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हीमोग्लोबिन की नार्मल रेंज और इसकी कमी को कैसे पूरा करें


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National Family Health द्वारा किए गए एक सर्वे (2019-21) से यह पता चलता है कि भारत में पुरुष, महिलाएं, बच्चे सभी हीमोग्लोबिन की कमी से जूझ रहे हैं। जहां पुरुषों में हिमोग्लोबिन की कमी 25% है तो वहीं 57% महिलाएं इसकी कमी से जूझ रही हैं। शरीर में जब हिमोग्लोबिन का स्तर कम हो जाए तो उस स्तिथि को एनीमिया भी कहा जाता है। ऐसे में यह प्रश्न महत्वपूर्ण हो जाता है कि Hemoglobin Kaise Badhaye (हिमोग्लोबिन कैसे बढ़ाएं)।

शरीर में हिमोग्लोबिन की कमी होने पर अत्यधिक थकान होना, कमजोरी महसूस करना, पीली त्वचा और मसूड़ों की समस्या, सांस लेने में दिक्कत होना, चक्कर आना, बालों का तेजी से झड़ना, सिर दर्द होना और हाथ पैर ठंडे पड़ने जैसी दिक्कतें महसूस होने लगती हैं। लेकिन खुशखबरी यह है कि जीवनशैली और खानपान में जरुरी बदलाव करके हिमोग्लोबिन की कमी को दूर किया जा सकता है। इस ब्लॉग में आप विस्तार से हिमोग्लोबिन कैसे बढ़ाएं और संबंधित प्रश्नों के उत्तर जानेंगे।


हिमोग्लोबिन क्या होता है (Hemoglobin Kya Hota Hai)

हिमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाने वाला प्रोटीन है जोकि शरीर के सभी भागों में ऑक्सीजन ले जाने का कार्य करता है। साथ ही, यह कार्बन डाइऑक्साइड को कोशिकाओं से बाहर निकालकर फेफड़ों तक भी पहुंचाता है। हीमोग्लोबिन में शरीर का सत्तर प्रतिशत आयरन होता है और इसलिए शरीर में आयरन की कमी होने पर एनीमिया रोग होने का जोखिम बढ़ जाता है। 

होना चाहिए कि हर एक हीमोग्लोबिन सेल में लगभग 270 million hemoglobin molecules मौजूद होते हैं। इसके अलावा, आप सभी जानते हैं कि हमारे खून का रंग लाल होता है, यह भी हीमोग्लोबिन की ही वजह से होता है। हीमोग्लोबिन कई प्रकार के होते हैं जैसे अगर आप व्यस्क हैं तो आपके खून में मौजूद 97% हीमोग्लोबिन टाइप A है। तो वहीँ नवजात शिशुओं में हीमोग्लोबिन F पाया जाता है जो उनके प्रारंभिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं।

 

हीमोग्लोबिन की कमी से बालों का झड़ना (Hemoglobin Deficiency Causes Hair Fall)

बालों के झड़ने की समस्या हीमोग्लोबिन की कमी की वजह से भी होता है। बल्कि वर्तमान समय में ज्यादातर लोगों में हीमोग्लोबिन की कमी से बाल झड़ना शुरू होता है। हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं में एक प्रोटीन है जो आपके पूरे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाता है। यह आपके बालों के रोम सहित सभी कोशिकाओं तक ऑक्सीजन और अन्य जरुरी पोषक तत्व पहुंचाने के लिए महत्वपूर्ण है, जो बालों के विकास के लिए जिम्मेदार हैं। 

बालों के रोम अत्यधिक सक्रिय होते हैं और उचित विकास के लिए उन्हें ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की निरंतर आपूर्ति की आवश्यकता होती है। जब आयरन की कमी से ऑक्सीजन और पोषक तत्व पहुंचना कम हो जाता है, तो बालों के रोम समय से पहले resting phase में प्रवेश कर सकते हैं, जिससे बालों का झड़ना बढ़ जाता है। इसके अलावा, कोशिका विभाजन और वृद्धि में शामिल एंजाइम के लिए भी आयरन आवश्यक है। आयरन के कम स्तर की वजह से यह एंजाइम फ़ंक्शन ख़राब हो सकता है, जिससे hair follicles की नई बाल कोशिकाओं को प्रभावी ढंग से बनाने की क्षमता में बाधा उत्पन्न हो सकती है।

वर्तमान समय में लोगों के तेजी से बाल झड़ रहे हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए लोग तरह तरह के घरेलु उपचार करने लग जाते हैं जिससे परिस्तिथि और भी बदतर हो जाती है। इसका कारण है बिना सटीक कारण जाने समस्या का समाधान करना यानि अँधेरे में तीर मारना। हो सकता है कि बाल हीमोग्लोबिन की कमी की वजह से झड रहे हों या आपके सिर की त्वचा काफी रुखी हो जो बालों के विकास में बाधा डाल रही हो। सटीक कारण का पता लगाना जरुरी है और इसलिए हम फ्री Hair Test देने की सलाह देते हैं। यह टेस्ट २० से भी अधिक बाल झड़ने के कारणों का विश्लेषण करता है और आपके बाल झड़ने की समस्या का सटीक कारण पता लगाकर सही उपचार प्रदान करता है।


हिमोग्लोबिन कैसे बढ़ाएं (Hemoglobin Kaise Badhaye)

अगर आप शरीर में हीमोग्लोबिन बढ़ाने के तरीके खोज रहे हैं तो नीचे दिए टिप्स आपके लिए काफी मददगार साबित हो सकते हैं। ध्यान दें कि शरीर में हिमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए आपको ऐसे सप्लीमेंट्स या खाद्य पदार्थों की अवश्यकता है जिसमें आयरन, फॉलिक एसिड, विटामिन सी और विटामिन बी6 की मात्रा अधिक हो।


