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विटामिन डी कैसे बढ़ाएं | Vitamin D Kaise Badhaye


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Vitamin D विटामिन समूह का एकमात्र ऐसा विटामिन है जिसे आप बिना किसी खाद्य पदार्थ का सेवन किए, पैसे खर्च किए ही प्राप्त कर सकते हैं। मुख्य रूप से सूर्य की रौशनी से मिलने वाला यह विटामिन हमारे शरीर के लिए सबसे जरूरी होता है। हमारा शारीरिक ढांचा जिसमें मुख्य रूप से हड्डियां, मांशपेशियां, बाल और नाखून मौजूद हैं, इनके समग्र स्वास्थ्य के लिए विटामिन डी आवश्यक होता है। ऐसे में एक संभावित प्रश्न उठता है, विटामिन डी कैसे बढ़ाएं।

इस प्रश्न का उत्तर देने के लिए ही हमने इस ब्लॉग को तैयार किया है। Tata 1mg Labs की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की लगभग 76% आबादी विटामिन डी की कमी से पीड़ित है। यह कोई छोटा मोटा आंकड़ा नहीं है और इसलिए डरावना है। इसकी कमी से बड़ी संख्या में लोग जूझ रहे हैं और अस्पतालों के चक्कर लगा रहे हैं। इसी वजह से विटामिन डी कैसे बढ़ाएं ब्लॉग को आपके लिए तैयार करने की जरूरत हमें महसूस हुई ताकि आप कभी भी इसकी कमी से पीड़ित न हों।


विटामिन डी क्या है (Vitamin D in Hindi)

विटामिन डी (Vitamin D) एक पोषक तत्व होने के साथ साथ ही हार्मोन भी है जिसका उत्पादन हमारा शरीर करता है। वसा में घुलनशील यह विटामिन हड्डियों, मांशपेशियों, बाल और नाखूनों के स्वास्थ्य के लिए सबसे जरूरी माना जाता है। इसका मुख्य स्रोत सूर्य की रोशनी है, लेकिन दूध और दूध से बने उत्पादों, मछली, अंडे की जर्दी, संतरे और मशरूम जैसे खाद्य पदार्थों से भी हमें इसकी प्राप्ति होती है। 

मुख्य रूप से हड्डियों और मांशपेशियों के स्वास्थ्य को बेहतर करने में मदद करने वाला विटामिन डी अन्य कई स्वास्थ्य लाभ के लिए भी जाना जाता है। प्रयोगशाला अध्ययनों से पता चलता है कि विटामिन डी कैंसर कोशिका वृद्धि को कम कर सकता है, संक्रमण को नियंत्रित करने और सूजन को कम करने में मदद कर सकता है। 

जहां पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन के स्तर को नियंत्रण में रखने, स्पर्म का सही ढंग से उत्पादन करने में मदद करने और इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के जोखिम को दूर करता है तो वहीं महिलाओं में यह फर्टिलिटी बढ़ाता है, प्रेग्नेंसी के वक्त भ्रूण का सही विकास करने में मदद करता है और साथ ही मूड स्विंग्स को नियंत्रण में रखता है। ऐसे में जरूरी है जानना कि विटामिन डी कैसे बढ़ाएं।


विटामिन डी कैसे बढ़ाएं (Vitamin D Kaise Badhaye)

विटामिन डी बढ़ाने के कई तरीके हैं। आइए एक एक करके सभी तरीकों के बारे में जानते हैं।


१. सूर्य की रोशनी की मदद से विटामिन डी बढ़ाएं (Increase Vitamin D with the help of sunlight)


यह हम सभी जानते हैं कि विटामिन डी बढ़ाने के लिए सूरज की रोशनी मददगार होती है। रोजाना सिर्फ 15 से 20 मिनट अगर आप सूरज की रोशनी लेते हैं तो आपके शरीर में कभी भी विटामिन डी की कमी नहीं हो सकती। यह हम नहीं बल्कि कई शोध कहते हैं, जिसमें National Institutes of Health की एक रिपोर्ट काफी महत्वपूर्ण है। 


यह रिपोर्ट बताता है कि सूरज की रोशनी में UVB radiation के संपर्क में आने से त्वचा में विटामिन डी का उत्पादन शुरू हो जाता है। UVB rays 7-dehydrocholesterol नामक अणु को प्रीविटामिन डी3 में बदल देती हैं। ऐसे ही हजारों ऐसे रिपोर्ट्स हैं जो यह बताती हैं कि सूर्य की रोशनी किस प्रकार विटामिन डी को बढ़ाती है। 


