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त्रिफला चूर्ण के 12 प्रमुख फायदे और नुकसान – सही उपयोग, खुराक और सावधानियाँ

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A modern-day Vaidya with 11 years of experience. He is the founder of Dr. Shailendra Healing School that helps patients recover from chronic conditions through the Ayurvedic way of life.

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आयुर्वेद, भारतीय जड़ी-बूटियों का महकाव्य है, जिसमें आपके स्वास्थ्य और वेलनेस के लिए अनगिनत उपचार और औषधियों के रहस्य हैं। इसी आयुर्वेदिक धरोहर में एक महत्वपूर्ण औषधि है, जिसका नाम है "त्रिफला"। त्रिफला, संस्कृत में "त्रि" और "फल" का मेल है, जिसका अर्थ होता है "तीन फलों का मिश्रण"। त्रिफला के फायदे भारत के राजा और ऋषियों के द्वारा प्राचीनकाल से उपयोग की जाती रही है और आज भी लोग इसके आयुर्वेदिक गुणों का लाभ उठा रहे हैं।

त्रिफला चूर्ण के फायदे (Triphala churna ke fayde) कई हैं, खासतौर पर यह पेट से सम्बंधित समस्याओं को दूर करता है। यह पेट में लुब्रीकेंट के रूप में काम करता है, जिससे मल को आसानी से निकलने में मदद मिलती है और कब्ज की समस्या कम होती है। इसके अलावा, त्रिफला चूर्ण पेट की अंदरूनी परत को ठंडा रखता है, सूजन को कम करता है और पेट की जलन से राहत दिलाता है। इसका नियमित सेवन पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और आंतों की सफाई में मदद करता है।

 

त्रिफला चूर्ण के फायदे (Triphala Churna ke Fayde in Hindi)


त्रिफला चूर्ण के फायदे कई हैं. इसके नियमित सेवन से पाचन क्रिया में सुधार आता है, आँखों की दृष्टि बेहतर होती है, गठिया और सुजन से राहत मिलती है, दांत और मसूढ़े मजबूत बनते हैं, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढती है, मोटापा कम होती है, मूत्र सम्बंधित समस्याओं का इलाज करता है और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर करता है. अब आये विस्तार से त्रिफला चूर्ण के फायदे (Triphala Churna ke Fayde in Hindi) को समझते हैं.

1. पाचन क्रिया में सुधार करता है

त्रिफला चूर्ण पाचन को सुधारने में फायदेमंद होता है। इसमें हरीतकी नामक घटक होता है, जो पाचन प्रक्रिया को स्वस्थ रखने में मदद करता है। यह खाने के बाद अपच और गैस की समस्याओं को कम कर सकता है और अपच को रोक सकता है। त्रिफला चूर्ण का फायदा नियमित सेवन पाचन सिस्टम को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है और आपको खुदरा और स्वस्थ खानपान के प्रति प्रोत्साहित कर सकता है।

2. आंखों की दृष्टि में सुधार करता है

त्रिफला चूर्ण के फायदे आंखों की सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है। इसमें विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो दृष्टि को सुधार सकते हैं । इसके अलावा, यह ग्लौकोमा और कैटरैक्ट की तरह अन्य आंखों की बीमारियों के खिलाफ भी रक्षा कर सकता है।

3. गठिया और सूजन में राहत दिलाता है

त्रिफला चूर्ण के फायदे जोड़ों की सेहत को बेहतर बनाने के लिए भी है। इसमें एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो गठिया और जोड़ों की सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। त्रिफला चूर्ण का फायदा का नियमित सेवन जोड़ों की सुखदता को बढ़ावा देता है और दर्द को कम करता है।

4. दांत और मसूढ़ों की सेहत बेहतर करता है

त्रिफला चूर्ण का गरारा करना और मुँह को धोना दांतों की सेहत के लिए फायदेमंद होता है। यह मसूढ़ों को मजबूती प्रदान करता है और मसूढ़ों संबंधित समस्याओं को दूर कर सकता है। इसके अलावा, यह मुँह के कीड़ों के खिलाफ भी लड़ता है और मुँह के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है।

5. रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाता है

त्रिफला चूर्ण का फायदा आपके इम्यून सिस्टम को मजबूती प्रदान करने में है। इसमें विटामिन सी और अन्य पोषक तत्व होते हैं जो आपके शरीर को रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान कर सकते हैं। यह आपको सर्दी-जुकाम, फ्लू, और अन्य इंफेक्शनों से बचाने में मदद कर सकता है।

