जैतून का तेल के फायदे कई हैं. इसके सेवन या इस्तेमाल से ह्रदय रोगों का जोखिम कम होता है, कुछ कैंसर से बचाव होता है, बालों का स्वास्थ्य बेहतर होता है, हड्डियाँ मजबूत बनती हैं, त्वचा जवां और सुंदर बनती है, अनिद्रा की समस्या को दूर करता है, मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालता है और एक प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट है.
इन फायदों को देखते हुए ही बड़ी मात्रा में लोग इसका इस्तेमाल करते हैं. डॉक्टर भी इस तेल का इस्तेमाल कई तरीकों से करने की सलाह देते हैं. खासतौर पर बालों को मजबूती प्रदान करने और उन्हें घना, लम्बा और चमकदार बनाए रखने के लिए इस तेल का इस्तेमाल किया जाता है. इसके इस्तेमाल से स्कैल्प के स्वास्थ्य में सुधार होता है और बाल अधिक नमीयुक्त बनते हैं.
यह कैसे आपके पूरे स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, इसकी जानकारी हम Olive Oil in Hindi के इस ब्लॉग में विस्तार से जानेंगे. इसके अलावा, जैतून का तेल बालों के लिए कैसे फायदेमंद है, क्या इसके यौन फायदे भी हैं, इसके सेवन से जुडी मिथ क्या हैं, इस्तेमाल करने की विधियां क्या हैं, क्या इसके सेवन से नुकसान भी होता है जैसे सभी प्रमुख विषयों पर हम आपको फैक्ट्स के साथ जानकारी देंगे.
लेकिन, यदि आप जानना चाहते हैं कि आपके बालों के लिए जैतून का तेल कितनी हद तक फायदेमंद हो सकता है, तो पहले यह जानना जरूरी है कि आपके बालों की समस्या की असली वजह क्या है। इसलिए, हम आपको Free Hair Test लेने की सलाह देते हैं। यह फ्री टेस्ट आपको यह जानने में मदद करेगा कि आपके बालों की समस्याओं का असली कारण क्या है, और इस आधार पर आपको जैतून का तेल और अन्य उपायों से कितना लाभ होगा।
जैतून तेल के फायदे (Olive Oil Benefits in Hindi)
जैतून तेल समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाता है. इसके नियमित सेवन या इस्तेमाल से बालों का स्वास्थ्य बेहतर होता है, हृदय रोगों के जोखिम कम होते हैं, हड्डियाँ मजबूत बनती हैं, त्वचा अधिक जवां और चमकदार बनती है, अनिद्रा की समस्या दूर होती है, पोषक तत्वों का अवशोषण बेहतर गति से होता है, दिमाग की शक्ति बढ़ाता है. आये विस्तार से जैतून तेल के फायदे (Olive Oil in Hindi) को समझते हैं:
१. हृदय रोगों का जोखिम कम करता है
जैतून तेल का सबसे बड़ा फायदा होता है ह्रदय को, इसके नियमित सेवन से ह्रदय रोगों का जोखिम कम होता है. येल स्कूल ऑफ मेडिसिन के अनुसार, जो लोग प्रतिदिन आधा चम्मच से अधिक जैतून के तेल का सेवन करते हैं, उनमें हृदय रोग से मृत्यु का जोखिम 19% कम हो सकता है। इसके कई कारण हैं, सर्वप्रथम इन तेलों में टायरोसोल, हाइड्रोक्सीटायरोसोल, ओलियोकैंथल और ओलेसीन जैसे सूजनरोधी और एंटीऑक्सीडेंट अणु होते हैं।
रिसर्च के अनुसार ऐसा माना जाता है कि ये तेल बेहतर हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं. साथ ही, ओलिव ऑयल में फैटी एसिड और ओलियोरोपिन की भी मौजूदगी होती है और ये दोनों ही तत्व खराब कोलेस्ट्रोल लेवल को कम करने के साथ ही सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर को भी घटाते हैं. तो इस तरह अगर आप अपने ह्रदय स्वास्थ्य को बेहतर करना चाहते हैं तो आपको नियमित रूप से जैतून तेल का सेवन करना चाहिए.
