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भृंगराज के 13 फायदे और नुकसान | Bhringraj Benefits for Hair, Side Effects & Uses In Hindi


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आज से पहले आपने कई बार भृंगराज के बारे में सुना होगा। खासतौर पर जब बात बालों को पोषण देने, उन्हें लंबा करने, घना बनाने की हो तो इसकी चर्चा जरूर होती है। परंतु क्या आपको पता है कि Bhringraj Ke Fayde सिर्फ बालों के लिए ही नहीं बल्कि त्वचा, पेट, लीवर, किडनी आदि के लिए भी है? जी हां, भृंगराज ढेरों औषधीय गुणों से युक्त एक स्वास्थ्यवर्धक औषधि है जिसका इस्तेमाल करके आप कई रोगों से छुटकारा पा सकते हैं। 

सबसे खास बात तो यह है कि इसकी गिनती उन चुनिंदा जड़ी बूटियों में होती है जिसके हर भाग का इस्तेमाल औषधीय कारणों से होता है। इसके फूल, पत्तियां, तनें, जड़ें सबका इस्तेमाल किसी न किसी रोग के उपचार के लिए किया जाता है। आप इस miracle herb के बारे में अच्छे से जान सकें इसलिए ही हमने bhringraj benefits के इस ब्लॉग को तैयार किया है।  इस ब्लॉग के माध्यम से हम आपको इसके फायदे, नुकसान, इसकी तासीर, इसके उपयोग आदि पर विस्तारपूर्वक जानकारी देंगे। 


भृंगराज क्या है (What is Bhringraj)

भृंगराज एक औषधीय जड़ी बूटी है जो बालों के साथ साथ कई शारीरिक स्वास्थ्य सम्बन्धित लाभ प्रदान करता है। भारत में इसे केशराज के नाम से भी जाना जाता है तो वहीं इसका दूसरा नाम एक्लिप्टा एल्बा भी है। इसका पौधा झाड़ीनुमा होता है और यह आमतौर पर भारत, चीन, थाइलैंड और ब्राजील में पाया जाता है। आमतौर पर इसका इस्तेमाल बालों और त्वचा के लिए किया जाता है। 

भृंगराज सदियों से इस्तेमाल किया जाता रहा है। प्राचीन आयुर्वेद ग्रंथ जैसे चरक संहिता, सुश्रुत संहिता और अष्टांग हृदय में भी इसका उल्लेख मिलता है। हालांकि इसके फायदों को देखते हुए आधुनिक चिकित्सा ने भी इसे अपना लिया है और लगातार इसके फायदों पर शोध भी जारी है। इसमें एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटी बैक्टिरियल और एंटी फंगल गुण पाए जाते हैं। आगे हम विस्तार से Bhringraj Ke Fayde पर बात करेंगे।


भृंगराज के फायदे क्या हैं (Bhringraj Ke Fayde)

अब हम विस्तार से भृंगराज के फायदे पर बात करेंगे और जानेंगे कि यह किस प्रकार विभिन्न रोगों को दूर करने में मदद करता है। भृंगराज के फायदे के साथ ही, हम इसके विभिन्न उपयोग विधि की जानकारी भी आपको देने जा रहे हैं ताकि आप इसका सही उपयोग कर निर्धारित फायदे प्राप्त कर सकें।

 

1. बालों की समस्या में रामबाण है भृंगराज (Bhringraj is important for hair problems)

भृंगराज बालों की समस्या को दूर करने में रामबाण माना जाता है। बल्कि भृंगराज का इस्तेमाल सबसे ज्यादा बालों से संबंधित समस्याओं को दूर करने के लिए ही किया जाता है। झड़ते बाल, बालों में रूसी, गंजापन, सफेद बाल, डैंड्रफ जैसी कई समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है। अगर आप लंबे, घने, मुलायम और सिल्की बाल चाहते हैं तो भृंगराज का इस्तेमाल अवश्य ही करें।

उपयोग विधि: सबसे पहले आपको भृंगराज के कुछ पत्ते लेने हैं और साथ में नारियल का तेल। इन दोनों को आप एक साथ आग पर पका लें और फिर छानकर आप बचे हुए तेल को बालों की जड़ों पर इस्तेमाल करें। हालांकि इससे भी बेहतर है कि आप Traya Hair Ras सप्लीमेंट का इस्तेमाल करें क्योंकि इसमें न सिर्फ असली भृंगराज की शक्ति है बल्कि साथ ही, इसके इस्तेमाल से हजारों लोगों ने बालों से जुड़ी समस्याओं से छुटकारा पाया है। 