1. हरी पत्तेदार सब्जियां खाएं (Increase hemoglobin with green leafy vegetables)

हरी पत्तेदार सब्जियों के नियमित सेवन से शरीर में हिमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाया जा सकता है। अगर आपके शरीर में हिमोग्लोबिन की कमी हो गई है या आप एनीमिया रोग से जूझ रहे हैं तो डॉक्टर भी आपको हरी पत्तेदार सब्जियां खाने की सलाह ही देते हैं। हरी पत्तेदार सब्जियों में शामिल हैं पालक, केल, हरा कोलार्ड, सरसो का साग आदि को अपने आहार में शामिल करके शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा को बढ़ाया जा सकता है।

दरअसल हरी पत्तेदार सब्जियां आयरन से भरपूर होती हैं जो हीमोग्लोबिन के उत्पादन के लिए सबसे जरूरी पोषक तत्व है। इसके अलावा हरी पत्तेदार सब्जियों में विटामिन सी की मात्रा भी अधिक पाई जाती है जिससे शरीर में आयरन का अवशोषण सही ढंग से होता है। अगर आप लगभग 100 ग्राम पालक का सेवन करते हैं तो आपको उससे 2.7 मिलीग्राम आयरन मिलता है जोकि दैनिक जरूरत का 15% है।


2. विटामिन सी युक्त आहार लें (Eat Vitamin C Rich Diet)

विटामिन सी युक्त आहार का सेवन करना भी शरीर में हिमोग्लोबिन की कमी को दूर करने का एक बढ़िया माध्यम है। एक तरफ जहां आयरन शरीर में हिमोग्लोबिन का उत्पादन तेज करता है तो वहीं विटामिन सी का सेवन आयरन के अवशोषण में मदद करता है। अगर शरीर में आयरन का अवशोषण (absorption) ही ढंग से न हो तो फिर आप कितना भी आयरन युक्त आहार कर लें, कोई फायदा नहीं होगा।

विटामिन सी युक्त आहार में खट्टे फल, जैसे संतरे और संतरे का रस, काली मिर्च, स्ट्रॉबेरीज, ब्रोकोली, आलू जैसे भोज्य पदार्थ शामिल हैं। The National Institutes of Health सुझाव देता है कि महिलाओं को प्रतिदिन 75 मिलीग्राम विटामिन सी का सेवन करना चाहिए तो वहीं पुरुषों को 90 मिलीग्राम विटामिन सी का सेवन करना चाहिए।


3. खूब सारा पानी पिएं (Drink lots of water)

दिनभर में आपको कम से कम 4 लीटर पानी पीना चाहिए, यह Mayo Clinic की सलाह है। शरीर में पानी की उचित मात्रा हिमोग्लोबिन के स्तर को सीधे तौर पर प्रभावित करती है। जब आप पर्याप्त मात्रा में पानी पीते हैं तो इससे रक्त स्वस्थ बनता है और पानी की कमी से होने वाले एनीमिया का खतरा भी कम हो जाता है। आपको पता होना चाहिए कि पानी हीमोग्लोबिन को ऑक्सीजन युक्त, आरामदायक स्थिति में बदलने में मदद करता है।

इसके अलावा, Korean Journal of Clinical Laboratory Science के एक अध्ययन में यह बात पता चली कि पानी का सेवन हीमोग्लोबिन इंडेक्स को बढ़ाकर एनीमिया में सुधार कर सकता है। पानी पीने से स्वस्थ रक्त प्रवाह को बढ़ावा मिलता है और हमारी लाल रक्त कोशिकाओं के सिकुड़ने और आपस में चिपकने की संभावना कम हो जाती है।


4. रोजाना कम से कम आधे घंटे व्यायाम करें (Daily exercise increases hemoglobin)

रोजाना आधे घंटे भी अगर आप जिम या घर पर एक्सरसाइज करके पसीना बहाते हैं तो यह आपके हिमोग्लोबिन के स्तर के लिए अच्छा होगा। जब आपका शरीर व्यायाम के दौरान अधिक मेहनत कर रहा होता है, तो उसे अधिक ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। इस मांग को पूरा करने के लिए, आपका शरीर अधिक लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन करता है, जिसमें हीमोग्लोबिन होता है। लाल रक्त कोशिकाओं में यह वृद्धि आपकी मदद करती है।

इसके अलावा, एक्सरसाइज करने से पूरे शरीर में रक्त का प्रवाह बेहतर होता है। एक्सरसाइज शरीर में Erythropoietin (EPO) को भी बढ़ा देता है। यह एक हार्मोन है जिससे शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं को निर्माण तेजी से होता है। जब आप एक्सरसाइज करते हैं तो ईपीओ में बढ़ोत्तरी होती है जिसकी वजह से हिमोग्लोबिन का स्तर भी बढ़ता है। हिमोग्लोबिन कैसे बढ़ाएं का यह आसान और बिल्कुल मुफ्त तरीका है।


5. चुकंदर और चुकंदर के जूस का सेवन करें (Drink beetroot juice daily)

चुकंदर खाने के फायदे कई हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि इसे खाने से शरीर में हिमोग्लोबिन का स्तर भी बढ़ता है? जी हां, अगर आप नियमित रूप से चुकंदर खाते हैं या चुकंदर के जूस को पीते हैं तो शरीर में हिमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने में मदद मिलती है। यहां तक कि शरीर में हिमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने के लिए चुकंदर को सबसे उत्तम फल माना गया है।

