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यूरिक एसिड के लक्षण (Uric acid kya hota hai)


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Hyperuricemia यानि रक्त में यूरिक एसिड का बढ़ जाना भारत में एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है। NCBI के मुताबिक भारत में 24.66% लोग हाइपरयूरिसीमिया से पीड़ित हैं। यह रिपोर्ट आगे कहती है कि पुरुषों में यूरिक एसिड का स्तर महिलाओं की तुलना में अधिक होता है तथा उम्र बढ़ने के साथ यह स्तर बढ़ता जाता है। ऐसे में आवश्यक है कि समय रहते ही हम यूरिक एसिड के लक्षण को समझें और सही उपचार कराएं। 

सही समय पर अगर बढ़े हुए यूरिक एसिड का इलाज नहीं कराया गया तो Gout attacks, Tophi, किडनी से जुड़ी दिक्कतें, हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाना जैसी दिक्कतें शुरू हो सकती हैं। खासतौर पर अगर शरीर में यूरिक एसिड बढ़ जाए तो पहला लक्षण gout के रूप में दिखना शुरू होता है। गाउट एक प्रकार का आर्थराइटिस है जो सूजन के साथ शुरू होता है। इसमें व्यक्ति को असहनीय दर्द का सामना करना पड़ता है। 

साथ ही अन्य कई यूरिक एसिड के लक्षण दिखाई देते हैं जिसके बारे में इस ब्लॉग में विस्तारपूर्वक जानकारी दी जाएगी। साथ ही, यूरिक एसिड बढ़ जाने पर क्या करना चाहिए, घरेलू इलाज क्या हैं जैसे विषयों पर भी जानकारी दी जायेगी। अगर आप यूरिक एसिड बढ़ जाने की स्तिथि से बचना चाहते हैं या बड़े हुए स्तर से परेशान हैं तो यह ब्लॉग पोस्ट काफी सहायक होगा।


यूरिक एसिड क्या होता है (What is Uric Acid in Hindi)

शरीर में अरबों की मात्रा में कोशिकाएं हैं जिनका नियमित रूप से विभाजन होता रहता है। इन कोशिकाओं के विभाजन के दौरान ही प्राकृतिक रूप से शरीर में यूरिक एसिड का निर्माण होता है, जोकि एक अपशिष्ट पदार्थ है। यह अपशिष्ट पदार्थ रक्त में धुलकर मूत्रमार्ग से बाहर निकल जाता है। इसे शरीर से बाहर निकालने का कार्य किडनी का होता है।

किडनी ही यूरिक एसिड को शरीर में फिल्टर करके मूत्र मार्ग से बाहर निकाल देती है। लेकिन कई लोगों में किडनी कम क्षमतावान होती है, कमजोर हो जाती है या सुचारू रूप से कार्य नहीं कर पाती। इसकी वजह से यूरिक एसिड को फिल्टर करने की प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है या उसमें बाधा पड़ जाती है जिससे धीरे धीरे शहरी में यूरिक एसिड का लेवल बढ़ जाता है। 

शरीर में इस एसिड के बढ़ने की वजह से कई शारीरिक समस्याओं का जन्म होने लगता है जिसमें सबसे प्रमुख है गाउट। यह एक inflammation arthritis है जो सूजन के साथ शुरू होता है और जोड़ों में असहनीय दर्द का कारण बनता है। इसके अलावा गठिया, किडनी की बीमारी, पथरी जैसी स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं।


यूरिक एसिड के लक्षण (Uric acid symptoms in Hindi)

किडनी के सुचारू रूप से कार्य न कर पाने की वजह से शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने लगता है। एक सामान्य स्तर से अधिक मात्रा में शरीर में यूरिक एसिड होने पर कई लक्षण दिखाई देने लग जाते हैं जिसमें सूजे हुए और गर्म जोड़, दर्दनाक जोड़, खास तौर पर बड़े पैर के अंगूठे में रंग में बदलाव या लालिमा, कठोरता, कोमलता, थकान/ऊर्जा की कमी, बुखार, मांसपेशियों में दर्द शामिल है। आइए विस्तार से यूरिक एसिड के लक्षण (Uric acid badhne ke lakshan) जानते हैं।

1. जोड़ों में दर्द होना (Pain in the joints)

यूरिक एसिड बढ़ने का सबसे पहला लक्षण आपको जोड़ों के दर्द के रूप में दिखाई दे सकता है। बल्कि यूरिक एसिड बढ़ने पर सबसे ज्यादा लोग जोड़ों के दर्द से ही परेशान होते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने पर sharp crystals का निर्माण होता है और वे समय के साथ घुटनों में ही इकट्ठा होने लगते हैं। ये यूरेट क्रिस्टल आपके जोड़ों में, विशेष रूप से आपके पैर के अंगूठे के आधार, टखनों, घुटनों और कोहनी जैसे ठंडे क्षेत्रों में घुसपैठ कर लेते हैं।

