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Pre and Probiotic Capsules uses in Hindi


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आजकल अचानक से एक ट्रेंड चल निकला है कि बीमारी कोई भी हो, बस Pre and Probiotic capsules का इस्तेमाल कर लो सब ठीक हो जायेगा। सर्दी, जुखाम, सिरदर्द से लेकर कई गंभीर बीमारियों के इलाज में भी प्रोबायोटिक्स और प्रोबायोटिक कैप्सूल्स के सेवन के बारे में अक्सर कहा जाता है। लेकिन क्या यह सच है? क्या यह हर बीमारी के इलाज में कारगर है? 

इस ब्लॉग में हम इसी विषय की सत्यता की जांच करने के साथ साथ ही आपको बताएंगे कि प्रोबायोटिक और प्रोबायोटिक कैप्सूल क्या होता है, इसके क्या फायदे और नुकसान हैं, इसका सेवन कैसे किया जाना चाहिए आदि। साथ ही इससे जुड़ी कुछ मिथक हैं जिसकी सच्चाई भी Pre and Probiotic capsules uses in Hindi ब्लॉग में सामने आएगी। 


प्रीबायोटिक और प्रोबायोटिक क्या है (Pre and Probiotic capsule in Hindi)

प्रोबायोटिक शरीर में मौजूद जीवित सूक्ष्मजीव हैं जो शरीर पर लाभकारी प्रभाव डालते हैं। ये हमारे शरीर खासकर कि आंतों में हमेशा मौजूद होते हैं और कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं। तो वहीं प्रीबायोटिक भोजन में पाए जाने वाले यौगिक होते हैं जो आंतों में मौजूद लाभकारी बैक्टीरिया या सूक्ष्मजीवों के लिए भोजन के रूप में कार्य करते हैं। यह लाभकारी सूक्ष्मजीवों को बढ़ने और कार्य करने में मदद करते हैं।

अब आइए बेहद आसान भाषा में समझते हैं। आपके पेट में कई तरह के सूक्ष्मजीव जैसे बैक्टीरिया और ईस्ट मौजूद होते हैं। ये सूक्ष्मजीव अच्छे और बुरे दोनों होते हैं। यानि कुछ सूक्ष्मजीव आपके शरीर को फायदे प्रदान करते हैं तो कुछ नुकसान भी। जो सूक्ष्मजीव जैसे बैक्टीरिया आपके शरीर को फायदे पहुंचाते हैं उन्हें हम प्रोबायोटिक जीव कहते हैं।

अब इन जीवों को भी अच्छे से कार्य करने के लिए, सुचारू रूप से शरीर की मदद करने के लिए भोजन चाहिए। इन्हें बढ़ने और तेजी से विकास करने के लिए इन्हें भी हमारी तरह ही भोजन की आवश्यकता होती है। जिस भोजन की आवश्यकता इन्हें होती है उसे ही हम प्रीबायोटिक कहते हैं। तो इस तरह प्रोबायोटिक आंतों में मौजूद अच्छे सूक्ष्मजीव और प्रीबायोटिक उनका भोजन। उम्मीद है आप Prebiotic and Probiotic in Hindi का कांसेप्ट समझ गए होंगे।


प्रीबायोटिक और प्रोबायोटिक कैप्सूल क्या है (What is Prebiotic and Probiotic Capsules)

प्रीबायोटिक कैप्सूल शरीर में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया के विकास और उनके कार्य को बढ़ावा देने के लिए एक फूड सप्लीमेंट है जिसमें आमतौर पर फाइबर स्रोत शामिल होते हैं तो वहीं, प्रोबायोटिक कैप्सूल में जीवित बैक्टीरिया होते हैं जो आंतों में अच्छे बैक्टीरिया की संख्या में इजाफा करते हैं। यानि प्रोबायोटिक्स कैप्सूल सीधे नए अच्छे बैक्टीरिया जोड़ते हैं, जबकि प्रीबायोटिक्स कैप्सूल मौजूदा बैक्टीरिया के विकास में सहायता करते हैं।