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6. मोटापा कम करता है

त्रिफला चूर्ण के फायदे मोटापा कम करने में मदद कर सकता है। यह पाचन को सुधारने में मदद करता है और वसा जलाने में सहायक होता है। यह शरीर के अतिरिक्त वसा को कम करके वजन कम करने में मदद कर सकता है, जो मोटापे के कई कारणों की वजह से हो सकता है। इसके अलावा, यह खून में शुगर स्तर को नियंत्रित करके मदद कर सकता है, जिससे मोटापे के जोखिम को कम किया जा सकता है।

7. मूत्र संबंधित समस्याओं का इलाज करता है

त्रिफला चूर्ण के फायदे मूत्र संबंधित समस्याओं के इलाज के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। यह यूरिन इन्फेक्शन, किडनी स्टोन्स, और मूत्रवाहिनी संबंधित समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, यह मूत्र समस्याओं की रोकथाम में मदद कर सकता है और मूत्र के संचालन को सुधार सकता है।

8. मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है

त्रिफला चूर्ण का फायदा मानसिक स्वास्थ्य को भी सुधार सकता है। यह स्ट्रेस को कम करने और मानसिक तनाव को दूर करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, यह मस्तिष्क को सुधारने और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है, जिससे आपका मन शांत और स्वस्थ रहता है।

9. त्वचा स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है

त्रिफला चूर्ण का फायदा चर्म रोगों के इलाज में होता है। इसमें विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट्स, और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो त्वचा को स्वस्थ और जवां बनाने में मदद करते हैं। यह त्वचा को मुँहासों, डर्मेटाइटिस, और खुजली जैसी समस्याओं से निजात दिलाने में मदद कर सकता है।

10. पाचन और कब्ज को दूर करने में सहायक

त्रिफला आंतों के स्वास्थ्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इसमें विभिन्न घटक होते हैं जैसे कि हरीतकी, बिभितकी, और आंवला, जो पाचन को सुधारने और कब्ज को दूर करने में मदद करते हैं। त्रिफला आंतों की सफाई को बढ़ावा देता है, जिससे आपके पाचन सिस्टम को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है और आप आहार को अच्छी तरह से पचा सकते हैं।

11. शांति और मनोबल में सुधार करता है

त्रिफला मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। यह तनाव को कम करने में मदद करता है और मानसिक शांति को बनाए रखने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, यह मस्तिष्क को सुधारने में मदद कर सकता है, जिससे आपका मन शांत और मनोबल मजबूत रहता है। त्रिफला का नियमित सेवन ध्यान और योग की प्रैक्टिस के साथ मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकता है।

12. हृदय रोगों के जोखिम को कम करता है

त्रिफला चूर्ण हृदय के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। इसमें विटामिन सी और अन्य पोषक तत्व होते हैं जो हृदय के लिए फायदेमंद होते हैं। यह रक्तदाब को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है और हृदय सम्बंधित समस्याओं को दूर कर सकता है। त्रिफला चूर्ण का नियमित सेवन हृदय के लिए आराम की भावना को बढ़ावा देता है और रक्तदाब को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।

त्रिफला एक अद्भुत औषधि है जिसमें पाचन, मानसिक स्वास्थ्य, हृदय, और आंतों के स्वास्थ्य को सुधारने के लिए बेहद महत्वपूर्ण गुण होते हैं। यह त्वचा, आंखों, जोड़ों, दांत, मसूढ़ों, और इम्यून सिस्टम के लिए फायदेमंद होता है। त्रिफला चूर्ण का नियमित उपयोग स्वास्थ्य को बेहतर बना सकता है।

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त्रिफला चूर्ण के फायदे बालों के लिए


त्रिफला चूर्ण बालों के स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है। यह पाचन तंत्र को सुधारता है और शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है, जिससे बालों को अंदर से पोषण मिलता है। त्रिफला में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन सी बालों को मजबूती प्रदान करते हैं और बालों की ग्रोथ को प्रोत्साहित करते हैं।