जोड़ों में इनकी मात्रा बढ़ने पर सूजन की समस्या जन्म ले लेती है जिसका उपचार करने के लिए हमारा इम्यून सिस्टम इन sharp crystals पर हमला बोल देता है। इससे जोड़ों में सूजन, तेज दर्द, लालिमा की समस्या हो जाती है। कई बार यह दर्द पैरों और एड़ियों तक भी फैल जाता है जिसकी वजह से gout की समस्या खड़ी हो जाती है।


2. बुखार आना (Problem of fever)

शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने के लक्षण में बुखार आना भी शामिल है। हालांकि यूरिक एसिड बढ़ने पर सीधे तौर पर आपको बुखार नहीं होता है लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से कई कारण बुखार की समस्या में योगदान देते हैं। जब यूरिक एसिड का स्तर बढ़ जाता है तो जोड़ों में sharo crystals की संख्या बढ़ जाती है। इन्हें नष्ट करने के लिए हमारा इम्यून सिस्टम हमला करता है जिसके दौरान हमारी सफेद रक्त कोशिकाएं (WBCs) cytokines नामक रसायन रिलीज करती हैं।

ये रसायन इन्फेक्शन से लड़ने में मदद करती हैं लेकिन इनकी ही वजह से जलन, सूजन, दर्द और बुखार की समस्या भी जन्म ले लेती है। Cytokines शरीर के तापमान को बढ़ाने का कार्य करते हैं जोकि इम्यून सिस्टम का शरीर को बीमारियों और संक्रमण से सुरक्षित रखने का एक तरीका है। ऐसे में आप बुखार का अनुभव कर सकते हैं। तो यानि बुखार आना यूरिक एसिड का लक्षण है परंतु अप्रत्यक्ष रूप से।

 

3. ज्यादा प्यास लगना (Excessive thirst)

यूरिक एसिड बढ़ने के लक्षण में अत्यधिक प्यास लगने की समस्या भी जुड़ी हुई है। यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने पर dehydration की समस्या जन्म ले सकती है जिसकी वजह से आपको बार बार प्यास लग सकता है। इसके पीछे का भी कारण आसान भाषा में समझ लीजिए। आप पहले से ही जानते हैं कि शरीर से मूत्रमार्ग के जरिए अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने का कार्य किडनी का है। यह खून को फिल्टर करता है और यूरिक एसिड को शरीर से बाहर निकालता है।

लेकिन जब किन्हीं कारणों से यूरिक एसिड का स्तर बढ़ जाता है तो किडनी को इसे बाहर निकालने के लिए अत्यधिक मेहनत करनी पड़ती है। इसकी वजह से आपको बार बार पेशाब लग सकती है जिससे आपके शरीर में पानी की कमी हो जायेगी जिसे डिहाइड्रेशन भी कहा जाता है। शरीर में पानी की मात्रा कम होने पर आपको प्यास लगेगी और यह चक्र यूंही चलता रहेगा। तो इस तरह यूरिक एसिड बढ़ने पर अत्यधिक प्यास लगना एक लक्षण दिखाई देता है।


4. बार बार पेशाब जाना (Frequent urination)

यूरिक एसिड बढ़ जाने की समस्या में बार बार पेशाब आना एक आम लक्षण है जिसके बारे में हमने आपको जानकारी भी दी है। जैसा कि आप जानते ही होंगे, किडनी ही हमारे शरीर से अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने के लिए जिम्मेदार होती है जिसमें यूरिक एसिड भी शामिल है। जब यूरिक एसिड का स्तर रक्त में बढ़ जाता है तो किडनी को सामान्य से अधिक तेजी से कार्य करना पड़ जाता है ताकि वे यूरिक एसिड के बड़े हुए स्तर को शरीर से बाहर निकाल सकें।

ऐसे में जब किडनी शरीर से अपशिष्ट पदार्थों को तेजी से बाहर निकालने की प्रक्रिया शुरू करेगी तो ज्यादा से ज्यादा मात्रा में fluid की आवश्यकता भी होगी। इसकी वजह से आपको बार बार पेशाब लगने की दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, बार बार पेशाब करने से डिहाइड्रेशन की समस्या जन्म ले सकती है जिसकी वजह से कुछ परिस्थितियों में fluid conservation की वजह से बार बार पेशाब लगने की समस्या काफी बढ़ जाती है।


5. पेशाब में जलन होना (Burning sensation while urinating)