प्रोबायोटिक्स कैप्सूल का सेवन आमतौर पर विशिष्ट पाचन समस्याओं या प्रतिरक्षा संबंधी दिक्कतों को दूर करने के लिए किया जाता है तो वहीं प्रीबायोटिक्स कैप्सूल व्यापक आंत स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकते हैं और संभावित रूप से प्रोबायोटिक्स के प्रभाव को नियंत्रित कर सकते हैं। तो इस तरह आपने समझा कि ये दोनों कैप्सूल क्या हैं और इनका सेवन क्यों किया जाता है। आइए अब विस्तार से Pre and Probiotic capsules uses in Hindi पर बात करते हैं।



Pre and Probiotic capsules uses in Hindi (प्रीबायोटिक और प्रोबायोटिक कैप्सूल के फायदे)

आपने विस्तार से जाना कि प्रीबायोटिक और प्रोबायोटिक कैप्सूल क्या होते हैं और इनका महत्व हमारे शरीर के लिए क्या है। आइए अब इन दोनों के फायदों को समझते हैं और जानते हैं कि ये कैप्सूल हमारी किस प्रकार से मदद कर सकते हैं। ये दोनों ही कैप्सूल हमारे शरीर पर लगभग एक जैसा ही प्रभाव डालते हैं और शरीर पर एक जैसे ही फायदे प्रदर्शित करते हैं।


1. पाचन स्वास्थ्य को बेहतर करता है (Improves digestive health)

प्रोबायोटिक कैप्सूल का सबसे प्रमुख फायदा होता है पाचन स्वास्थ्य को लेकर। इसके सेवन से हमारा पाचन स्वास्थ्य सुधरता है और भोजन को पचाने में भी आसानी होती है। जब आप इसका सेवन करते हैं तो यह आंतों में मौजूद अच्छे और बुरे बैक्टीरिया के संतुलन को बनाए रखने का कार्य करता है। आंतों में दोनों ही प्रकार के बैक्टीरिया का संतुलन हमारे पाचन तंत्र के लिए जरूरी होता है।

इनके संतुलन से हमारे शरीर को कई फायदे प्राप्त होते हैं। उदाहरण के तौर पर इससे पेट में गैस बनने की समस्या दूर होती है, सूजन कम होता है, अपच की समस्या दूर होती है। इसके सेवन से भोजन सही ढंग से पचता है और पाचन तंत्र से संबंधित कई समस्याओं से छुटकारा मिलता है।


2. इम्यून सिस्टम मजबूत बनाता है (Strengthens the immune system)

प्रोबायोटिक कैप्सूल का दूसरा फायदा होता है हमारे इम्यून सिस्टम यानि प्रतिरक्षा प्रणाली को लेकर। यह हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है जिससे हमारा शरीर कई गंभीर रोगों से लड़ने में क्षमतावान बनता है। कैसे? आसान भाषा में समझते हैं। जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया, शरीर में अच्छे और बुरे दोनों प्रकार के सूक्ष्मजीव मौजूद हैं। प्रोबायोटिक इन अच्छे बैक्टीरिया को ट्रेनिंग देता है ताकि वो खराब बैक्टीरिया से लड़ सकें और साथ ही, किसी भी प्रकार के सूजन को कम कर सकें।

इसके अलावा, प्रोबायोटिक्स कैप्सूल मौजूदा अच्छे जीवाणुओं के पनपने के लिए एक अच्छा वातावरण बनाते हैं, जिससे पेट का स्वास्थ्य बेहतर होता है जोकि इम्यून सिस्टम को सीधे तौर पर प्रभावित करता है। साथ ही यह शरीर में सफेद रक्त कोशिकाओं यानि white blood cells को बढ़ावा देती हैं जोकि इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए काफी आवश्यक होता है।


3. मानसिक स्वास्थ्य बेहतर करते हैं (Helps Improve mental health)

प्रोबायोटिक कैप्सूल का अगला कार्य है मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर करने का। Healthline के अनुसार, Lactobacillus और Bifidobacterium बैक्टीरिया मानसिक स्वास्थ्य के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं। Lactobacillus बैक्टीरिया डोपामिन को बढ़ाकर एंजाइटी यानि चिंता को कम करता है। साथ ही यह इन्फ्लेमेशन को भी ठीक करता है जोकि चिंता का एक कारण होती है। 