इसके अलावा, त्रिफला चूर्ण सिर की त्वचा को डिटॉक्सिफाई करता है, जिससे रुसी और खुजली जैसी समस्याएं दूर होती हैं। नियमित रूप से इसका सेवन बालों को शाइन और चमकदार बनाने में मदद करता है, साथ ही यह बालों के झड़ने को भी नियंत्रित करता है।

अगर आप बालों के झड़ने या अन्य बालों से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहे हैं, तो सबसे पहले Traya Hair Test दें, जो कि पूरी तरह से फ्री है। यह टेस्ट AI और विशेषज्ञों द्वारा डिज़ाइन किया गया है, जिससे आपको बालों के झड़ने का असली कारण पता चलता है। इसलिए, त्रिफला का इस्तेमाल करने से पहले यह जानना जरूरी है कि समस्या की जड़ क्या है। सही इलाज के लिए सही जानकारी होना बेहद महत्वपूर्ण है।

 

त्रिफला चूर्ण बनाने की विधि


क्या आपको पता है कि आप घर पर भी त्रिफला चूर्ण आसानी से बना सकते हैं? हां, यह पूरी तरह से संभव है और इसे बनाने का तरीका भी काफी सरल है। आइए जानते हैं इसे बनाने की आसान विधि।

सामग्री:

  • त्रिफला के तीनों फल (आंवला, बहेड़ा, हरड़) – समान मात्रा में

विधि:

  1. फलों को सुखाना:
     सबसे पहले, त्रिफला के तीनों फलों को एक समान मात्रा में इकट्ठा करें और अच्छे से धूप में सुखा लें। यह सुनिश्चित करें कि फलों में कोई गंदगी या कीट न लगे हों। साथ ही, पत्तियां, टहनियां आदि हटा दें।

  2. पिसाई की तैयारी:
     अब फलों को अच्छे से सुखा कर आप इन्हें मूसल या किसी अन्य उपकरण की मदद से पीसना शुरू करें। अगर आप पारंपरिक मुसल से पीसते हैं तो यह पाउडर और भी बारीक बनता है।

  3. चरणबद्ध छानाई:
     पिसे हुए मिश्रण को छलनी से छान लें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि चूर्ण का आकार एक समान है और कोई बड़े कण न हों। जो दाने अच्छे से पिसे नहीं हों, उन्हें फिर से पीसकर महीन बना लें।

स्टोर करना:
अब तैयार चूर्ण को एक एयर-टाइट कंटेनर में डालकर स्टोर करें। इससे इसका असर लंबे समय तक बना रहता है और यह गंदगी से सुरक्षित रहता है। 

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त्रिफला के विभिन्न उपयोग (Triphala ke fayde) 


1. बाल झड़ना या ग्रोथ रुक जाना

अगर आपके बाल लगातार झड़ रहे हैं या नए बाल नहीं उग रहे, तो यह सिर्फ स्कैल्प की समस्या नहीं, शरीर के अंदरूनी असंतुलन का संकेत हो सकता है। त्रिफला अंदर से डिटॉक्स करके पाचन सुधारता है, जिससे पोषण सही तरह से बालों तक पहुंचता है।

कैसे इस्तेमाल करें:

  • रात को सोने से पहले 1 चम्मच त्रिफला चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लें।

  • हफ्ते में 2 बार त्रिफला तेल से सिर की हल्की मालिश करें।

  • त्रिफला को आंवले के रस में मिलाकर हेयर पैक की तरह लगाएं (20 मिनट तक रखें)।

2. वजन कम करने की कोशिश में हैं?

त्रिफला चूर्ण मेटाबॉलिज्म को तेज करने, पाचन को ठीक करने और कब्ज को दूर करने में मदद करता है – ये सभी वजन कम करने की प्रक्रिया में बेहद ज़रूरी हैं।

कैसे इस्तेमाल करें:

  • सुबह खाली पेट एक गिलास गुनगुने पानी में आधा नींबू और 1 चम्मच त्रिफला चूर्ण मिलाकर पिएं।

  • रात के खाने के 2 घंटे बाद त्रिफला ग्रीन टी या गरम पानी के साथ लें।

  • त्रिफला काढ़ा बनाकर हफ्ते में 3 दिन लें (त्रिफला + अदरक + दालचीनी)।

3. शुगर कंट्रोल करना है?