Important points

  • ‌सूर्य की रोशनी से पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी प्राप्त करने के लिए सबसे बढ़िया समय है सुबह १० बजे से दोपहर 3 बजे तक
  • ‌१५ से २० मिनट तक सूर्य की रोशनी पर्याप्त है
  • ‌सूर्य की रोशनी लेते समय कोशिश करें कि आपके हाथ और पैर पर सीधी रोशनी पड़े
  • ‌जरूरत से ज्यादा धूप लेने से sunburn हो सकता है, इससे बचें
  • ‌Sunburn से बचने के लिए sunscreen (SPF 30+) का इस्तेमाल करें
  • ‌अगर skin cancer है तो डॉक्टर से परामर्श लें 

२. मशरूम विटामिन डी बढ़ाने में मदद करता है (Mushrooms increase Vitamin D)


मशरूम से तो आप सभी परिचित होंगे। यह एक plant based food है जोकि शरीर को पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी प्रदान करता है। पराबैंगनी (यूवी) प्रकाश के संपर्क में आने पर वे स्वाभाविक रूप से विटामिन डी2 (एर्गोकैल्सीफेरॉल) का उत्पादन कर सकते हैं। यानि मशरूम में विटामिन डी कम मात्रा में पाया जाता है लेकिन जब यह सूर्य के रोशनी के संपर्क में आता है तो प्रचुर मात्रा में विटामिन डी का उत्पादन शुरू हो जाता है। 


मशरूम को उगाने या प्रोसेसिंग के दौरान यूवी प्रकाश के संपर्क में लाकर उनमें विटामिन डी2 की मात्रा को काफी हद तक बढ़ाया जा सकता है। खासतौर पर portobello, shiitake, maitake, और oyster mushrooms में प्रचुर मात्रा में विटामिन डी2 पाया जाता है अगर इसे सूर्य की रोशनी के संपर्क में लाया गया हो तो।


Important points

  • ‌अगर आप वेजिटेरियन हैं तो मशरूम विटामिन डी प्राप्त करने का एक बढ़िया स्रोत है
  • ‌portobello, shiitake, maitake, और oyster mushroom में अन्य मशरूम के तुलना में ज्यादा विटामिन डी मौजूद होता है
  • ‌सूर्य की रोशनी के मुकाबले मशरूम में मौजूद विटामिन डी कम प्रभावी होती है

३. दूध और दूध उत्पादों से बढ़ता है विटामिन डी (Increase Vitamin D by consuming milk and milk products)


दूध और दूध से बने उत्पादों जैसे घी, दही और पनीर में भी विटामिन डी पाया जाता है। अगर आप दूध और इससे बने उत्पादों का नियमित रूप से सेवन करते हैं तो आपके शरीर को अच्छी मात्रा में विटामिन डी की प्राप्ति होगी। विटामिन डी बढ़ाने के लिए आप रोजाना कम से कम एक गिलास दूध का सेवन कर सकते हैं, साथ ही समय समय पर इससे बने उत्पादों का सेवन भी शरीर में विटामिन डी की कमी को पूरा करता है।


यहां एक बात ध्यान देने वाली है कि विटामिन डी की मात्रा दूध और दूध से बने उत्पादों में कम होता है। यानि अगर आप सीधे गाय, भैंस या बकरी का दूध बिना किसी fortification के इस्तेमाल करते हैं तो विटामिन डी की कम ही मात्रा आपको प्राप्त होगी, बमुश्किल से 0.125–1 µg/L (5-40 IU/L)। लेकिन जो दूध या इसके उत्पाद आप बाजार से खरीदते हैं, उन्हें आमतौर पर विटामिन डी से फोर्टिफाई किया जाता है, इसलिए उनमें इसकी मात्रा अधिक होती है।


Important points

  • ‌प्राकृतिक दूध में विटामिन डी की मात्रा कम होती है
  • ‌दूध और उससे बने उत्पादों को खरीदने से पहले Vitamin D फॉर्टिफिकेशन की जांच करें
  • ‌रोजाना एक गिलास दूध का सेवन विटामिन डी की कमी पूरी करता है


४. अंडा से बढ़ाएं शरीर में विटामिन डी (Increase Vitamin D in the body with eggs)