२. बालों को मजबूत और चमकदार बनाता है
ओलिव आयल का अधिकाधिक इस्तेमाल बालों के स्वास्थ्य में सुधार हेतु भी किया जाता है. कॉस्मेटिक साइंस जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि बाल जैतून के तेल को सोख लेते हैं और नमी बनाए रखने में मदद करते हैं। जैतून का तेल बालों की जड़ों में जाकर बालों को मज़बूत और मुलायम भी बना सकता है। साथ ही, यह दो मुहें बाल और अस्वस्थ स्कैल्प की परिस्तिथि में भी मददगार माना जाता है.
लेकिन ऑलिव ऑयल यानि जैतून के तेल से नए बाल नहीं उगाए जा सकते, और न ही बालों का तेजी से झड़ना कम किया जा सकता है. अगर आप तेजी से बालों के झड़ने या नए बाल न उगने की समस्या से परेशान हैं तो आपको अभी Free Hair Test देनी चाहिए. यह फ्री और सिंपल टेस्ट आपके बालों और स्कैल्प का अध्ययन करके पता करता है कि समस्या की जड़ क्या है. तत्पश्चात समस्या के रोकथाम हेतु आवश्यक उपचार प्रदान कराया जाता है.
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३. त्वचा को जवां और कोमल बनाता है
बालों के साथ-साथ जैतून तेल के फायदे त्वचा के लिए भी हैं. त्वचा के स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए इसमें प्रचुर मात्रा में फैटी एसिड, एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन आदि पाए जाते हैं. त्वचा के लिए जैतून तेल के फायदे कुछ इस प्रकार हैं:
१. जैतून का तेल नमी को बरकरार रखने में मदद करता है, जिससे सूखापन और परतदारपन नहीं होता।
२. जैतून के तेल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स मुक्त कणों से लड़ने में मदद करते हैं, जिससे महीन रेखाएं और झुर्रियां कम होती हैं।
३. इसके सूजनरोधी गुण लालिमा और जलन को शांत कर सकते हैं।
४. जैतून के तेल का उपयोग मेकअप और अशुद्धियों को हटाने के लिए सौम्य क्लींजर के रूप में किया जा सकता है।
४. स्तन कैंसर के जोखिम को कम करता है
स्तन कैंसर (breast cancer) भारतीय महिलाओं में सबसे आम कैंसर है, जो 2022 में सभी महिला कैंसर का 28.2% है। यह भारत में महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौतों का प्रमुख कारण भी है. बेहतर है कि समस्या का इलाज करने के बजय्म पहले ही उसके रोकथाम हेतु आवश्यक कदम उठाए जाएं. इसमें जैतून का तेल आपकी मदद कर सकता है.
इंस्टीट्यूटो डी सालुद कार्लोस III के राष्ट्रीय महामारी विज्ञान केंद्र के एक अध्ययन के अनुसार, जो महिलाएं नियमित रूप से खाना पकाने के लिए शुद्ध जैतून के तेल का उपयोग करती हैं, उनमें स्तन कैंसर का खतरा कम हो सकता है। कुछ का मत यह भी है कि इस तेल से मसाज करने पर स्तनों का आकार बढाया जा सकता है, हालाँकि इसको लेकर फ़िलहाल रिसर्च का अभाव है.
५. हड्डियां मजबूत बनाता है
कई शोधों के मुताबिक, अगर नियमित रूप से ऑलिव ऑयल का सेवन किया जाए तो हड्डियों से जुड़े रोगों का जोखिम कम किया जा सकता है. जैतून के तेल के फिनोल क्षारीय फॉस्फेट गतिविधि और बाह्यकोशिकीय मैट्रिक्स में कैल्शियम आयन जमाव को बढ़ाकर हड्डियों के द्रव्यमान के नुकसान को रोकने में मदद कर सकते हैं। वे ऑस्टियोब्लास्ट के प्रसार और परिपक्वता को भी नियंत्रित कर सकते हैं।
साथ ही, अगर आप इसका नियमित सेवन करते हैं तो न सिर्फ हड्डियों का घनत्व बढ़ता है बल्कि साथ ही नितम्बों और कमर फ्रैक्चर के जोखिम को भी कम किया जा सकता है. खासतौर पर जो लोग ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या से जूझ रहे हैं या जो इसका जोखिम कम करना चाहते हैं, उन्हें अवश्य ही ऑलिव ऑयल का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए.
६. एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर है
जैतून तेल में पर्याप्त मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो आपको कई प्रकार की बिमारियों से बचाते हैं. ऑलिव आयल, खासतौर पर एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल में कई एंटीऑक्सीडेंट जैसे विटामिन ई, ओलियोकैंथल, ओलियोरोपिन और पोलिफेनोल्स पाए जाते हैं. अब आये जानते हैं कि ये एंटीऑक्सीडेंट आपके स्वास्थ्य को किस प्रकार से बेहतर बनाते हैं:
१. विटामिन ई एक पॉपुलर एंटीऑक्सीडेंट है जो कोशिका झिल्ली को क्षति से बचाने में मदद करता है।
२. ओलियोकैंथल एक शक्तिशाली यौगिक है जिसमें इबुप्रोफेन के समान सूजनरोधी गुण होते हैं
३. ओलियोरोपिन एलडीएल (खराब) कोलेस्ट्रॉल को ऑक्सीकरण से बचाता है।
४. अंत में, पॉलीफेनॉल्स यौगिकों का एक समूह है जिसमें एंटीऑक्सीडेंट और सूजनरोधी गुण होते हैं।
७. शरीर पर एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव डालता है
Inflammation यानि सुजन जो बिना प्रत्यक्ष कारण के उभरता है, शारीरिक स्वास्थ्य के लिए काफी बुरा माना जाता है. आमतौर पर जब हमें चोट लगती है या इन्फेक्शन होता है तो हमारा इम्यून सिस्टम उस स्थान पर सफ़ेद रक्त कोशिकाओं को भेजता है ताकि जल्द से जल्द समस्या ठीक की जा सके, इस प्रक्रिया में सुजन होती है जोकि अच्छा है. लेकिन कई बार इन्फ्लेमेशन बिना कारण भी उत्पन्न होती है.
इस प्रकार की इन्फ्लेमेशन कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त करती है, डायबिटीज और कैंसर जैसे रोगों का जोखिम बढ़ाती है, व्यक्ति समय से पहले बुढा होने लगता है और साथ ही, इम्यून सिस्टम भी कमजोर हो जाता है. ऐसे में अगर आप नियमित रूप से ऑलिव ऑयल या जैतून तेल का सेवन करें तो इन्फ्लेमेशन को दूर करने में मदद मिलती है और बेहतर स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है.
८. अल्जाइमर रोग से लड़ता है
अल्जाइमर एक खतरनाक रोग है जो हमारे दिमाग से जुड़ा हुआ है. यह एक प्रगतिशील मस्तिष्क विकार है जो धीरे-धीरे स्मृति और सोच कौशल को नष्ट कर देता है। यह मनोभ्रंश का सबसे आम रूप है। अल्जाइमर का सटीक कारण अज्ञात है, लेकिन यह आनुवंशिक, पर्यावरणीय और जीवनशैली कारकों का संयोजन माना जाता है। इस रोग से लड़ने में ऑलिव ऑयल यानि जैतून तेल आपकी मदद कर सकता है.
इसके कई कारण हैं, खासतौर पर इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण इस रोग से लड़ने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण दिमाग की कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त होने से बचाता है. साथ ही, एंटी-इन्फ्लेमेशन गुण दिमाग में किसी भी प्रकार के इन्फ्लेमेशन को कम करने में मदद करता है. इस विषय पर किए गए शोध भी यही इशारा करते हैं और इसलिए आपको दिमाग के बेहतर स्वास्थ्य हेतु इसका नियमित सेवन करना चाहिए.