त्रिफला, खासकर बिभितकी (बहेड़ा) के कारण, ब्लड शुगर लेवल को नेचुरली बैलेंस करने में मदद कर सकता है। ये इन्सुलिन सेंसिटिविटी को बेहतर करने में सहायक माना जाता है।

कैसे इस्तेमाल करें:

  • दिन में दो बार, खाने से 30 मिनट पहले त्रिफला चूर्ण गर्म पानी के साथ लें।

  • त्रिफला को गिलोय और मेथी के साथ मिलाकर लें (डॉक्टर की सलाह से)।

  • सुबह त्रिफला का पानी (रात भर भिगोया हुआ) छानकर पिएं।

4. पेट की समस्या या कब्ज हो तो

त्रिफला एक प्राकृतिक पाचक और सौम्य रेचक (mild laxative) होता है, जो पेट की सफाई और नियमित मल त्याग में मदद करता है। यह लंबे समय से आयुर्वेद में कब्ज, गैस और अपच के लिए उपयोग होता आया है।

कैसे इस्तेमाल करें:

  • रात को 1 चम्मच त्रिफला चूर्ण को गर्म पानी के साथ लें।

  • कब्ज अधिक हो तो इसमें 1/4 चम्मच इसबगोल मिलाकर लें।

  • बच्चों के लिए डॉक्टर की सलाह से हल्की मात्रा में दिया जा सकता है।

5. स्किन डल है या बार-बार पिंपल्स हो रहे हैं?

त्रिफला शरीर को अंदर से साफ करता है – ये खून की अशुद्धियों को निकालने में मदद करता है, जिससे त्वचा साफ और चमकदार दिखने लगती है।

कैसे इस्तेमाल करें:

  • रोज़ सुबह खाली पेट त्रिफला पानी पिएं (रातभर भिगोकर रखा हुआ)।

  • त्रिफला पाउडर और एलोवेरा जेल मिलाकर फेस पैक लगाएं (15 मिनट रखें)।

  • त्वचा की सूजन के लिए त्रिफला काढ़ा पिएं हफ्ते में 2 बार।

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त्रिफला चूर्ण: नुकसान, सावधानियाँ और साइड इफेक्ट्स


त्रिफला चूर्ण, आयुर्वेद में एक प्रमुख औषधि के रूप में प्रसिद्ध है और विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार के लिए प्रयोग किया जाता है। हालांकि त्रिफला चूर्ण कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर सकता है, यह भी कुछ साइड इफेक्ट्स और सावधानियों के साथ आता है।


१. पेट कि समस्याएँ

त्रिफला चूर्ण का सेवन करने के बाद, कुछ लोगों को पेट समस्याएँ हो सकती हैं, जैसे कि गैस, ब्लोटिंग, या पेट में दर्द। यह पाचन को संवेदनशील कर सकता है, और इसके कारण ये समस्याएँ हो सकती हैं।

२. दस्त की समस्या

अधिक मात्रा में त्रिफला चूर्ण का सेवन करने से दस्त की समस्या हो सकती है, खासतर यदि आपका पाचन सिस्टम संवेदनशील है। यदि आप इसे बारीकी से नहीं प्रयोग करते हैं, तो यह आपके आंतों को अधिक प्रभावित कर सकता है।

३. लक्षणों की बढ़ती संख्या

कुछ लोग त्रिफला चूर्ण के सेवन के बाद आंखों के लाल होना, त्वचा की खुजली, या मूंगे की समस्याएँ जैसे लक्षणों की बढ़ती संख्या का सामना कर सकते हैं। यह आपके शरीर के प्रतिक्रिया का हिस्सा हो सकता है, और यह आपके शारीरिक स्वास्थ्य के साथ जुड़े साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।

४. चिंता और बेचैनी की समस्या

कुछ लोग त्रिफला चूर्ण सेवन के बाद अस्थायी रूप से बेचैनी और चिंता का सामना कर सकते हैं। यह पाचन से जुड़े अनुभवों या शारीरिक समस्याओं के कारण हो सकता है। 

 

त्रिफला चूर्ण के फायदे और नुकसान


पहलू

फ़ायदे

नुकसान और सावधानियाँ

पाचन

कब्ज़ से राहत, पाचन में सुधार, पेट की सफ़ाई

अधिक मात्रा में लेने पर दस्त की समस्या हो सकती है.

वजन

मेटाबॉलिज्म को बढ़ाकर वजन कम करने में मददगार

कोई सीधा नुकसान नहीं, लेकिन अकेले इसी पर निर्भर न रहें.