तो वहीं दूसरी तरफ Bifidobacterium longum कोर्टिसोल को कम करके और अवसादरोधी के रूप में कार्य करके चिंता कम करने में मदद करता है। साथ ही शोध यह भी बताते हैं कि हमारा मानसिक स्वास्थ्य हमारे पेट या आंत के स्वास्थ्य से जुड़ा होता है जिसे gut-brain axis भी कहा जाता है। ऐसे में अगर आप प्रोबायोटिक्स कैप्सूल का सेवन करते हैं तो मूड बेहतर करने, चिंता कम करने और अवसाद के जोखिमों को कम करने में मदद मिलती है।


4. डायरिया की समस्या को दूर करने में मदद करता है (Eliminates the problem of diarrhea)

डायरिया पेट से संबंधित बीमारी है जिसमें मल पतला आता है, पेट में दर्द होता है, मल में खून और बलगम आना आम लक्षण हैं। ऐसे में इस समस्या को दूर करने में भी डायरिया मदद कर सकता है। कई बार डायरिया का एक प्रमुख कारण एंटीबायोटिक्स का सेवन होता है, ऐसे में जब आप प्रोबायोटिक्स कैप्सूल का सेवन करते हैं तो एंटीबायोटिक कैप्सूल की वजह से होने वाले नुकसान की भरपाई होती है।

दरअसल एंटीबायोटिक्स आंतों में अच्छे और बुरे बैक्टीरिया के संतुलन को खराब कर देता है। ऐसे में प्रोबायोटिक्स कैप्सूल आंतों में हुए इस असंतुलन को ठीक करता है जिससे डायरिया की समस्या दूर होती है। डायरिया की समस्या को दूर करने के लिए प्रोबायोटिक्स में मौजूद Lactobacillus rhamnosus, Lactobacillus casei और yeast Saccharomyces boulardii मदद करते हैं।


5. वजन घटाने में मदद कर सकता है (Can help in weight loss)

प्रोबायोटिक्स के फायदे आपके वजन को कम करने के लिए हैं। वजन बढ़ना या मोटापा कई दिक्कतों को अपने साथ लेकर आता है जैसे हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, थकान, कमजोरी इत्यादि। ऐसे में प्रोबायोटिक्स कैप्सूल का सेवन आपके वजन को घटाकर इन दिक्कतों को भी दूर कर सकता है। उदाहरण के तौर पर कुछ प्रोबायोटिक्स आंत में आहार वसा के अवशोषण को रोकते हैं। इससे शरीर में फैट यानी वसा स्टोर नहीं होता जिससे मोटापा दूर करने में मदद मिलती है।

ऐसे में अगर आप मोटापा की समस्या से जूझ रहे हैं तो डॉक्टर की सलाह के पश्चात इसका सेवन कर सकते हैं। एक से दो महीने के नियमित इस्तेमाल से आपको खुद ब खुद फर्क समझ में आने लगेगा। प्रोबायोटिक्स शरीर में प्रोटीन के स्तर को भी बढ़ाते हैं जोकि फैट को जलाने में प्रभावी माना गया है।


6. हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है (Beneficial for heart health)

प्रीबायोटिक और प्रोबायोटिक कैप्सूल के फायदे आपके हृदय के लिए भी हैं। नियमित रूप से इन दोनों कैप्सूलों का सेवन करने से हृदय का स्वास्थ्य बेहतर बनता है और हृदय संबधित बीमारियों जैसे हार्ट अटैक का जोखिम कम होता है। इन कैप्सूल्स को शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को घटाने में प्रभावी पाया गया है। Lactobacillus reuteri और Bifidobacterium animalis lactis खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करते हैं। 

