Skip to content

पाचन क्रिया कैसे सुधारे : शीर्ष 15 आसान उपाय!


Published:
Updated:
image

"पाचन क्रिया कैसे सुधारें" यह प्रश्न अब आम हो चुका है और हो भी क्यों न जब अकेले भारत में 10 में से 7 लोग पाचन तंत्र से जुड़ी दिक्कतों से जूझ रहे हैं। खराब खानपान और लाइफस्टाइल के साथ साथ हमारी दैनिक खराब आदतों ने पाचन तंत्र को कमजोर बना दिया है जिसकी वजह से हम आए दिन बीमार पड़ते हैं। बिगड़ी हुई पाचन क्रिया की वजह से रक्तस्राव, सूजन, कब्ज, दस्त, सीने में जलन, दर्द, मतली, उल्टी जैसी दिक्कतें तो अब आम हो चुकी हैं।

इसके अलावा तेजी से बाल झड़ना, ब्लड प्रेशर तेज होना, हृदय रोग, हड्डियों में कमजोरी, कैंसर जैसी तमाम गंभीर बीमारियां भी खराब पाचन क्रिया से ही प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संबंधित हैं। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि आप अपने आहार में बदलाव करें, अच्छी लाइफस्टाइल जिएं, अच्छी आदतें अपनाएं और पाचन क्रिया कैसे सुधारें से जुड़ी नीचे दी गई अहम बातों का पालन करें।


पाचन तंत्र और बालों के स्वास्थ्य में संबंध (Digestive system and Hair Health)

स्वस्थ पाचन क्रिया का सीधा संबंध हमारे बालों से है। बालों का झड़ना, नए बाल न उगना या बालों का समय से पहले सफेद होना कई तरह से खराब पाचन तंत्र से जुड़ा हुआ है। आपका पाचन तंत्र भोजन को तोड़ने और आपके शरीर को काम करने के लिए आवश्यक पोषक तत्वों को अवशोषित करने के लिए जिम्मेदार है, जिसमें बालों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण पोषक तत्व भी शामिल हैं जैसे प्रोटीन, बायोटिन, आयरन और फैटी एसिड।

gut shuddhi

 

इसलिए आप अगर आप बालों से संबंधित किसी भी समस्या के जोखिम को कम करना चाहते हैं तो आपको अपने पाचन तंत्र के स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना होगा। इसमें Traya आपकी मदद करता है। अगर आप बालों के तेजी से झड़ने या नए बालों का विकास न होने की समस्या से परेशान हैं तो अभी Hair Test दें। यह टेस्ट खराब पाचन तंत्र के साथ ही 20 अन्य बाल झड़ने के कारणों का विश्लेषण करता है और आपको बताता है कि आपके बाल झड़ने के कारण क्या हैं। यह टेस्ट भी फ्री है और टेस्ट के बाद मिलने वाला रिपोर्ट भी, तो देर मत करें अभी टेस्ट दें और बालों से जुड़े किसी भी समस्या का समाधान पाएं।


पाचन क्रिया कैसे सुधारें (Pachan Kriya Kaise Sudhare)

1. रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं

रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पीना एक स्वस्थ पाचन क्रिया को बढ़ावा देता है। पानी पीना सिर्फ और सिर्फ प्यास को ही नहीं बुझाता बल्कि हमें कई शारीरिक रोगों से दूर रखता है, पाचन क्रिया में सुधार करता है, हड्डियों को मजबूती देता है, त्वचा और बालों का स्वास्थ्य बेहतर करता है आदि। ऐसे में आपको सलाह दी जाती है कि रोजाना कम से कम 3 लीटर पानी का सेवन अवश्य ही करें। 

जब आप पर्याप्त मात्रा में जल का सेवन करते हैं तो यह saliva के निर्माण को बढ़ाता है। Saliva में ऐसे एंजाइम्स पाए जाते हैं जोकि भोजन चबाते समय कार्बोहाइड्रेट और वसा को तोड़ने की प्रक्रिया शुरू करते हैं। इससे भोजन पचने की प्रक्रिया में सुधार होता है। इसके साथ ही, पचे हुए भोजन के कण छोटी आंत के माध्यम से रक्तप्रवाह में अवशोषित हो जाते हैं। इस प्रक्रिया के कुशलतापूर्वक होने के लिए पानी आवश्यक होती है।