इसके कई कारण होते हैं। जैसे कि चुकंदर में भोज्य नाइट्रेट्स की मात्रा अधिक होती है जोकि हमारा शरीर नाइट्रिक ऑक्साइड में बदल देता है। यही नाइट्रिक ऑक्साइड रक्त वाहिकाओं को फैलने में मदद करता है जिससे रक्त प्रवाह सुधरता है और पूरे शरीर में ऑक्सीजन का संचार बढ़ता है। इसके अलावा, चुकंदर में आयरन की भी मात्रा मौजूद होती है जोकि हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए सबसे आवश्यक होता है।


6. अनार खाएं या अनार का जूस पिएं (Pomegranate juice increases hemoglobin)

अनार के जूस का नियमित सेवन भी आपके शरीर में हिमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने में फायदेमंद है। इसलिए आपको अपने आहार में हिमोग्लोबिन को अवश्य ही शामिल कर लेना चाहिए। इसका कारण यह है कि अनार में विटामिन सी की मात्रा अधिक होती है जोकि शरीर में आयरन के अवशोषण में मदद करता है। जब आप ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं जिसमें आयरन मौजूद होता है तो उनके शरीर में अवशोषण के लिए अनार मदद करता है।

इसके अलावा, कुछ अध्ययन इस ओर भी इशारा करते हैं कि अनार के जूस का सेवन करने से शरीर में red blood cells की संख्या बढ़ती है और साथ ही हीमोग्लोबिन का स्तर भी बढ़ता है। आपको कोशिश करनी चाहिए कि आप रोजाना कम से कम 100 मिलीलीटर से 200 मिलीलीटर अनार जूस का सेवन करें। 


7. मांस का सेवन करना हीमोग्लोबिन बढ़ाता है (Meat consumption increases hemoglobin level)

अगर आप मांसाहारी हैं तो मांस का सेवन हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने में सहायक हो सकता है। दरअसल जब आप मीट (मांस) का सेवन करते हैं तो आपके शरीर को heme iron की प्राप्ति होती है। Heme iron आयरन का ही एक प्रकार है जो शरीर में बड़ी ही आसानी से अवशोषित हो जाती है। हेम आयरन को हीमोग्लोबिन से जोड़कर देखा जाता है जोकि एक महत्वपूर्ण प्रोटीन है। 

मांस में मौजूद हीम आयरन शरीर द्वारा कुशलता से अवशोषित हो जाता है और हीमोग्लोबिन संश्लेषण के लिए आसानी से उपलब्ध हो जाता है। इसके साथ ही, मांस में प्रोटीन की मात्रा भी अधिक होती है जिसकी वजह से अन्य खाद्य पदार्थों के सेवन से प्राप्त आयरन को अवशोषित करने में मदद मिलती है। 


8. मछलियां और अंडे खाना भी हीमोग्लोबिन बढ़ाने में सहायक है (Fish increases hemoglobin level in the body)

मांसाहारी लोगों के लिए मछलियां और अंडे का सेवन करना भी बहुत ही फायदेमंद है। इनके सेवन से शरीर में heme iron का उत्पादन तेजी से होता है जिसकी वजह से हीमोग्लोबिन का स्तर भी बढ़ता है। हिमोग्लोबिन के निरंतर उत्पादन के लिए आयरन की आवश्यकता होती है जोकि अंडे में भी पाया जाता है। इसके अलावा, अंडे में विटामिन बी12 की भी मौजूदगी होती है जोकि लाल रक्त कोशिका निर्माण के लिए महत्वपूर्ण है। इसकी कमी से एनीमिया हो सकता है।

मछलियों में भी Heme iron की मौजूदगी होती है जोकि हमने आपको पहले ही बताया, शरीर में आसानी से अवशोषित हो जाती है और हिमोग्लोबिन के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। खासतौर पर टूना, सालमन और सर्डिंस प्रजाति की मछलियां हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने में सबसे अधिक सहायक हैं। 


9. हिमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए खाएं फलियां (Eating legumes increases hemoglobin production)

हिमोग्लोबिन की मात्रा को बढ़ाने के लिए हम आप फलियां भी खा सकते हैं। फलियां जैसे दाल, मूंगफली, मटर आदि का सेवन आपके शरीर में हिमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाता है और साथ ही आपको शारीरिक ताकत भी प्रदान करता है। इन फलियों में आमतौर पर आयरन और फॉलिक एसिड की मात्रा अधिक होती है, जिससे हीमोग्लोबिन के उत्पादन में मदद मिलती है।

इसके अलावा, बीन्स में प्रति 100 ग्राम में लगभग 5 मिलीग्राम आयरन होता है, मटर में लगभग 1.5 मिलीग्राम आयरन होता है, चने में प्रति 100 ग्राम में 6.2 मिलीग्राम आयरन होता है, और दाल में 3.3 मिलीग्राम होता है। तो इस तरह आप इन फलियों का सेवन करके बड़ी ही आसानी से हीमोग्लोबिन के उत्पादन को कई गुना तक बढ़ा सकते हैं। इन फलियों को दाल के रूप में सेवन करने की सलाह दी जाती है।


10. फॉलिक एसिड से युक्त आहार खाएं (Eat a diet rich in folic acid)

हिमोग्लोबिन का स्तर बढ़ाने में सिर्फ और सिर्फ आयरन ही नहीं बल्कि फॉलिक एसिड भी महत्वपूर्ण होता है। आप नियमित रूप से फॉलिक एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करके शरीर में हिमोग्लोबिन की मात्रा को कई गुना तक बढ़ा सकते हैं। फॉलिक एसिड को बी विटामिन कॉम्प्लेक्स का एक हिस्सा माना जाता है जोकि शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं (RCBs) को बनाने के लिए महत्वपूर्ण होता है। अगर आपके शरीर में फॉलिक एसिड की कमी हो जाए तो हीमोग्लोबिन का स्तर गिरने की संभावना बढ़ जाती है।