इसके साथ ही, यह शरीर में उच्च रक्तचाप को भी नियंत्रित करता है जोकि हार्ट अटैक का एक प्रमुख कारण है। कुछ प्रोबायोटिक्स रक्त वाहिका के लोच को भी बढ़ा सकते हैं, जिससे परिसंचरण प्रभावित हो सकता है। ये हृदय और रक्त वाहिकाओं में सूजन को भी कम करते हैं जिससे रक्त प्रवाह सुचारू रूप से होता है।


7. त्वचा स्वास्थ्य को सुधारने में सहायक है (Helpful in improving skin health)

प्रोबायोटिक और प्रीबायोटिक्स टैबलेट के फायदे त्वचा के लिए भी हैं। अगर आप रूखी और बेजान त्वचा, मुंहासे, झुर्रियों, उम्र बढ़ने के अन्य लक्षणों से परेशान हैं तो इन कैप्सूल्स का सेवन आपकी काफी मदद कर सकता है। उदाहरण के तौर पर, Nitrosomonas eutropha और Lactobacillus buchneri उम्र बढ़ने के लक्षणों को कम करते हैं।

वहीं Streptococcus thermophiles, Enterococcus faecalis और Streptococcus salivarius एक्ने और पिंपल्स की समस्या दूर करने में मदद करते हैं। गोली और सामयिक दोनों रूपों में प्रोबायोटिक्स का उपयोग करने से एक्जिमा, मुँहासे, शुष्क त्वचा और यूवी-किरणों से हुई त्वचा क्षति सहित त्वचा की अन्य कई स्थितियों को रोकने और उनका इलाज करने में मदद मिल सकती है।


8. बालों के विकास में मदद करते हैं (Helps in hair growth)

बालों के स्वस्थ विकास के लिए जरुरी है कि आपके सिर की त्वचा स्वस्थ हो। ऐसे में प्रोबायोटिक्स लाभकारी बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा देकर और हानिकारक बैक्टीरिया को रोककर सिर की त्वचा के प्राकृतिक संतुलन को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं, जो रूसी या तैलीय सिर की त्वचा जैसी स्थितियों में योगदान कर सकते हैं। 

खासतौर पर Lactobacillus acidophilus प्रोबायोटिक कैप्सूल बालों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में काफी मदद करता है। साथ ही यह सिर की त्वचा में होने वाले सूजन को भी कम करता है जिससे बालों का झड़ना कम हो सकता है। लेकिन बालों का विकास न होना या बाल झड़ने के कई कारण हो सकते हैं और बिना कारण जाने इलाज करना हानिकारक भी हो सकता है इसलिए हम आपको सबसे पहले Traya Hair Test का सुझाव देते हैं। इससे बाल झड़ने के सही कारणों का पता चलता है जिससे सही इलाज संभव हो पाता है।


प्रोबायोटिक और प्रीबायोटिक के स्रोत क्या हैं (What are the sources of probiotic and prebiotic)

कई ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जिनकी मदद से हमें आसानी से Prebiotics की प्राप्ति हो सकती है। आइए जानते हैं कि प्रीबायोटिक्स प्राप्त करने के लिए किन खाद्य पदार्थों का सेवन महत्वपूर्ण हो जाता है:

  • ‌दही
  • ‌केला, सेब और खट्टे फल 
  • ‌हरी पत्तेदार सब्जियां
  • ‌सेम, दाल और मटर
  • ‌साबूत अनाज

साथ ही आप खाद्य पदार्थों के ही मदद से प्रोबायोटिक्स यानि जीवित सहायक सूक्ष्मजीवों की प्राप्ति किन खाद्य पदार्थों से कर सकते हैं:

  • ‌दही
  • ‌केफिर
  • ‌खट्टी गोभी
  • ‌किमची
  • ‌कोंबुचा

इसके अलावा, आप डॉक्टर की सलाह के पश्चात prebiotic and probiotic capsules uses in Hindi भी कर सकते हैं। ये कैप्सूल्स आपको आसानी से मेडिकल स्टोर्स पर मिल जायेंगे। अगर आपको खाद्य पदार्थों से प्रोबायोटिक्स और प्रीबायोटिक्स की प्राप्ति नहीं हो रही है तो आप इनके कैप्सूल्स को सप्लीमेंट के तौर पर ले सकते हैं।