2. त्वचा को स्वस्थ और आकर्षक बनाए भृंगराज (Bhringraj makes skin attractive)

बालों के साथ साथ त्वचा के लिए भी भृंगराज बड़े फायदे की चीज है। इसके नियमित इस्तेमाल से त्वचा खिल उठती है, त्वचा से अशुद्धियां दूर होती हैं और साथ ही उम्र बढ़ने के लक्षणों में भी कमी हो जाती है। इसका कारण है इसमें मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटी बैक्टिरियल गुण जिससे त्वचा की सूजन दूर होती है, त्वचा से फ्री रेडिकल्स का सफाया होता है और साथ ही, इसका हेपेटोप्रोटेक्टिव गुण त्वचा की प्रदूषण से रक्षा करता है।

उपयोग विधि: भृंगराज के फायदे त्वचा के लिए प्राप्त करने के लिए आप इसका फेस मास्क तैयार कर सकते हैं। इसका फेस पैक तैयार करने के लिए आपको चाहिए इसका पाउडर, दूध, बेसन और शहद। इन चारों का अच्छे से मिश्रण तैयार कर लें। इसके पश्चात चेहरे को साफ पानी से धोने के पश्चात, पूरे चेहरे पर अप्लाई करें। 30 मिनट तक इसे अच्छे से सूखने दें फिर साफ पानी से धो लें।

 

3. आंखों की देखभाल के लिए इस्तेमाल करें भृंगराज (Use Bhringraj for eye care)

भृंगराज का इस्तेमाल आपकी आंखों की देखभाल के लिए भी किया जा सकता है। आंखों में सूजन को दूर करके यह आंखों की रौशनी में सुधार करता है और साथ ही आंखों के संक्रमण को भी रोकता है। इसमें मौजूद एंटी इंफ्लेमेटरी गुण जहां आंखों में सूजन से राहत दिलाते हैं तो वहीं एंटी बैक्टिरियल गुण आंखों के संक्रमण को दूर करते हैं। हालांकि कभी भी इसका इस्तेमाल आपको सीधे आंखों पर नहीं करना चाहिए।

उपयोग विधि: इसके लिए आप भृंगराज के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। भृंगराज तेल आपको आसानी से बाजार में मिल जायेगा। इसकी दो से चार बूंदें अंगुलियों पर लेकर आप आंखों की पुतलियों और आंखों के चारों ओर लगा सकते हैं, आखों के अंदरूनी भाग में इसका कॉन्टैक्ट न होने पाए। रात में आंखों पर लगाने के पश्चात सुबह आप आंखों को साफ पानी से धो सकते हैं। आप भृंगराज की चाय का भी सेवन आंखों के स्वास्थ्य के लिए कर सकते हैं।

 

4. बवासीर की दिक्कत को दूर करे भृंगराज (Bhringraj cures piles)

बवासीर की समस्या बेहद ही तकलीफदेह होती है लेकिन भृंगराज इससे भी आपको राहत दिलाने में मदद करता है। बवासीर की समस्या होने पर मल निकलने में दिक्कत होती है और मलाशय की नसें खींच जाती हैं और उनमें काफी दर्द भी होता है। साथ ही पूरा स्थान सूजन की चपेट में आ जाता है। ऐसे में बवासीर में मौजूद एंटी इंफ्लेमेटरी गुण सूजन को दूर करते हैं तो वहीं इसके अन्य औषधीय गुण बवासीर को खत्म करने में मदद करते हैं।

उपयोग विधि: बवासीर के रोगियों को भृंगराज के जड़ के अर्क में गाय का दूध मिलाकर पेस्ट बना लेना चाहिए। इसके बाद इस पेस्ट को प्रभावित जगहों पर लगाना चाहिए जिससे जलन और सूजन में राहत मिलेगी और साथ ही धीरे धीरे बवासीर की समस्या दूर हो जायेगी।

 

5. लीवर की समस्या में भृंगराज के फायदे (Bhringraj for liver problems)