पेशाब करते समय जलन का अनुभव करना और कभी कभी पेशाब में खून आने की समस्या भी यूरिक एसिड बढ़ने पर हो सकती है। हालांकि बड़े हुए यूरिक एसिड की समस्या से परेशान सभी रोगियों में पेशाब में जलन या खून आने की समस्या आम नहीं है। यह समस्या सिर्फ उनमें दिखाई दे सकती है जिनके शरीर में बड़े हुए यूरिक एसिड की वजह से किडनी स्टोन की समस्या यानि पथरी हो जाती है।

कई बार यूरिक एसिड बढ़ने पर पथरी की समस्या हो जाती है। ऐसे में यदि यूरिक एसिड पथरी मूत्र पथ से होकर गुजरती है, तो यह मूत्र मार्ग को परेशान और खरोंच सकती है, जिससे पेशाब के दौरान रक्तस्राव और जलन हो सकती है। अगर आपके पेशाब में जलन और खून आने की समस्या है तो यह UTI यानि Urinary Tract Infection भी हो सकता है। इस समस्या में आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करके सही उपचार कराना चाहिए।


6. त्वचा का रंग बदलना (Change in skin colour)

त्वचा का रंग बदलना भी यूरिक एसिड बढ़ने का लक्षण है। यूरिक एसिड बढ़ने पर जोड़ के आसपास त्वचा लाल हो सकती है आई साथ ही शरीर के अन्य भागों में भी त्वचा का रंग लाल या बैंगनी हो सकता है। इसके आमतौर पर दो कारण हो सकते हैं, पहला कारण है gout attack । उच्च यूरिक एसिड के कारण होने वाले गाउट हमले के दौरान, तीव्र सूजन प्रतिक्रिया कभी-कभी आसपास के ऊतकों तक फैल सकती है। 

इस सूजन के कारण प्रभावित जोड़ के पास की त्वचा में अस्थायी लालिमा या सूजन हो सकती है। साथ ही, कुछ परिस्थितियों में जब शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है तो Tophi की समस्या जन्म ले लेती है। लंबे समय तक यूरिक एसिड का बढ़ा हुआ स्तर के मामलों में, यूरेट क्रिस्टल त्वचा के नीचे जमा हो सकते हैं, जिससे टॉफी नामक गांठ बन सकती है। ये टॉफी आमतौर पर दर्द नहीं होती हैं, लेकिन जोड़ों के आसपास या कानों पर त्वचा के नीचे पीले रंग के उभार के रूप में दिखाई दे सकती हैं।


7. जोड़ों में गर्माहट महसूस होना (Feeling of warmth in the joints)

यूरिक बढ़ने के लक्षण में जोड़ों में गर्माहट महसूस होने की समस्या भी शामिल है। खासतौर पर gout की समस्या में आप जोड़ों में इसके आसपास की त्वचा/मांशपेशियों में गर्माहट महसूस कर सकते हैं। दरअसल जब व्यक्ति के शरीर में यूरिक एसिड बढ़ जाता है तो इसकी वजह से sharp crystals का निर्माण हो जाता है। ये क्रिस्टल्स शरीर के ठंडे हिस्सों में इकट्ठा हो सकते हैं खासकर कि जोड़ों, कोहनी और टखने में इनके इकट्ठे होने की संभावना अधिक होती है।

जैसे ही इम्यून सिस्टम को इन विदेशी क्रिस्टल्स के बारे में पता लगता है, वे तुरंत शरीर को इनसे बचाने के लिए inflammatory response का इस्तेमाल करते हैं जिसमें सफेद रक्त कोशिकाओं का तुरंत इन क्रिस्टल्स से लड़ने के लिए सामने आना शामिल है। इम्यून सिस्टम की इस रक्षात्मक प्रतिक्रिया की वजह से प्रभावित स्थान यानि जोड़ों तक रक्त का प्रवाह तेजी से बढ़ जाता है। यह बढ़ा हुआ रक्त प्रवाह उस क्षेत्र में अधिक गर्मी पहुंचाता है, जिससे जोड़ गर्म या छूने पर भी गरम महसूस होता है।


8. उल्टी या मितली होना (Vomiting or nausea)

बढ़े हुए यूरिक एसिड के लक्षण में उल्टी या मितली होना भी शामिल है। इसका कारण भी यूरिक एसिड की वजह से बनने वाले शार्प क्रिस्टल्स ही होते हैं। जब रक्त में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है तो इसकी वजह से क्रिस्टल्स का फॉर्मेशन होने लगता है। ये क्रिस्टल्स शरीर में मौजूद जोड़ों में इकट्ठा होने लगते हैं जोकि धीरे धीरे gout attack के रूप में सामने आते है। यह हमारे इम्यून सिस्टम को बिलकुल पसंद नहीं आता।

