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पैरों में दर्द होना | किस विटामिन की कमी से पैर में दर्द होता है


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पैरों में दर्द होना अब एक आम समस्या बन चुका है। हजारों लाखों लोग पैर में होने वाले दर्द से जूझ रहे हैं। यह कई कारणों से हो सकता है जैसे हड्डियों में कमजोरी, रासायनिक दवाओं का अत्यधिक सेवन, चोट, त्वचा और हड्डियों से जुड़े संक्रमण, ट्यूमर, मोटापा, शुगर, आर्थराइटिस, हार्मोंस का असंतुलन, कोलेस्ट्रॉल का कम होना आदि। विटामिन बी, डी और ई की कमी की वजह से भी पैरों में तेज दर्द की शिकायत हो सकती है।

कई बार हल्के दर्द को हम नजरंदाज कर देते हैं लेकिन इसी लापरवाही के वजह से एक समय बाद यह गंभीर रूप ले लेता है। इसलिए जरुरी है कि समय रहते आप leg pain के सही कारणों का पता लगाकर सही उपचार शुरू करें। इस ब्लॉग पोस्ट में हम आपको विस्तार से इसी विषय पर जानकारी देंगे। पैरों में दर्द होना क्या है, किस विटामिन की कमी की वजह से यह दर्द होता है, उपचार क्या है, घरेलू उपचार क्या किए जा सकते हैं सभी बिंदुओं पर विस्तारपूर्वक जानकारी आपको दी जाएगी।


पैरों में दर्द होना क्या है (What Is Leg Pain)

पैरों में असहजता महसूस करना ही पैरों का दर्द कहलाता है जो अक्सर कई कारणों से होता है। कई बार यह दर्द काफी कम होता है तो वहीं कुछ परिस्थितियों में यह असहनीय भी हो जाता है। ऐसे में जरुरी है कि इसके पीछे के सटीक कारण का पता लगाएं ताकि सही उपचार किया जा सके। मांसपेशियों में ऐंठन, गठिया, टेंडोनाइटिस, मांसपेशियों में तनाव, साइटिका, खून का थक्का जैसे अन्य कई कारण पैरों में दर्द का कारण होता है।

जब महीने के कुछ दिनों के लिए दर्द आता है और फिर चला जाता है तो इसे Chronic Leg Pain कहा जाता है। कई बार ऐसा भी होता है कि यह दर्द व्यक्ति जीवन भर झेलता रहता है और उनका जीवन नकारात्मक रूप से प्रभावित होता है। कई बार पैरों में दर्द अन्य कई लक्षणों के साथ आता है जिसमें शामिल है:

  • ‌सूजन
  • ‌घाव या फोड़े
  • ‌लाली, सूजन या गर्मी
  • ‌ऐंठन

पैरों में दर्द होने का कारण क्या है (Cause of pain in legs)

पैरों में दर्द कई कारणों की वजह से हो सकता है। हो सकता है कि यह सूजन की वजह से हो, चोट, आर्थराइटिस जैसे कई कारण हो सकते हैं। आइए समझते हैं कि इस दर्द के सभी कारण क्या हैं और आप क्या कदम उठा सकते हैं।


1. आर्थराइटिस (Arthritis)

पैरों में दर्द होने का एक प्रमुख कारण है आर्थराइटिस जिसे गठिया भी कहा जाता है। इस समस्या में घुटनों में सूजन की समस्या हो जाती है और घुटनों में कई बार खिंचाव भी आ जाता है। आर्थराइटिस की समस्या होने पर आप घुटनों और पैरों में तेज दर्द का अनुभव कर सकते हैं। इससे चलने फिरने में दिक्कतों का सामना करना पड़ जाता है। खासतौर पर ऑस्टियोआर्थराइटिस और रुमेटीइड गठिया पैर दर्द के मुख्य कारण माने जाते हैं।