प्री और प्रोबायोटिक्स कैप्सूल्स के नुकसान (Disadvantages of pre and probiotic capsules)

जहां एक तरफ प्रीबायोटिक्स और प्रोबायोटिक्स कैप्सूल के फायदे हैं तो वहीं इसके कुछ नुकसान भी हैं। हालांकि आमतौर पर यह सुरक्षित होता है लेकिन कुछेक साइड इफेक्ट्स आपको देखने को मिल सकते हैं। वे साइड इफेक्ट्स हैं:

  • ‌पेट दर्द
  • ‌पेट फूलना
  • ‌एलर्जी
  • ‌अचानक से प्यास का बढ़ना
  • ‌हल्का धुंधला दिखाई देना

अगर आपको इनमे से कोई भी साइड इफेक्ट्स इन कैप्सूल्स के सेवन की वजह से दिखाई देते हैं तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें और उन्हें साइड इफेक्ट्स के बारे में अवगत कराएं। गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसका सेवन बिना डॉक्टर की परामर्श के कदापि नहीं करना चाहिए।


प्रोबायोटिक और प्रीबायोटिक कैप्सूल से जुड़े मिथक (Myths related to probiotic and prebiotic capsules)

Pre and Probiotic capsules uses in Hindi से जुड़ी कई मिथक हैं जिनकी सच्चाई जाननी जरूरी है। धीरे धीरे इसका सेवन नए जेनरेशन के लोग अधिकाधिक कर रहे हैं ऐसे में कुछ बातों का सत्यापन जरुरी है। तो चलिए कुछ दावों का Fact Check करते हैं।


Myth 1. सभी प्रोबायोटिक कैप्सूल्स एक जैसे होते है (All probiotic capsules are the same)

यह बिल्कुल गलत है कि सभी प्रोबायोटिक कैप्सूल्स एक जैसे होते हैं। प्रोबायोटिक्स के कई प्रकार हैं और हर कैप्सूल्स में अलग अलग खूबियां होती हैं जो अलग अलग समस्याओं का समाधान करती हैं। इसके अलावा, यह भी होता है कि हर व्यक्ति के लिए यह समान रूप से प्रभावी भी नहीं है। हर व्यक्ति पर इसका प्रभाव अलग अलग हो सकता है।


Myth 2. प्रोबायोटिक कैप्सूल किसी भी समस्या का निवारण कर सकते हैं (Probiotics are the solution to all physical problems)

ऐसा माना जाता है कि प्रोबायोटिक्स टैबलेट्स का सेवन हर छोटी बड़ी बीमारियों से निजात दिला सकता है लेकिन यह दावा बिल्कुल गलत है। हालांकि इसके कई फायदे हैं लेकिन यह हर बीमारी का इलाज बिलकुल भी नहीं है। इन्हें बस एक स्वास्थ्य लाइफस्टाइल को बनाए रखने के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए न कि किसी बीमारी के इलाज के लिए।


Myth 3. प्रोबायोटिक्स का सेवन जीवनपर्यंत करना चाहिए (Probiotics should be taken throughout life)

ऐसा जरूरी नहीं है! आप चाहें तो इसका सेवन जीवनपर्यंत कर सकते हैं लेकिन यह बिलकुल भी आवश्यक नहीं है। इसके अलावा, यह व्यक्ति दर व्यक्ति फायदे भी अलग ढंग से प्रदर्शित करता है। कुछ लोगों में यह स्वास्थ्य संबंधित फायदे कम समय में ही दिखलाने लगता है तो वहीं कुछ व्यक्तियों में काफी समय लग जाता है।


Myth 4. दही का सेवन करो, सभी प्रोबायोटिक पाओ (Eat Yogurt, Get All the Probiotics)

यह स्कीम सुनने में भले ही सुहावनी लग रही हो, पर यह सच नहीं है। सिर्फ और सिर्फ दही के सेवन से आप हर प्रकार के प्रोबायोटिक्स नहीं प्राप्त कर सकते हैं। दही के साथ साथ आपको अन्य कई खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए और जरूरत पड़े तो इसका सप्लीमेंट लेने के बारे में भी सोचना चाहिए। 