लीवर की बीमारी जैसे पीलिया की दूर करने में भी भृंगराज काफी फायदेमंद है। इसकी मदद से आप पीलिया जैसी बीमारी से छुटकारा पा सकते हैं। पीलिया एक ऐसी बीमारी है जिसमें आंखें, त्वचा का रंग पीला हो जाता है और साथ ही शरीर में कमजोरी भी हो जाती है। ऐसे में इस रोग से आपको बचाने के लिए इसमें हैपटोप्रोटेक्टिव गुण मौजूद होता है।

उपयोग विधि: अगर आप लीवर से जुड़ी परेशानियों से छुटकारा पाना चाहते हैं तो भृंगराज की पत्तियों और जड़ों के अर्क को पीसकर पानी में मिला लें। इसमें आप थोड़ा शहद भी मिल सकते हैं। इसमें बाद आप इसे छानकर आप टॉनिक की तरह इसे पी सकते हैं। आप पाएंगे कि नियमित रूप से ऐसा करने पर आप लीवर संबंधित दिक्कतों से छुटकारा पा रहे हैं।

 

6. तनाव और चिंता को कम करे भृंगराज (Bhringraj reduces stress and anxiety)

भृंगराज तनाव और चिंता को भी दूर करता है। तनाव और चिंता के लिए मुख्य रूप से एक प्रमुख हार्मोन जिम्मेदार होता है जोकि है Cortisol। ऐसे में भृंगराज का सेवन इस हार्मोन के स्तर को कम करता है और तनाव से मुक्ति दिलाता है। इसमें एंटी-डिप्रेसेंट गुण पाए जाते हैं जिससे आप तनाव से बच जाते हैं।

उपयोग विधि: तनाव और चिंता को कम करने के लिए आप रोजाना एक कप भृंगराज की चाय का सेवन कर सकते हैं। इसे बनाने के लिए आप भृंगराज के पत्तों को उबालकर छान लें उर फिर इसका खाली पेट सेवन कर सकते हैं। इससे आपका पाचन स्वास्थ्य भी बेहतर होगा।

 

7. पाचन स्वास्थ्य को बेहतर बनाए भृंगराज (Bhringraj improves digestive health)

पाचन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए भी भृंगराज फायदेमंद है। भृंगराज के नियमित सेवन से पेट संबंधी विकारों से मुक्ति मिलती है और पाचन स्वास्थ्य सुधरता है। खासतौर पर कब्ज, गैस, अपच जैसी समस्याओं को दूर करने में भृंगराज काफी सहायक है। आयुर्वेद के अनुसार, भृंगराज पाचन अग्नि (जठराग्नि) को उत्तेजित करता है और चयापचय में सहायता करता है। यह अपशिष्ट के उत्सर्जन के साथ-साथ भोजन को अवशोषित और आत्मसात करने में मदद करता है।

उपयोग विधि: पाचन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए आप भृंगराज के चाय का सेवन कर सकते हैं। इसकी चाय बनाना भी काफी आसान है। इसके लिए आप भृंगराज की पत्तियों को पानी में उबाल लें और फिर छानकर अलग कर लें। अब आप इसमें थोड़ी सी शहद मिलाकर इसका सेवन कर सकते हैं। यह आपकी सभी पेट सम्बन्धित दिक्कतों को दूर करेगा। 

 

8. कैंसर के जोखिम को कम करता है (Bhringraj reduces the risk of cancer)

कैंसर एक जानलेवा बीमारी है और इससे भारत सहित दुनिया की एक बड़ी आबादी जूझ रही है। अगर आप इस जानलेवा बीमारी को दूर से ही नमस्कार करना चाहते हैं और मुक्त कणों से अपने सेल्स यानी कोशिकाओं की रक्षा करना चाहते हैं तो भृंगराज के सेवन की सलाह हम आपको देते हैं। भृंगराज में एंटी कैंसर गुण पाए जाते हैं जिसकी वजह से कैंसर के जोखिम को कम करता है। खासतौर पर यह breast cancer के खिलाफ एक असरदार औषधि है।

उपयोग विधि: अगर आप भृंगराज के कैंसर रोधी गुणों को प्राप्त करना चाहते हैं तो इसके चूर्ण को पानी या दूध में मिलाकर रोजाना सेवन कर सकते हैं। इसका चूर्ण आपको आसानी से सुपरमार्केट में मिल जायेगा जिसे आप गाय के दूध में मिलाकर सेवन करते हैं तो यह मुक्त कणों से लड़ता है और कैंसर के जोखिम को कम करता है।