शरीर

शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकालता है, इम्यूनिटी बढ़ाता है

गर्भवती महिलाओं के लिए असुरक्षित.

आँखें

आँखों की रोशनी बढ़ाता है, थकान दूर करता है

कोई सीधा नुकसान नहीं.

अन्य

त्वचा की सेहत में सुधार, एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर

कुछ दवाओं के असर को प्रभावित कर सकता है.


किसे त्रिफला चूर्ण सेवन से बचना चाहिए:


१. गर्भावस्था:
गर्भवती महिलाओं को त्रिफला चूर्ण का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए, क्योंकि इसके सेवन से गर्भावस्था में समस्याएँ हो सकती हैं।

२. डायबिटीज: मधुमेह (डायबिटीज) के रोगियों को भी त्रिफला चूर्ण का सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए, क्योंकि इसका सेवन शुगर के स्तर को प्रभावित कर सकता है।

३. बच्चों: छोटे बच्चों को त्रिफला चूर्ण का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए, खासतौर पर बच्चों के लिए इसकी मात्रा को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है।

४. अलर्जी: यदि आपको किसी भी तरह की त्रिफला चूर्ण से जुड़ी अलर्जी हो, तो आपको इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

५. दवाओं का सेवन: त्रिफला चूर्ण को किसी और दवा के साथ सेवन करने से पहले, डॉक्टर को आपकी वर्तमान दवाओं की जानकारी देनी चाहिए, क्योंकि यह दवाओं के प्रभाव को प्रभावित कर सकता है।

त्रिफला चूर्ण एक प्राकृतिक औषधि है जिसका सेवन सावधानीपूर्वक करना चाहिए। उचित मात्रा में सेवन करने पर यह आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।

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त्रिफला की सही खुराक और उपयोग का समय


त्रिफला चूर्ण एक आयुर्वेदिक औषधि है जो तीन फलों (आंवला, बहेड़ा और हरड़) को मिलाकर बनती है. इसे लेने का सबसे आम तरीका है इसे गर्म पानी में घोलकर पीना. इसकी सामान्य मात्रा आधा से एक चम्मच (लगभग 2 से 4 ग्राम) है. इसे आप अपनी पाचन क्रिया और सेहत के अनुसार ले सकते हैं. इसे लेने का सबसे अच्छा समय या तो सुबह खाली पेट है, या फिर रात को खाना खाने के एक से दो घंटे बाद, सोने से पहले.

अगर आपको त्रिफला का कड़वा स्वाद पसंद नहीं है, तो आप इसे और भी स्वादिष्ट बना सकते हैं. यदि आप इसे अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) बढ़ाने के लिए ले रहे हैं, तो इसमें शहद मिला सकते हैं. वहीं, अगर आप इसका इस्तेमाल आँखों की सेहत या शरीर में ताज़गी के लिए कर रहे हैं, तो इसमें गाय का घी मिलाना बहुत फायदेमंद रहता है.

कुछ ख़ास परिस्थितियों में, जैसे कि जब आपको ज़्यादा असर की ज़रूरत हो, तो इसकी मात्रा 4 से 8 ग्राम तक बढ़ाई जा सकती है. लेकिन ऐसा किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह के बिना न करें. वैसे तो त्रिफला चूर्ण रोज़ाना इस्तेमाल के लिए सुरक्षित माना जाता है, पर 3 से 6 महीने तक लगातार लेने के बाद कुछ समय का ब्रेक लेना सही रहता है. त्रिफला चूर्ण के अलावा, यह कैप्सूल या टैबलेट के रूप में भी बाज़ार में उपलब्ध है, जिन्हें आप गर्म पानी के साथ दिन में दो से तीन बार ले सकते हैं.

 

त्रिफला चूर्ण लेने के तरीके (खुराक)


रूप (Form)

सामान्य मात्रा

लेने का समय

टिप्स

चूर्ण (पाउडर)

आधा से एक चम्मच (2-4 ग्राम)

सुबह खाली पेट या रात को सोने से पहले

ज़रूरत पड़ने पर मात्रा 8 ग्राम तक बढ़ा सकते हैं, लेकिन डॉक्टर से पूछकर.