2. रोजाना आधा घंटा व्यायाम करें (Exercise for half an hour daily)

पाचन क्रिया के दुरुस्त न होने का सबसे कारण यह है कि हम physical activities में ज्यादा भाग नहीं लेते या योग एक्सरसाइज से दूरी बना लेते हैं। इसकी वजह से न सिर्फ शरीर में fat (वसा) बढ़ती है बल्कि हम अन्य कई बीमारियों के शिवकर भी हो जाते हैं। लेकिन अगर आप रोजाना एक्सरसाइज करते हैं तो इससे आंतों सहित पाचन तंत्र में मांशपेशियां उत्तेजित होती हैं।  इस वजह से पाचन तंत्र से भोजन ज्यादा बेहतर तरीके से मूव करता है।

इसके अलावा, जैसा कि आप पहले से जानते ही होंगे कि योग और एक्सरसाइज करने से शरीर में रक्त प्रवाह तेजी से होता है जिसमें पाचन तंत्र भी शामिल है। यानि पाचन तंत्र से जुड़े सभी अंगों में रक्त के प्रवाह में सुधार आता है। इसकी वजह से पोषक तत्वों के अवशोषण और मल को बाहर में मदद मिलती है, जिससे समग्र पाचन स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है।


3. भोजन को अच्छे से चबाकर खाएं (Chew food thoroughly)

अगर आपकी पाचन क्रिया खराब है तो हो सकता है कि आप भोजन को अच्छे से चबाकर नहीं खाते हैं। भोजन को अच्छे से चबाकर खाना पाचन क्रिया का पहला कदम है और आप अगर यही गलती करेंगे तो आगे जाकर मुश्किल खड़ी होगी ही। दरअसल चबाने से बड़े भोजन के टुकड़े छोटे टुकड़ों में टूट जाते हैं, जिससे उनका सतह क्षेत्र बढ़ जाता है। यह पेट और आंतों में पाचन एंजाइमों को अधिक कुशलता से काम करने की अनुमति देता है, जिससे पोषक तत्वों में वृद्धि होती है।

इसके साथ ही, जब आप भोजन को अच्छे से चबाकर खाते हैं तो लार ग्रंथि से लार का उत्पादन तेज गति से होने लगता है। लार में एमाइलेज जैसे एंजाइम होते हैं, जो कार्बोहाइड्रेट को सरल शर्करा में विभाजित करना शुरू कर देते हैं। इसके अलावा, लार भोजन को गीला कर देती है, जिससे इसे निगलना आसान हो जाता है और दम घुटने से बच जाता है। तो अब से भोजन को निगलने से पहले अच्छे से चबाना न भूलें।


4. उतना ही खाएं जितनी जरूरत हो (Avoid overeating)

पाचन क्रिया सुधारने के लिए आपको Overeating से बचना भी जरूरी है। जरूरत से ज्यादा भोजन करना पाचन क्रिया को खराब करने का एक अन्य प्रमुख कारण है। कई बार कुछ भोज्य पदार्थ जीभ को ज्यादा पसंद आने की वजह से हम जरूरत से अधिक सेवन कर लेते हैं। लेकिन यह बात हमारे digestive system को पसंद नहीं आती और दिक्कतें शुरू हो जाती हैं। 

जब आप जरूरत से ज्यादा भोजन करते हैं तो पेट उस भोजन को जगह देने के लिए फैलने लगता है। इसकी वजह से पेट में मरोड़े और दर्द महसूस हो सकता है। इसके अलावा, हमारा जो डाइजेस्टिव सिस्टम है वो एक समय में एक निश्चित मात्रा में ही भोजन को पचा सकता है। ऐसे में जब आप जरूरत से अधिक भोजन कर लेते हैं तो पाचन क्रिया अवरुद्ध हो जाती है। साथ ही आपको उल्टी और मितली का अनुभव भी होने लगता है।


5. फाइबर युक्त भोजन का सेवन करना जरूरी है (Eat fiber rich diet)