9. अल्जाइमर रोग के जोखिम को कम करता है भृंगराज (Bhringraj reduces the risk of Alzheimer's disease)

भृंगराज अल्जाइमर के रोगियों के लिए भी बड़ी फायदे की चीज है। इसके नियमित सेवन से अल्जाइमर के लक्षण कम होने लगते हैं और उसका इलाज भी धीरे धीरे होने लगता है। इसका कारण है इसमें मौजूद neuroprotective properties जोकि अल्जाइमर रोग के जोखिम को कम करती हैं। कई शोधों में यह पाया गया है कि अगर अश्वगंधा के साथ मिलाकर इसे अल्जाइमर रोगियों को दिया जाए तो उनकी याददाश्त क्षमता में सुधार होता है।

उपयोग विधि: याददाश्त क्षमता और एकाग्रता को बढ़ाने के लिए आप भृंगराज का चूर्ण, अश्वगंधा और शतावरी के चूर्ण को पानी में मिलाकर रोजाना इसका सेवन कर सकते हैं। अगर उपलब्ध हो तो गाय के दूध में इस मिश्रण को मिलाकर सेवन करने से चौगुने फायदे प्राप्त होते हैं।


10. गठिया के लक्षणों को भृंगराज दूर करता है (Bhringraj relieves the symptoms of arthritis)

गठिया के लक्षणों को दूर करने में भी भृंगराज काफी फायदेमंद है। गठिया एक ऐसी बीमारी है जिसमें जोड़ों में सूजन, अकड़न और दर्द होने लगता है और साथ ही शरीर की हड्डियां कमजोर और नाजुक हो जाती हैं। इससे हड्डियों के टूटने का खतरा बढ़ जाता है, यह विटामिन डी की कमी से होने वाला रोग है जिसका समाधान भृंगराज भी कर सकता है। क्योंकि इसमें एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं जोकि सूजन को कम करके दर्द से राहत दिलाते हैं।

उपयोग विधि: गठिया के उपचार के लिए आप भृंगराज के जड़ों का अर्क और इसके चूर्ण को शुद्ध दूध में मिलाकर रोजाना सेवन कर सकते हैं। जहां भृंगराज गठिया में हुए सूजन को दूर करेगा तो वहीं शुद्ध दूध शरीर में विटामिन डी की कमी को पूरा करेगा जिससे गठिया की समस्या से राहत मिलेगी।


11. अस्थमा के लक्षणों को दूर करता है (Relieves asthma symptoms)

अस्थमा के लक्षणों को दूर करने में भी भृंगराज सहायक है। अस्थमा एक ऐसा रोग है जिसमें श्वसन नली अवरुद्ध हो जाती है और उसमें सूजन भी आ जाता है जिससे सांस लेने में कठिनाई होने लगती है। इसके अलावा, श्वसन नली से अधिक मात्रा में बलगम भी निकलता है। हमने आपको पहले ही बताया कि भृंगराज एंटी इन्फ्लेमेटरी गुणों से भरपूर है तो इसलिए यह सूजन को कम करता है। साथ ही, यह एंटी बायोटिक गुणों से भरपूर होता है जिससे अशुद्ध पदार्थ भी बाहर निकलते हैं और सांस लेने में आसानी होती है।


उपयोग विधि: अस्थमा के लिए इसकी सेवन विधि भी काफी आसान है। आपको बस इसकी पत्तियों या चूर्ण की मदद से चाय या काढ़ा तैयार करना है। काढ़ा तैयार करने के लिए आप गुड़, भृंगराज की जड़ें, हल्दी और काली मिर्च का पाउडर पानी में उबाल लें। फिर इसे छानकर पीने से अस्थमा के लक्षणों से राहत मिलती है।


12. रैटलस्नेक के जहर को खत्म करने में सहायक भृंगराज (Neutralizes rattlesnake venom)


रैटलस्नेक यानी नाग के जहर के असर को समाप्त करने में भी भृंगराज काफी असरदार है। यह हम नहीं बल्कि वर्ष 2014 का एक शोध कहता है। 2014 के एक अध्ययन से पता चला है कि भृंगराज पौधे का रस पीने पर रैटलस्नेक के जहर के घातक प्रभावों को बेअसर करने में प्रभावी होता है। अगर किसी व्यक्ति को सांप डस लेता है तो उसे फौरन अस्पताल ले जाएं और अगर मौजूद हो तो आप भृंगराज का रस उसे जल्द से जल्द पिला सकते हैं। 


