क्या आप जानते हैं कि विटामिन ई कैप्सूल सिर्फ सेहत ही नहीं बल्कि बाल और त्वचा के लिए भी बेहद फायदेमंद हैं? यह शरीर को ज़रूरी पोषण देता है और एंटीऑक्सिडेंट की तरह काम करके जड़ों और त्वचा को मज़बूत बनाता है।
Vitamin E capsule khane ke fayde में बालों की जड़ों को पोषण, झड़ते बालों पर कंट्रोल, त्वचा की नमी बनाए रखना और दाग-धब्बों से बचाव शामिल हैं। यानी एक छोटी-सी कैप्सूल आपके लुक और हेल्थ दोनों को बेहतर कर सकती है।
लेकिन याद रहे, सिर्फ विटामिन ई हर किसी के लिए पूरा इलाज नहीं है। आपके बाल क्यों झड़ रहे हैं और असली वजह क्या है, यह जानना ज़रूरी है। इसके लिए आज ही Traya का फ्री हेयर टेस्ट दें और पाएं अपना पर्सनल समाधान।
विटामिन ई कैप्सूल के फायदे (Vitamin E Capsule Uses in Hindi)
विटामिन ई कैप्सूल खाने के फायदे (Vitamin E Capsule uses in Hindi) अनेक है, जैसे कि अपनी दिनचर्या में विटामिन ई को शामिल करने से आपको कई तरीकों से बेहतर दिखने और महसूस करने में मदद मिल सकती है।
यहाँ विटामिन ई कैप्सूल के कुछ लाभ दिए गए हैं| विटामिन ई कैप्सूल खाने के फायदे और नुकसान तो कई है परंतु यह रही विटामिन ई कैप्सूल के फायदे।
1) बाल संरक्षण (Hair Preservation)
अगर आप चाहें कि आपके बाल लंबे समय तक घने और मजबूत रहें, तो विटामिन ई ज़रूर शामिल करें। यह आपके स्कैल्प की सेहत सुधारकर बालों की जड़ों को मज़बूत करता है। रोजाना विटामिन ई लेने से बाल झड़ना कम हो सकता है और हेल्दी ग्रोथ को बढ़ावा मिलता है।
विटामिन ई का असर सीधे स्कैल्प की ब्लड सर्कुलेशन पर पड़ता है, जिससे बालों को ज़रूरी पोषण मिल पाता है। अगर आपके बाल पतले हो रहे हैं या जल्दी टूट जाते हैं, तो यह आपके लिए काफ़ी फायदेमंद हो सकता है। ध्यान रखें, इसे रोजमर्रा की आदत का हिस्सा बनाएं।
2) सफेद बालों की रफ्तार को कम करे (Delays Greying)
क्या आपके बाल समय से पहले सफेद हो रहे हैं? विटामिन ई इस प्रॉब्लम में आपकी मदद कर सकता है। यह एक सस्ता और नेचुरल तरीका है समय से पहले सफेद हो रहे बालों को मैनेज करने का।
अगर आप हेयरलाइन की thinning से परेशान हैं, तो विटामिन ई तेल से नियमित मालिश करें। इससे बालों में नमी आएगी और बाल पहले से ज़्यादा चमकदार दिखेंगे।
3) रूसी और दोमुंहे बालों से राहत (Reduces Dandruff & Prevents Split Ends)
आपको लग रहा है कि विटामिन ई सिर्फ बाल मज़बूत करने के लिए है? नहीं, यह आपकी स्कैल्प की ड्राइनेस और डैंड्रफ जैसी दिक्कतों को भी दूर करता है। साथ ही, यह आपके बालों के दोमुंहे सिरे को भी रोक सकता है।
इसका एंटीऑक्सीडेंट गुण डैमेज्ड हेयर फॉलिकल्स की मरम्मत करता है। अगर बाल बेजान हो गए हैं, तो इसे आज़माएं, फर्क दिखेगा।
4) स्कैल्प की सुरक्षा (Protects the Scalp)
स्कैल्प हेल्दी रहेगा, तभी बाल भी अच्छे रहेंगे और यही विटामिन ई करता है। यह स्कैल्प की कोशिकाओं को oxidative damage से बचाता है।
अगर आपको स्ट्रेस या पॉल्यूशन की वजह से स्कैल्प इरिटेशन होता है, तो विटामिन ई मददगार हो सकता है। इसका रेगुलर यूज़ स्कैल्प को रीबिल्ड करने में मदद करता है।
5) त्वचा की सुरक्षा (Protects Your Skin)
अगर आपकी स्किन धूप में जल्दी जल जाती है या रेडनेस और जलन होने लगती है, तो विटामिन ई एक नेचुरल इलाज जैसा काम करता है। यह आपके स्किन सेल्स को UV रेज़ से होने वाले नुकसान से बचाता है और स्किन की नेचुरल रिपेयरिंग प्रक्रिया को तेज करता है।