पाचन क्रिया को सुधारने के लिए जरूरी है कि आप उन भोज्य पदार्थों का सेवन करें जिनमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है। फाइबर युक्त भोजन का सेवन करने से भोजन जल्दी और आसानी से पचता है। फाइबर युक्त भोजन करने से तीन महत्वपूर्ण कार्य होते हैं, पहला कि मल का वजन बढ़ता है जिससे वह आसानी से बाहर निकल जाता है। इसके अलावा, फाइबर युक्त भोजन मल को मुलायम भी बनाता है।

फाइबर को प्रोबायोटिक भी कहा जाता है जिसका अर्थ है कि आपके पेट में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया के भोजन के रूप में भी यह काम आता है। फाइबर युक्त आहार में आप फलों जैसे जामुन, सेब, नाशपाती, संतरे को शामिल कर सकते हैं। जई, ब्राउन चावल, क्विनोआ, सेम, दाल, चना, बादाम, चिया बीज, अलसी के बीज और डार्क चॉकलेट भी फाइबर का अच्छा स्रोत माने जाते हैं।


6. संतुलित आहार का सेवन जरूर करें (It is important to eat a balanced diet)

अगर आप पाचन क्रिया को सुधारना चाहते हैं तो आपको संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए। संतुलित आहार में कई खाद्य पदार्थ शामिल होते हैं जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, दूध और दूध से बने उत्पाद, मांस, मछली, अंडे, सलाद, दालें, साबुत अनाज आदि। एक संतुलित आहार का सेवन करने से आपके शरीर को वे सभी पोषक तत्व मिल जाते हैं जिसकी शरीर को आवश्यकता होती है।

उदाहरण के तौर पर एक संतुलित आहार में फाइबर, प्रोटीन, विटामिन, मिनरल्स, स्वस्थ फैट सबकुछ मौजूद होता है। संतुलित आहार में मौजूद फाइबर जहां मल को वजनदार और मुलायम बनाता है तो वहीं शरीर को आवश्यक मात्रा में prebiotics भी मिलता है जोकि आंत में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया का भोजन है। इसकी वजह से आंत के कार्य क्षमता में वृद्धि होती है और पाचन क्रिया में सुधार होता है।


7. पाचन क्रिया सुधारने के लिए दूर करें तनाव (It is also important to remove stress)

अगर आप एक स्वस्थ पाचन क्रिया को बढ़ावा देना चाहते हैं तो तनाव से पूरी तरह मुक्ति पाना भी जरुरी है। जब आप तनाव की अवस्था में होते हैं तो शरीर का रिस्पॉन्स बदल जाता है। यह रक्त के प्रवाह को पाचन तंत्र से दूर कर देता है, जिससे पेट खाली होने और आंतों के माध्यम से भोजन की आवाजाही जैसी प्रक्रियाएं धीमी हो जाती हैं। इसकी वजह से पेट में गैस बनने और डायरिया की समस्या शुरू हो सकती है।

इसके साथ ही, जब आप तनाव में होते हैं तो शरीर में एसिड का उत्पादन तेजी से होने लगता है। अत्यधिक एसिड के उत्पादन की वजह से पेट और सीने में जलन की अनुभूति हो सकती है। इसके अलावा, तनाव भोजन के उचित विघटन में बाधा उत्पन्न कर सकता है, जिससे असुविधा और मतली की भावना पैदा हो सकती है। इसलिए आपको वर्तमान में जीना चाहिए, stress management शुरू करना चाहिए ताकि आपका पाचन स्वास्थ्य बेहतर हो सके।


8. पर्याप्त मात्रा में नींद लें (Get enough sleep for digestive health)

पर्याप्त नींद यानि 7 से 8 घंटे की नींद न सिर्फ आपके पाचन क्रिया को सुधारता है बल्कि आपके पूरे शरीर के कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब आप गहरी नींद लेते हैं तो इसकी वजह से आपका शरीर पाचन तंत्र सहित पूरे सिस्टम में मरम्मत प्रक्रियाओं को प्राथमिकता देता है। यानि इस अवस्था में आपका शरीर कोशिकाओं की मरम्मत करने का कार्य करता है। यह आंत की परत को बहाल करने में मदद करता है, जो हानिकारक पदार्थों के खिलाफ बाधा के रूप में कार्य करता है।