Myth 5. अगर एंटीबायोटिक्स ले रहे हैं तभी प्रोबायोटिक्स लें (Take probiotics only if you are consuming antibiotics)

ऐसा बिल्कुल भी जरुरी नहीं है। आप चाहे एंटीबायोटिक्स ले रहे हैं या नहीं, इससे फर्क नहीं पड़ता है। आप बिना एंटीबायोटिक्स के सेवन के भी प्रोबायोटिक्स का सेवन कर सकते हैं। एंटीबायोटिक्स आंतों में अच्छे और बुरे बैक्टीरिया के संतुलन को अवश्य खराब कर देते हैं, ऐसे में प्रोबायोटिक्स जरूरी हो सकता है लेकिन एंटीबायोटिक्स का सेवन न करने वाले व्यक्ति भी प्रोबायोटिक्स का सेवन कर सकते हैं।


निष्कर्ष (Conclusion)

Pre and Probiotic capsules uses in Hindi कई हैं जैसे कि यह डायरिया की समस्या को दूर करता है, हृदय स्वास्थ्य बेहतर करता है, बालों का झड़ना रोकता है, त्वचा संबंधित बीमारियां दूर होती हैं, वजन घटाने में सहायक है, मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालता है, पाचन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है।

ऐसे में आपको अवश्य ही अपने डॉक्टर की सलाह के पश्चात इसका सेवन करना चाहिए। इसका सेवन कब और कैसे करें यह हर व्यक्ति पर अलग अलग हो सकता है इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि सबसे पहले डॉक्टर से परामर्श लें। आमतौर पर प्रोबायोटिक कैप्सूल के साइड इफेक्ट्स नहीं होते हैं लेकिन अगर आप किसी साइड इफेक्ट को महसूस करें तो डॉक्टर से संपर्क करें।


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (Frequently Asked Questions)

1. प्री और प्रोबायोटिक कैप्सूल का क्या उपयोग है?

प्री और प्रोबायोटिक्स कैप्सूल्स डायरिया की समस्या दूर करते हैं, इम्यून सिस्टम मजबूत बनाते हैं, पाचन तंत्र ठीक करके पाचन क्रिया सुधारते हैं, हृदय स्वास्थ्य बेहतर बनता है, मानसिक स्वास्थ्य सुधरता है, तनाव से मुक्ति मिलती है, बालों और त्वचा के स्वास्थ्य के लिए भी यह महत्वपूर्ण है।


2. प्रोबायोटिक कैप्सूल कब खाना चाहिए?

आमतौर पर प्रोबायोटिक कैप्सूल का सेवन खाली पेट ब्रेकफास्ट के बाद करना चाहिए। हालांकि बिना डॉक्टर की परामर्श के इसका सेवन हानिकारक साबित हो सकता है इसलिए सही समय और सेवन के तरीके को जानने के लिए डॉक्टर की परामर्श लें।


3. क्या औरत को रोजाना प्रोबायोटिक लेना चाहिए?

जी हां, औरतों के लिए भी प्रोबायोटिक कैप्सूल काफी फायदेमंद है लेकिन सबका शरीर और स्वास्थ्य का स्तर अलग अलग है। इसलिए हम आपको सुझाव देते हैं कि अगर आप एक महिला हैं तो प्रोबायोटिक कैप्सूल के सेवन से पहले डॉक्टर से सलाह लें।


4. क्या दही में प्रोबायोटिक होते हैं?

दही सहित अन्य कई खाद्य पदार्थों में प्रोबायोटिक पाया जाता है। दही, केफिर, खट्टी गोभी, खमीर, किमची और कोंबूचा में प्रोबायोटिक की मात्रा भरपूर होती है।


References

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Dr. Shailendra Chaubey, BAMS

Ayurveda Practioner

A modern-day Vaidya with 11 years of experience. He is the founder of Dr. Shailendra Healing School that helps patients recover from chronic conditions through the Ayurvedic way of life.

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