ऐसे में आप क्या कर सकते हैं? इस समस्या में जितना ज्यादा हो सके आराम करना चाहिए, डॉक्टर द्वारा सुझाई गई दवाओं का सेवन करना चाहिए, हिट और कोल्ड थेरेपी इस्तेमाल करना चाहिए और साथ ही पैरों की हल्के गरम तेल से मसाज भी करना चाहिए। इसके अलावा चलने फिरने के लिए आपको हमेशा एक मजबूत सहारे की मदद लेना चाहिए और यथासंभव ब्रेसिज़, ऑर्थोटिक्स, केन, या वॉकर का इस्तेमाल करना चाहिए।


2. मांशपेशियों में ऐंठन (Muscle cramps)

मांशपेशियों में ऐंठन होना भी तेज पैर दर्द का कारण बन सकता है। मांशपेशियों में ऐंठन की समस्या अचानक से शुरू होती है जिसमें मांशपेशियों में खिंचाव आ जाता है और असहनीय दर्द शुरू हो जाता है। यह अक्सर निर्जलीकरण, इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन, या मांसपेशियों के अत्यधिक उपयोग के कारण होता है। 

अगर पैरों में दर्द मांशपेशियों में ऐंठन की वजह से है तो हम आपको धीमा मसाज की सलाह देते हैं। इसके अलावा पैर की उँगलियाँ अपनी तरफ खींचकर 30 सेकंड तक उसी मुद्रा में रहने से भी आराम मिलता है। साथ ही आप cold या warm थेरेपी भी कर सकते हैं।


3. चोट (Injury)

चोट भी पैरों में दर्द का एक प्रमुख कारण है। पैरों में चोट लगने पर तुरंत दर्द की अनुभूति हो सकती है। इसके अलावा, यह भी हो सकता है कि आपके पैरों में कुछ समय पहले चोट लगी हो लेकर दर्द अभी उभर रहा हो। चोट लगने पर पैरों में सूजन, जलन, तेज दर्द के साथ साथ कई बार पानी भर जाने की भी समस्या शुरू हो जाती है। 

इसके लिए हम आपको RICE method अपनाने की सलाह देते हैं। इस मैथड का अर्थ है Rest, Ice, Compression, Elevate जिसकी मदद से कई लोगों ने तेज पैरों के दर्द से मुक्ति पाई है। इसमें सबसे पहले तो आपको आराम करने की सलाह दी जाती है, अधिक गतिविधि न करें। इसके बाद आपको बर्फ से उस जगह की हल्की हल्की सिकाई करनी चाहिए जहां सूजन और दर्द हो। ऐसा दिन में कम से कम दो बार आपको करना चाहिए। तीसरा कदम है Compression का अर्थात उस स्थान पर बैंडेज बाधें और अंत में आता है Elevate यानि अपने पैरों को ऊंचाई वाले स्थान पर रखकर सोएं। आप पैरों के नीचे दो तकिए को रखकर सो सकते हैं। 


4. कोलेस्ट्रॉल का बढ़ जाना (Increased cholesterol)

कोलेस्ट्रॉल का बढ़ जाना भी पैर दर्द को जन्म दे सकता है। रक्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक होने से peripheral artery disease (PAD) हो जाता है। यह तब होता है जब उच्च कोलेस्ट्रॉल के निर्माण के कारण पैरों में धमनियां बहुत संकीर्ण हो जाती हैं। इससे पैरों की मांशपेशियों में तनाव, खिंचाव और मरोड़े आ सकते हैं और आपको तेज दर्द का सामना करना पड़ सकता है। कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर बालों का झड़ना भी बढ़ जाता है, जिसे रोकने के लिए आप Free Hair Test दे सकते हैं।

तो फिर इस परिस्थिति में क्या करें? कोशिश करें कि आपके रक्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा सामान्य हो। इसके लिए आपको ऐसे खाद्य पदार्थों से दूरी बनानी चाहिए जिनमें कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक हो, साथ ही कुछ आसान एक्सरसाइज और चलने फिरना मदद कर सकता है। इसके साथ ही अगर आप अत्यधिक कोलेस्ट्रॉल की समस्या से जूझ रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना सबसे जरूरी हो जाता है।


5. मोटापा (Obesity)