पर्याप्त और गहरी नींद न लेने की वजह से शरीर में Ghrelin का उत्पादन बढ़ जाता है जोकि भूख बढ़ाने वाला हार्मोन है। इसकी वजह से भूख काफी बढ़ जाती है और overeating का जोखिम बढ़ जाता है। ज्यादा भोजन करने की वजह से पाचन तंत्र में खिंचाव आ सकता है। इसके अलावा, पर्याप्त नींद लेप्टिन के उत्पादन को बढ़ावा देती है, हार्मोन जो पेट भरे होने का संकेत देता है, उचित भोजन सेवन और पाचन में सहायता करता है।


9. सही समय पर भोजन करें (Eat food at right time)

अगर आप बेवक्त भोजन करते हैं तो पाचन क्रिया खराब हो सकती है। याद रखिए कि हमारा शरीर सुचारू रूप से कार्य तभी करता है जब सबकुछ समय पर हो रहा हो। एक ही समय पर भोजन करने से हमारे पाचन तंत्र को पता होता है कि आप अगली बार या अगले दिन कब भोजन करेंगे जिससे वह खुद को तैयार करता है। ऐसे में अगर आपका खान-पान अनियमित हो जाता है तो पाचन तंत्र का बैलेंस भी बिगड़ जाता है और वह भोजन को सही ढंग से पचा नहीं पाता। 

इसके अलावा, आपने गौर किया होगा कि अगर आप अनियमित समय पर खाते हैं तो आपके भोजन करने की आदतें और भोजन का चुनाव दोनों बदल जाता है। अनियमित समय पर भोजन करने वाले लोग जंक फूड, प्रोसेस्ड फूड या ऐसे खाद्य पदार्थों के सेवन का चयन अधिक करते हैं जो उनके पाचन स्वास्थ्य के लिए। बिल्कुल भी अच्छा नहीं है।


10. रोजाना सुबह गुनगुना पानी पिएं (Drink lukewarm water every morning on an empty stomach)

रोजाना सुबह खाली पेट गुनगुने पानी का सेवन करना आपके पाचन तंत्र के लिए काफी अच्छा है। अगर आपका पाचन तंत्र अच्छा नहीं है तो रोजाना बस एक गिलास सुबह खाली पेट गुनगुने पानी का सेवन कर दें, आप पाएंगे कि मल त्यागने में ज्यादा आसानी हो रही है और भोजन भी अच्छे तरीके से पच रहा है। इस पानी में आप स्वाद के लिए शहद या नींबू का रस भी मिला सकते हैं।

गुनगुना पानी पाचन तंत्र को उत्तेजित करने और आंतों के माध्यम से भोजन के सुचारू मार्ग को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है। यह कब्ज को रोकने में मददगार हो सकता है। इसके साथ ही, गर्म पानी पीने से पाचन तंत्र शांत हो सकता है, जिससे मतली या पेट खराब होने जैसी हल्की पाचन संबंधी समस्याएं कम हो सकती हैं।


11. दूध और दूध से बने उत्पाद फायदेमंद हैं (Milk products beneficial for digestive system)

क्या आपको पता है कि दूध और दूध से बने उत्पादों का सेवन करना भी आपके पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद है? जी हां, जब आप इन उत्पादों का सेवन करते हैं तो पाचन क्रिया में सुधार आता है और भोजन अच्छे तरीके से पचता है। खासतौर पर जब आप खमीर और दही का सेवन करते हैं तो आपके आंत में अच्छे बैक्टीरिया भी पहुंचते हैं जोकि पाचन क्रिया को स्वस्थ बनाते हैं। इससे आंत में अच्छे और बुरे बैक्टीरिया का संतुलन भी बना रहता है।

इसके अलावा, दूध और दूध से बने उत्पादों में कैल्शियम और विटामिन डी की मात्रा भी प्रचुर होती है। यह हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है और आंत में उचित मांसपेशियों के कार्य के माध्यम से संभावित रूप से पाचन में सहायता करता है। कुछ लोगों को दूध और दूध उत्पादों के सेवन से दिक्कतें हो सकती हैं, उन्हें इनका सेवन नहीं करना चाहिए।


12. फास्ट फूड से दूरी बनाएं (Stay away from fast food and junk food)