ऐसे में आपको फॉलिक एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे हरी पत्तेदार सब्जियाँ, अंकुरित अनाज, सूखी फलियाँ, मूंगफली, केला, ब्रोकोली, लीवर के सेवन की सलाह देते हैं। शतावरी भी आप फॉलिक एसिड को बढ़ाने के लिए सेवन कर सकते हैं जोकि पुरुषों और महिलाओं में अन्य ढेरों फायदे प्रदान करता है।


11. खजूर खाना हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाता है (Eat dates to increase hemoglobin)

खजूर, जोकि एक पौष्टिक और स्वादिष्ट फल है, के बारे में तो आप सभी जानते ही होंगे। खजूर को ढेरों फायदों के लिए जाना जाता है जैसे कि इसके सेवन से ब्लड प्रेशर रेगुलेट होता है, हृदय स्वास्थ्य सुधरता है, पेट में गैस और डायरिया की समस्या का समाधान होता है, यौन स्वास्थ्य बेहतर होता है आदि लेकिन यह शरीर में हिमोग्लोबिन बढ़ाने में भी कारगर है। रोजाना सुबह दूध के साथ हीमोग्लोबिन का सेवन करना शरीर में हिमोग्लोबिन के स्तर को कई गुना तक बढ़ा देगा।

खजूर आयरन से भरपूर होता है जो रक्त में हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाता है। साथ ही, हिमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने के लिए खजूर शरीर में erythrocyte के उत्पादन को गति देता है। प्रतिदिन 10 खजूर खाने से आपकी 10% आयरन की जरूरत पूरी हो सकती है। 100 ग्राम खजूर में 1.2 मिलीग्राम आयरन होता है।


12. कद्दू के बीज भी बढ़ाते हैं रक्त में हीमोग्लोबिन (Increase hemoglobin with pumpkin seeds)

कद्दू की सब्जी तो अच्छी खासी पॉपुलर है और आप में से अधिकतर लोगों ने इसका सेवन भी किया होगा। लेकिन हम सिर्फ कद्दू के फल का ही सेवन करते हैं लेकिन उसमें मौजूद बीज को फेंक देते हैं। लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि कद्दू के बीज का सेवन आपके शरीर में हीमोग्लोबिन के उत्पादन को बढ़ाने में मदद करता है। तो अगर आप हीमोग्लोबिन कैसे बढ़ाएं का उत्तर खोज रहे हैं तो कद्दू के बीज एक बढ़िया विकल्प हो सकते हैं।

कद्दू के बीज में पर्याप्त कैल्शियम, मैग्नीशियम और मैंगनीज सामग्री के साथ-साथ लगभग आठ मिलीग्राम आयरन होता है। यह एक बड़ी मात्रा है और आपकी जरूरत का अधिकतर आयरन की पूर्ति यह सब्जी अकेले ही कर देता है। खासतौर पर अगर आप वेजिटेरियन हैं तो कद्दू के बीज हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने में सबसे ज्यादा फायदेमंद हो सकता है।


13. तरबूज का सेवन भी फायदेमंद है (Eat watermelon to increase hemoglobin)

अगर आप सोच रहे हैं कि हीमोग्लोबिन कम होने पर क्या खाना चाहिए तो बढ़िया उत्तर है तरबूज। तरबूज को न सिर्फ स्वाद के लिए बल्कि ढेरों स्वास्थ्य फायदों के लिए भी खाया जाता है। इस स्वादिष्ट फल का सेवन न सिर्फ आपके शरीर को ढेरों स्वास्थ्य फायदे पहुंचाता है बल्कि हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने में भी मदद करता है। तरबूज उन फलों में से है जिसमें प्रचुर मात्रा में आयरन और विटामिन सी की मात्रा मौजूद होती है। 

इसकी वजह से शरीर में आयरन का अवशोषण तेज गति से होता है और शरीर सुचारू रूप से हीमोग्लोबिन का उत्पादन कर पाता है। क्या आप जानते हैं कि 200 ग्राम तरबूज खाने से आपको 100 ग्राम खुबानी में मौजूद मात्रा के बराबर आयरन मिल सकता है? जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा। तो शरीर में आयरन की मात्रा बढ़ाकर हीमोग्लोबिन प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए तरबूज खाना शुरू कर दें।


14. खुबानी का सेवन हीमोग्लोबिन उत्पादन में सहायक है (Apricot helps in hemoglobin production)

खुबानी का सेवन भी आपके शरीर में हिमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाता है जिसकी वजह से आपके पूरे शरीर में रक्त प्रवाह बेहतर होता है और कई बीमारियों से आप बच जाते हैं। तरबूज की ही तरह खुबानी में भी आयरन और विटामिन सी की मात्रा प्रचुर होती है जिसकी वजह से हीमोग्लोबिन का उत्पादन सुचारू रूप से होता है और रक्त का स्वास्थ्य भी सुधरता है। इसके सेवन से शरीर में रक्त प्रवाह में सुधार होता है और एनीमिया का जोखिम भी कम हो जाता है।

100 ग्राम खुबानी में 6.3 मिलीग्राम आयरन होता है। खुबानी में तांबा भी होता है, जो शरीर को आयरन को अवशोषित करने में मदद करता है। आप खुबानी को कई तरीकों से सेवन कर सकते हैं जैसे सलाद, स्मूदी और जूस के रूप में इसका सेवन किया जा सकता है।