मोटापा भी पैरों में दर्द का एक प्रमुख कारण है। जो लोग अत्यधिक वजन/मोटापा से परेशान हैं उनमें अक्सर आर्थराइटिस या पैरों में दर्द की समस्या रहती है। खासतौर पर उम्र बढ़ने पर मोटापा से ग्रसित लोग पैरों में तेज दर्द और घुटनों में अकड़न की समस्या महसूस कर सकते हैं। मोटापा यांत्रिक तनाव के कारण पैर दर्द का कारण बन सकता है, जिससे जोड़ों और मस्कुलोस्केलेटल दर्द का खतरा बढ़ सकता है। इसमें निचले अंगों और पीठ के निचले हिस्से में दर्द शामिल है।

अगर आपका वजन सामान्य से अधिक है और आप पैर के दर्द से परेशान हैं तो कई ऐसे तरीके हैं जिससे आप अपना वजन कम कर सकते हैं। इसमें कम भोजन का सेवन करना, बाहरी आहार को न कहना, ढेर सारा पानी पीना, रोजाना एक से दो घंटे एक्सरसाइज करना, योगाभ्यास करना, साइकिल चलाना, तैरना, नृत्य करना आदि शामिल हैं। तो आप समझ गए होंगे कि Pair Me Dard Kyu Hota Hai और इसे कैसे ठीक करें।


6. शुगर (Sugar)

अगर आपके रक्त में शुगर यानि शर्करा की मात्रा अधिक हो गई है तो भी पैरों में दर्द होने की समस्या का सामना आप कर सकते हैं।   रक्त शर्करा अत्यधिक होने से परेशान व्यक्तियों में पैरों का दर्द होना काफी आम है और इससे विश्व भर में लाखों लोग परेशान हैं। डायबिटीज की समस्या होने पर शरीर की नसें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, इसमें हाथों और पैरों की नसें भी शामिल हैं। इससे आपको तेज दर्द का अनुभव हो सकता है।

ऐसे में आपके पास क्या सोल्यूशन है? सबसे आसान तरीका है ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन न करना जो रक्त शर्करा को बढ़ाते हों, खासतौर पर प्रोसेस्ड और जंक फूड। इसके साथ ही, रोजाना एक घंटे व्यायाम और योगाभ्यास करना भी फायदेमंद होता है। अगर आपको लगता है कि आपके रक्त में शर्करा की मात्रा अधिक है तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।


7. हार्मोन्स का असंतुलन (Hormonal imbalance)

पैरों में दर्द होने का एक कारण हार्मोंस का असंतुलन भी हो सकता है। इसलिए आपने गौर किया होगा कि महिलाओं में पर दर्द की समस्या पुरुषों के मुकाबले अधिक है क्योंकि वे जीवनभर हार्मोन्स के उतार चढ़ाव से जूझती हैं। शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर कम या अधिक होने से टिशूज और सेल्स क्षतिग्रस्त हो सकते हैं या उनके कार्यों में बाधा पड़ सकती है जिसमें पैर के टिशूज और लिगामेंट्स भी शामिल होते हैं। हार्मोन्स का असंतुलन बालों के झड़ने की समस्या में भी योगदान दे सकता है, जिसे रोकने के लिए Free Hair Test दें।

अगर आपके पैरों में दर्द हार्मोन्स के असंतुलन की वजह से है तो हम आपको Hormone replacement therapy (HRT) कराने की सलाह देते हैं। दर्द के कारण को दूर करने में मदद के लिए एचआरटी एस्ट्रोजन के स्तर को बदल देता है। साथ ही, खूब सारा पानी पीना, हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करना, तनाव कम लेने से भी हार्मोन्स का संतुलन बना रहेगा और पैर दर्द की समस्या से राहत मिलेगी।


8. ट्यूमर (tumor)

पैरों में दर्द होना ट्यूमर के कारण से भी हो सकता है। हमारे शरीर में लगातार कोशिका विभाजन होती रहती है, यह एक सामान्य प्रक्रिया है। लेकिन कई बार ऐसा भी होता है कि हमारा शरीर किसी अंग की कोशिका पर नियंत्रण खो देता है जिसकी वजह से कोशिका बड़ी होने लगती है और ट्यूमर का रूप ले लेती है। अगर पैरों या गर्भाशय में ट्यूमर हो जाए तो यह पैरों को सीधे तौर पर प्रभावित करती है। इससे आपको तेज दर्द महसूस हो सकता है और चलना फिरना सब मुश्किल हो जाता है।