पाचन क्रिया बेहतर रखने का दूसरा उपाय है फास्ट फूड से दूरी बनाना। फास्ट फूड यानि ऐसे भोज्य पदार्थ होते हैं जिन्हें पहले से ही पकाकर रखा जाता है और समय पड़ने पर ग्राहक को परोस दिया जाता है। Fast foods में आमतौर पर कम फाइबर होता है जबकि वसा की मात्रा काफी अधिक होती है। इसके साथ ही यह सोडियम से भी भरपूर होता है। ऐसे में जब आप इन फास्ट फूड का सेवन करते हैं तो शरीर इन्हें सही ढंग से पचा नहीं पाता।

कम फाइबर होने की वजह से ये भोज्य पदार्थ सही से पच नहीं पाते हैं। इसके अलावा, कई फास्ट फूड हानिकारक वसा से भरपूर होते हैं। इन वसा को पचाना मुश्किल हो सकता है और हृदय रोग, स्ट्रोक और अन्य पुरानी स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है। इन भोज्य पदार्थों में सोडियम की मात्रा अधिक होने की वजह से पेट में मरोड़े उठ सकते हैं। कई बार यह तेज ब्लड प्रेशर का कारण भी बन सकता है।


13. त्रिफला चूर्ण का सेवन नियमित रूप से करें (Consume Triphala powder)

त्रिफला चूर्ण का नियमित सेवन भी आपके पाचन तंत्र के स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद है। इस हर्बल मिश्रण में तीन फल शामिल हैं - अमलाकी (आंवला), बिभीतकी (बेलेरिक मायरोबालन) और हरीतकी (चेबुलिक मायरोबालन)। इसे त्रिदोषनाशक औषधि माना जाता है, मतलब ये वात, पित्त और कफ का संतुलन बना सकता है। ये तीनों ही त्रिदोष पाचन तंत्र को प्रभावित करते हैं। 

त्रिफला असंख्य तरीकों से पाचन में सुधार करता है, जैसे नियमित मल त्याग को बढ़ावा देना, पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ावा देना, वसा जमा को हटाना और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालना। ऐसे में आपको रोज त्रिफला चूर्ण का सेवन करना चाहिए। 


14. रोजाना पिएं अदरक की चाय (Drinking ginger tea is beneficial)

अदरक की चाय पीना भी आपके पाचन क्रिया को सुधारने में मदद करता है। अदरक की चाय बनाना भी काफी आसान है और इसे बनाने की सभी सामग्रियां भी आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं। अदरक की चाय तैयार करने के लिए आप अदरक को पानी में उबाल सकते हैं। इसमें स्वाद के लिए आप चाहें तो नींबू का रस या शहद मिला सकते हैं। 5 से 10 मिनट में तैयार होने वाली यह अदरक की चाय आपकी ज्यादातर पाचन संबंधित दिक्कतें जैसे गैस, पेट दर्द, पेट फूलना, मलत्याग में दिक्कत का समाधान कर देगा।

दरअसल अदरक में Gingerol पाया जाता है। यह अदरक में एक प्राकृतिक घटक है जो गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल गतिशीलता को लाभ पहुंचाता है, जो वह दर है जिस पर भोजन आपके पाचन तंत्र से गुजरता है। अदरक यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि भोजन आंत में बहुत देर तक रुका न रहे। इसके अलावा, अदरक की चाय संभावित रूप से लार के उत्पादन को उत्तेजित करके पाचन में सहायता कर सकती है, जो भोजन को तोड़ने में मदद करती है।


15. लौंग, दालचीनी और काली मिर्च का काढ़ा पीएं (Drink a decoction of cloves, cinnamon and black pepper)

अगर आप सोच रहे हैं कि पाचन क्रिया कैसे सुधारें तो काढ़ा पीना काफी फायदेमंद हो सकता है। खासतौर पर लौंग, दालचीनी और काली मिर्च के मिश्रण से बना काढ़ा आपके पाचन क्रिया के लिए काफी फायदेमंद है और कई पाचन संबंधित दिक्कतों को जड़ से दूर करता है। इसे बनाना भी काफी आसान है, आपको चाहिए होगा ये चीजें:

  • ‌2 कप पानी
  • ‌1 इंच दालचीनी की छड़ी
  • ‌3-4 लौंग
  • ‌1/2 चम्मच काली मिर्च
  • ‌शहद या नींबू