"संडे हो या मंडे, रोज खाओ अंडे" वाला स्लोगन तो आपने सुना ही होगा। यह स्लोगन यूंही नहीं तैयार किया गया था, बल्कि NECC (National Egg Coordination Committee) अच्छे से जानती थी कि अंडे सिर्फ स्वाद में ही नहीं बल्कि पौष्टिक गुणों से भी भरपूर होते हैं। तो आपके प्रश्न विटामिन डी कैसे बढ़ाएं का एक बढ़िया उत्तर अंडा हो सकता है, खासकर कि अगर आप नॉन वेजिटेरियन हैं तो। 


एक बड़े अंडे की जर्दी में लगभग 37 IU विटामिन डी होता है, यानि यह विटामिन डी का एक अच्छा स्रोत है। रोजाना आप कम से कम दो अंडों को अपने आहार में शामिल करके शरीर में विटामिन डी की मात्रा को बढ़ा सकते हैं। अगर आप विटामिन डी और प्रोटीन के लिए अंडे को खाना चाहते हैं तो इसकी जर्दी जिसे yolk कहा जाता है, को खाएं। यह पीले रंग का होता है।


Important points

  • ‌आपके शरीर को रोजाना 600 IU विटामिन डी की जरूरत होती है, एक अंडा इसे पूरा नहीं कर सकता
  • ‌जरूरी नहीं कि हर अंडे से आपको समान रूप से विटामिन डी प्राप्त हो
  • ‌विटामिन डी की सबसे अधिक मात्रा जर्दी में होती है, यानि पीले वाले भाग में 
  • ‌सुपरमार्केट से अंडे खरीदते समय पैकेज पर vitamin D-enriched की जांच कर सकते हैं 

५. मछलियों के सेवन से बढ़ाएं विटामिन डी (Vitamin D increases by consuming fish)


अगर आप मांसाहारी हैं तो मछलियां विटामिन डी प्राप्त करने का एक अच्छा स्रोत हो सकती हैं। हालांकि सभी मछलियों में विटामिन डी की मात्रा प्रचुर नहीं होती, इसके लिए आप सालमन, टूना और मैकरेल मछलियों का सेवन कर सकते हैं। इन मछलियों में दैनिक जरूरत का 160% तक विटामिन डी मौजूद होता है यानि विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए सप्ताह में एक दो दिनों के लिए इनपर निर्भर रहा जा सकता है।


अलग अलग मछली की प्रजातियों में विटामिन डी की मात्रा भी अलग अलग होती है। जैसे Salmon fish की 3.5oz मात्रा में लगभग 526 IU विटामिन डी होता है तो वहीं जंगली सालमन में यह मात्रा ज्यादा अधिक होती है। 


Important points

  • ‌salmon, mackerel और sardines में विटामिन डी की मात्रा सबसे अधिक होती है
  • ‌जंगल से पकड़ी गई मछलियों में विटामिन डी ज्यादा होता है, फार्मिंग की गई मछलियों के मुकाबले
  • ‌मछलियों को बेक, ग्रिल या फ्राई करने से उनमें मौजूद विटामिन डी की मात्रा पर फर्क नहीं पड़ता है

६. विटामिन डी सप्लीमेंट से बढ़ाएं विटामिन डी (Vitamin D supplement increases Vitamin D in the body)


अगर आपके शरीर में विटामिन डी की कमी हो गई है या आप नहीं चाहते कि इसकी कमी हो तो आप डॉक्टर की सलाह के पश्चात विटामिन डी सप्लीमेंट ले सकते हैं। हालांकि यह बिना डॉक्टर के प्रिसेक्रिप्शन के आपको आसानी से मिल जायेगा, लेकिन एक बार डॉक्टर की परामर्श आपको safe side रखता है। अगर आपके शरीर में इसकी कमी हो गई है तभी जाकर डॉक्टर इसके सेवन की सलाह देते हैं।


जब आप सप्लीमेंट लेने जाएं तो विटामिन डी3 का चुनाव करें क्योंकि यह ज्यादा प्रभावी होता है। विटामिन डी सप्लीमेंट अलग अलग फॉर्म में आता है जैसे टैबलेट्स, कैप्सूल्स, गमीज और लिक्विड ड्रॉप्स। आप डॉक्टर के सुझाव के अनुसार किसी एक फॉर्म को चुनकर सेवन शुरू कर सकते हैं।


Important points

  • ‌बिना डॉक्टर की सलाह के विटामिन डी सप्लीमेंट्स न लें
  • ‌अगर आप सप्लीमेंट्स लेना शुरू भी करते हैं तो भी अन्य स्रोतों को न भूलें
  • ‌डॉक्टर द्वारा सुझाए डोज की मात्रा न बढ़ाएं, खतरनाक हो सकता है
  • ‌कोई दवा ले रहे हैं तो उसके साथ इंटरेक्शन पर डॉक्टर से विचार विमर्श करें
  • ‌अच्छे ब्रांड की ही विटामिन डी खरीदें