इस परिस्थिति में आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और सही उपचार शुरू करना चाहिए। इसके अलावा, डॉक्टर आपको गर्म पैड से पैरों को सेंकने की सलाह दे सकते हैं जोकि दिन में दो बार करना फायदेमंद होता है। इसके साथ ही cold therapy भी फायदे देती है और दर्द कम करती है। धीरे धीरे गर्म तेल से मसाज करना और हल्की एक्सरसाइज करने की सलाह भी दी जाती है।


9. रसायनिक दवाओं का सेवन करना (Taking Chemical Drugs)

रसायनिक दवाओं का अत्यधिक सेवन करना भी पैर दर्द की समस्या को जन्म दे सकता है। कई रासायनिक दवाओं के सेवन से आपको उसके साइड इफेक्ट्स में पैर दर्द करना दिखलाई दे सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इनके सेवन से आपके शरीर में मौजूद इलेक्ट्रोलाइट्स का स्तर कम हो सकता है और साथ ही ये शरीर के अन्य कार्यों में बाधा डालते हैं। खासतौर पर Diuretics और Statins का सेवन करना नुकसानदायक हो सकता है और तेज पैर दर्द की समस्या को जन्म दे सकता है।

ऐसे में आप क्या कर सकते हैं? सबसे पहले तो उस दवा का सेवन करना बंद न करें अगर डॉक्टर की सलाह पर आप उस दवा का सेवन कर रहे हों। इसके पश्चात तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और उन्हें इस परिस्थिति से अवगत कराएं, वे आपको बेहतर समाधान सुझा सकते है। अगर दर्द नहीं गया है तो cold और warm therapy देना, खूब सारा पानी पीना, एक्सरसाइज करना दर्द से आराम दिला सकता है।


10. हड्डियों से जुड़े संक्रमण (Bone infections)

हड्डियों से जुड़े इन्फेक्शन की वजह से भी आपको पैर दर्द की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। हड्डियों के संक्रमण को आमतौर पर osteomyelitis का नाम दिया जाता है जोकि एक गंभीर समस्या है। हड्डियों का संक्रमण से पैरों में तेज दर्द की अनुभूति होती है, जोकि कई बार असहनीय होता है। साथ ही, जिस क्षेत्र में यह संक्रमण फैलता है वहां सूजन और लालिमा दिखाई देती है। साथ ही आपको बुखार, सिर दर्द, हड्डियों में कमजोर की दिक्कत भी हो सकती है। 

ऐसे में आप क्या कर सकते हैं? सबसे पहले तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें और उन्हें अपनी समस्या से अवगत कराएं। हड्डियों में संक्रमण होना एक गंभीर समस्या है जिसका जल्द से जल्द इलाज जरुरी होता है। अपनी तरफ से इस संक्रमण को ठीक करने की कोशिश बिलकुल न करें। 


किस विटामिन की कमी से पैर में दर्द होता है (Deficiency of which vitamin causes leg pain)

पैरों में दर्द होने के कारण सिर्फ चोट, संक्रमण, डायबिटीज आदि ही नहीं हैं बल्कि अगर शरीर में विटामिन की कमी हो जाए तो भी पैर दर्द की समस्या शुरू हो सकती है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि आखिर किस विटामिन की कमी से पैर दर्द होता है।

विटामिन डी और विटामिन बी खासतौर पर बी6 और बी12 की कमी से पैर दर्द होता है। विटामिन डी कैल्शियम के अवशोषण के लिए जरूरी होता है जिससे हड्डियां मजबूत बनती हैं। तो वहीं विटामिन बी6 और बी12 ऊर्जा के उत्पादन में सहयोग करते हैं और नर्व फंक्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं जोकि पैरों में भी मौजूद होती है। ऐसे में अगर विटामिन डी, बी6 और बी12 की कमी हो जाए तो पैर दर्द की समस्या जन्म ले सकती है।