ऐसे में हमारा इम्यून सिस्टम कड़ी प्रतिक्रिया देता है जोकि सिर्फ जोड़ों तक ही नहीं सीमित रहता, इसका प्रभाव कई बार हमारे डाइजेस्टिव सिस्टम पर भी पड़ जाता है। यूरेट क्रिस्टल से होने वाली सूजन प्रतिक्रिया पेट और आंतों में जलन पैदा कर सकती है। इस जलन के कारण मतली, उल्टी और दस्त या पेट में ऐंठन जैसी अन्य पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। 


यूरिक एसिड बढ़ने के कारण (Uric acid badhne ke karan)

शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने के कई कारण होते हैं। इसमें प्यूरिन से युक्त भोजन का सेवन करना, मोटापा और मेटाबोलिक सिंड्रोम, फ्रुक्टोज का सेवन, शराब का सेवन, किडनी रोग, कुछ दवाएं, जेनेटिक्स, अचानक से वजन में बदलाव होना और कुछ बीमारियां शामिल हैं। आइए संक्षेप में समझते हैं कि यूरिक एसिड बढ़ने के कारण क्या हैं या यूरिक एसिड कैसे बढ़ता है।

1. प्यूरीन से युक्त भोजन का सेवन करना (Excessive intake of food rich in purines)

प्यूरिम से युक्त भोजन का अत्यधिक सेवन करने की वजह से शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है। प्यूरीन एक प्रकार के रसायन होते हैं जिसका इस्तेमाल कोशिकाएं RNA और DNA बनाने के लिए करती हैं। साथ ही यूरिक एसिड का निर्माण भी मुख्य रूप से इसी रसायन उत्पाद को तोड़कर किया जाता है। एक सामान्य मात्रा में इसका शरीर में होना हानिकारक नहीं है लेकिन अगर इसकी मात्रा बढ़ जाती है तो शरीर अत्यधिक मात्रा में यूरिक एसिड का निर्माण करेगा। 

खासतौर पर लाल मांस, अंग मांस (यकृत, गुर्दा), कुछ समुद्री भोजन (एंकोवी, सार्डिन, शंख) और शर्करा युक्त पेय पदार्थों का अत्यधिक सेवन यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ा सकता है। आपको इन खाद्य पदार्थों का सेवन कम मात्रा में ही करना चाहिए।

2. शराब का सेवन करना (Alcohol consumption)

शराब का अत्यधिक सेवन करने की वजह से भी रक्त में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ सकता है। दरअसल शराब खासकर कि बीयर में प्यूरिन का स्तर ज्यादा होता है जोकि हमने आपको पहले ही बताया यूरिक एसिड के निर्माण को बढ़ावा देता है। साथ ही यह भी ध्यान दें कि शराब कोई भी हो यानि बीयर, वाइन आदि सभी किडनी के कार्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती हैं। किडनी का फंक्शन धीमा होने की वजह से यह शरीर से कम यूरिक एसिड को ही बाहर निकाल सकेगा जिससे शरीर में यूरिक एसिड बढ़ सकता है।

3. किडनी रोग (Kidney Disease)

किडनी रोग भी रक्त में यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ा सकता है। जैसा कि हमने आपको ऊपर ही बताया, अगर किडनी सुचारू रूप से कार्य न करे तो शरीर से अपशिष्ट पदार्थों जैसे यूरिक एसिड का स्तर बढ़ जाता है। किडनी रोग होने पर किडनी का कार्य बुरी तरह से प्रभावित होता है और उसकी कार्य क्षमता घट जाती है। इसकी वजह से वह मूत्रमार्ग से अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने में नाकाम होने लगता है जिससे यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है।

4. मोटापा और मेटाबोलिक सिंड्रोम (Obesity and Metabolic Syndrome)

मोटापा और मेटाबोलिक सिंड्रोम की वजह से भी रक्त में यूरिक एसिड बढ़ जाता है। वसा ऊतक चयापचय रूप से सक्रिय होता है और प्यूरीन चयापचय में भूमिका निभाता है। मोटापा प्यूरीन के विघटन में शामिल एंजाइम्स की बढ़ी हुई सक्रियता से जुड़ा है, जिसके परिणामस्वरूप उपोत्पाद के रूप में अधिक यूरिक एसिड उत्पन्न होता है। साथ ही, वसा ऊतक भी हार्मोन का उत्पादन करता है जो यूरिक एसिड उत्सर्जन को प्रभावित कर सकता है। ये हार्मोन गुर्दे की छानने से यूरिक एसिड को पुनः अवशोषित करने की क्षमता को कम कर सकते हैं, जिससे मूत्र में इसकी हानि बढ़ जाती है।

5. फ्रक्टोस का अत्यधिक सेवन (Excessive intake of fructose)