९. डायबिटीज २ के जोखिम को कम करता है
जैतून तेल के फायदे टाइप २ डायबिटीज के जोखिम को कम करने के लिए भी ज्ञात हैं. बल्कि कई शोध इस बात की पुष्टि भी करते हैं कि अगर व्यक्ति नियमित रूप से पर्याप्त मात्रा में ऑलिव ऑयल का सेवन करे तो टाइप २ डायबिटीज के जोखिम को कम किया जा सकता है. इसके मुख्य रूप से तीन कारण हैं:
१. जैतून का तेल इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाकर रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
२. जैतून का तेल एलडीएल (खराब) कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है जबकि एचडीएल (अच्छा) कोलेस्ट्रॉल बढ़ाता है.
३. क्रोनिक सूजन अक्सर टाइप 2 मधुमेह से जुड़ी होती है। जैतून के तेल के सूजनरोधी गुण इसे नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं।
१०. आर्थराइटिस के उपचार में मदद करता है
ऑलिव ऑयल के फायदे rheumatoid arthritis की समस्या में भी प्राप्त होते हैं. अगर नियमित रूप से इस तेल का सेवन किया जाए तो रूमेटाइड गठिया की समस्या से मुक्ति पाई जा सकती है. जैतून के तेल में मौजूद ओलियोकैंथल जैसे यौगिक इबुप्रोफेन के समान सूजनरोधी प्रभाव रखते हैं। ये जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं।
इसके साथ ही जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया, ऑलिव ऑयल एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं. एंटीऑक्सीडेंट ऑक्सीडेटिव तनाव से निपटने में मदद करते हैं, जो सूजन का कारण बनता है और आर्थराइटिस की समस्या को जन्म देता है. अगर आपको आर्थराइटिस की समस्या है तो यह अंदरूनी है और इसलिए इस तेल को लगाने के बजाय इससे बने भोजन का सेवन करें.
११. पेट के अल्सर से छुटकारा दिला सकता है
खासतौर पर अगर आप एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल का सेवन करें तो पेट के अल्सर की समस्या में फायदा मिल सकता है. इसके सेवन से पेट में अल्सर की समस्या को दूर करने में मदद मिलती है और जोखिम भी कम होता है. लेकिन कैसे? आइये समझते हैं:
१. जैतून के तेल में ऐसे यौगिक होते हैं जो एच.पाइलोरी नामक बैक्टीरिया के विकास को रोकते हैं, जो अक्सर पेट में अल्सर का कारण बनता है।
२. जैतून का तेल पेट की परत पर एक सुरक्षात्मक परत बनाने में मदद कर सकता है, जो जलन को शांत कर सकता है और आगे की क्षति को रोकने में मदद कर सकता है।
३. जैतून के तेल के सूजनरोधी प्रभाव पेट की परत में सूजन को कम करने में मदद करते हैं, जिससे अल्सर के उपचार में मदद मिलती है।
१२. पाचन स्वास्थ्य को बेहतर करता है
समग्र शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए हमारे पाचन सिस्टम का स्वस्थ रहना अतिआवश्यक है. अगर भोजन का पचना और अवशोषण सुचारू रूप से नहीं होगा तो हमारा पूरा स्वास्थ्य बिगड़ सकता है. ऐसे में ऑलिव ऑयल का नियमित सेवन पाचन स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में मदद करता है. दरअसल ऑलिव ऑयल के सेवन से पाचन सिस्टम को पर्याप्त लुब्रिकेशन मिलता है जिससे मलत्याग आसानी से होता है.
इसके साथ ही, जैतून के तेल में ऐसे यौगिक होते हैं जो सूजन को कम करते हैं, जो Irritable Bowel Syndrome (आईबीएस) और inflammatory bowel disease (आईबीडी) जैसी स्थितियों के लिए फायदेमंद हो सकता है। साथ ही, कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि जैतून का तेल आंत में लाभदायक बैक्टीरिया की वृद्धि को बढ़ावा देता है, जिससे समग्र पाचन स्वास्थ्य में योगदान मिलता है। तो इस तरह आपने जाना कि jaitun ka tel ke fayde पाचन स्वास्थ्य हेतु कैसे हैं.