1. विटामिन डी की कमी से पैर दर्द होना 

कैल्शियम अवशोषण के लिए विटामिन डी महत्वपूर्ण है, जो हड्डियों और मांसपेशियों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। पर्याप्त विटामिन डी के बिना, आपका शरीर कैल्शियम के उचित स्तर को बनाए रखने के लिए संघर्ष करता है। इसकी वजह से हड्डियों और मांशपेशियों में कमजोरी आ सकती है और पैर दर्द की समस्या शुरू हो सकती है।


2. विटामिन बी6 की कमी से पैर दर्द होना 

विटामिन बी6 हमारे शरीर में मौजूद nerves के कार्यों के लिए अति आवश्यक होता है। विटामिन बी6 की ही मदद से शरीर के सभी nerve function सुचारू रूप से कार्य करते हैं। यह नर्व्स आपके पैरों में भी मौजूद होते हैं और ऐसे में अगर विटामिन बी6 की कमी हो जाए तो पैरों में दर्द की समस्या शुरू हो सकती है।


3. विटामिन बी12 की कमी से पैर दर्द होना 

विटामिन बी12 की कमी होने पर भी तेज पैर दर्द की समस्या जन्म ले सकती है। विटामिन बी12 megaloblastic anemia के जोखिम को कम करता है जोकि कमजोरी और थकान महसूस कराता है। विटामिन बी12 शरीर में लगातार ऊर्जा के उत्पादन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ऐसे में अगर शरीर में इसकी कमी हो जाए तो हड्डियों में कमजोरी हो सकती है जिससे पैर दर्द हो सकता है।


पैरों में दर्द के लिए क्या खाएं (What to eat for leg pain)

पैरों में दर्द की शिकायत कई बार पोषक तत्वों की कमी से होती है। ऐसे में आपको कैल्शियम, आयरन, विटामिन डी, विटामिन बी से युक्त आहार का सेवन करना चाहिए। इसके लिए आपको मछली, अंडे, दूध, मांस, दालें, फलियां, हरी पत्तेदार सब्जियां, बादाम, केला, एवोकाडो, आलू, शकरकंद, हल्दी, अनार और अदरक का सेवन करना चाहिए।

खासतौर पर हम आपको ऐसे खाद्य पदार्थों के सेवन की सलाह देते हैं जिसमें विटामिन डी, विटामिन बी6 और बी12 की मात्रा प्रचुर हो। इसके साथ ही हम आपको अधिकाधिक पानी और नारियल पानी पीने की सलाह देते हैं जिससे शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की पर्याप्त मात्रा बनी रहे। इलेक्ट्रोलाइट की कमी से भी पैर दर्द की समस्या होती है। केला खाना भी मांशपेशियों के ऐंठन को दूर करने में मदद करता है।

 

पैर के पंजे में दर्द हो तो क्या करना चाहिए (Pain relief in toes)

पैर के पंजे में होने वाले दर्द को दूर करने के लिए आप कई कदम उठा सकते हैं। सबसे पहले कदम है आराम करने का, आपको अधिक से अधिक आराम करना चाहिए और ज्यादा चलना नहीं चाहिए क्योंकि इससे पंजे पर अत्यधिक दबाव पड़ने से समस्या विकट हो सकती है। सूजन को कम करने के लिए जब भी संभव हो अपने पैर को अपने दिल से ऊपर उठाएं, इसके लिए पैर के नीचे आप दो तकिए को रख सकते हैं। साथ ही दिन में दो से तीन बार पैरों को बर्फ फिर गर्म पानी से सिकाई काफी फायदेमंद हो सकती है।

अगर पंजे का दर्द असहनीय हो जाए तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। कई बार यह दर्द किसी अन्य बीमारी, संक्रमण या अंदरूनी चोट का भी संकेत होती है। दर्द को कम करने के लिए आप डॉक्टर की सलाह पर दर्द निवारक गोलियां जैसे आईब्यूरोफेन और एसिटामिनोफ़ेन का सेवन कर सकते हैं। 


घुटने से नीचे पैर में दर्द (Pain in legs below the knee)