फ्रक्टोस के अत्यधिक सेवन की वजह से भी रक्त में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ सकती है और संबंधित बीमारियां हो सकती हैं। फ्रक्टोस फलों, कुछ सब्जियों, प्रोसेस्ड भोजन और शुगरी ड्रिंक्स में पाया जाने वाला एक प्रकार का शुगर है। जब आपके शरीर में फ्रुक्टोज की मात्रा बहुत अधिक हो जाती है, तो आपके शरीर पर अधिक भार पड़ जाता है और इसे संसाधित करने के लिए उसे अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ती है। इस अतिरिक्त कार्य के कारण शरीर में अधिक मात्रा में प्यूरीन अवशेष उत्पन्न हो सकता है जोकि अंततः यूरिक एसिड के बढ़ जाने का कारण बनता है।

6. आनुवांशिकी (Genetics)

जेनेटिक्स यानि आनुवांशिकी भी रक्त में यूरिक एसिड के स्तर के बढ़ने का एक कारण हो सकता है। आपको अपने माता-पिता से जीन (gene) विरासत में मिलते हैं, और कुछ gene इस बात को प्रभावित करते हैं कि आपका शरीर यूरिक एसिड को कैसे संभालता है। कुछ जीन प्यूरीन चयापचय में शामिल एंजाइमों को नियंत्रित करते हैं, जो वह प्रक्रिया है जिसका उपयोग आपका शरीर प्यूरीन को तोड़ने और यूरिक एसिड बनाने के लिए करता है। ऐसे में, इन genes में भिन्नता आपके शरीर द्वारा यूरिक एसिड के उत्पादन की कुशलता को प्रभावित कर सकती है।


यूरिक एसिड बढ़ने पर क्या करें (Treatment of increased uric acid)

रक्त में यूरिक एसिड बढ़ने पर कई कदम उठाए जा सकते हैं। इसमें सबसे पहले डॉक्टर से संपर्क करके दवाइयों का सेवन करना, लाइफस्टाइल में बदलाव करना, सही भोजन का सेवन करना, तनाव मुक्त रहना, वजन घटाना आदि शामिल हैं।


1. सबसे पहले करें डॉक्टर से संपर्क (Contact your doctor first)

शरीर में यूरिक एसिड बढ़ जाने के लक्षण अगर दिखलाई देने लग जाएं तो सबसे पहले आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए। यूरिक एसिड के बड़े हुए स्तर को अगर आप नजरंदाज कर देते हैं तो कई बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं का जन्म हो सकता है। डॉक्टर अच्छी तरह से परीक्षण करके आपको ऐसी दवाओं के सेवन की सलाह दे सकते हैं जोकि यूरिक एसिड को घटा सकता है। इसमें Xanthine oxidase inhibitors, Uricosurics, Probenecid और Nonsteroidal Anti-inflammatory Drugs (NSAIDs) शामिल हो सकते हैं।


2. प्यूरीन युक्त भोजन का सेवन कम करें (Reduce your intake of purine-rich foods)

यूरिक एसिड बढ़ने के लक्षण दिखाई देने लग जाएं तो तुरंत ऐसे भोज्य पदार्थों का सेवन कम कर दें जिनमें प्यूरिन की मात्रा अधिक हो। जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया, प्यूरिन ही यूरिक एसिड के फॉर्मेशन में अहम योगदान देता है जोकि हमें कई फलों, सब्जियों, प्रोसेस्ड फूड आदि से प्राप्त होता है। प्यूरीन युक्त खाद्य पदार्थों जैसे लाल मांस, अंग मांस (लिवर, किडनी), कुछ समुद्री भोजन (एंकोवी, सार्डिन, शेलफिश), शर्करा युक्त पेय और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों का सेवन सीमित करें।


3. वजन प्रबंधन पर ध्यान दें (Focus on weight management)

बढ़ा हुआ वजन हजारों बीमारियों को जन्म देता है, जिसमें शरीर में यूरिक एसिड बढ़ जाना भी शामिल है। ऐसे में आपको सलाह दी जाती है कि एक स्वस्थ वजन को बनाए रखें और अगर मोटापे की समस्या से परेशान हैं तो सही भोजन के सेवन, एक्सरसाइज और लाइफस्टाइल में बदलाव करके यूरिक एसिड की मात्रा को घटाया जा सकता है। मोटापा घटने से किडनी के कार्य क्षमता पर भी सकारात्मक असर पड़ता है जिससे तेजी से यूरिक एसिड को बाहर निकालने में मदद मिलती है।


4. खूब सारा पानी पिएं (Drink plenty of water)