कैप्सूल / टैबलेट

1-2 गोली, दिन में 2-3 बार

गर्म पानी के साथ

इसे इस्तेमाल करने से पहले प्रोडक्ट की बोतल पर दिए गए निर्देशों को ज़रूर पढ़ें.


कुछ ज़रूरी बातें जो आपको हमेशा याद रखनी चाहिए:

  • त्रिफला को खाली पेट लेना सबसे अच्छा माना जाता है ताकि शरीर इसे अच्छे से सोख सके और इसका पूरा लाभ मिल सके.

  • हमेशा कम मात्रा से शुरू करें और अपने शरीर के अनुसार धीरे-धीरे मात्रा बढ़ाएँ.

  • अगर आप गर्भवती हैं, बच्चे को दूध पिला रही हैं, या कोई और दवा ले रही हैं, तो त्रिफला लेने से पहले किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें.


त्रिफला चूर्ण का उपयोगकर्ताओं का अनुभव


त्रिफला चूर्ण एक सदियों पुरानी आयुर्वेदिक औषधि है, और इसे इस्तेमाल करने वाले लोगों के अनुभव अलग-अलग होते हैं. ज़्यादातर लोग इसके फ़ायदों को महसूस करते हैं, लेकिन कुछ लोगों को इससे कुछ परेशानियां भी होती हैं. चलिए, इसे समझते हैं.

1. सकारात्मक अनुभव (Positive Experiences)

बहुत से लोग त्रिफला को कब्ज़ से राहत पाने, पाचन क्रिया को बेहतर बनाने और शरीर की हल्की-फुल्की सफ़ाई के लिए बहुत असरदार मानते हैं. उनका कहना है कि यह बिना किसी परेशानी के काम करता है. नियमित रूप से त्रिफला का इस्तेमाल करने वाले लोग बताते हैं कि उन्हें पेट हल्का महसूस होता है, शौच नियमित होने लगा है, त्वचा साफ़ और चमकदार दिखती है, और शरीर में एनर्जी भी बढ़ गई है.

2. नकारात्मक अनुभव (Negative Experiences)

कुछ लोगों को त्रिफला के इस्तेमाल से परेशानी भी होती है. सबसे आम शिकायत यह है कि ज़्यादा मात्रा में लेने पर उन्हें पेट में गैस, सूजन या दस्त जैसी समस्याएं हो सकती हैं. कुछ लोगों को इसका कड़वा स्वाद बिलकुल पसंद नहीं आता, जिसकी वजह से वे इसे लगातार नहीं ले पाते. कुछ ने यह भी बताया है कि उन्हें हल्के सिरदर्द या शरीर में पानी की कमी (dehydration) महसूस हुई है. बहुत कम लोगों को इससे एलर्जी या त्वचा पर खुजली की शिकायत भी हुई है, खासकर जब वे इसे ऊपर से लगाते हैं. 

3. मिश्रित अनुभव (Mixed Experiences)

कुछ लोगों का अनुभव मिला-जुला रहा है. वे मानते हैं कि त्रिफला कब्ज़ में तो फ़ायदेमंद है, लेकिन इसका स्वाद अच्छा नहीं लगता. कुछ को लगता है कि यह बहुत तेज़ है और सही मात्रा में न लेने पर दस्त लगा सकता है. कुछ लोग बताते हैं कि उन्हें इसका फ़ायदा तभी हुआ जब उन्होंने इसे लंबे समय तक लिया और साथ में अपने खान-पान में भी बदलाव किए. वहीं, कुछ लोगों को शुरुआत में तो बहुत अच्छा असर दिखा, लेकिन समय के साथ फ़ायदा कम होता गया. 

 

त्रिफला चूर्ण से जुड़े रिसर्च


त्रिफला का प्रभाव कई स्वास्थ्य समस्याओं पर देखा गया है, खासकर डायबिटीज़ में। एक अध्ययन में यह पाया गया कि 5 ग्राम त्रिफला चूर्ण का 45 दिनों तक सेवन करने से रक्त शर्करा में महत्वपूर्ण कमी आई और डायबिटीज़ के लक्षणों में सुधार हुआ, जिससे इसके एंटी-डायबिटिक प्रभाव की पुष्टि होती है (
PMC5567597)। इसके अलावा, त्रिफला ने डायबिटिक चूहों में न्यूरोप्रोटेक्टिव गुण भी दिखाए, जैसे कि ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और सूजन को कम करना, जिससे तंत्रिका तंतुओं की रक्षा होती है और मोटर नर्व कंडक्शन में सुधार होता है (PMC8211421)।