उपयोग विधि: सांप के जहर को बेअसर करने के लिए आप भृंगराज के रस का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके रस को तैयार करने के लिए आप भृंगराज की जड़ें और पत्तियां लेकर अच्छे से ओखल में पीस लें ताकि इसका रस निकल सके। इसके बाद आप इसका सेवन कर सकते हैं। इसमें आप हल्दी भी मिला सकते हैं जिसे सांप के जहर को मारने में असरदार बताया गया है। 


13. मूत्रमार्ग के संक्रमण को रोकने में मदद मिल सकती है (Bhringraj helps prevent urinary tract infections)

मूत्रमार्ग संक्रमण जिसे UTI भी कहा जाता है, एक ऐसा संक्रमण है जिसमें unrinary tract में इनफेक्शक हो जाता है। इसकी वजह से यूरिनरी ट्रैक्ट का फूलना, जलन और दर्द आदि जैसी समस्याएं हो जाती हैं। मूत्रमार्ग में संक्रमण का मुख्य कारण बैक्टीरिया होता है। इस बैक्टीरिया को मारने की क्षमता भृंगराज में होती है। भृंगराज में एंटी बैक्टिरियल गुण होते हैं जिससे UTI की समस्या में मदद मिलती है। 


उपयोग विधि: मूत्रमार्ग संक्रमण को जड़ से खत्म करने के लिए आप रोजाना भृंगराज के तेल को प्रभावित जगहों पर लगा सकते हैं। इसके साथ ही, इसके चूर्ण या चाय का नियमित रूप से सेवन भी आपको समस्या से छुटकारा दिला सकता है। 


भृंगराज में पाए जाने वाले औषधीय गुण (Medicinal properties of Bhringraj)

भृंगराज में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं जोकि हमारे स्वस्थ्य के लिए काफी जरुरी होते हैं। आइये निचे दिए टेबल की मदद से भृंगराज में पाए जाने वाले औषधीय गुणों और उनके फायदों पर एक नजर डालते हैं।



गुण

लाभ

रक्त शोधक

रक्त को साफ करता है, रक्त संचार में सुधार करता है, और हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।

कफहर

कफ को कम करता है, सांस लेने में आसानी करता है, और अस्थमा और खांसी जैसी समस्याओं से राहत देता है।

वातहर

वात को नियंत्रित करता है, दर्द और सूजन को कम करता है, और गठिया जैसी समस्याओं से राहत देता है।

त्रिदोषहर

तीनों दोषों (वात, पित्त, और कफ) को संतुलित करता है, और शरीर को स्वस्थ रखता है।

बालों के लिए लाभदायक

बालों को मजबूत और घना बनाता है, बालों के झड़ने को रोकता है, और बालों को सफेद होने से रोकता है।

त्वचा के लिए लाभदायक

त्वचा को साफ और चमकदार बनाता है, त्वचा की झुर्रियों को कम करता है, और त्वचा को मुँहासों से बचाता है।



भृंगराज के साइड इफेक्ट्स (Side effects of Bhringraj)


एक तरफ जहां bhringrajasava benefits in hindi हैं तो वहीं इसके कुछ साइड इफेक्ट्स भी होते हैं जिन्हें नजरंदाज नहीं करना चाहिए। भृंगराम आमतौर पर शरीर के लिए फायदेमंद होती है लेकिन कुछेक परिस्थितियों में निम्नलिखित साइड इफेक्ट्स दिखलाई पड़ सकते हैं:

  • ‌इसके सेवन से एलर्जी हो सकती है
  • ‌इसके सेवन से सूजन, लालिमा, खुजली हो सकती है
  • ‌गर्भवती महिलाओं के लिए खतरनाक हो सकता है
  • ‌स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए हानिकारक है
  • ‌शरीर में रक्त शर्करा को कम कर सकता है
  • ‌यह रक्तस्राव को बढ़ा सकता है 