यूरिक एसिड को कम करने के लिए आपको अधिकाधिक पानी पीने की भी सलाह दी जाती है। भले आप बढ़े हुए यूरिक एसिड का सामना कर रहे हों या नहीं, आपको रोजाना कम से कम 8 गिलास पानी का सेवन अवश्य ही करना चाहिए। भरपूर पानी पीने से आपके गुर्दे यूरिक एसिड को अधिक प्रभावी ढंग से बाहर निकालने में मदद करते हैं। 


5. आयुर्वेदिक उपचार को अपनाएं (Ayurvedic Treatment Can Help)

आयुर्वेद भी आपके शरीर से बढ़े हुए यूरिक एसिड के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है। आयुर्वेद में कई ऐसी औषधियां हैं जो तनाव कम करती हैं, वजन को घटाती हैं, इम्यून सिस्टम मजबूत करती हैं, किडनी की कार्य क्षमता बढ़ाती हैं आदि। ऐसे में इन आयुर्वेदिक औषधियों का नियमित सेवन करना यूरिक एसिड के बढ़े हुए स्तर को कम कर सकता है। खासतौर पर त्रिफला (सफाई करने वाली जड़ी बूटी), पुनर्नवा (गुर्दे को सहारा देने वाली), और गुडुची (प्रतिरक्षा बढ़ाने वाली) का सेवन आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह पर किया जा सकता है।


6. रोजाना योग और व्यायाम करें (Do yoga and exercise daily)

रोजाना योग और व्यायाम करने से भी शरीर में बढ़े हुए यूरिक एसिड के स्तर को कम किया जा सकता है। जब आप रोजाना एक्सरसाइज करते हैं तो तनाव कम होता है, मोटापा घटता है, शरीर के सभी अंग जिसमें किडनी भी शामिल है मजबूत होती है जिससे उसकी कार्यक्षमता के वृद्धि होती है और समग्र स्वास्थ्य बेहतर बनता है जिसकी वजह से यूरिक एसिड को कम करने में मदद मिलती है। आपको रोजाना 15 मिनट योग और 30 मिनट एक्सरसाइज करना चाहिए।


7. शराब का सेवन कम करें (Reduce your alcohol consumption)

शराब का सेवन कम करना या बिलकुल न करना भी आपके रक्त से यूरिक एसिड को कम करने में मदद करता है। जो व्यक्ति शराब का सेवन करते हैं, उनमें यूरिक एसिड बढ़ जाने का जोखिम सबसे ज्यादा होता है। दरअसल शराब का सेवन किडनी की कार्य प्रणाली को कमजोर करता है जिससे शरीर से अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने की गति धीमी हो जाती है, जिसमें यूरिक एसिड भी शामिल है। ऐसे में आपको सलाह दी जाती है कि शराब का सेवन कम करें या बिलकुल न करें। 


यूरिक एसिड के लक्षण और बचाव (Symptoms and prevention of uric acid)

यूरिक एसिड के लक्षण में जोड़ों और पैरों में दर्द होना, उल्टी और मितली होना, बुखार आना, ज्यादा प्यास लगना, बार बार पेशाब जाना, पेशाब में जलन होना, त्वचा का रंग बदलना शामिल है। यूरिक एसिड के बढ़े हुए स्तर से मुख्य रूप से जोड़ों जैसे घुटनों, टखनों और कोहनी में तेज दर्द होना और gout attacks आना आम है। 

यूरिक एसिड बढ़ जाने पर बचाव के कई तरीके हैं। इसके लिए प्यूरिन युक्त भोजन का सेवन कम करना, रोजाना योग और एक्सरसाइज करना, खूब सारा पानी पीना, डॉक्टर की सलाह पर यूरिक एसिड घटाने वाली दवाएं लेना, तनाव कम लेना, जंक और प्रोसेस्ड भोजन का सेवन न करना, आयुर्वेदिक औषधियों जैसी त्रिफला और गुडुची का सेवन करने की सलाह दी जाती है।

 

निष्कर्ष (Conclusion)

यूरिक एसिड के लक्षण कई होते हैं जिसमें ज्यादा प्यास लगना, बुखार आना, बार बार पेशाब जाना, जोड़ों और मांशपेशियों में दर्द होना, पेशाब में जलन होना, त्वचा की रंगत बदलना आदि शामिल है। यूरिक एसिड एक प्रकार का अपशिष्ट पदार्थ होता है जोकि कोशिका विभाजन और खाद्य पदार्थों के सेवन की वजह से बनता है। इसका बढ़ा हुआ स्तर शरीर के लिए बिलकुल हानिकारक है।

रक्त से यूरिक एसिड के स्तर को कम करने के लिए आपको अधिकाधिक पानी पीना चाहिए, तनाव कम लेना, योग और एक्सरसाइज करना, आयुर्वेदिक औषधियों का सेवन करना, डॉक्टर द्वारा सुझाई गई यूरिक एसिड कम करने वाली दवाओं का सेवन करना, मोटापा घटाना, जंक और प्रोसेस्ड फूड का सेवन न करने की सलाह दी जाती है। 


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (Frequently Asked Question)


1. यूरिक एसिड के उच्च स्तर के सामान्य लक्षण क्या हैं?