घुटने से नीचे पैर में दर्द की समस्या भी अब काफी आम हो चुकी है। यह दर्द कई कारणों से हो सकता है और कई बार दर्द का कारण विकट भी होता है जिसका जल्द से जल्द समाधान करना आवश्यक है। Muscle cramps, Shin splints, Tendonitis की वजह से आपको इस दर्द का सामना करना पड़ सकता है। गंभीर कारणों में Deep vein thrombosis (DVT), Sciatica, Peripheral neuropathy, arthritis शामिल है।

इस परिस्थिति में आपको क्या करना चाहिए? दोबारा से RICE Method का पालन करें यानि Rest, Ice, Compression और Elevation। अगर दर्द काफी ज्यादा हो तो आप दर्द निवारक दवाइयों का सेवन कर सकते हैं और साथ ही डॉक्टर से संपर्क करके सही उपचार भी शुरू कर सकते हैं। साथ ही आपको मालिश करने, हल्की stretching exercise करने की भी सलाह दी जाती है।


महिलाओं के पैरों में दर्द क्यों होता है (Why do women's legs hurt)

महिलाओं के पैरों में दर्द होने के कई कारण हैं। आमतौर पर arthritis, blood sugar, cholesterol, Peripheral artery disease (PAD), Peripheral artery disease के कारण यह दर्द शुरू होता है। खासतौर पर उन महिलाओं के पैरों में दर्द की समस्या ज्यादा देखी गई है जो मोटापे की समस्या से जूझ रही हैं। साथ ही सही फुटवियर न पहनना, कम गतिविधि करना, सही ढंग से खड़ा न होना/बैठना भी महिलाओं के पैरों में दर्द का कारण बनता है।

इस परिस्थिति में आपको एक महिला के तौर पर क्या करना चाहिए? सबसे पहले तो अगर दर्द काफी तीव्र हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और दर्द निवारक गोलियां लें। अगर दर्द सहन करने लायक है तो डॉक्टर द्वारा सुझाए गए उपचार के साथ साथ हम आपको सलाह देंगे कि अपना वजन कम करें, दर्द वाले स्थान पर हिट और कोल्ड थेरेपी इस्तेमाल करें, रोजाना योग और व्यायाम करें, सही पोस्चर में बैठे या खड़े हों। 


हाथ पैरों में दर्द का घरेलू उपाय (Home remedies for pain in hands and feet)

अगर आपके हाथ पैरों में दर्द है तो हम आपको पहले सलाह देंगे कि डॉक्टर से संपर्क करें और उन्हें अपनी समस्या से अवगत कराएं। क्योंकि कई बार आपको लगता है कि यह सिर्फ एक सामान्य दर्द है लेकिन असली कारण कई बार कुछ और होता है, जैसे आर्थराइटिस, पेरिफेरल न्यूरोपैथी आदि जिनका तुरंत इलाज जरुरी है। इसके पश्चात आप नीचे दिए घरेलू उपायों को अपनाकर हाथ पैरों के दर्द को दूर कर सकते हैं।

  1. ज्यादा से ज्यादा आराम करें। यह सुनने में भले आसान लगता हो लेकिन कई लोग इसे नजरंदाज करते हैं। दर्द से आराम करने के लिए सबसे पहले आपको खुद आराम करने की जरूरत है।
  1. एक हीटिंग पैड या तौलिए में लपेटकर गर्म सेक को प्रभावित क्षेत्र पर एक बार में 15-20 मिनट के लिए दिन में कई बार लगाएं।
  1. एक तौलिये में आइस पैक लपेटकर प्रभावित क्षेत्र पर एक बार में 15-20 मिनट के लिए दिन में कई बार लगाएं।
  1. जब भी संभव हो, अपने हाथों या पैरों को अपने दिल से ऊपर उठाएं, खासकर रात में। इसके लिए आप दो तकिए का इस्तेमाल अपने हाथों और पैरों के नीचे रखकर कर सकते हैं।
  1. अपने हाथों या पैरों के लिए एप्सम नमक या समुद्री नमक से गर्म स्नान तैयार करें। 15-20 मिनट तक भिगोने से मांसपेशियों को आराम मिल सकता है, कठोरता कम हो सकती है और दर्द कम हो सकता है।
  1. एक गैलन गर्म पानी में 1/2 कप सेब साइडर सिरका मिलाएं। अपने हाथों या पैरों को 15 मिनट तक भिगोकर रखें, इससे दर्द से आराम मिल सकता है।
  1. दर्द वाले स्थान पर हल्का मसाज करें, इसके लिए गर्म तेल का इस्तेमाल करें। खासतौर पर सरसो का तेल सबसे ज्यादा प्रभावी माना गया है।