आप चाहें तो विटामिन ई कैप्सूल का तेल निकालकर उसे सीधे उस हिस्से पर लगा सकते हैं जहां सनबर्न या जलन हो रही हो। रातभर छोड़ दें और सुबह हल्के गुनगुने पानी से धो लें। आप खुद फर्क महसूस करेंगे। स्किन को ठंडक भी मिलेगी और रुखापन भी धीरे-धीरे कम होगा।
6) अतिरिक्त तेल नियंत्रण (Balances Skin Oil)
क्या आपकी स्किन हर समय चिपचिपी रहती है, और आपको बार-बार चेहरा धोना पड़ता है? यह स्किन में सीबम (तेल) का असंतुलन हो सकता है, और यहीं विटामिन ई गेम चेंजर बन सकता है। इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण स्किन को डीपली बैलेंस करते हैं और सीबम प्रोडक्शन को नॉर्मल करते हैं।
जब स्किन का ऑयल कंट्रोल में आता है, तो पिंपल्स और ब्लैकहेड्स भी काफी हद तक कम हो जाते हैं। खास बात यह है कि विटामिन ई स्किन को ड्राई किए बिना तेल को कंट्रोल करता है, जिससे स्किन सॉफ्ट और हेल्दी बनी रहती है। जो लोग ऑइली स्किन से परेशान हैं, उन्हें इसे अपने स्किनकेयर रूटीन में जरूर जोड़ना चाहिए।
7) नाखूनों को मज़बूत बनाए (Strengthens Nails)
अगर आपके नाखून जल्दी टूट जाते हैं या उनका रंग पीला और बेजान सा लगता है, तो विटामिन ई आपकी इस परेशानी का भी हल है। यह नाखूनों की जड़ों तक पोषण पहुंचाता है और उन्हें अंदर से मज़बूत बनाता है।
आप हफ्ते में 2-3 बार विटामिन ई ऑयल से नाखूनों और क्यूटिकल्स की मसाज करें। इससे नाखूनों में नमी बनी रहेगी, वो जल्दी टूटेंगे नहीं और उनका नेचुरल ग्लो भी लौटेगा। अगर आप नेल पॉलिश ज़्यादा लगाती हैं, तो यह खासतौर पर आपके लिए जरूरी है क्योंकि विटामिन ई उन्हें डैमेज से बचाता है।
8) घाव भरने में मदद करता है (Speeds Up Wound Healing)
कभी-कभी छोटे कट या खरोंच लंबे समय तक ठीक नहीं होते और निशान भी छोड़ जाते हैं, है ना? ऐसे में विटामिन ई का इस्तेमाल काफी असरदार होता है। इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण स्किन टिशूज़ को रिपेयर करने में मदद करते हैं।
अगर कोई पुराना निशान रह गया है या किसी एलर्जी की वजह से स्किन पर दाग-धब्बे बन गए हैं, तो रोज़ाना थोड़ी-सी मात्रा में विटामिन ई ऑयल लगाएं। धीरे-धीरे स्किन की रंगत निखरेगी और घाव के निशान हल्के पड़ जाएंगे। ज़रूरत बस थोड़ी रेगुलरिटी और पेशेंस की है।
9) होंठों को मुलायम बनाए (Softens Chapped Lips)
अगर आपके होंठ अक्सर फटते हैं या सूख जाते हैं, खासकर सर्दियों में, तो विटामिन ई एक छोटा-सा लेकिन बहुत असरदार रेस्क्यू टूल बन सकता है। लिप बाम तो हम सब लगाते हैं, लेकिन उसमें पोषण देने वाला फैक्टर अक्सर कम होता है।
बस एक विटामिन ई कैप्सूल लें, हल्के से छेद करके उसका तेल होंठों पर लगाएं और छोड़ दें। आप देखेंगे कि कुछ ही दिनों में होंठों की फटने की समस्या काफी हद तक कम हो जाती है। और हां, इसका सबसे अच्छा पार्ट यह है कि यह आपके होंठों का नैचुरल पिंक कलर भी वापस लाने में मदद करता है।
10) डार्क सर्कल्स को हल्का करे (Lightens Dark Circles)
रातों की नींद पूरी नहीं होती? या फिर स्क्रीन टाइम बहुत ज़्यादा है? इन दोनों का असर सबसे पहले आपकी आंखों के नीचे दिखता है, डार्क सर्कल्स के रूप में। और यहीं विटामिन ई फिर से कमाल दिखाता है।
इसके हल्के-से तेल को रात को सोने से पहले आंखों के नीचे उंगलियों से टैप करते हुए लगाएं। यह ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है और स्किन की रिपेयरिंग में मदद करता है। 1-2 हफ्तों में आप फर्क महसूस करेंगे।