15. उच्च तापमान से दूरी बना लें (High temperature reduces hemoglobin level)

अगर आप अपने शरीर में हिमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाकर एनीमिया के जोखिम से बचना चाहते हैं तो आपको सामान्य तापमान के माहौल में रहना चाहिए। अगर आपके शरीर को उच्च मात्रा में तापमान मिलेगी तो इससे आपका हीमोग्लोबिन का स्तर नकारात्मक रूप से प्रभावित होगा। गर्मी के संपर्क में आने पर हीमोग्लोबिन विकृत हो जाता है। मानव हीमोग्लोबिन के लिए संक्रमण तापमान 36°C और 37°C के बीच होता है।

उच्च तापमान भी ऑक्सीजन के लिए हीमोग्लोबिन की आत्मीयता को कम कर सकता है। इसका मतलब यह है कि हीमोग्लोबिन चयापचय ऊतकों में उच्च तापमान के संपर्क में आने पर ऑक्सीजन को मुक्त करता है। हालांकि कुछ लोगों को अत्यधिक ठंडे तापमान में भी एनीमिया के लक्षण दिखाई देते हैं जिसे Cold agglutinin बीमारी कहा जाता है। इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि कोशिश करें आपका शरीर सामान्य तापमान में रहे।


16. Blood transfusion कराया जा सकता है (Hemoglobin increases with the help of blood transfusion)

Blood transfusion की मदद से भी शरीर में हिमोग्लोबिन की मात्रा को आसानी से बढ़ाया जा सकता है। लेकिन यह सिर्फ और सिर्फ डॉक्टर द्वारा ही किया जाना चाहिए और यह तभी किया जाता है जब आपके शरीर में हीमोग्लोबिन की भारी कमी हो गई हो और ऊपर दिए तरीके काम नहीं कर रहे हों। 

रक्त आधान एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें रक्त या रक्त उत्पादों को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में स्थानांतरित किया जाता है। आपने कभी न कभी रक्तदान किया होगा या इसके बारे में सुना होगा।

 

खून बढ़ाने के लिए क्या खाना चाहिए (Blood badhane ke liye kya khaye)

कई कारणों से शरीर में रक्त की कमी होना एक आम समस्या है। रक्त की कमी होने पर आपको कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है जिसमें अत्यधिक कमजोरी, बालों का झड़ना, थकान, तनाव, हाथ पाँव पीले पड़ना आदि। इस परिस्तिथि में आपको आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए जो रक्त को बढाने में मदद करते हैं। तो आइये जानते हैं कि ब्लड बढ़ाने के लिए क्या खाएं:

  • हरी पत्तेदार सब्जियां
  • लाल मांस
  • मछलियाँ
  • अंडे
  • सेम और दाल
  • दाने और बीज

अगर आपके शरीर में रक्त की भारी कमी हो गई तो बिना देर किए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। शरीर में रक्त की भारी कमी जानलेवा तक हो सकती है। उम्मीद है आप समझ गये होंगे कि khoon badhane ke liye kya khaye.

 

हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए क्या खाना चाहिए (hemoglobin badhane ke liye kya khaye)

शरीर में हीमोग्लोबिन की सामान्य कमी को बिना डॉक्टर से सलाह या उपचार के भी दूर किया जा सकता है। इसके लिए आपको ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना होगा जो हीमोग्लोबिन को बढाने में योगदान देती हैं और आयरन से भरपूर होती हैं। तो ऐसे में अगर आप शरीर में हीमोग्लोबिन बढ़ाना चाहते हैं तो आपको नियमित रूप से संतुलित भोजन का सेवन करना चाहिए जिसमें शामिल है हरी पत्तेदार सब्जियां, लाल मांस, मछलियाँ, अंडे, सेम और दाल, दाने और बीज, दूध और दूध से बने उत्पाद।

इसके अलावा हम आपको नियमित रूप से व्यायाम करने, उच्च तापमान से दुरी बनाने, खूब सारा पानी पिने, तनाव मुक्त रहने और गहरी नींद लेने की भी सलाह देते हैं। इस तरह आप समझ गये होंगे कि hemoglobin badhane ke liye kya khayen.

 

हीमोग्लोबिन की कमी से होने वाले रोग (Hemoglobin Ki Kami Se Hone Wale Rog)

हिमोग्लोबिन की कमी से कोई भी रोग नहीं होता बल्कि रक्त में हीमोग्लोबिन की कमी एनीमिया कहलाती है। इसकी कमी से सीधे तौर पर कोई भी रोग नहीं होता है। बल्कि एनीमिया यानि हिमोग्लोबिन की कमी के होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे शरीर में आयरन, विटामिन बी12, विटामिन सी और फोलेट की कमी। आइए जानते हैं कि हीमोग्लोबिन क्यों होता है।


1. शरीर में आयरन की कमी

शरीर में हिमोग्लोबिन होने का सबसे बड़ा कारण होता है शरीर में आयरन की कमी। अगर शरीर में आयरन की कमी हो जाए तो हीमोग्लोबिन का उत्पादन धीमा पड़ जाता है जिसकी वजह से लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण भी रुक जाता है। हिमोग्लोबिन बनाने के लिए सबसे जरुरी आयरन ही होता है।


2. शरीर में विटामिन बी12 की कमी

शरीर में विटामिन बी12 की कमी होने पर भी आपको एनीमिया हो सकता है। शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण के लिए विटामिन बी12 भी जरुरी होता है और इसलिए इसकी कमी होने पर आप एनीमिया की समस्या से जूझ सकते हैं।  


