द की अनुभूति, रुक रुक कर पेशाब का आना, पेशाब में खून और पस का आना जैसी स्तिथियों के इलाज में भी शंखपुष्पी को फायदेमंद माना गया है। इसके कई कारण हैं, जैसे कि इस औषधि में मूत्रवर्धक गुण पाए जाते हैं जिससे पेशाब की मात्रा बढ़ती है और साथ ही सभी विषाक्त पदार्थ भी शरीर से बाहर निकल जाते हैं। मूत्र विकारों को आयुर्वेद में वात और पित्त दोषों से जोड़कर भी देखा गया है।
शंखपुष्पी जैस कि हमने आपको पहले ही बताया, वात और पित्त दोष को शांत करती है। इससे मूत्र विकारों को दूर करने में सहायता मिलती है। इसे एंटी इन्फ्लेमेटरी गुणों से युक्त भी माना गया है इसलिए अगर मूत्र विकारों का कारण इन्फ्लेमेशन यानि सूजन हो तो उसे भी दूर करने में यह मदद करता है।
9. बवासीर की समस्या से राहत दिलाता है (Provides relief from piles)
बवासीर की दिक्कत को दूर करने में भी शंखपुष्पी को फायदेमंद माना गया है। इसके नियमित सेवन से बवासीर के इलाज में मदद मिलती है। प्रारंभिक शोध से पता चलता है कि शंखपुष्पी में सूजन-रोधी गुण हो सकते हैं, जो बवासीर से जुड़ी सूजन को कम करने के लिए संभावित रूप से फायदेमंद हो सकते हैं। बवासीर की समस्या में सूजन की समस्या बढ़ जाती है, जिसे दूर करने में यह काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।
इसके अलावा, बवासीर वात दोष के असंतुलित होने के कारण होता है। शंखपुष्पी शरीर में वात दोष को संतुलित करती है जिससे बवासीर के इलाज में मदद मिलती है। इसके सेवन से पाचन क्रिया में सुधार आता है और मल त्याग आसानी से होता है जिससे बवासीर की समस्या दूर करने में मदद मिलती है। यह शरीर पर कुछ Laxative Effect भी डालता है जिससे बवासीर की समस्या के इलाज में मदद मिलती है।
10. गर्भाशय को ताकत प्रदान करता है (Provides strength to the uterus)
गर्भाशय का स्वस्थ और मजबूत होना महत्वपूर्ण है ताकि महिला और गर्भ में पल रहे बच्चे दोनों का स्वास्थ्य बेहतर हो सके। गर्भावस्था, फर्टिलिटी और माहवारी चक्र तीनों के संतुलन और नियमन के लिए गर्भाशय का स्वास्थ्य आवश्यक होता है। शंखपुष्पी का सेवन करने से महिलाओं में गर्भाशय को ताकत मिलती है और उनका स्वास्थ्य बेहतर होता है। इससे फाइब्रॉएड, संक्रमण, पॉलीप्स, प्रोलैप्स और गर्भाशय दर्द की समस्या भी दूर होती है।
इसके कई कारण हैं। पहला कारण यह है कि शंखपुष्पी महिलाओं के शरीर में हार्मोन्स को संतुलित करता है। हार्मोन्स का संतुलन स्वस्थ गर्भाशय के लिए अत्यंत आवश्यक है। इसके अलावा शंखपुष्पी का नियमित सेवन करने से चिंता और तनाव की समस्या भी दूर होती है जोकि स्वस्थ गर्भाशय के लिए अत्यंत आवश्यक है। महिलाओं को खासतौर पर शंखपुष्पी का सिरप पीने की सलाह दी जाती है। तो ये रहे सभी Shankhpushpi Benefits In Hindi.
शंखपुष्पी सिरप के फायदे और नुकसान (Benefits and side effects of Shankhpushpi syrup)
शंखपुष्पी सिरूप के फायदे कई हैं। इसके नियमित सेवन से पाचन तंत्र मजबूत बनता है, पाचन क्रिया में सुधार आता है, बालों का झड़ना कम होता है, समय से पहले बालों के सफेद होने की समस्या दूर होती है, प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत बनती है, गर्भाशय मजबूत बनता है आदि। लेकिन इसके सेवन से कुछ नुकसान भी होते हैं जैसे ब्लड प्रेशर कम होता है, दवाओं के साथ इंटरैक्ट करता है, एलर्जिक रिएक्शन देखने को मिलते हैं।
शंखपुष्पी सिरप के नियमित सेवन से फायदे और नुकसान दोनों होते हैं। आमतौर पर तो यह सुरक्षित होता है लेकिन अगर इसका अत्यधिक डोज ले लिया जाए तो यह शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। साथ ही हम आपको सलाह देते हैं कि अगर आप गर्भवती हैं या स्तनपान कराती हैं तो बिना डॉक्टर की सलाह का इसका सेवन कदापि न करें। उम्मीद है कि आप शंखपुष्पी सिरप के फायदे और नुकसान दोनों समझ गए होंगे।
ब्राह्मी और शंखपुष्पी के फायदे (Benefits of Brahmi and Shankhpushpi)
ब्राह्मी और शंखपुष्पी के कई फायदे होते हैं। इन दोनों आयुर्वेदिक औषधियों के नियमित सेवन से मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है, चिंता और तनाव से मुक्ति मिलती है, अल्जाइमर और डिमेंशिया रोग का जोखिम कम होता है, दिमाग का स्वास्थ्य सुधरता है, अच्छी नींद लेने में मदद मिलती है, पाचन तंत्र मजबूत बनता है।