इसके अलावा, त्रिफला के हृदय स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़े हैं। एक मेटा-विश्लेषण में यह पाया गया कि त्रिफला ने LDL कोलेस्ट्रॉल, कुल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स को महत्वपूर्ण रूप से घटा दिया, जो इसके हृदय संबंधी लाभों को दर्शाता है (SAGE Journals)। 

 

निष्कर्ष (Conclusion)


त्रिफला चूर्ण एक प्राकृतिक औषधि है, जो शरीर के समग्र स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता है। यह पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है, शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालता है, और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है। इसके नियमित सेवन से बालों को मजबूती मिलती है, झड़ने की समस्या कम होती है और त्वचा की गुणवत्ता भी बेहतर होती है। त्रिफला में एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन C जैसे तत्व होते हैं जो शरीर को अंदर से पोषण देते हैं, जिससे आपको चमकदार और स्वस्थ बाल मिल सकते हैं।

अगर आप बालों के झड़ने या अन्य बालों से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहे हैं, तो सबसे पहले Traya Hair Test दें, जो कि पूरी तरह से फ्री है। यह टेस्ट AI और विशेषज्ञों द्वारा डिज़ाइन किया गया है, जिससे आपको बालों के झड़ने का असली कारण पता चलता है। त्रिफला का इस्तेमाल करने से पहले यह जानना जरूरी है कि आपकी समस्या की जड़ क्या है, ताकि आप सही उपचार का चुनाव कर सकें और अपनी समस्याओं का सही समाधान पा सकें।

 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न 

 

त्रिफला चूर्ण कौन सी बीमारी में काम आता है?

त्रिफला चूर्ण प्राकृतिक रूप से पाचन संबंधित समस्याओं में काम आता है। इसके मुख्य उपयोग कब्ज, गैस, एसिडिटी, और पेट संबंधित विकारों का उपचार करने में होता है। त्रिफला चूर्ण पेट की सफाई करने में मदद करता है और पाचन क्रिया को सुधारता है, जिससे पेट समस्याओं का समाधान हो सकता है।

सुबह खाली पेट त्रिफला चूर्ण खाने से क्या होता है?

सुबह खाली पेट त्रिफला चूर्ण खाने से पेट साफ होता है, पाचन सुधरता है, और शरीर को पोषण मिलता है। इससे कब्ज कम हो सकता है, गैस की समस्याएं कम हो सकती हैं, और आपका पाचन सिस्टम स्वस्थ रह सकता है।

त्रिफला चूर्ण खाने से क्या लाभ है?

त्रिफला चूर्ण कई लाभ प्रदान करता है, जैसे कि पेट समस्याओं का इलाज, पाचन सुधार, गैस और एसिडिटी का नियंत्रण, और पोषण का बेहतर अवबोधन। यह एंटीऑक्सीडेंट्स के रूप में कार्य करता है और शरीर को विभिन्न बीमारियों से बचाने में मदद कर सकता है।

क्या त्रिफला चूर्ण रोज़ खा सकते हैं?

हाँ, आप त्रिफला चूर्ण को नियमित रूप से खा सकते हैं, लेकिन इसे अधिक मात्रा में नहीं खाना चाहिए। सामान्यत: दिन में एक बार, या चिकित्सक के सुझाव के अनुसार खाया जा सकता है।

क्या त्रिफला लिवर के लिए अच्छा है?

त्रिफला चूर्ण लिवर के लिए भी फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि यह पाचन क्रिया को सुधारता है और विषाक्तिकरण कार्य में मदद कर सकता है। हालांकि, इसका अधिक उपयोग करने से पहले, खासतर पूर्व मेडिकल परामर्श लेना उचित हो सकता है, क्योंकि लिवर समस्याओं के लिए अन्य चिकित्सकीय उपायों की भी आवश्यकता हो सकती है।

त्रिफला किसे नहीं पीना चाहिए?

त्रिफला का सेवन गर्भवती महिलाओं, छोटे बच्चों, और यदि कोई व्यक्ति किसी भी तरह की एलर्जी से पीड़ित है तो नहीं करना चाहिए। इसके अधिक सेवन से पेट समस्याएं या आलर्जिक प्रतिक्रियाएं हो सकती हैं।

त्रिफला लेने का सबसे अच्छा समय क्या है?