3. शरीर में फोलेट की कमी

शरीर में फोलेट की कमी होने पर भी आपको एनीमिया रोग हो सकता है। फोलेट जिसे फॉलिक एसिड भी कहा जाता है, शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन के लिए जरूरी होता है। ऐसे में अगर आपके शरीर में फॉलिक एसिड (फोलेट) की कमी हो जाए तो भी आपको एनीमिया या हिमोग्लोबिन के स्तर के कम होने की परेशानी से जूझना पड़ सकता है।


4. कुछ बीमारियां

बीमारियां होने पर भी आप एनीमिया की दिक्कत का सामना कर सकते हैं। कुछ रोग जैसे किडनी रोग, रूमेटाइड गठिया और कैंसर भी एनीमिया का कारण बन सकते हैं। इन रोगों के होने पर शरीर में हिमोग्लोबिन का उत्पादन धीमा हो जाता है।


हीमोग्लोबिन कम होने के क्या लक्षण है (What are the symptoms of low hemoglobin)

शरीर में हिमोग्लोबिन कम होने के कई लक्षण होते हैं। अगर आपके शरीर में हिमोग्लोबिन कम हो जाता है तो आपको निम्नलिखित लक्षण दिखाई दे सकते हैं:


1. अत्यधिक थकान और कमजोरी

अत्यधिक थकान और कमजोरी होना शरीर में हिमोग्लोबिन के कम होने का पहला लक्षण है। अगर आपके शरीर में हिमोग्लोबिन की कमी हो गई है तो आपको बार बार थकान और कमजोरी की दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। जब एनीमिया यानि खून में हिमोग्लोबिन की कमी हो जाती है तो शरीर के अंगों को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन से युक्त खून नहीं मिल पाता है जिसकी वजह से थकान और कमजोरी होना आम है।

 

2. त्वचा का पीला पड़ना (Yellowing of skin)

त्वचा का पीला पड़ना भी शरीर में हिमोग्लोबिन के स्तर कम होने का लक्षण है। एनीमिया की समस्या में शरीर का हर हिस्सा पीला पड़ने लगता है और शरीर की रंगत खत्म होने लगती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ऑक्सीजन ले जाने वाले रक्त कोशिकाओं की शरीर में कमी हो जाती है। इसके अलावा, रक्त का लाल होना भी हीमोग्लोबिन की वजह से ही होता है।


3. सांस फूलने की समस्या होना

सांस फूलने की समस्या भी एनीमिया के दौरान होने वाली एक आम समस्या है। अगर आपका शरीर उचित मात्रा में हिमोग्लोबिन का उत्पादन नहीं कर पा रहा है तो सांस फूलने की समस्या शुरू हो सकती है। यह इसलिए होता है क्योंकि आपके शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है।


4. सिर दर्द

एनीमिया यानि हिमोग्लोबिन की कमी होने पर अक्सर सिर दर्द की शिकायत होना भी एक आम लक्षण है। हीमोग्लोबिन के कम उत्पादन से शिकार लोग अक्सर सिरदर्द की समस्या से परेशान रहते हैं। एनीमिया के कारण मस्तिष्क में रक्त प्रवाह और ऑक्सीजन वितरण में कमी के कारण सिरदर्द हो सकता है।


5. अखाद्य पदार्थों का सेवन करने का जी करना

जिन लोगों को एनीमिया की शिकायत है और शरीर में उचित मात्रा में हिमोग्लोबिन का उत्पादन नहीं हो रहा है उन्हें ऐसी चीजें खाने का मन करता है जो खाने योग्य नहीं हैं। यह सुनने और देखने में तो अजीबोगरीब लग सकता है लेकिन हीमोग्लोबिन की भारी कमी होने पर लोग ऐसी चीजें खाने की तरफ आकर्षित हो सकते हैं जिन्हें खाया नहीं जाता जैसे कि धूल, मिट्टी, बर्फ, चॉक आदि। तो इस तरह आपने जाना कि हीमोग्लोबिन कम होने के क्या लक्षण है।

 

6. बालों का तेजी से झड़ना

अगर आपके शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाये तो तेजी से बाल झड़ने की समस्या का सामना आपको करना पड़ सकता है। अधिकतर महिलाएं जिनके बाल झड रहे होते हैं उनमें सबसे ज्यादा कॉमन होता है हीमोग्लोबिन की कमी। आपके बालों का सही विकास हो इसके लिए जरुरी है कि बालों के रोम को उचित मात्रा में ऑक्सीजन मिलता रहे। आपके पुरे शरीर जिसमें सर की त्वचा और बालों के रोम भी शामिल हैं, वहां तक ऑक्सीजन और एनी पोषक तत्त्व पहुँचाने के लिए हीमोग्लोबिन सबसे जरुरी है। तो ऐसे में अगर हीमोग्लोबिन की कमी हो जाये तो बालों का तेजी से झड़ना शुरू हो सकता है।

बालों के झड़ने या विकास न होने की समस्या का समाधान खोजते खोजते अगर आप परेशान हो चुके हैं तो आपको हम Traya Hair Test देने की सलाह देते हैं। इस टेस्ट से हम और आप दोनों को पता चलता है कि आखिर बालों का झड़ना किस वजह से हो रहा है। यह हीमोग्लोबिन की कमी हो सकती है, पोषक तत्वों की कमी हो सकती है, जेनेटिक्स हो सकता है यानि २० से भी अधिक कारण हो सकते हैं। इस फ्री टेस्ट की मदद से जब हमें पता चलता है कि आपके बाल क्यों झड रहे हैं तो हमारे हेयर केयर एक्सपर्ट्स आपको सही सुझाव और ट्रीटमेंट देते हैं। हमने आज तक हजारों लोगों के बाल झड़ने की समस्या का समाधान किया है, आप भी पा सकते हैं। जरुरत है तो बस घर बैठे स्मार्टफ़ोन से टेस्ट देने की।