खासतौर पर अगर आप याददाश्त की कमी, दिमागी विकार, मानसिक रोगों से जूझ रहे हैं तो इन दोनों ही आयुर्वेदिक औषधियों का नियमित सेवन करना काफी फायदेमंद हो सकता है। कुछ समर्थकों का मानना है कि जब ब्राह्मी और शंखपुष्पी को एक साथ उपयोग किया जाता है, तो उनका एक सहक्रियात्मक प्रभाव हो सकता है, जो संभावित रूप से संज्ञानात्मक कार्य और तनाव में कमी के लिए उनके व्यक्तिगत लाभों को बढ़ा सकता है।
शंखपुष्पी का सेवन कैसे करें (Ways to consume Shankhpushpi)
शंखपुष्पी के फायदे प्राप्त करने के लिए इसका सेवन विभिन्न प्रकार से किया जा सकता है। आयुर्वेद में शंखपुष्पी का सेवन आमतौर पर चूर्ण के रूप में किया जाता है। लेकिन अन्य कई तरीकों से भी इसका सेवन किया जा सकता है। हम आपको सुझाव देते हैं कि किसी योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श के पश्चात इसका सेवन करें।
- शंखपुष्पी का चूर्ण आपको आसानी से आयुर्वेदिक औषधालय पर मिल जायेगा जिसका सेवन किया जा सकता है। इसके लिए आप रोजाना सुबह शाम 3 से 5 ग्राम चूर्ण का सेवन कर सकते हैं।
- शंखपुष्पी रस का सेवन भी किया जा सकता है। इसका 5 मिलीलीटर से लेकर 20 मिलीलीटर तक सेवन रोजाना आप कर सकते हैं।
- इसका सेवन दूध के साथ भी किया जा सकता है। इसके अलावा आप शंखपुष्पी चूर्ण खाने के बाद भी दूध का सेवन कर सकते हैं, यह काफी फायदेमंद माना गया है।
- शंखपुष्पी सिरप आसानी से ऑनलाइन या आयुर्वेदिक दुकानों पर मिल जाती है जिसका सेवन किया जा सकता है।
- शंखपुष्पी के फूल का सेवन भी फायदेमंद है। इसके कैप्सूल और टैबलेट का सेवन भी दूध/पानी के साथ किया जा सकता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
शंखपुष्पी के फायदे कई हैं। इसके नियमित इस्तेमाल से मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है, पाचन स्वास्थ्य सुधरता है, बालों में चमक आती है और बालों का झड़ना कम होता है, हृदय रोगों का जोखिम कम होता है, मूत्र विकारों के इलाज में मदद मिलती है, याददाश्त बढ़ती है, इम्यून सिस्टम मजबूत बनता है और साथ ही उल्टी, बुखार और अस्थमा रोग दूर होते हैं।
लेकिन ध्यान रखें कि शंखपुष्पी सिरप के फायदे और नुकसान दोनों हैं और इसलिए इसका डोज अत्यधिक न लें। इसके नुकसान में कम ब्लड प्रेशर, पाचन दिक्कतें शामिल हैं। कुछ लोगों में इसके सेवन से एलर्जी भी ही सकती है। ब्राह्मी और शंखपुष्पी दोनों साथ सेवन करने से मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (Frequently Asked Questions)
1. शंखपुष्पी सिरप कैसे पीना चाहिए?
शंखपुष्पी सिरप का सेवन भोजन करने के पश्चात किया जाना चाहिए। दिन में दो बार सुबह और रात को भोजन करने के पश्चात इसके सिरप का सेवन फायदेमंद माना गया है। इसका सेवन दूध या पानी के साथ किया जा सकता है।
2. शंखपुष्पी कितने दिन में असर करती है?
शंखपुष्पी का असर देखने के लिए आपको इसका नियमित सेवन कम से कम 3 महीने तक लगातार करना चाहिए। यह एक आयुर्वेदिक औषधि है इसलिए इसका असर देर से देखने को मिलता है लेकिन यह आपके समग्र स्वास्थ्य को सुधारने और बीमारियों को जड़ से समाप्त करने में मदद करती है।
3. क्या शंखपुष्पी सेरोटोनिन बढ़ाता है?
शंखपुष्पी का नियमित सेवन करने से शरीर में केमिकल न्यूरोट्रांसमीटर संतुलित होता है और डोपामिन का स्तर बढ़ता है। इससे कॉर्टिसोल और सेरोटोनिन दोनों का स्तर कम होता है जिससे तनाव और चिंता से मुक्ति मिलती है।
4. क्या शंखपुष्पी के साइड इफेक्ट्स होते हैं?
आमतौर पर शंखपुष्पी का कोई भी साइड इफेक्ट्स नहीं होता है। लेकिन अगर इसका सेवन सुझाए गए मात्रा से अधिक कर लिया जाए तो ब्लड प्रेशर कम हो सकता है, पेट में गड़बड़ी हो सकती है। कुछ लोगों में इसके सेवन से एलर्जी की समस्या भी जन्म ले सकती है।
References
- Comparative pharmacognostical investigation on four ethnobotanicals traditionally used as Shankhpushpi in India - NCBI NIH: https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3255406/
- Role of Shankhpushpi (Convolvulus pluricaulis) in neurological disorders: An umbrella review covering evidence from ethnopharmacology to clinical studies - ScienceDirect: https://www.sciencedirect.com/science/article/abs/pii/S0149763422002846
- AYURVEDIC MEDICINAL IMPORTANCE OF SHANKHPUSHPI (CONVOLVULUS PLURICAULIS): POTENTAIL COGNITION BOOSTING HERB - ResearchGate: https://www.researchgate.net/publication/353910690_AYURVEDIC_MEDICINAL_IMPORTANCE_OF_SHANKHPUSHPI_CONVOLVULUS_PLURICAULIS_POTENTAIL_COGNITION_BOOSTING_HERB