11) स्ट्रेच मार्क्स को कम करता है (Reduces Stretch Marks)
अगर डिलीवरी के बाद या वज़न बढ़ने-घटने के बाद स्ट्रेच मार्क्स आ गए हैं, तो आप अकेले नहीं हैं। ये हर किसी के साथ होता है और इससे घबराने की ज़रूरत नहीं है। लेकिन अगर आप इन्हें हल्का करना चाहें, तो विटामिन ई एक नैचुरल और सेफ ऑप्शन है।
रोज़ाना हल्के हाथों से मसाज करते हुए स्ट्रेच मार्क्स पर विटामिन ई ऑयल लगाएं। यह स्किन की इलास्टिसिटी को सुधारता है और नई स्किन सेल्स बनने में मदद करता है। रिज़ल्ट धीरे-धीरे दिखेगा, लेकिन असर पक्का होगा—बिना किसी साइड इफेक्ट के।
12) उम्र के लक्षणों को कम करता है (Delays Signs of Ageing)
क्या आपको फाइन लाइन्स, झुर्रियाँ या स्किन की ढीलापन जैसी चीज़ें परेशान कर रही हैं? बढ़ती उम्र के साथ ये तो आएंगे ही, लेकिन आप चाहें तो इन्हें थोड़ी देर के लिए रोक ज़रूर सकते हैं, वो भी विटामिन ई की मदद से प्राकृतिक रूप में।
इसमें मौजूद पावरफुल एंटीऑक्सीडेंट्स फ्री रेडिकल्स से लड़ते हैं, जो एजिंग के सबसे बड़े कारण होते हैं। रात में सोने से पहले चेहरे पर हल्की मसाज के साथ विटामिन ई ऑयल लगाएं। हफ्तों में फर्क दिखेगा, स्किन ज्यादा टाइट, चमकदार और यंग दिखेगी।
विटामिन ई का इस्तेमाल कैसे करें?
विटामिन ई को खाने के साथ-साथ स्किन और बालों पर भी लगाया जाता है। यह बालों को मजबूत, घना और शाइनी बनाता है, जबकि त्वचा को ग्लोइंग लुक देने, दाग-धब्बे हल्के करने और झुर्रियों को कम करने में मदद करता है। सही तरीके से इस्तेमाल करने पर यह नैचुरल नमी बनाए रखता है और स्किन व बालों की हेल्थ सुधारता है।
विटामिन ई बालों पर कैसे लगाएं
विटामिन ई बालों को गहराई से पोषण देकर उन्हें मजबूत और घना बनाता है। यह स्कैल्प में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाकर हेयर ग्रोथ को बढ़ावा देता है और बाल झड़ने की समस्या को कम करता है। ड्राईनेस और डैमेज को रिपेयर करके यह बालों में नैचुरल शाइन लाता है और दोमुंहे बालों की समस्या से बचाने में मदद करता है। इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण स्कैल्प को हेल्दी रखते हैं और डैंड्रफ से भी बचाव करते हैं।
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कोई हल्का तेल लें, जैसे नारियल, जैतून या बादाम तेल, और उसमें थोड़ा सा विटामिन ई मिलाएं।
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सूखे बालों पर तेल अच्छी तरह नहीं फैलता, इसलिए बाल हल्के नम कर लें।
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तैयार किया गया तेल उंगलियों से धीरे-धीरे स्कैल्प में लगाएं और 5-10 मिनट हल्की मसाज करें।
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सिर्फ जड़ों पर ही नहीं, बल्कि पूरे बालों पर लगाकर हल्के हाथों से फैलाएं।
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बेहतर असर के लिए इसे कुछ घंटों तक लगा रहने दें या रातभर लगाकर छोड़ दें।
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बहुत ज्यादा स्ट्रॉन्ग शैम्पू इस्तेमाल न करें ताकि नैचुरल नमी बरकरार रहे।
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लगातार इस्तेमाल से बाल मजबूत और हेल्दी बनते हैं।
विटामिन ई चेहरे पर कैसे लगाएं (Vitamin e capsule benefits for skin in hindi)