 

हीमोग्लोबिन नार्मल रेंज (Hemoglobin kitna hona chahiye)

हिमोग्लोबिन कैसे बढ़ाएं इससे भी जरूरी है कि हीमोग्लोबिन नार्मल रेंज कितना होता है यानि Hemoglobin Kitna Hona Chahiye। जब तक आप यह नहीं जानेंगे कि शरीर में हीमोग्लोबिन कितना होना चाहिए तब तक आपको कैसे पता चलेगा कि इसकी कमी हुई भी है या नहीं।

पुरुषों में हीमोग्लोबिन नॉर्मल रेंज 13.5-17.5 g/dL होती है तो वहीं, महिलाओं में यह 12.0-15.5 g/dL होती है। NCBI के मुताबिक, अगर व्यस्क पुरुषों में हिमोग्लोबिन की मात्रा 14 से 18 g/dL के बीच है और महिलाओं में 12 से 16 g/dL के बीच है तो यह पूरी तरह सामान्य है। नवजात शिशु से लेकर 18 वर्षीय बच्चे में इसकी मात्रा 14 g/dL से लेकर 20 g/dL होनी चाहिए। बुजुर्गों में व्यस्क पुरुषों और महिलाओं जितनी ही हीमोग्लोबिन की आवश्यकता होती है।

तो अगर आपके प्रश्न महिलाओं में हीमोग्लोबिन कितना होना चाहिए का उत्तर है 12 से 16 g/dL के बीच तो वहीं पुरुष में हीमोग्लोबिन कितना होना चाहिए का उत्तर है 13.5-17.5 g/dL के बीच। जबकि नवजात शिशुओं से लेकर किशोर में इसकी मात्रा उम्र के हिसाब से अलग अलग हो सकती है। 


उम्र के हिसाब से हीमोग्लोबिन कितना होना चाहिए (Hemoglobin amount according to age)

उम्र के हिसाब से शरीर में हिमोग्लोबिन की मात्रा अलग अलग होनी चाहिए। तो चलिए जानते हैं कि हीमोग्लोबिन नार्मल रेंज उम्र के हिसाब से कितनी होनी चाहिए। इसके लिए आप नीचे दिए टेबल को देख सकते हैं। 

 

उम्र

पुरुष

महिला

जन्म से 6 महीने

17.0 - 20.0

15.0 - 18.0

6 महीने से 1 साल

13.0 - 16.0

11.0 - 15.0

1 - 2 साल

11.0 - 14.0

10.0 - 14.0

3 - 5 साल

11.0 - 13.0

10.0 - 13.0

6 - 11 साल

11.5 - 13.5

11.5 - 13.5

12 - 15 साल

12.5 - 15.5

12.0 - 15.0

16 - 18 साल

13.0 - 16.0

12.0 - 15.0

19 - 50 साल

13.5 - 17.5

12.0 - 15.5

51 - 60 साल

13.0 - 17.0

11.0 - 15.0

61 - 70 साल

12.5 - 16.5

11.0 - 15.0

71 साल और उससे अधिक

12.0 - 16.0

11.0 - 15.0



तो इस तरह आपने देखा कि उम्र के हिसाब से हीमोग्लोबिन कितना होना चाहिए। ध्यान दें कि गर्भावस्था के दौरान शरीर में इसकी मात्रा ऊपर नीचे हो सकती है और इसलिए इस दौरान महिला के शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा कम से कम 11 g/dL होना ही चाहिए। इसके अलावा जो लोग ऊंचाइयों पर रहते हैं, उनके शरीर में हिमोग्लोबिन की मात्रा अधिक होती है।


रेड ब्लड सेल्स कितना होना चाहिए (How many red blood cells should there be)

जब बात हीमोग्लोबिन नॉर्मल रेंज और हीमोग्लोबिन कैसे बढ़ाएं की हो रही हो तो खून का जिक्र भला कैसे न हो। हिमोग्लोबिन ही खून के उत्पादन के लिए आवश्यक होता है। ऐसे में यह प्रश्न आपके मन में उठ सकता है कि खून में रेड ब्लड सेल्स कितना होना चाहिए और शरीर में खून की मात्रा कितनी होनी चाहिए।

लिंग के हिसाब से हर व्यक्ति के खून में लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या अलग अलग हो सकती है। पुरुषों में जहां लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या 4.7 से 6.1 मिलियन सेल प्रति माइक्रोलीटर (एमसीएल) होना चाहिए तो वहीं महिलाओं में इसकी मात्रा 4.2 से 5.4 मिलियन सेल प्रति माइक्रोलीटर (एमसीएल) होना चाहिए। 

साथ ही बात करें शरीर में खून की मात्रा पर तो यह भी व्यक्ति की उम्र और लिंग के हिसाब से अलग अलग होता है। नवजात शिशुओं में शरीर के वजन के प्रति किलोग्राम लगभग 75 मिलीलीटर (एमएल) रक्त होना चाहिए तो वहीं बच्चों में उनके कुल वजन का 8 से 9 प्रतिशत खून होना चाहिए। इसके अलावा, पुरुषों में खून की मात्रा कम से कम 5.5 लीटर होना चाहिए तो वहीं महिलाओं में यह लगभग 4.5 लीटर होना चाहिए। गर्भवती महिलाओं में रक्त की मात्रा सामान्य मात्रा से 40% अधिक होना चाहिए ताकि भ्रूण का विकास सही ढंग से हो सके।