अब एक पैन में पानी उबालकर आप दालचीनी की छड़ी, लौंग, और काली मिर्च को मिला दें। अब आंच धीमी कर दें और तब तक पकने दें जबतक कि पानी आधी न रह जाए। अब इसे छान लें और छाने हुए काढ़े में स्वाद के लिए शहद या नींबू का रस मिला दें। आप दालचीनी, लौंग और काली मिर्च के साथ गुड़ भी उबलते हुए पानी में डाल सकते हैं क्योंकि यह भी पाचन क्रिया को सुधारने में प्रभावी माना गया है। उम्मीद है कि आपको pachan shakti kaise badhaye का उत्तर मिल गया होगा।


पाचन तंत्र मजबूत करने के घरेलू उपाय (Home remedies to strengthen the digestive system)

पाचन तंत्र को मजबूत करने के कई घरेलू उपाय हैं। इसके लिए आप संतुलित आहार का सेवन करें, अदरक की चाय पिएं, लौंग दालचीनी काली मिर्च के मिश्रण का काढ़ा पीएं, दूध और दूध से बने उत्पादों का सेवन करें, रोजाना सुबह गुनगुना पानी पिएं, एक्सरसाइज करें और पर्याप्त मात्रा में नींद लें। 

इन सभी उपायों को घर बैठे किया जा सकता है और अपने पाचन क्रिया में सुधार करके कई बड़ी बीमारियों से बचा जा सकता है। इसके अलावा जंक फूड से दूरी बनाना, तनाव कम करना भी पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में मदद करता है। उम्मीद है आप समझ गए होंगे कि पाचन क्रिया कैसे सुधारे घरेलू उपाय क्या हैं।


पाचन तंत्र मजबूत कैसे करें (How to strengthen the digestive system)

पाचन तंत्र को मजबूत करने के कई उपाय अपनाए जा सकते हैं। इन उपायों को आप घर बैठे भी अपना सकते हैं और डाइजेस्टिव सिस्टम को मजबूत करके कई बीमारियों को दूर भगा सकते हैं। पाचन तंत्र को मजबूत करने के उपाय हैं:

  • ‌रोजाना आधे घंटे एक्सरसाइज करें
  • ‌आधे घंटे योगासन करें जैसे प्राणायाम
  • ‌संतुलित आहार का सेवन करें
  • ‌पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं
  • ‌भोजन को चबा चबाकर खाएं
  • ‌तनाव लेना कम करें
  • ‌जंक और प्रोसेस्ड भोज्य पदार्थों को न खाएं
  • ‌अत्यधिक भोजन का सेवन न करें
  • ‌7 से 8 घंटे की गहरी नींद लें
  • ‌एक ही समय पर रोजाना भोजन करें
  • ‌एक ही समय पर रोजाना मल त्याग करने की कोशिश करें
  • ‌त्रिफला चूर्ण का सेवन करें

तो ये रहे Digestive System Strong Kaise Kare का उत्तर। आप इन उपायों को अपनाकर पाचन तंत्र को मजबूत बना सकते हैं।


पाचन तंत्र मजबूत करने के लिए क्या खाना चाहिए?

पाचन तंत्र को मजबूत करने के लिए फल, सब्जियां, साबुत अनाज और फलियां जैसे फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थों के सेवन पर ध्यान दें। प्रोबायोटिक युक्त खाद्य पदार्थ जैसे दही, केफिर और किण्वित सब्जियों का सेवन करना भी पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है। इसके अलावा नियमित रूप से त्रिफला चूर्ण, अदरक की चाय, काढ़ा का सेवन भी पाचन तंत्र को मजबूती प्रदान करता है।

इसके अलावा आपको रोजाना एक्सरसाइज और योग करना चाहिए, 7 से 8 घंटे की गहरी नींद लेनी चाहिए, पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए और तनाव से दूरी बनानी चाहिए। इन उपायों को अपनाकर आप पाचन क्रिया सुधार सकते हैं और पाचन तंत्र को मजबूत बना सकते हैं। इसके अलावा अगर आप आयुर्वेद की मदद से अपने पाचन तंत्र को मजबूत करना चाहते हैं तो हम आपको Healthy Gut Combo के सेवन की सलाह देते हैं क्योंकि इसमें मौजूद है अदरक, लौंग, इलाइची, अजवाईन, सोंठ और जीरा की शक्ति। इसके नियमित सेवन से पाचन क्रिया सुधरता है और साथ ही भोजन भी सही ढंग से पचता है।