ऑलिव ऑयल और एक्स्ट्रा वर्जिन ऑयल में क्या अंतर है?
एक्स्ट्रा वर्जिन ऑयल आमतौर पर स्वाद और पोषण मूल्य के मामले में बेहतर माना जाता है, जबकि नियमित जैतून का तेल खाना पकाने के लिए अधिक किफायती विकल्प है। इन दोनों में तीन अन्य मुख्य अंतर इस प्रकार हैं:
१. जहाँ एक्स्ट्रा वर्जिन ऑयल को गर्मी या रसायनों का उपयोग किए बिना जैतून से निकाला जाता है तो वहीँ सामान्य जैतून का तेल अशुद्धियों, स्वाद और रंग को हटाने के लिए एक शोधन प्रक्रिया से गुजरता है।
२. जहाँ एक्स्ट्रा वर्जिन ऑयल अपने प्राकृतिक स्वाद, सुगंध और रंग को बरकरार रखता है, लेकिन सामान्य जैतून ऐसा नहीं करता है।
३. एक्स्ट्रा वर्जिन ऑयल को धीमी आंच पर पकाना चाहिए तो वहीँ सामान्य ऑलिव ऑयल को अत्यधिक आंच पर पकाना चाहिए क्योंकि इसकी smoking point अधिक होती है.
ऑलिव ऑयल के नुकसान (Olive Oil Ke Nuksan)
आपने ऊपर विस्तार से जाना कि जैतून का तेल के फायदे क्या हैं और ये कैसे हमारे समग्र शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है. लेकिन जैसा कि आप जानते ही होंगे, हर सिक्के के दो पहलु होते हैं. यानी ऑलिव आयल के फायदे और नुकसान दोनों हैं. तो आइए जानते हैं कि ऑलिव आयल के नुकसान क्या हैं और आपको क्या सावधानियां बरतनी चाहिए.
१. ऑलिव ऑयल में प्रचुर मात्रा में कैलोरी पाई जाती है और इसलिए अगर इसका आवश्यकता से अधिक मात्रा में सेवन किया जाए तो मोटापा की समस्या शुरू हो सकती है.
२. जैतून के तेल का सेवन कुछ लोगों में एलर्जी का भी कारण बन सकता है. इसलिए आपको इसका सेवन संभलकर करना चाहिए. एलर्जी में आपको त्वचा पर लाल चकत्ते और जलन हो सकता है.
३. ज्यादातर सम्भावना है कि मार्किट में मिलने वाले जैतून तेल मिलावटी और अशुद्ध हों. इसके साथ ही ये काफी महंगे भी होते हैं. बात करें Olive Oil Price की तो यह आपको कम से कम Rs. 1500 से अधिक रुपयों का हो सकता है.
जैतून तेल का इस्तेमाल विधि
जैतून यानि ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल आप कई तरीकों से बेहतर स्वास्थ्य हेतु कर सकते हैं. बेहतर पाचन स्वास्थ्य, त्वचा स्वास्थ्य और बालों के स्वास्थ्य को बेहतर करने हेतु इसका इस्तेमाल निम्नलिखित तरीकों से किया जा सकता है:
१. जैतून के तेल में नारियल तेल मिलकर बालों और स्कैल्प को मसाज देने से बालों का स्वास्थ्य बेहतर होता है.
२. जैतून के तेल को आप एक moisturizer के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं, खासकर कि रात को सोने से पहले चेहरे को हलके हाथों से इस तेल से मालिश करें और सुबह धो लें.
३. इस तेल का सबसे बेहतर उपयोग है भोजन पकाने में, आप इस तेल से विभिन्न व्यंजनों को बना सकते हैं.
४. जैतून तेल से आप full body massage भी कर सकते हैं, जोकि शरीर और मन को शांत करने और तनाव दूर करने में मदद करेगा. मसाज से पहले तेल को हल्का गर्म कर लें.
क्या जैतून तेल यौन स्वास्थ्य के लिए अच्छा है?