निष्कर्ष (Conclusion)

हिमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए आपको नियमित रूप से हरी पत्तेदार सब्जियां, खट्टे फल, विटामिन सी युक्त आहार, तरबूज, चुकंदर, अनार, मांस, मछलियां, अंडे, फलियां, फॉलिक एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थ, खजूर, कद्दू के बीज, खुबानी का सेवन करना चाहिए। इसके साथ ही भरपूर मात्रा में पानी पीना, रोजाना आधा घंटे व्यायाम करना, अत्यधिक तापमान से दूर बनाना भी शरीर में हिमोग्लोबिन बढ़ाता है।

हिमोग्लोबिन की कमी की वजह से अत्यधिक थकान और कमजोरी महसूस करना, शरीर के अंगों का पीला पड़ जाना, चक्कर आना, सिरदर्द होना, बाल तेजी से झड़ना, सांस फूलने की समस्या हो सकती है। साथ ही हीमोग्लोबिन की कमी होने पर ऐसे पदार्थ खाने की इच्छा हो सकती है जिसे आमतौर पर नहीं खाया जाता है जैसे चॉक, बर्फ, मिट्टी, धूल आदि।


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (Frequently Asked Questions)

1. हीमोग्लोबिन कैसे बढ़ाएं?

रक्त में हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए आपको नियमित रूप से हरी पत्तेदार सब्जियां, खट्टे फल, विटामिन सी युक्त आहार, तरबूज, चुकंदर, अनार, मांस, मछलियां, अंडे, फलियां, फॉलिक एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थ, खजूर, कद्दू के बीज, खुबानी का सेवन करना चाहिए। इसके साथ ही भरपूर मात्रा में पानी पीना, रोजाना आधा घंटे व्यायाम करना, अत्यधिक तापमान से दूर बनाना भी शरीर में हिमोग्लोबिन बढ़ाता है।


2. सबसे ज्यादा खून क्या खाने से बढ़ता है?

आयरन युक्त खाद्य पदार्थों को खाने से खून सबसे ज्यादा बढ़ता है। इसमें लाल मांस, अंडे, मछलियां, फलियाँ, हरी पत्तेदार सब्जियां, खट्टे फल, खजूर, तरबूज, कद्दू के बीज शामिल हैं।


3. हीमोग्लोबिन कम होने पर क्या खाना चाहिए?

हिमोग्लोबिन कम होने पर आपको चुकंदर, लाल मांस, अंडे, तरबूज, खजूर और हरी पत्तेदार सब्जियों को अधिकाधिक मात्रा में खाना चाहिए।


4. खून की कमी होने पर क्या खाएं?

खून की कमी होने पर चुकंदर, टमाटर, हरी पत्तेदार सब्जियां, तरबूज, खजूर, कद्दू के बीज का सेवन करना चाहिए।


5. हीमोग्लोबिन नार्मल रेंज क्या है?

पुरुषों में हीमोग्लोबिन नॉर्मल रेंज 13.5-17.5 g/dL होती है तो वहीं, महिलाओं में यह 12.0-15.5 g/dL होती है। NCBI के मुताबिक, अगर व्यस्क पुरुषों में हिमोग्लोबिन की मात्रा 14 से 18 g/dL के बीच है और महिलाओं में 12 से 16 g/dL के बीच है तो यह पूरी तरह सामान्य है। नवजात शिशु से लेकर 18 वर्षीय बच्चे में इसकी मात्रा 14 g/dL से लेकर 20 g/dL होनी चाहिए।


6. हीमोग्लोबिन कम होने के क्या लक्षण है?

हिमोग्लोबिन कम होने के कई लक्षण दिखाई दे सकते हैं जिसमें शामिल है सिरदर्द, चक्कर आना, शरीर के अंगों का पीला पड़ना, सांस लेने में दिक्कतें होना, अत्यधिक थकान और कमजोरी महसूस करना और ऐसी वस्तुएं खाने की इच्छा व्यक्त करना जिन्हें आमतौर पर नहीं खाया जाता है।


7. हीमोग्लोबिन की कमी से होने वाले रोग क्या है?

हिमोग्लोबिन की कमी से होने वाले रोग का नाम एनीमिया है। जब रक्त में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है तो आपको एनीमिया की समस्या से जूझना पड़ सकता है।

 

8. महिला के शरीर में कितना खून होना चाहिए?

एक स्वस्थ महिला के शरीर में 12 से 16 ग्राम प्रति डेसीलीटर (जी/डीएल) हीमोग्लोबिन और खून 2 से 1.5 गैलन (4.5 से 5.7 लीटर) होना चाहिए अगर महिला का वजन 68-82 kg हो तो। वजन और उम्र के हिसाब से हीमोग्लोबिन और खून की मात्रा महिलाओं में अलग अलग हो सकती है।

9. महिला का हीमोग्लोबिन कितना होना चाहिए?

महिला का हीमोग्लोबिन 12 से 16 ग्राम प्रति डेसीलीटर (जी/डीएल) होना चाहिए। हालाँकि यह महिला के उम्र, वजन और गर्भावस्था के हिसाब से अलग अलग हो सकता है। एक गर्भवती महिला के शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा पहली और तीसरी तिमाही: 11 ग्राम प्रति डेसीलीटर (जी/डीएल) या अधिक aदूसरी तिमाही: 10.5 ग्राम प्रति डेसीलीटर (जी/डीएल) या अधिक

 

References

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Dr. Shailendra Chaubey, BAMS

Ayurveda Practioner

A modern-day Vaidya with 11 years of experience. He is the founder of Dr. Shailendra Healing School that helps patients recover from chronic conditions through the Ayurvedic way of life.

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