रक्त में यूरिक एसिड के उच्च स्तर के सामान्य लक्षणों में जोड़ों और पैरों में दर्द होना, सूजन, त्वचा की रंगत में बदलाव आना, त्वचा छूने पर गर्म महसूस होना, उल्टी और मितली होना शामिल है।


2. यूरिक एसिड स्तर में वृद्धि का पता लगाने के लिए किन परीक्षणों की आवश्यकता होती है?

यूरिक एसिड स्तर में वृद्धि का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट कराया जाता है। ब्लड टेस्ट का परीक्षण करने पर पता लगाया जाता है कि आपके रक्त में यूरिक एसिड का स्तर कितना है। सामान्य रूप से पुरुषों में यूरिक एसिड का स्तर 3.5 से 7.0 मिलीग्राम प्रति डेसीलिटर (mg/dL) तो वहीं महिलाओं में इसका स्तर 2.7 से 6.0 मिग्रा/डीएल होना चाहिए। ब्लड टेस्ट के अलावा 24-Hour Urine Test, Joint Fluid Analysis और Imaging Tests भी कराया जाता है।


3. क्या खानपान में परिवर्तन करके यूरिक एसिड को कम किया जा सकता है?

खानपान में बदलाव करके अवश्य ही यूरिक एसिड को कम किया जा सकता है। खासतौर पर प्यूरिक एसिड से युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन कम या न करके यूरिक एसिड के स्तर को कम किया जा सकता है। साथ ही संतुलित आहार का सेवन करने से भी यूरिक एसिड का स्तर कम करने में मदद मिलती है।


4. यूरिक एसिड बढ़ने के खतरों को कम करने के लिए क्या जीवनशैली में बदलाव करना चाहिए?

यूरिक एसिड बढ़ने के खतरों को कम करने के लिए जीवनशैली में कई बदलाव किए जा सकते हैं। इसमें मोटापा कम करना, रोजाना योग और एक्सरसाइज करना, तनाव कम लेना, खूब सारा पानी पीना, प्रोसेस्ड और जंक फूड का सेवन न करना और शराब का सेवन न करना जरूरी है।


5. यूरिक एसिड की समस्या में किन तत्वों से परहेज करना चाहिए?

यूरिक एसिड की समस्या में खासतौर पर ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए जिनमें फ्रक्टोस और प्यूरीन की मात्रा अधिक हो। इसमें कई फल, सब्जियां, प्रोसेस्ड फूड, लाल मांस, समुद्री जीव शामिल हैं। साथ ही हम आपको शराब का सेवन बिलकुल भी न करने की सलाह देते हैं।


6. यूरिक एसिड के उच्च स्तर पर काबू पाने के लिए कौन से व्यायाम सहायक होते हैं?

यूरिक एसीजेडी के उच्च स्तर पर काबू पाने के लिए आपको अधोमुख श्वानासन करने की सलाह दी जाती है। यह आसन हैमस्ट्रिंग, पिंडलियों और रीढ़ की हड्डी को खींचता है, साथ ही जोड़ों में रक्त परिसंचरण में भी सुधार करता है जोकि यूरिक एसिड पर काबू पाने में मदद कर सकता है। 


7. यूरिक एसिड के लिए घरेलू उपचार क्या हैं जो प्रभावी हो सकते हैं?

यूरिक एसिड के लिए घरेलू उपचारों में खूब सारा पानी पीना, एक्सरसाइज और योग करना, आयुर्वेदिक औषधियों जैसे गुडुची और त्रिफला के सेवन करने की सलाह दी जाती है। साथ ही आपको एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर फल-सब्जियां खाना, टमाटर और शिमला मिर्च जैसे एल्कलाइन फूड्स खाना चाहिए। 


References

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Dr. Shailendra Chaubey, BAMS

Ayurveda Practioner

A modern-day Vaidya with 11 years of experience. He is the founder of Dr. Shailendra Healing School that helps patients recover from chronic conditions through the Ayurvedic way of life.