जैतून यानि ऑलिव ऑयल का यौन स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. इसके नियमित सेवन से इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या को कम करने में मदद मिलती है. साथ ही, इसके सेवन से पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन में वृद्धि होती है जोकि समग्र sexual health से जुड़ा हुआ है. एथेंस विश्वविद्यालय के एक अध्ययन में पाया गया कि प्रति सप्ताह 9 चम्मच जैतून का तेल लेने से स्तंभन दोष यानी ED में 40% तक सुधार हो सकता है.
हालाँकि इस तेल से लिंग मसाज या ब्रेस्ट मसाज करके आकार बढाने वाले दावों पर कोई भी साक्ष्य या अध्ययन मौजूद नहीं है, लेकिन आप चाहें तो पेनिस पर ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल कर सकते हैं क्योंकि यह त्वचा पर साइड इफेक्ट्स नहीं डालता. जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया, जैतून तेल ह्रदय और रक्त स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है. तो ऐसे में अगर आपके ह्रदय का स्वास्थ्य बेहतर होगा तो यह प्रत्यक्ष रूप से बेहतर sexual health को बढ़ावा देगा.
निष्कर्ष (Conclusion)
जैतून का तेल के फायदे कई हैं. इसके सेवन या इस्तेमाल से ह्रदय रोगों का जोखिम कम होता है, कुछ कैंसर से बचाव होता है, बालों का स्वास्थ्य बेहतर होता है, हड्डियाँ मजबूत बनती हैं, त्वचा जवां और सुंदर बनती है, अनिद्रा की समस्या को दूर करता है, मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालता है और एक प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट है.
लेकिन ध्यान रखें कि जैतून तेल के फायदे और नुकसान दोनों हैं. इसकी कम मात्रा का सेवन ही स्वास्थकर है, अन्यथा मोटापा की समस्या शुरू हो सकती है और वजन बढ़ सकता है. इसके अलावा कुछ लोगों में इसके सेवन से एलर्जी की समस्या भी शुरू हो सकती है. इसका इस्तेमाल आपको खासतौर पर विभिन्न व्यंजनों को बनाने हेतु इस्तेमाल करना चाहिए. जैतून तेल के फायदे पुरुषों के लिए भी हैं, इससे इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या कम होती है और टेस्टोस्टेरोन बढ़ता है.
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (Frequently Asked Questions)
१. जैतून का तेल से क्या क्या फायदे होते हैं?
जैतून का तेल से कई स्वास्थ्य फायदे होते हैं. इसके सेवन या इस्तेमाल से ह्रदय रोगों का जोखिम कम होता है, कुछ कैंसर से बचाव होता है, बालों का स्वास्थ्य बेहतर होता है, हड्डियाँ मजबूत बनती हैं, त्वचा जवां और सुंदर बनती है, अनिद्रा की समस्या को दूर करता है, मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालता है और एक प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट है.
२. पुरुषों को जैतून का तेल क्यों चाहिए?
जैतून का तेल पुरुषों के यौन स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिए भी असरदार है. इसके इस्तेमाल से लिंग में रक्त प्रवाह में वृद्धि हो सकती है और इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या दूर हो सकती है. साथ ही, कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि इसके सेवन से पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन भी बढ़ता है.
३. जैतून का तेल बालों में कैसे लगाएं?
जैतून का तेल बालों में लगाने के लिए आपको इसमें नारियल तेल भी मिलाना चाहिए. दोनों तेल को मिलाकर हल्का गर्म कर एं और फिर उँगलियों की मदद से स्कैल्प और बालों की जड़ों तक लगाएं. इससे बालों में नमी बनी रहेगी और स्कैल्प का स्वास्थ्य भी बेहतर होता है.
References
- Olive Oil: Nutritional Applications, Beneficial Health Aspects and its Prospective Application in Poultry Production - https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC8424077/
- Virgin Olive Oil Ranks First in a New Nutritional Quality Score Due to Its Compositional Profile - https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC10180740/
- Olive Oil: A Review - https://www.sciencedirect.com/science/article/abs/pii/S0065262808601706