७. नियमित रूप से योग और व्यायाम करें (Exercise regularly)

नियमित रूप से व्यायाम करना प्रत्यक्ष रूप से शरीर में विटामिन डी के लेवल को प्रभावित नहीं करता है। लेकिन शरीर को सही ढंग से विटामिन डी प्राप्त हो, अवशोषण सही ढंग से हो इसमें अवश्य ही योग और व्यायाम महत्वपूर्ण है। व्यायाम रक्त प्रवाह में सुधार करता है, जो संभावित रूप से रक्तप्रवाह से टिशूज तक विटामिन डी के परिवहन और अवशोषण में सहायता कर सकता है।

इसके अलावा, कुछ अध्ययनों में, नियमित व्यायाम को शरीर में विटामिन डी को उसके सक्रिय रूप में परिवर्तित करने के लिए जिम्मेदार एंजाइम की बढ़ी हुई गतिविधि से भी जोड़ा गया है। तो इस तरह व्यायाम और योग अप्रत्यक्ष रूप से शरीर में विटामिन डी की मात्रा को बढ़ाने का कार्य करते हैं।


Important points

  • ‌लगातार व्यायाम करने से शरीर में विटामिन डी की मात्रा छोटे लेवल पर बढ़ती है
  • ‌दौड़ना या ऐसे व्यायाम जिसमे सबसे अधिक मेहनत लगती है, वह ज्यादा फायदेमंद होता है
  • ‌एक्सरसाइज करने के लिए ऐसे स्थानों को चुनें जहां सूर्य की रोशनी पर्याप्त मात्रा में पड़ती हो 

विटामिन डी के प्रकार (Types of Vitamin D in Hindi)

विटामिन डी दो प्रकार का होता है और दोनों एक समान शरीर के लिए प्रभावी नहीं होता। आप ऊपर जान चुके हैं कि विटामिन डी कैसे बढ़ाएं, आइए अब इसके दो प्रकार के बारे में भी जान लेते हैं। 


१. Vitamin D2 (ergocalciferol)

पहले स्थान पर आता है ergocalciferol जिसे विटामिन डी2 भी कहा जाता है। यह विटामिन सामान्य रूप से कुछ पौधों और फंगई में पाया जाता है। अगर आपने कभी सुपरमार्केट से फॉर्टिफाइड विटामिन डी लेबल लगा प्रोडक्ट खरीदा है तो उसका फॉर्टिफिकेशन इसी के द्वारा किया जाता है। 


२. Vitamin D3 (cholecalciferol)

विटामिन डी का दूसरा प्रकार है विटामिन डी3 यानि cholecalciferol जिसकी प्राप्ति हमें animal products जैसे फैटी मछलियां, अंडे की जर्दी, लीवर से प्राप्त होता है। सूर्य की रोशनी से भी हमें विटामिन डी3 ही मिलता है। यह विटामिन डी2 की तुलना में शरीर पर ज्यादा प्रभावी होता है।


विटामिन डी की कमी से कौन सा रोग होता है (Diseases caused by Vitamin D deficiency)

विटामिन डी की कमी से होने वाले रोग आमतौर पर गंभीर होते हैं जैसे कैंसर, पेटोपोरोसिस, बालों का तेजी से गिरना आदि। आपने विस्तारपूर्वक जाना कि विटामिन डी कैसे बढ़ाएं, आइए अब जानते हैं कि विटामिन डी की कमी से कौन सा रोग होता है:


१. ओस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis)

विटामिन डी की कमी से ओस्टियोपोरोसिस होने का खतरा बढ़ जाता है। यह एक ऐसी स्तिथि है जिसमें हड्डियां का घनत्व कम हो जाता है जिससे हड्डियों के टूटने का खतरा काफी बढ़ जाता है। हड्डियां इतनी नाजुक हो जाती हैं कि एक जोरदार छींक या खांसी भी उन्हें फ्रैक्चर करने के लिए काफी हो जाता है। तो इस तरह उम्मीद है आप समझ गए होंगे कि विटामिन डी की कमी से क्या होता है।


२. रिकेट्स (Rickets)