विटामिन ई त्वचा को गहराई से हाइड्रेट करके ड्रायनेस दूर करता है और स्किन को सॉफ्ट व ग्लोइंग बनाता है। इसके एंटी-एजिंग गुण झुर्रियों को कम करके त्वचा को यंग दिखने में मदद करते हैं। यह दाग-धब्बे और पिगमेंटेशन को हल्का करता है, जिससे स्किन टोन इवन होती है। इसके साथ ही, यह सूरज की हानिकारक किरणों से त्वचा की रक्षा करता है और स्किन को डैमेज होने से बचाता है।
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हल्के फेसवॉश से चेहरा धोकर सुखा लें।
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एक चम्मच एलोवेरा जेल में थोड़ा सा विटामिन ई मिलाकर हल्का सा मिक्स करें।
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इस मिश्रण को उंगलियों या कॉटन की मदद से चेहरे पर लगाएं।
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2-3 मिनट तक सर्कुलर मोशन में मसाज करें ताकि स्किन इसे अच्छे से सोख ले।
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ज्यादा असर के लिए इसे पूरी रात चेहरे पर लगा रहने दें।
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हल्के गुनगुने पानी से चेहरा धो लें और मॉइश्चराइजर लगा लें।
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इससे स्किन सॉफ्ट, ग्लोइंग और हेल्दी बनेगी।
क्या विटामिन ई कैप्सूल चेहरे को गोरा कर सकता है?
कई लोग सोचते हैं कि विटामिन ई कैप्सूल लगाने से त्वचा/चेरा गोरा हो सकता है. लेकिन ऐसा नहीं है. विटामिन ई कैप्सूल सीधे रूप से चेहरे को गोरा नहीं बनाता, लेकिन यह स्किन को हेल्दी और ग्लोइंग बनाने में मदद करता है। इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण टैनिंग को कम कर सकते हैं, दाग-धब्बे हल्के कर सकते हैं और स्किन टेक्सचर सुधार सकते हैं, जिससे त्वचा ज्यादा साफ और चमकदार दिखती है।
अगर आपकी स्किन डल या डैमेज हो रही है, तो विटामिन ई का नियमित इस्तेमाल नमी बनाए रखता है और स्किन को सॉफ्ट व हेल्दी बनाता है। हालांकि, यह स्किन टोन नेचुरली निखार सकता है लेकिन गोरा करने का दावा करना सही नहीं होगा, क्योंकि स्किन का रंग जेनेटिक्स पर निर्भर करता है।
विटामिन ई की कमी के लक्षण और रोग
अगर शरीर में विटामिन ई की कमी हो जाए, तो कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं। स्किन रूखी और बेजान हो जाती है, झुर्रियां जल्दी आने लगती हैं और बाल झड़ने लगते हैं। इसके अलावा, नसों की कमजोरी के कारण हाथ-पैर सुन्न पड़ सकते हैं या झुनझुनी हो सकती है। मांसपेशियों में कमजोरी और जल्दी थकान महसूस होना भी इसके आम लक्षण हैं।
इम्यूनिटी कमजोर होने से बार-बार इंफेक्शन होने लगता है, और आंखों की रोशनी प्रभावित हो सकती है, जिससे नाइट ब्लाइंडनेस जैसी समस्याएं हो सकती हैं। विटामिन ई की लगातार कमी से कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। न्यूरोपैथी में नसें कमजोर हो जाती हैं और शरीर का संतुलन बिगड़ सकता है। मांसपेशियों की डिस्ट्रॉफी से बॉडी की स्ट्रेंथ धीरे-धीरे कम होने लगती है।
हेमोलिटिक एनीमिया की वजह से रेड ब्लड सेल्स टूटने लगते हैं, जिससे कमजोरी और थकान महसूस होती है। रेटिनोपैथी आंखों को प्रभावित कर सकती है और विजन कमजोर हो सकता है। साथ ही, इम्यून सिस्टम कमजोर होने से शरीर में संक्रमण जल्दी होता है और घाव भरने में ज्यादा समय लगता है।
विटामिन ई खाने के नुकसान (Potential Side Effects of Vitamin E Capsule)
विटामिन ई सेहत और बालों दोनों के लिए फायदेमंद है, लेकिन इसका ज्यादा सेवन नुकसान भी पहुंचा सकता है। अक्सर लोग सोचते हैं कि ज़्यादा खाओगे तो ज़्यादा फायदा होगा, लेकिन सच इसके उलट है। आइए जानते हैं विटामिन ई खाने के नुकसान।