तो इस तरह आपने देखा कि एक तरफ जहां bhringraj ke fayde हैं तो वहीं इसके सेवन से कुछ लोगों को साइड इफेक्ट्स भी महसूस हो सकते हैं। तो इसलिए अगर आप benefits of bhringraj पाना चाहते हैं तो आपको इसका सुझाए गए मात्रा में ही इस्तेमाल करना चाहिए और साथ ही, इसके इस्तेमाल से पूर्व किसी आयुर्वेद चिकित्सक से सुझा लेना उचित है।


निष्कर्ष (Conclusion)

भृंगराज के फायदे हमारे शरीर के लिए कई हैं तो वहीं इसके कुछ नुकसान भी होते हैं। खासतौर पर देखा जाए तो bhringraj benefits for hair सबसे मुख्य है लेकिन इसके साथ ही अन्य कई फायदे जैसे इम्यून सिस्टम की मजबूती, कैंसर के जोखिम कम होना, त्वचा में निखार आना, अस्थमा के लक्षणों में कमी होना आदि भी है। 


हालांकि अगर आप इसका इस्तेमाल बिना डॉक्टर के परामर्श के करते हैं तो आपको इसके फायदे के बजाय नुकसान हो सकता है। खासतौर पर अगर आप किसी भी गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं तो उसके इलाज के लिए डॉक्टर से संपर्क करें क्योंकि भृंगराज किसी बीमारी का ठोस इलाज नहीं है बल्कि उस बीमारी को ठीक करने के लिए एक प्लस पॉइंट मात्र है।


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (Frequently Asked Questions)


1. भृंगराज के स्वास्थ्य लाभ क्या हैं?

भृंगराज से स्वास्थ्य को कई लाभ प्राप्त होते हैं जैसे अस्थमा के लक्षणों में सुधार, बाल की समस्याओं से मुक्ति, त्वचा का स्वास्थ्य बेहतर होना, मधुमेह के लक्षणों में कमी, सांप के जहर को बेअसर करता है, कैंसर के जोखिम को कम करता है, पाचन स्वास्थ्य सुधरता है, अल्जाइमर के रोगियों की हालत में सुधार होती है आदि। 


2. क्या भृंगराज तनाव और अनिद्रा में लाभदायक है?

जी हां, भृंगराज तनाव और अनिद्रा की समस्या को दूर करने में सहायक है। यह तनाव और अनिद्रा में रिलीज हुए हार्मोन्स के उत्पादन को कम करता है और साथ ही इसके एंटी ऑक्सीडेंट गुण तनाव को कम करते हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि इस जड़ी-बूटी का अर्क तनाव से राहत दिलाने में मदद कर सकता है क्योंकि इसमें मैग्नीशियम होता है।


3. भृंगराज को शीतल या उष्ण माना जाता है?

भृंगराज की तासीर ठंडी होती है इसलिए इसे शीतल माना जाता है।


4. आयुर्वेदिक उपचार में भृंगराज का महत्व क्या है?

भृंगराज एक महत्वपूर्ण आयुर्वेद जड़ी बूटी है, जिसका व्यापक रूप से बालों के झड़ने के उपचार, यकृत विकारों, त्वचा रोगों आदि में उपयोग किया जाता है। यह याददाश्त, बाल, दांत, हड्डियों, दृष्टि और सुनने की शक्ति को फिर से जीवंत करता है।


5. भृंगराज तेल का बालों में कैसे प्रयोग करें?

भृंगराज का तेल आप भृंगराज की पत्तियों से बनाकर बालों पर उपयोग कर सकते हैं। इसकी तेल की बूंदों को हाथ में लेकर बालों की जड़ों को अच्छे से मसाज करना चाहिए और साथ ही यह कोशिश करनी चाहिए कि स्कैल्प पर यह अच्छे से लग जाए।इससे बालों के विकास में मदद मिलती है और सिर की त्वचा स्वस्थ बनती है।

6. भृंगराज की तासीर कैसी होती है?

भृंगराज की तासीर ठंडी होती है। भृंगराज की ठंडी तासीर के कारण यह शरीर में पित्त की मात्रा को कम करने में सहायक होता है और शांतिप्रद गुणों के कारण तनाव और चिंता को कम करने में भी मदद करता है।

 

References

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Dr. Shailendra Chaubey, BAMS

Ayurveda Practioner

A modern-day Vaidya with 11 years of experience. He is the founder of Dr. Shailendra Healing School that helps patients recover from chronic conditions through the Ayurvedic way of life.

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