विटामिन डी की कमी से बच्चों में रिकेट्स नाम की एक बीमारी हो जाती है। यह ओस्टियोपोरोसिस जैसी ही होती है जिसमें हड्डियां नाजुक और कोमल हो जाती हैं और अंदर से कमजोर भी हो जाती हैं। इससे बच्चों में हड्डियां टूटने या हड्डियों में दर्द की समस्या शुरू हो जाती है। इससे कई बार बच्चों के पैर झुक जाते हैं या टेढ़े हो जाते हैं।


३. कैंसर (Cancer)

कैंसर एक जानलेवा बीमारी है और कई शोध यह बतलाते हैं कि अगर शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाए तो कई प्रकार के कैंसर होने का जोखिम बढ़ जाता है। खासतौर पर स्तन कैंसर, फेफड़ों का कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर के खतरे को बढ़ाने में विटामिन डी की कमी होती है। दरअसल विटामिन डी क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को नष्ट होने में मदद करता है, जिससे वे कैंसर का रूप लेने से पहले ही खत्म हो जाते हैं।


४. ऑटोइम्यून रोग (Autoimmune diseases)

Autoimmune diseases तब होता है जब आपका इम्यून सिस्टम यानी प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर के लिए जरूरी कोशिकाओं और ऊतकों (tissues) को विदेशी समझ लेती है। हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली विदेशी पदार्थों या तत्वों पर तुरंत हमला करके उन्हें नष्ट करने की कोशिश करती है। लेकिन क्या हो अगर यह भ्रम में आकर शरीर के ही ऊतकों को हानि पहुंचाने लगे? इससे रूमेटोइड गठिया, ल्यूपस, डायबिटीज टाइप 1 जैसे रोग हो सकते हैं।


५. अवसाद (Depression)

अवसाद जिसे अब आम बोलचाल की भाषा में डिप्रेशन कहा जाने लगा, एक खतरनाक मानसिक स्तिथि है। कई परिस्थितियों में यह जानलेवा भी बन जाती है क्योंकि इस परेशानी से जूझ रहे व्यक्ति न सिर्फ आत्महत्या के बारे में सोचते हैं बल्कि उनके सोचने समझने की क्षमता नकारात्मक तरीके से प्रभावित होती है। 


विटामिन डी सप्लीमेंट से जुड़ी जरूरी बातें (Important things related to Vitamin D supplement)

अगर किन्हीं कारणों से आपके शरीर में विटामिन डी की कमी हो गई है तो उस कमी को पूरा करने के लिए डॉक्टर आपको विटामिन डी सप्लीमेंट लेने की सलाह दे सकते हैं। यह कई फॉर्म्स में आपको मिल सकता है जैसे टैबलेट, गमी, कैप्सूल या लिक्विड ड्रॉप में। आप इसे खाने के साथ या बिना खाने के भी सेवन कर सकते हैं या जैसे आपके चिकित्सक आपको सलाह दें।


आमतौर पर इस सप्लीमेंट को आप गुनगुने दूध के साथ खा सकते हैं। लेकिन इसका सेवन पानी के साथ भी किया जा सकता है। ध्यान रखें कि इसका डोज 600 international units (IU) से ज्यादा न हो क्योंकि ओवरडोज खतरनाक साबित हो सकता है। अधिकतम एक दिन में 4,000 IU विटामिन डी की लिमिट व्यस्कों के लिए है।


शरीर में विटामिन डी की जांच कैसे करें (How to check Vitamin D in the body)

अगर आपके शरीर में विटामिन डी की कमी हो गई है और इसके लक्षण दिखाई देने शुरू हो गए हैं तो आमतौर पर डॉक्टर आपके खून की जांच करते हैं। इस खून की जांच को 25-hydroxyvitamin D test भी कहा जाता है जिसकी मदद से आपके रक्त में 25(OH)D की मात्रा को मापा जाता है। इससे पता चलता है कि आपके शरीर में विटामिन डी की मात्रा कितनी है।


यानि विटामिन डी कैसे बढ़ाएं से पहले ब्लड टेस्ट भी एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है ताकि सही उपचार किया जा सके। अब आइए संक्षेप में समझ लेते हैं कि खून की जांच से आए परिणाम से कैसे पता चलता है कि शरीर में विटामिन डी की कमी है या नहीं। 

  • विटामिन डी की कमी: 20 एनजी/एमएल से नीचे (50 एनएमओएल/एल)
  • अपर्याप्त: 20-30 एनजी/एमएल (50-75 एनएमओएल/एल)
  • ‌पर्याप्त: 30-100 एनजी/एमएल (75-250 एनएमओएल/एल)
  • ‌संभावित रूप से विषाक्त: 100 एनजी/एमएल से ऊपर (250 एनएमओएल/एल)