ज़्यादा सेवन के नुकसान:
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खून पतला होना और चोट लगने पर देर से भरना
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स्ट्रोक का खतरा बढ़ना (दिमाग में खून बहना)
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पेट की तकलीफ जैसे मतली, दस्त, ऐंठन
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सिरदर्द और थकान
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बालों का झड़ना और शरीर में कमजोरी
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स्किन पर चकत्ते या एलर्जी
इन नुकसानों से बचने के लिए सही खुराक और सही समय तक ही विटामिन ई लेना चाहिए।
कितनी मात्रा और कब तक लें?
आम तौर पर रोज़ाना 1000 mg से कम (यानी लगभग 1500 IU natural vitamin E) सुरक्षित मानी जाती है। इससे ज़्यादा लंबे समय तक लेना कई समस्याएं खड़ी कर सकता है। इसलिए डॉक्टर या विशेषज्ञ की सलाह के बिना ज़्यादा दिन तक लगातार इसका सेवन न करें।
बालों पर लगाते समय ध्यान रखें:
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तेल या कैप्सूल सीधे स्कैल्प पर ज्यादा मात्रा में न लगाएं
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हमेशा नारियल या किसी हल्के तेल में मिलाकर इस्तेमाल करें
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हफ्ते में 1–2 बार ही पर्याप्त है
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एलर्जी या खुजली हो तो तुरंत इस्तेमाल बंद करें
अन्य दवाओं के साथ विटामिन ई कैप्सूल खाने के नुकसान
अक्सर लोग विटामिन ई कैप्सूल को सुरक्षित मानकर किसी भी दवा के साथ लेना शुरू कर देते हैं। लेकिन ध्यान रहे, कुछ दवाओं के साथ यह मिलकर दिक्कतें खड़ी कर सकता है। इसलिए जानिए किन दवाओं के साथ खास सावधानी रखनी चाहिए।
किन दवाओं के साथ समस्या हो सकती है?
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साइक्लोस्पोरिन: अगर आप यह दवा ले रहे हैं और साथ में विटामिन ई की ज्यादा खुराक लेते हैं, तो इसका असर और साइड इफेक्ट दोनों बढ़ सकते हैं।
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जिगर से जुड़ी दवाएं: विटामिन ई लीवर के काम को प्रभावित कर सकता है, जिससे इन दवाओं का असर बदल सकता है।
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कैंसर की दवाएं: विटामिन ई में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट गुण कैंसर की कुछ दवाओं की ताकत को कम कर सकते हैं।
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खून पतला करने वाली दवाएं (जैसे वारफारिन): विटामिन ई खुद भी खून पतला करता है। इसलिए इन्हें साथ लेने से ब्लीडिंग का खतरा बहुत बढ़ जाता है।
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नियासिन और सिमवास्टेटिन: ये दवाएं अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाती हैं, लेकिन विटामिन ई इन्हें कमज़ोर कर सकता है।
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कुछ खास एंटीबायोटिक्स: खासकर कैंसर इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं पर विटामिन ई का असर पड़ सकता है।
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सेल्युमेटिनिब (Koselugo): इस दवा में पहले से ही विटामिन ई मौजूद होता है। ऊपर से सप्लीमेंट लेने पर खुराक ज़रूरत से ज्यादा हो जाती है और ब्लीडिंग का खतरा बढ़ जाता है।