निष्कर्ष (Conclusion)

पैरों में दर्द होना एक आम समस्या है जिसके कई कारण हो सकते हैं जैसे जैसे हड्डियों में कमजोरी, रासायनिक दवाओं का अत्यधिक सेवन, चोट, त्वचा और हड्डियों से जुड़े संक्रमण, ट्यूमर, मोटापा, शुगर, आर्थराइटिस, हार्मोंस का असंतुलन, कोलेस्ट्रॉल का कम होना आदि। विटामिन बी, डी और ई की कमी भी पैरों में दर्द का कारण बन सकती है।

हालांकि मसाज, RICE Method, कोल्ड और वॉर्म थेरेपी जैसे घरेलू उपचार सहायक तो हैं लेकिन अगर दर्द तेज हो तो हम आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की ही सलाह देंगे। इसके अलावा वजन कम करना, रोग योगाभ्यास और एक्सरसाइज करना, खूब सारा पानी पीना और एक अच्छी लाइफस्टाइल जीना भी जरुरी है।


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (Frequently Asked Questions)

1. किस विटामिन की कमी से पैर में दर्द होता है?

विटामिन बी, बी6, बी12 और विटामिन डी की कमी से खासतौर पर पैरों में दर्द होता है। विटामिन डी हड्डियों को मजबूती देता है, बी6 nerve function के लिए जरूरी है, बी12 ऊर्जा के लिए महत्वपूर्ण होता है। ऐसे में अगर इन विटामिनों की कमी शरीर में हो जाए तो पैर में दर्द होता है।


2. पैरों में दर्द से राहत पाने के लिए क्या करें?

पैरों में दर्द से राहत पाने के लिए आप कई उपाय अपना सकते हैं। इसमें दर्द वाली जगह पर बर्फ या गर्म पानी की थैली लगाना, दर्द वाले पैर को ऊपर उठाना, ज्यादा से ज्यादा आराम करना, आरामदायक जूते पहनना, ओवर द काउंटर दर्द निवारक गोलियां खाना फायदेमंद हो सकता है। इसके अलावा हल्की एक्सरसाइज, मालिश करना भी जरूरी है।


3. पैरों की नसों में दर्द का कारण क्या है?

पैरों की नसों में दर्द होने के कई कारण होते हैं। इसमें Varicose Veins, Thrombophlebitis, Muscle Strain, Peripheral Artery Disease, Baker's Cyst जैसे रोग पैरों की नसों में दर्द का कारण बनते हैं। इसके अलावा गर्भावस्था, मोटापा, अत्यधिक देर तक खड़े रहना या बैठना भी पैरों की नसों में दर्द पैदा कर सकता है।


4. पैरों में ताकत के लिए क्या खाना चाहिए?

पैरों में ताकत के लिए आपको ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन अधिकाधिक करना चाहिए जो हड्डियों और मांशपेशियों को मजबूती प्रदान करते हों और साथ ही नसों को भी स्वस्थ रखते हों। पैरों में ताकत बढ़ाने के लिया आपको मछली, अंडे, दूध, मांस, दालें, फलियां, हरी पत्तेदार सब्जियां, बादाम, केला, एवोकाडो, आलू, शकरकंद, हल्दी, अनार और अदरक का सेवन करना चाहिए। साथ ही योग और व्यायाम करना भी जरुरी है।


References

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Dr. Kalyani Deshmukh, M.D.

Dermatologist

Dr. Deshmukh is an MD (Dermatology, Venerology, and Leprosy) with more than 4 years of experience. She successfully runs her own practice and believes that a personalized service maximizes customer satisfaction.

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