निष्कर्ष (Conclusion)

विटामिन डी कैसे बढ़ाएं एक महत्वपूर्ण प्रश्न अवश्य है लेकिन बिना डॉक्टर की सलाह के खुद से यह तय करना और उपचार करना हानिकारक हो सकता है। विटामिन डी वसा में घुलनशील विटामिन है जिसकी कमी से रिकेट्स, ओस्टेपोरोसिस और कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। सूर्य की रोशनी, कुछ खाद्य पदार्थों और सप्लीमेंट्स से शरीर में इसकी कमी पूरी की जा सकती है।

रोजाना सिर्फ 15 मिनट की धूप लेने से शरीर में विटामिन डी की कमी को दूर किया जा सकता है। साथ ही, आप दूध और इससे बने उत्पादों, संतरा, मशरूम, अंडे की जर्दी, मांस और मछलियों के सेवन से भी इसकी मात्रा को शरीर में बढ़ा सकते हैं। डॉक्टर खून की जांच के बाद आए रिजल्ट से निर्धारित करते हैं कि आपके शरीर में विटामिन डी की कमी है या नहीं।


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (Frequently Asked Question)

१. विटामिन डी कैसे बढ़ाएं?

शरीर में विटामिन डी को बढ़ाने के लिए रोजाना कम से कम 15 से 20 मिनट की सुबह वाली गुनगुनी धूप लें। इसके साथ ही संतरा, अंडे की जर्दी, फैटी मछलियां, दूध और दूध से बने उत्पादों का सेवन करें। इसके अलावा रोजाना योग और व्यायाम करने से भी शरीर में विटामिन डी की कमी को पूरी करने में मदद मिलती है।


२. विटामिन डी कैसे बढ़ाएं घरेलू उपाय?

अगर आप घरेलू उपायों से विटामिन डी बढ़ाना चाहते हैं तो रोजाना सुबह 15 से 20 मिनट की धूप लें। इसके अलावा, आप दूध और दूध से बने उत्पादों जैसे दही, घी और पनीर का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा अपने आहार में अंडे की जर्दी, मशरूम और संतरे को शामिल करने से भी विटामिन डी बढ़ाया जा सकता है।


३. महिलाओं में विटामिन डी की कमी के लक्षणों के बारे में जानकारी दें।

महिलाओं में विटामिन डी की कमी से भ्रूण का विकास सही ढंग से नहीं हो पाता है, हड्डियां कमजोर हो जाती हैं जिससे ओस्टियोपोरोसिस होने का खतरा बढ़ जाता है, premenstrual symptoms (PMS) की परेशानी बढ़ जाना, बालों का झड़ना बढ़ सकता है। 


४. विटामिन डी से होने वाले रोग कौन से हैं?

विटामिन डी की कमी से ओस्टेपोरोसिस, रिकेट्स, कैंसर, अवसाद यानी डिप्रेशन, मांशपेशियों में दर्द और कमजोरी, मोटापा जैसे रोग हो सकते हैं। 


५. विटामिन डी सबसे ज्यादा कौन सी चीज में पाया जाता है?

विटामिन डी सबसे ज्यादा सूर्य की रोशनी में पाया जाता है। इसके पश्चात, मशरूम और सालमन मछली में भी विटामिन डी की मात्रा काफी अधिक होती है। 


६. विटामिन डी कितने दिन खाना चाहिए?

विटामिन डी का सेवन तबतक करना चाहिए जब तक कि आपके डॉक्टर ने आपको सुझाव दिया हो। ब्लड टेस्ट के बाद डॉक्टर यह निर्धारित करते हैं कि आपके शरीर में विटामिन डी की कमी कितनी है, उसके हिसाब से सेवन अवधि तय करते हैं।


७. विटामिन डी कैप्सूल कब खाना चाहिए?

अगर शरीर में विटमिन डी की कमी हो गई है तो डॉक्टर की परामर्श के पश्चात विटामिन डी कैप्सूल खाना चाहिए। ध्यान रहे कि बिना डॉक्टर की परामर्श के इसका सेवन हानिकारक साबित हो सकता है।


References

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Dr. Shailendra Chaubey, BAMS

Ayurveda Practioner

A modern-day Vaidya with 11 years of experience. He is the founder of Dr. Shailendra Healing School that helps patients recover from chronic conditions through the Ayurvedic way of life.

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