नतीजा
अगर आप किसी भी तरह की दवा ले रहे हैं, तो विटामिन ई कैप्सूल शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें। इससे आप विटामिन ई कैप्सूल के फायदे उठा सकेंगे और नुकसानों से बच सकेंगे।
विटामिन ई से भरपूर भोजन
विटामिन ई कैप्सूल के फायदे और नुकसान तो आपने जान लिए, लेकिन इसे प्राकृतिक रूप से भी पाया जा सकता है। हमारे रोज़मर्रा के खाने में कई ऐसी चीज़ें हैं जिनमें विटामिन ई की अच्छी मात्रा होती है। इनका सेवन करने से शरीर को ज़रूरी पोषण मिलता है और बालों व त्वचा की सेहत भी बेहतर होती है।
आहार स्रोत |
विटामिन ई और अन्य फायदे |
सूरजमुखी के बीज |
विटामिन ई और मैग्नीशियम से भरपूर, स्नैक या टॉपिंग के लिए बेहतरीन |
मूंगफली |
स्वादिष्ट स्नैक, एंटीऑक्सिडेंट और स्वस्थ वसा के साथ |
सूखे खुबानी |
विटामिन ई का अच्छा स्रोत, हेल्दी नाश्ता या सलाद में शामिल |
पालक |
विटामिन ई और अन्य पोषक तत्व, सलाद या सब्ज़ी में आसान उपयोग |
जैतून का तेल |
विटामिन ई से भरपूर, ड्रेसिंग और डिप्स के लिए आदर्श |
गेहूं के बीज का तेल |
विटामिन ई का सबसे समृद्ध स्रोत, पकवानों में इस्तेमाल |
बादाम |
स्नैक, बादाम दूध या मक्खन के रूप में बेहतरीन विकल्प |
एवोकैडो |
कम कार्ब, विटामिन ई और स्वस्थ वसा का स्रोत |
हेज़लनट्स |
विटामिन ई और अन्य ज़रूरी पोषक तत्वों से भरपूर |
ब्रोकोली |
विटामिन ई के साथ-साथ प्रोटीन और हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी |
टमाटर |
आसानी से उपलब्ध, सलाद, सूप और सॉस में उपयोगी |
इन आहार स्रोतों को अपनी डाइट में शामिल करके आप स्वाभाविक रूप से विटामिन ई पा सकते हैं। इससे न केवल आपकी समग्र सेहत सुधरेगी बल्कि बाल और त्वचा भी लंबे समय तक स्वस्थ रहेंगे।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (Frequently Asked Questions)
विटामिन ई क्या है?
विटामिन ई कैप्सूल के फायदे है क्युकी इनमे एंटीऑक्सिडेंट से भरे चार वसा में घुलनशील विटामिन में से एक है। यह अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह आपके शरीर में हानिकारक अणुओं से लड़ता है जिन्हें मुक्त कण कहा जाता है, जो कोशिकाओं और मस्तिष्क कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं। आयरन की कमी के कारण बालों के झड़ने के इलाज के लिए विटामिन ई विशेष रूप से सहायक है। यह आपकी श्वास, प्रतिरक्षा, अस्थमा, दृष्टि और हृदय स्वास्थ्य के प्रबंधन में एक बड़ी भूमिका निभाता है। यह आपकी त्वचा और बालों के लिए भी बहुत अच्छा है।
विटामिन ई कैप्सूल के फायदे बालों के लिए?
बालों के विकास को बनाए रखने पर विटामिन ई का एक निश्चित एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव होता है, यह एंटीऑक्सिडेंट गुण बालों के रोम को ऑक्सीडेटिव तनाव और कट्टरपंथी मुक्त रखने में मदद करता है जो कूप को टूटने का कारण बनता है। विटामिन ई आपके स्कैल्प और बालों के लिए अच्छा हो सकता है क्योंकि यह एक प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है। इसका मतलब है कि यह आपके बालों को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। इसकी एंटीऑक्सीडेंट शक्तियां तनाव और हानिकारक पदार्थों से होने वाले नुकसान को कम कर सकती हैं जो स्कैल्प में आपके बालों के रोम को कमजोर बनाती हैं।
विटामिन ई कैप्सूल बालों में लगाने से क्या होता है?