निष्कर्ष (Conclusion)

पाचन क्रिया को सुधारने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, तनाव से दूरी बनाएं, फाइबर युक्त भोजन का सेवन करें, एक्सरसाइज और योग रोजाना करें, उचित समय पर भोजन और मल त्याग करें, संतुलित आहार का सेवन करें, जरूरत से ज्यादा भोजन न करें, भोजन को चबा चबाकर खाएं, 7 से 8 घंटे की नींद लें और अदरक की चाय पिएं। 

इन उपायों को अपनाकर आप पाचन क्रिया को सुधार सकते हैं और पाचन तंत्र से संबंधित रोगों को दूर भगा सकते हैं। इसके अलावा, धूम्रपान और मदिरापान का सेवन न करना और जंक फूड से दूरी बनाना भी पाचन क्रिया को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (Frequently Asked Questions)

1. पाचन तंत्र की कमजोरी को कैसे दूर करें?

पाचन तंत्र की कमजोरी दूर करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, रोजाना योग और व्यायाम करें, संतुलित आहार का सेवन करें, फाइबर युक्त भोजन का अधिकाधिक सेवन करें, सुबह खाली पेट गुनगुना पानी पिएं, खाना चबाकर खाएं, ओवर ईटिंग से बचें, समय पर भोजन और मल त्याग करें।


2. पाचन शक्ति विकारों में किन खाद्य पदार्थों का सेवन करें?

पाचन शक्ति विकारों में आपको त्रिफला, फाइबर युक्त भोजन, अदरक की चाय और कई मसलों जैसे काली मिर्च, दालचीनी और लौंग के सेवन से बने काढ़ा का सेवन करना चाहिए। 


3. पाचन संबंधी समस्याएँ उत्पन्न होने पर कौन से उपाय अपनाएं?

पाचन संबंधी समस्याएं उत्पन्न होने पर त्रिफला चूर्ण का रोजाना सुबह शाम सेवन करें। इसके अलावा अदरक की चाय और लौंग, दालचीनी और काली मिर्च से बने काढ़ा का सेवन भी फायदेमंद साबित होता है।


4. अगर खाना पचाने में कठिनाई हो रही है तो क्या कदम उठाने चाहिए?

अगर खाना पचाने में कठिनाई हो रही है तो आपको कम भोजन का सेवन करना चाहिए, अत्यधिक भोजन के सेवन से बचना चाहिए, पर्याप्त मात्रा में नींद लेना चाहिए, फाइबर युक्त भोजन का अधिकाधिक सेवन करना चाहिए, रोजाना एक्सरसाइज और योग करना चाहिए, पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, सुबह उठकर खाली पेट गुनगुना पानी पीना चाहिए।


5. पाचन शक्ति को बेहतर बनाने वाली किसी भी दवाई का नाम बताएं?

पाचन शक्ति को बेहतर बनाने के लिए सबसे अच्छी दवा त्रिफला चूर्ण को माना जाता है। तीन औषधियों से तैयार त्रिफला चूर्ण वात, पित्त और कफ त्रिदोषों को दूर करता है जिससे पाचन तंत्र मजबूत बनता है और संबंधित रोगों के जोखिम कम हो जाते हैं।


References

files/author_Dr.-Shailendra-Chaubey-BAMS_300x_3fb01719-6325-4801-b35b-3fb773a91669.jpg

Dr. Shailendra Chaubey, BAMS

Ayurveda Practioner

A modern-day Vaidya with 11 years of experience. He is the founder of Dr. Shailendra Healing School that helps patients recover from chronic conditions through the Ayurvedic way of life.

Popular Posts

Leave a comment

Please note, comments need to be approved before they are published.

आपके बाल झड़ने का कारण क्या है?

डॉक्टरों द्वारा डिज़ाइन किया गया Traya का मुफ़्त 2 मिनट का हेयर टेस्ट लें, जो आपके बालों के झड़ने के मूल कारणों की पहचान करने के लिए आनुवांशिक, स्वास्थ्य, जीवनशैली और हार्मोन जैसे 20+ कारकों का विश्लेषण करता है।

हेयर टेस्ट लेTM