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Month 6

Uddeshya Verified review
4.5

Reviewed on 15th Nov 2021

My hair loss started in 2016 after I was diagnosed with tuberculosis. I had consulted a dermatologist and tried many treatments before nearly giving up hope. I liked Traya’s approach of combining three sciences. After I used the recommended product kits, I have seen a lot of benefits like thicker hair and negligible Hair fall. On complete Traya recommended plan. read more

Month 1

Month 3

Month 3

Arundhati Munje Verified review
4.5

Reviewed on 31st Dec 2021

I had been losing my hair for about two years. I tried to convince myself that it wasn't noticeable but I knew it was and so did everyone else who saw me. I started my treatment with Traya and not only is the problem solved, but people are noticing how much it's grown back. On complete Traya recommended plan. read more

Month 1

Month 4

Month 8

Rajat Sadh Verified review
4.5

Reviewed on 21st Feb 2022

I didn't want to resort to surgery or any other invasive treatment for my hair loss and I found Traya. They have helped me grow back a full head of hair in just eight months. I'm so happy with the results, thank you so much! On complete Traya recommended plan. read more

Month 1

Month 4

Month 5

Saumya Verified review
4.5

Reviewed on 6th Nov 2021

I was losing hair due to stress and other things but Traya analyzed everything perfectly and sent me a treatment plan. After such great results, my relatives have also started using Traya. Thank you, Raveena my Hair coach (you are wonderful) for such amazing help. On complete Traya recommended plan. read more

Month 1

Month 4

Month 6

Swati Verified review
4.5

Reviewed on 17th August 2021

It takes time guys, but you won't regret it. My hair grew back stronger and my overall hair quality improved. Thank you Raveena, my hair coach, she really held me accountable and kept me on track. Super happy customer. On complete Traya recommended plan. read more

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★★★★★

I feel much better after taking up the treatment. The treatment does not just include tablets and minoxidil.

Treatment includes ensuring proper sleep cycle and proper diet. Surely there is notable changes after 9 months of treatment.

TheCmayil

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★★★★★

As a mother,I was extremely worried about my teenage daughter's hair condition. I chanced upon Traya and approached you.A very helpful team always making sure that a regular follow up is done.The hair health has improved a lot since I started and I am very pleased with the results. Thank you Traya..Thank you Mallika for being just a call away.

SANJUKTA SANYAL

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★★★★★

I am 25 years old. I have androgenic alopecia. couple of months back I found traya and started its medication. now I am happy with its result. most important thing is patience and consistency. diet is also a key factor. I recommend traya 100%. good customer service.the sooner the better

jithu thomas

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★★★★★

Before trying traya i had used a lot of other meditation too... Traya was the only one which gave me the best positive results for my hair... Grateful to them

LOKJEET RANAA..

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★★★★★

I have been following Traya regime since last 9 months now and the results are all to speak for. I had issues regarding hair density and patches. Now I am very much happy and satisfied with the results. In short, Quality & Quantity both have improved for me. Infact, it has been helpful for my body balance as well. Thanks to Sneha for all the help and Cheers to the Traya team👍 👍 👍

Devarshi Desai

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★★★★★

It's all about patience and consistency. Traya helped me to grow my hair back, as well as to live a healthy lifestyle with the customized diet. Before Traya I lost all my hopes. If a person like me can grow my hairs back., I'm 100℅ sure with the help of Traya everyone who is facing hair fall issues can grow back their hair. Trust me it's worth it.

Shubham Nikam

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★★★★★

TRAYA'S hairfall treatment has been of great help in reducing my hairfall issue and also regrowing new hair. Also the support staff Poornima who was assigned to me has been very helpful as she checked on my progress, provided diet plans and answering any questions regarding the medication. A great experience overall.

rohit daz

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★★★★★

TRAYA'S hairfall treatment has been of great help in reducing my hairfall issue and also regrowing new hair. Also the support staff Poornima who was assigned to me has been very helpful as she checked on my progress, provided diet plans and answering any questions regarding the medication. A great experience overall.

rohit daz

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★★★★★

Since i have started using Traya hair care regime, my hair have really improved a lot. This regime is also helping me in stress management and to get better sleep. I would highly recommend Traya.

Bhawana Singh

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★★★★★

The product is very good
The results were visible after 15 itself
Must try essential hair food

Sonia Hair Studio

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★★★★★

IT WORKS! I'm not someone who falls for a trap easily so I researched well before taking this treatment! My research, their treatments and efforts have truly shown results. I like their concept of 3 sciences, it was new to me but they proved it by giving me my desired results! Thanks Tatva

Kiran Rajput

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आपके बाल झड़ने का कारण क्या है?

डॉक्टरों द्वारा डिज़ाइन किया गया Traya का मुफ़्त 2 मिनट का हेयर टेस्ट लें, जो आपके बालों के झड़ने के मूल कारणों की पहचान करने के लिए आनुवांशिक, स्वास्थ्य, जीवनशैली और हार्मोन जैसे 20+ कारकों का विश्लेषण करता है।

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