त्रिफला चूर्ण को सुबह खाली पेट लेना सबसे अच्छा होता है, क्योंकि इससे पाचन सिस्टम को साफ़ करने और सुधारने में मदद मिलती है। आप इसे भोजन के एक घंटे पहले या भोजन के बाद 2-3 घंटे बाद ले सकते हैं, लेकिन सुबह खाली पेट इसका सबसे अच्छा समय माना जाता है।

 

References: 

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Traya’s 100% money-back policy is valid only if you have been regular with the complete treatment plan for a period of 5 whole consecutive months. Each customised hair kit is valid for only 30 days. If any individual has not seen any regrowth or control in hair fall, you can ask for a refund. However, once you apply for the 5-month - money-back policy, the team would then do a thorough check on consumer regularity based on every order date. An exception to this policy is for those customers undergoing serious health conditions like autoimmune diseases and cancer. 

Traya’s Holistic 3 Science Formula 

Traya’s 3 Science Formula is a synergistic mix of Ayurveda, Allopathy & Food Science designed specifically to cater to hair loss conditions stemming from multiple root causes. With clinically tested ingredients and adaptogenic herbs, Traya’s Science-Backed formula clears internal blockages and boosts hair regeneration naturally. When blended with a healing dietary plan, it delivers great results in attaining long-term hair growth. 

Traya Free hair test (™) 

Traya’s Hair Dx test is powered by a proprietary algorithm to examine a user's hair & health profile. With the help of a distinctive image-capturing technique & physician- formulated examination, it is able to precisely diagnose the type, stage & root causes of a certain hair loss condition. 

2 lakh+ Indians 

Traya Free hair test (™) has been taken by more than 2 lakh+ Indians - Data acquired from Traya customers. 

Ayush Certified  - Digest Boost, Cholest Vati and Consti Clear are Ayush Certified Products.

Traya’s Ayurvedic Products are based on natural and Ayurvedic formulations. These are completely safe for human use, but it is possible that certain ingredients may cause allergic reactions to some individuals. 

Accurate hair diagnosis 

The Traya free hair test (™) is a proprietary algorithm developed with the help of our in-house doctors that provides Accurate hair and health diagnosis, provided you mention all the correct details about yourself. It gives a precise diagnosis about the type, stage and root cause of a specific hair fall condition.

Long Lasting Visible Hair Results 

Traya’s complete treatment gives visible and long-lasting results provided you’re on Traya’s hair maintenance kit. Since Traya works on the internal root causes of hair fall and hence our customers have seen long lasting results

Trusted by 70+ Doctors

Traya has been tried and loved by over 70 doctors all over India to maintain healthy hair growth. 

Award Winning Trusted Brand

India’s Healthcare Excellence initiated by Brands Impact has awarded Traya as the Most Effective Haircare Product of the Year 2022 

FDA approved ingredients 

Traya contains hair growth actives like minoxidil and DHT blocker which are FDA approved to treat hair fall. These are completely safe for human use, but it is possible that certain ingredients may cause allergic reactions to some individuals.

 

Traya Women Santulan (™)

Traya’s Women Santulan is a unique technology that uses a combination of herbs treated in a specific manner (kalpa) to meet the bio-specific needs of women going through different stages of life. Santulan is a supplementary range to Traya’s 3 Science Formula which balances and nourishes the body inside-out delivering long-lasting hair growth results and overall health.

Hair Growth Plan starts at Rs 1699 pm* - The price mentioned is for a male of age 23 with stage 1 type hair fall based on the results of the hair test taken on the website. Prices may vary for individual customers depending on the results of the hair test and internal root causes

Hair Growth Plan starts at Rs 2000 pm* - The price mentioned is for a male of age 25 with stage 1 type hair fall based on the results of the hair test taken on the website. Prices may vary for individual customers depending on the results of the hair test and internal root causes

आपके बाल झड़ने का कारण क्या है?

डॉक्टरों द्वारा डिज़ाइन किया गया Traya का मुफ़्त 2 मिनट का हेयर टेस्ट लें, जो आपके बालों के झड़ने के मूल कारणों की पहचान करने के लिए आनुवांशिक, स्वास्थ्य, जीवनशैली और हार्मोन जैसे 20+ कारकों का विश्लेषण करता है।

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