विटामिन ई एक स्वस्थ स्कैल्प और बालों का समर्थन करने में मदद कर सकता है क्योंकि इसमें प्राकृतिक एंटीऑक्सिडेंट प्रभाव होते हैं जो बालों के विकास को बनाए रखने में सहायता कर सकते हैं। विटामिन के एंटीऑक्सिडेंट गुण ऑक्सीडेटिव तनाव और मुक्त कणों की मात्रा को कम करने में मदद कर सकते हैं जो किसी व्यक्ति की स्कैल्प में बाल कूप कोशिकाओं को तोड़ने का कारण बनते हैं।
बालों पर विटामिन ई कैप्सूल कब तक लगाना है?
नमी की आवश्यकता होने पर बालों पर विटामिन ई लगाया जाना चाहिए क्योंकि यह स्कैल्प पर एक सुरक्षात्मक बाधा बनाता है और विटामिन ई की कमी के कारण त्वचा सूखी और खुजली भी हो सकती है।
क्या विटामिन ई से बाल झड़ सकते हैं?
विटामिन ई स्वस्थ स्कैल्प और बालों के लिए आवश्यक है, यह गुण स्कैल्प की नमी की सुरक्षा में मदद करता है लेकिन किसी भी पूरक का अधिक उपयोग बुरे दुष्प्रभाव पैदा कर सकता है।
विटामिन ई कैप्सूल रोज खा सकते हैं क्या?
रोजाना विटामिन ई कैप्सूल का सेवन करना सुरक्षित है, लेकिन सीमित खुराक में और केवल तभी जब यह आवश्यक हो और यदि आपका आहार विटामिन ई आरडीए से नीचे आता है
विटामिन ई के कैप्सूल खाने से क्या नुकसान होता है?
विटामिन ई को उच्च खुराक या लंबे समय तक लेने पर दुष्प्रभाव हो सकते हैं। इन स्थितियों में, मतली, दस्त, पेट में ऐंठन, थकान, चक्कर आना, धुंधली दृष्टि और सिरदर्द शायद ही कभी हो सकता है।
विटामिन ई कैप्सूल कितने दिनों तक खाना चाहिए?
विटामिन ई कैप्सूल या बूंदों में मौखिक पूरक के रूप में भी उपलब्ध है। विटामिन ई की कमी से तंत्रिका दर्द (न्यूरोपैथी) हो सकता है। वयस्कों के लिए विटामिन ई की अनुशंसित दैनिक मात्रा एक दिन में 15 मिलीग्राम है।
विटामिन ई कैप्सूल खाने से क्या होता है शरीर में?
विटामिन ई कैप्सूल आपके शरीर में विटामिन ई के निम्न स्तर का इलाज करते हैं। यह विटामिन आपकी कोशिकाओं की रक्षा करता है और आपके अंगों के स्वास्थ्य को बनाए रखता है। आप इन कैप्सूल या गोलियों को एक गिलास पानी के साथ मुंह से ले सकते हैं। जब आप इसे भोजन के साथ लेते हैं तो यह दवा सबसे अच्छा काम कर सकती है।
अगर मैं रोजाना विटामिन ई की गोलियां खाऊं तो क्या होगा?
आपको एक विविध और संतुलित आहार खाने से आवश्यक विटामिन ई की मात्रा प्राप्त करने में सक्षम होना चाहिए। यदि आप विटामिन ई की खुराक लेते हैं, तो बहुत अधिक न लें क्योंकि यह हानिकारक हो सकता है। विटामिन ई की खुराक के एक दिन में 540 मिलीग्राम (800 आईयू) या उससे कम लेने से कोई नुकसान होने की संभावना नहीं है।
विटामिन ई कैप्सूल कब खाना चाहिए?
विटामिन ई कैप्सूल आमतौर पर खाने के बाद लिया जाता है, खासकर फैट युक्त भोजन के साथ, ताकि यह अच्छे से अवशोषित हो सके। डॉक्टर की सलाह के अनुसार सुबह या रात किसी भी समय ले सकते हैं, लेकिन सही डोज़ और जरूरत के हिसाब से ही इसका सेवन करें
REFERENCES
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8 Unique benefits of Vitamin E
https://www.healthline.com -
Everything you should know about Oxidative stress
https://www.healthline.com -
The Role of Vitamin E in Human Health and Some Diseases
https://www.ncbi.nlm.nih.gov